Greater Noida: ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपोर्ट में 21 सितंबर से 25 सितंबर तक उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो आयोजित होगा । इसका उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपति मुर्मू करेंगी. इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदी पटेल सहित अन्य लोगों उपस्थित होंगे। इंडिया एक्सपोर्ट के सभागार में जिलाधिकारी मनीष वर्मा ने एक प्रेस वार्ता आयोजित कर इस ट्रेड शो के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश का पहला उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो 21 से 25 सितंबर तक चलेगा। उन्होंने कहा कि इस ट्रेड शो में आपको एक ही छत के नीचे पूरे उत्तर प्रदेश की झलक दिखाई देगी।
प्रदेश के 75 जिलों के प्रोडक्ट रहेंगे उपलब्ध
जिलाधिकारी ने बताया कि UPITS 2023 एक बी2बी और बी2सी शो है, जो उत्तर प्रदेश की विकास गाथा में सामूहिक रूप से योगदान देने वाले कई क्षेत्रों को एक मंच प्रदान करेगा. इसके साथ ही सभी को वैश्विक मानता और सहयोग दिलाने के लिए एक साथ लाएगा। इस ट्रेंड शो में उत्तर प्रदेश के हर जिले से व्यापारी भी पहुंचेंगे। एक ही जगह बनारस की साड़ी, फिरोजाबाद की चूड़ियां, मिर्जापुर का कालीन और मेरठ के खेल के समान दिखेंगे। यानी जिस भी जिले में जो फेमस प्रोडक्ट है, वह आपको एक ही स्थान पर मिलेगा। यानी उत्तर प्रदेश के 75 जिलों के प्रोडक्ट आपको देखने को मिलेंगे।
70000 बिजनेसमैन ने कराया रजिस्ट्रेशन
जिलाधिकारी ने बताया कि इसमें केवल उत्तर प्रदेश के उद्यमी ही शामिल होंगे। इसके अलावा इस इवेंट में 60 देशों के करीब 400 बायर्स पहुंच रहे हैं । करीब 2000 से ज्यादा एक्जीबिटर्स इसमें शामिल होंगे। राकेश कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश के इस इंटरनेशनल इवेंट के लिए 70000 बिजनेसमैन अब तक अपना रजिस्ट्रेशन कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि हमारा लक्ष्य करीब 2 लाख बिजनेसमैन को यहां पर बुलाना है। काफी लोग इसमें इंटरेस्ट दिखा रहे हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है।
3 से 8 बजे तक एंट्री रहेगी फ्री
जिलाधिकारी ने बताया कि इस इंटरनेशनल ट्रेड शो में एक ही छत के नीचे उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध व्यंजनों का भी आनंद ले सकेंगे। अलग-अलग जनपद में प्रसिद्ध व्यंजन आपको एक ही जगह पर मिलेंगे। जिला प्रशासन इसकी तैयारी में जुटा हुआ है। ट्रैफिक व्यवस्था, लोगों के आने-जाने के संसाधन व अन्य चीजों को लेकर के लगातार मीटिंग की जा रही है। 21 से 25 सितंबर तक सुबह 11:00 बजे से लेकर 3:00 तक बिजनेस आवर होंगे. 3:00 बजे से लेकर रात 8:00 बजे तक आम जनता के लिए फ्री में एंट्री होगी। जिलाधिकारी मनीष वर्मा ने सभी लोगों से आग्रह किया है कि उत्तर प्रदेश के इस इंटरनेशनल ट्रेड शो में ज्यादा से ज्यादा लोग पहुंचे। अपने प्रदेश के प्रोडक्ट को देखें और यहां से खरीदारी करें।
Greater Noida: प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सख्त रुख अपनाया है। प्रदूषण बोर्ड ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण फैलाने के 9 मामले में 19 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बिसरख में जस्ट क्वालिटी कंक्रीट आरएमसी प्लांट पर 7.05 लाख का जुर्माना लगाने के साथ ही प्लांट बंद करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, नोएडा के आठ संस्थानों पर 12.60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
इन संस्थानों पर लगाया गया जुर्माना
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी उत्कर्ष शर्मा ने बताया कि नोएडा प्राधिकरण के दो ठेकेदारों पर सेक्टर-64 में पार्क की बाउंड्रीवाल के निर्माण, सेक्टर-67 में हल्दीराम के सामने नाला निर्माण में प्रदूषण फैलाने पर जुर्माना लगाया गया है। वहीं, सेक्टर-128 में महागुन मैनोरिएल ग्रुप हाउसिंग, जेएमसी प्रोजेक्ट के कल्पतरू विस्टा प्रोजेक्ट पर भी जुर्माना लगाया गया है। इसी तरह सेक्टर-65 में भूखंड सी-108, सेक्टर-40 में ई-24, सेक्टर-64 में बी-120, सेक्टर-67 में बी-127 भूखंड पर भी बिल्डिंग मेटेरियल खुले में छोड़ने पर जुर्माना लगाया गया है।
