कुछ हफ्ते पहले ही जेडीयू ने बिहार में राजद और कांग्रेस के साथ गठबंधन को तोड़ते हुए बिहार में लोकसभा चुनाव से पहले ही पाला बदल लिया था. अब कुछ ऐसी ही अटकले यूपी के 'रालोद' (RLD) की आ रही है. 12 फरवरी को एक प्रतिमा अनावरण सामारोह में जब जयंत चौधरी के पहुंचने का कार्यक्रम स्थगित हुआ तब उत्तर प्रदेश के सियासी गलियारों में गेहमा-गेहमी बढ़ गई.
Uttar Pradesh: लोकसभा चुनाव शुरू होने में केवल दो महीने रह गए हैं और यूपी में सियासी गरमी सर चढ़कर बोल रही है. ताजा मामला राष्ट्रीय लोक दल के एनडीए में शामिल होने का है. अभी तक खबरें आ रही थी कि यूपी में I.N.D.I अलायंस सीटों का बंटवारा कर एनडीए की जीत को उत्तर प्रदेश में ही रोक देना चाहती है. पहले बातें उठ रही थी कि समाजवादी पार्टी कांग्रेस को 10 सीटें और जयंत चौधरी के रोलोद को भी कुछ सीटें देकर चुनाव लड़ने वाली थी.
कार्यक्रम हुआ रद्द
12 फरवरी को छपरैली में अजीत सिंह की प्रतिमा अनावरण का कार्यक्रम सुनिश्चित था, लेकिन कुछ दिनों पहले ही खबर आई कि जयंत चौधरी इस कार्यक्रम में शिरकत करने नहीं जाएंगे. कहा ये भी जा रहा है कि दिल्ली कांग्रेस भी इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देते हुए जयंत चौधरी से संम्पर्क स्थापित करने की कोशिश कर रही है.
प्रधानमंत्री मोदी का बयान
प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में बयान देते हुए कहा था कि बीजेपी की गठबंधन में एनडीए 400 पार और बीजेपी 370+ सीटों के साथ पूरी बहुमत के साथ सत्ता में वापस लौटेगी. इसी सिलसिले में यूपी के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी चुनाव की तैयारियां करते हुए कार्यकरताओं को बूथ लेवल पर जाकर मेहनत करने और बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने की बात कही.
राष्ट्रीय लोक दल की चुप्पी - एनडीए का बयान
जयंत चौधरी और उनकी पार्टी ने फिलहाल पूरे मामले में चुप्पी साध रखी है और कोई भी बयान देने से पहले हर कदम को सोच-समझकर फैसले लेते दिखाई दे रहे हैं. यूपी सरकार में मंत्री और निषाद पार्टी के नेता संजय निषाद ने इस मामले पर अपना पक्ष रखते हुए कहा - "जब किसान एनडीए के समर्थन में आ रहे हैं, तो किसान नेता कहां जाएंगे? सभी किसान अंततः हमारे साथ आएंगे।
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