नीट यूजी मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट पर भी संज्ञान लिया। चीफ जस्टिस ने कहा कि हमारे समक्ष प्रस्तुत सामग्री और आंकड़ों के आधार पर प्रश्नपत्र के व्यवस्थित लीक होने का कोई संकेत नहीं है, जिससे परीक्षा की शुचिता में व्यवधान उत्पन्न होने का संकेत मिले। इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि जो तथ्य उसके सामने उपलब्ध है। उसके मद्देनजर दोबारा परीक्षा कराना न्यायोचित नहीं होगा। SC ने नीट की दोबारा परीक्षा कराने से इंकार किया। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के सीनियर वकील संजय हेगड़े ने अपनी दलील में कहा है कि ये साफ है कि 4 मई को स्टूडेंट्स को पेपर मिल चुका था। उन्होंने पेपर के सही जवाब याद किए और फिर भी फेल हो गए। पेपर लीक के लिए लंबी टाइमलाइन जरूरी है, कम समय में ये हो ही नहीं सकता।


EET UG की सुनवाई के दौरान वकील पर क्यों भड़के CJI डीवाई चंद्रचूड़?
सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ मंगलवार को NEET-UG मामले की सुनवाई कर रही थी। इसी दौरान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और वरिष्ठ अधिवक्ता मैथ्यूज नेदुम्परा के बीच तल्ख बहसबाजी हुई। मुख्य न्यायाधीश ने अधिवक्ता मैथ्यूज नेदुम्परा को फटकार भी लगाई। दरअसल, नेदुम्परा कथिर तौर पर अधिवक्ता नरेंद्र हुड्डा को बीच में रोक रहे थे। उस वक्त हुड्डा पीठ को संबोधित कर रहे थे और वह एक याचिकाकर्ता की तरफ से अपना पक्ष रख रहे थे।मुख्य न्यायाधीश ने वरिष्ठ अधिवक्ता मैथ्यूज नेदुम्परा से अधिवक्ता नरेंद्र हुड्डा की दलीलें पूरी होने तक इंतजार करने को कहा। मगर वह नहीं रुके और बीच में टोकना जारी रखा। मैथ्यूज ने कहा कि वह सर्वोच्च अदालत के समक्ष सभी वकीलों में सबसे वरिष्ठ हैं।

4 लाख बच्चों का दोबारा रिजल्ट होगा जारी
कोर्ट के इस फैसले से 4 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स के रिजल्ट प्रभावित होंगे. इसमें NEET परीक्षा में 720/720 के साथ टॉप करने वाले वे 44 अभ्यर्थी भी शामिल हैं. चूंकि कोर्ट ने उन्हें दिए गए ग्रेस मार्क खत्म करने का फैसला किया है. कोर्ट ने आगे कहा, इस बात में कोई शक नहीं है कि हजारीबाग और पटना में पेपर लीक हुआ और इसका फायदा 155 छात्रों को मिला. कोर्ट ने कहा, रीनीट के परिणाम गंभीर हो सकते हैं. यह 24 लाख छात्रों और मेडिकल पढ़ाई पर असर डालेगा.