नोएडा प्राधिकरण ने भी लगाया जुर्माना
इसके अलावा नोएडा प्राधिकरण ने भी प्रदूषण फैलाने वालों पर भी कार्रवाई की है। प्राधिकरण ने 6 संस्थानों के खिलाफ 3.40 लाख रुपये जुर्माना लगाया है। इसके अलावा अलग-अलग इलाकों में पानी का छिड़काव भी नोएडा प्राधिकरण ने कराया। सड़कों की मैकेनिकल स्वीपिंग, मलबा उठाने, 18 टैंकर्स से पेड़ों को धोने का काम भी किया गया। 38 एंटी स्मॉग गन का उपयोग कर हवा में मौजूद धूल के कणों को भी हटाने के लिए किया जा रहा है।
Noida: दीपावली से पहले इस बार भी नोएडा और ग्रेटर नोएडा समेत दिल्ली एनसीआर में रहने वाले लोगों के सांसों पर प्रदूषण का ग्रहण लगने लगा है। ग्रैप सिस्टम लागू होने के बाद भी ग्रेटर नोएडा और नोएडा की हवा काफी प्रदूषित हो गई है। रविवार को पहली बार दोनों शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक रेड जोन में 300 के पार पहुंच गया है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण विभाग के अधिकारियों का दावा है कि वायु प्रदूषण हवा थमने और पराली के धुएं की वजह से बढ़ा है। अधिकारियों के मुताबिक तीन दिनों तक वायु प्रदूषण से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। इस दौरान ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 400 के पार पहुंचने की आशंका जताई है।
ग्रेनो वेस्ट में भी वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा
बता दें कि रविवार की सुबह नोएडा में लोगों की नींद हवा में घुले प्रदूषण के साथ खुली। पूरे शहर में दोपहर तक धूल और धुएं की परत की छाई रही। दोपहर बाद हवा चलने पर मामूली राहत मिली। शाम पांच बजे सेक्टर-116 में एक्यूआई 361 रिकॉर्ड हुआ। वहीं सेक्टर-62 में भी एक्यूआई 300 रिकॉर्ड हुआ। वहीं, ग्रेनो के नॉलेज पार्क तीन और ग्रेनो वेस्ट के नॉलेज पार्क 5 में लगी वायु प्रदूषण मॉनिटरिंग स्टेशन में रविवार को ग्रेनो का एक्यूआई 363 और ग्रेनो वेस्ट का एक्यूआई 344 था।
सड़कों पर उड़ रही धूल जगह-जगह जल रहा कूड़ा
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी हिदायत के बाद भी ग्रेटर नोएडा में ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। जिसकी वजह से सड़कों पर धूल उड़ रही है।जगह-जगह कूड़ा जलाया जा रहा है। धूल उड़ने वाली जगहों पर पानी का छिड़काव भी नहीं किया जा रहा है।
Lucknow: उत्तर प्रदेश की उन्नति का मार्गप्रशस्त कर रही योगी सरकार प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की इकॉनामी बनानेके लिए लगातार प्रयास कर रही है। इस लक्ष्य को लेकर आगेबढ़ रही सरकार प्रदेश मेंनागरिक सुविधाओं को बढ़ावा देनेके लिए बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर्स के डेवलपमेंट समेत तमाम चिन्हित कार्यों को क्रमवार तरीके से मूर्तरूप दे रही है।
इसी क्रम में, नागरिक सुविधाओं में इजाफा व आर्थिक तरक्की को टार्गेट करते हुए प्रदेश के मार्गों के मेकओवर की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सीएम योगी की मंशा अनुरूप एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है। इसके अंतर्गत प्रदेश के 63 से ज्यादा जिलों की कुल 277 सड़कों के मेकओवर की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। इस लक्ष्य को प्राप्त करनेके लिए 319.73 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत स्वीकृत की गई है। जिसके जरिए प्रत्येक मार्गपर 40 लाख रुपए के औसत व्यय होने का अनुमान है। इसी क्रम में योगी सरकार के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग ने इन विशेष मरम्मत कार्यों को पूर्णकरनेके प्रक्रिया शुरू कर दी है।
Lucknow: रोडवेज की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने वाली योगी सरकार रोडवेज बसों में अब परिवहन निगम के संविदा कर्मचारियों को भी पारिवारिक यात्रा के लिए पास की सुविधा उपलब्ध कराएगी। योगी सरकार का मानना है कि परिवहन निगम व इसके कर्मचारी संकट के साथी हैं, इसलिए इन्हें मूलभूत सुविधाओं का लाभ मिलना चाहिए।
आउटसोर्सिंग के माध्यम से तैनात कार्मिकों व संविदा पर कार्यरत निगम के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। योगी सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों के चेहरे पर खुशी दौड़ गई। 18 अक्टूबर को परिवहन निगम के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में हुई निदेशक मंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया था। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक (विविध) मनोज कुमार के मुताबिक परिवहन निगम में कार्यरत कर्मचारियों को एक वर्ष में पांच बार पारिवारिक यात्रा पास का लाभ मिलेगा। इसमें दो निःशुल्क पारिवारिक यात्रा पास व तीन पीटीओ (प्रिविलेज टिकट ऑर्डर) पारिवारिक यात्रा पास की सुविधा दिए जाने का निर्देश प्रदान किया गया है।
Lucknow: दीपावली के अवसर पर योगी सरकार ने प्रदेशवासियों को एक और उपहार दिया है। अब प्रदेश में सभी राशन कार्ड धारकों का आयुष्मान कार्ड बनाया जाएगा। इस अभियान की शुरुआत 7 नवंबर से हो चुकी है, जो 31 दिसंबर तक चलेगी।
चलाया जा रहा है विशेष अभियान
बता दें कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम की पात्रता सूची के 3 करोड़ 48 लाख लाभार्थियों के सापेक्ष अब तक एक करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। बाकी बचे करीब 2 करोड़ 5 लाख लाभार्थियों के कार्ड बनाने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत सभी ग्राम पंचायतों एवं शहरी क्षेत्र के वार्डों में विशेष कैंप लगाकर आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे।
आयुष्मान ऐप से खुद भी बना सकते हैं आयुष्मान कार्ड
प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया निर्धारित डेट से एक दिन पहले आशा और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा कैंप का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। साथ ही कैंप में लाभार्थियों को 'आयुष्मान ऐप' के माध्यम से स्वयं कार्ड बनाने के लिए भी जानकारी दी जाएगी। ब्लाॅक स्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रभारी चिकित्साधिकारी की अध्यक्षता में एक नोडल टीम गठित की जायेगी जो अभियान का निरीक्षण करेगी। इसके स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग लिया जाएगा।
Lucknow: उत्तर प्रदेश में सर्दी ने पिछले साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पिछले साल नवंबर में अधिकतम तापमान जहां 27 से 28 डिग्री सेल्सियस चल रहा था। वहीं इस साल अधिकतम तापमान प्रदेश के कई जिलों में 26 डिग्री सेल्सियस के नीचे पहुंच गया है।
हालांकि दोपहर के वक्त निकल रही धूप लोगों को थोड़ी राहत दे रही है, जबकि रात में चल रही शीत लहर और कोहरे की वजह से कड़ाके की सर्दी का एहसास लोगों को होने लगा है।
दिसंबर में पड़ेगी कड़ाके की ठंड
लखनऊ मौसम केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक मोहम्मद दानिश ने बताया कि नवंबर में अधिकतम तापमान लगभग 26 डिग्री सेल्सियस के नीचे कई जिलों का रिकॉर्ड किया गया है। न्यूनतम तापमान भी लगभग 12 डिग्री सेल्सियस के नीचे चल रहा है।दिसंबर में और भी कड़ाके की ठंड पड़ने वाली है, जिसके लिए लोगों को तैयार रहना चाहिए। फिलहाल मौसम विभाग पल-पल की मॉनीटरिंग कर रहा है। मोहम्मद दानिश ने बताया कि उत्तर प्रदेश के जिन जिलों में अधिकतम तापमान 25 से 26 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है उनमें इटावा, मुजफ्फरनगर और आगरा हैं। यह तीन जिले सबसे ठंडे रहे हैं, जबकि न्यूनतम तापमान के मामले में सबसे ठंडे जिले फैजाबाद, मुजफ्फरनगर, मेरठ और अलीगढ़ हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली एनसीआर के क्षेत्र जैसे गाजियाबाद नोएडा में भी अधिकतम और न्यूनतम तापमान अब पहले से ज्यादा गिरने का पूर्वानुमान है, जबकि हापुड़ जैसे जिले में न्यूनतम और अधिकतम तापमान बाकी जिलों की तरह ही रहेगा।
इन जिलों में ये रहेगा तापमान
मौसम केंद्र की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार लखनऊ का अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस रहेगा। वहीं बाराबंकी, हरदोई, कानपुर शहर, कानपुर देहात, इटावा, लखीमपुर खीरी, गोरखपुर और वाराणसी समेत बलिया चुर्क, बहराइच और प्रयागराज में न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस से लेकर 14 डिग्री सेल्सियस के बीच ही रहेगा जबकि इन जिलों का अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से लेकर 26 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का पूर्वानुमान है। फतेहपुर, बांदा, सुल्तानपुर, फैजाबाद, फुरसतगंज, गाजीपुर, फतेहगढ़, बस्ती, झांसी, उरई और हमीरपुर में न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस से लेकर 17 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का पूर्वानुमान है, वहीं अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस से लेकर 27 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा।
पश्चिमी यूपी के जिले में इतना रहेगा तापमान
बरेली, शाहजहांपुर, नजीबाबाद, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मेरठ, आगरा, अलीगढ़ और बुलंदशहर समेत इटावा में न्यूनतम तापमान 13 से 15 डिग्री सेल्सियस जबकि अधिकतम तापमान 25 से 26 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। वहीं आजमगढ़, नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, सहारनपुर, बाराबंकी, कन्नौज और हरदोई जैसे जिलों में अधिकतम तापमान 25 से 26 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का पूर्वानुमान है, जबकि न्यूनतम तापमान 15 से 16 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है।
New Delhi: दिल्ली के प्रगति मैदान के भारत मंडपम में अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले के 42 वें संस्करण में उत्तर प्रदेश पवेलियन में यूपी दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निरीक्षण किया। उत्तर प्रदेश पवेलियन प्रगति मैदान में हॉल नंबर दो पर दर्शाया गया है। इसमें प्रदेश के विभिन्न प्राधिकरणों के स्टाल भी लगाये गये है। जिसमें यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक प्राधिकरण द्वारा भी स्टाल लगाया गया है। मुख्य सचिव डीएस मिश्रा ने यमुना प्राधिकरण स्टाल का जायजा लिया। मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुण वीर सिंह द्वारा मुख्य सचिव को प्राधिकरण की योजनायों से अवगत कराया गया। मुख्य सचिव ने प्राधिकरण के प्रयाशों की प्रसंशा की गयी।
6 वर्षों के औद्योगिक विकास को किया गया प्रदर्शित
प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुण वीर सिंह ने मुंख्यमंत्री को बताया कि 6 वर्षों के औद्योगिक विकास, अवस्थापना विकास सहित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, पॉड टैक्सी, फ़िल्म सिटी, डेटा सेंटर पार्क आदि अन्य योजनाओं को प्रदर्शित किया गया है। प्राधिकरण के स्टाल पर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, yeida फ़िल्म सिटी प्रोजेक्ट, मेडिकल ड्वाइसेज पार्क, लॉजिस्टिक पार्क, अपेरल पार्क, टॉय पार्क सहित विभिन्न योजनावों की प्रगति को दर्शाया गया है।
सीईओ ने सीएम योगी योजनाओं के बारे में दी जानकारी
मुख्यमंत्री बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार की एफ़डीआई योजना के अंतर्गत पहला आवंटन यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण द्वारा डेटा सेंटर पार्क योजना के अंतर्गत किया गया है। प्राधिकरण द्वारा सिफ़ी इंफ़िनिट स्पेसेस लिकिटेड को डेटा सेंटर के निर्माण के लिए भूखंड का आवंटन किया गया है। डेटा सेंटर पार्क में 02 आवंटन कर दिये गये है। शीघ्र ही अवशेष भूखंडों के आवंटन की नयी योजना जारी की जायेगी। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने सीएम को बताया कि प्राधिकरण की गिल्म सिटी परियोजना तथा पॉड टैक्सी योजना की इंटरनेशनल बिड निकाली गयी थी। जिसमे बिड कि अंतिम तिथि 30.11.2023 को नियत है। इस दौरान अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी कपिल सिंह, विशेष कार्याधिकारी शैलेंद्र भाटिया, स्टाफ़ ऑफिसर नंदकिशोर सुन्दरियाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
Lucknow: यूपी के मेरठ की हवा दिल्ली से भी अधिक जहरीली हो गई है। AQI का लेवल बढ़ाने के कारण अस्पतालों में अस्थमा, आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत, फेफड़ों की समस्या वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है। वायु प्रदूषण बढ़ने के साथ ही बीमारियां बढ़ रही है, चिकित्सकों के मुताबिक इंसान की सेहत के लिए AQI का बढ़ना काफी घातक है। वायु प्रदूषण का सबसे अधिक असर फेफड़ों पर होता है।
कोल्हू में पॉलिथीन में जलाने से बढ़ा प्रदूषण
बता दें कि यूपी के मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत में गुड़ बनाने के कोल्हू में पॉलिथीन को जलाया जा रहा है। जिसके कारण कार्बन मोनोऑक्साइड व डीऑक्सी जैसी जहरीली गैसें उत्सर्जित होती है। जिसके कारण श्वास आदि से संबंधित बीमारियां होने की आशंका दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। यही नहीं शरीर में पहुंचने पर दिल, गुर्दे, लीवर और फेफड़ों को भी बड़े लेवल पर नुकसान पहुंच रही है।
वायु प्रदूषण फेफड़ों को पहुंचा रहा नुकसान
दरअसल प्रदूषण कणो से इंसान के फेफड़ों में जाने वाली नली को नुकसान पहुंचता है, जिसके चलते नली पतली होती चली जाती है। इसका असर फेफड़े और आसपास की मांसपेशियों पर पड़ता है। वायु प्रदूषण से स्वस्थ व्यक्तियों में भी अस्थमा जैसी बीमारियां घर कर सकती हैं। इसके अलावा निमोनिया, दमा और लंग कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियां भी वायु प्रदूषण से होती है। दूषित हवा और प्रदूषण गर्भवती महिलाओं को भी अपने निशाने पर लेता है । जहरीली सांस लेने का असर गर्भ पर भी होता है , इससे प्रीमेच्योर डिलीवरी का खतरा बना रहता है। इसके अलावा जन्म के समय बच्चे का वजन कम रह सकता है जिससे कुपोषण जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
Lucknow: लोकसभा चुनाव को देखते हुए यूपी बोर्ड की परीक्षाएं फरवरी के दूसरे सप्ताह में कराने की तैयारी माध्यमिक परिषद ने की है। उत्तर प्रदेश बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने वर्ष 2024 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा कराने के लिए केंद्रों संभावित सूची जारी कर दी है। इसको जनपदीय समिति के विचार के लिए भेजा गया था। इस बार 7864 परीक्षा केंद्र बनाए जाने की तैयारी है। जोकि पिछले वर्ष की तुलना में 889 कम हैं। पिछले वर्ष 8753 केंद्र बने थे।
निगरानी बढ़ाने के लिए परीक्षा केंद्र घटाए गए
यूपी बोर्ड ने केंद्र घटाकर परीक्षा के दौरान निगरानी बढ़ाकर नकल रोकने की तैयारी की है। बोर्ड ने इंटरमीडिएट की प्रायोगिक परीक्षा की तिथि घोषित करने के बाद लिखित परीक्षा केंद्रों की संभावित सूची तैयार कर संदेश दिया है कि नकलविहीन परीक्षा की तैयारी कर ली गई है। इस बार 1017 राजकीय, 3537 अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) एवं 3310 वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों की केंद्र 1 सूची जनपदीय समिति को भेजी गई है। पिछले वर्ष 540 राजकीय, 3523 एडेड और 4690 वित्तविहीन विद्यालयों को केंद्र बनाया गया था। इस बार परीक्षा केंद्र बनाए जा रहे राजकीय विद्यालयों की संख्या दोगुने के करीब है। जबकि केंद्र के रूप में वित्तविहीन विद्यालयों की संख्या 1380 घट गई है। बोर्ड के सचिव का कहना है कि अधिक केंद्र होने पर प्रभावी निगरानी के अधिक व्यवस्था जुटानी पड़ती है। केंद्र कम होने पर शासन की मंशा के अनुरूप कड़ी निगरानी कराई जा सकेगी।
पैसे बचाने के तरीके: चाहकर भी नहीं कर पाते हैं धन की बचत, तो ये टिप्स आपके काम की हैं
December 17, 2022ठंड से ठिठुरा उत्तर भारत, पहाड़ों पर बर्फबारी ने बढ़ाई मुश्किलें, UP में रेड अलर्ट
January 04, 2023