राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित किया है। उन्होंने कहा है कि सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के संकल्प ने भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना दिया है। 10 सालों में भारत 11वें स्थान से उठकर 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने नीट परीक्षा से लेकर 2036 में भारत ओलंपिक की मेजबानी करेगा, तक कई विषयों पर संबोधन किया।
नीट परीक्षा पर क्या बोलीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू?
अपने अभिभाषण के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जब शिक्षा के मोर्चे पर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र कर रही थीं, उस समय विपक्ष के कुछ सदस्य ने नीट का नारा लगा रहे थे। जिसपर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि यदि किसी कारण से परीक्षा में बाधा उत्पन्न होती है, तो यह उचित नहीं है। सरकारी भर्तियों और परीक्षाओं में शुचिता और पारदर्शिता बहुत जरूरी है। सरकार का ये निरंतर प्रयास है कि देश के युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का उचित अवसर मिले। सरकारी भर्ती हो या फिर परीक्षाएं, किसी भी कारण से इनमें रुकावट आए, ये उचित नहीं है। इनमें शुचिता और पारदर्शिता बहुत ज़रूरी है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पेपरलीक का जिक्र करते हुए आगे कहा, "हाल ही में कुछ परीक्षाओं में हुई पेपर लीक की घटनाओं की निष्पक्ष जांच और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने के लिए मेरी सरकार प्रतिबद्ध है। इससे पहले भी हमने देखा है कि कई राज्यों में पेपर-लीक की घटनाएं होती रही हैं। इस पर दलीय राजनीति से ऊपर उठकर देशव्यापी ठोस उपाय करने की ज़रूरत है। संसद ने भी परीक्षा में होने वाली गड़बड़ियों के विरुद्ध एक सख्त कानून बनाया है। मेरी सरकार परीक्षाओं से जुड़ी संस्थाओं, उनके कामकाज के तरीके, परीक्षा प्रक्रिया, सभी में बड़े सुधार करने की दिशा में काम कर रही है”।
विवादों में घिरी राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET-UG) की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई जारी है। जिसमें राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) की स्थानांतरण की मांग करने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं। पूरे देश की निगाहे इस मसले पर हैं। इस सब के बीच कोर्ट ने एनटीए को बड़ा आदेश दिया है कि वो छात्रों के नंबर सार्वजनिक करे, लेकिन ध्यान रखे कि किसी छात्र की पहचान सामने ना आए।
सुप्रीम कोर्ट ने NTA को क्या आदेश दिया?
नीट पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को बड़ा आदेश देते हुए कहा कि नीट की परीक्षा में हाजिर होने वाले छात्रों के नंबर सार्वजनिक किये जाएं, पर इस बात का पूरा ध्यान रखा जाए कि किसी छात्र की पहचान सामने ना आए। इससे एक पारदर्शिता जरूर मिलेगी। इससे छात्रों को ये भी पता चलेगा कि किस सेंटर से किस तरह के नतीजे आए हैं।
NTA के पास शनिवार 12 बजे तक की डेडलाइन
इस आदेश का पालन करने के लिए कोर्ट ने एनटीए को शनिवार दोपहर 12 बजे तक का समय दिया है। साथ ही ये आदेश दिया है कि रिजल्ट को सार्वजनिक करें और ऑनलाइन अपडेट किया जाए। CJI ने कहा कि अब इसमें तो कोई दो राय नहीं कि हजारीबाग में पटना में लीक हुआ है। अब हमको ये देखना है कि ये कितना व्यापक तौर पर हुआ है।
पेपर लीक को लेकर पूरे देश में हंगामा बरपा हुआ है, जगह-जगह छात्रों का प्रदर्शन देखने को मिल रहा है, यहां तक की सियासी दलों ने भी मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, लेकिन इस बीच पेपर लीक मामले में पुलिस ने रवि अत्री नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया है जिसे इस केस का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. ऐसे में ये भी जानना बेहद जरूरी है कि आखिर कौन है रवि अत्री, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है।
नीट का पेपर पटना और नालंदा से किया गया लीक
बताया जा रहा है कि नीट परीक्षा से एक दिन पहले प्रश्न पत्र को पटना और नालंदा से लीक किया गया था। इसके बाद पटना के एक हॉस्टल में नीट अभ्यर्थियों को जमा कर उनसे प्रश्न पत्र रटवाया गया था। वहीं पटना के अलावा रांची के भी एक कॉलेज में छात्रों से पेपर हल कराने की खबर सामने आ रही है। जानकारी के अनुसार बिहार में रवि अत्रि के दो गुर्गे हैं, जिनका नाम अतुल वत्स और संजीव मुखिया है। अतुल वत्स मूलरूप से जहानाबाद जिले का रहने वाला है। अतुल अभी भी पुलिस की गिरफ्त से फरार है। वहीं, संजीव मुखिया को ईओयू अपने गिरफ्त में ले चुकी है।
सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले का है मास्टरमाइंड
इससे पहले भी रवि अत्री का नाम यूपी में कई प्रायोगिक परीक्षाओं से जुड़े प्रश्नपत्रों को लीक कराने में सामने आ चुका है। उत्तर प्रदेश पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में भी रवि अत्री का नाम सामने आया है। वहीं इस मामले में यूपी एसटीएफ ने पहली चार्जशीट दाखिल की है। एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने मास्टरमाइंड रवि अत्री समेत 18 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। यूपी एसटीएफ ने 900 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। जिसमें रवि अत्री, राजीव नयन मिश्रा के साथ लॉजिस्टिक कंपनी टीसीआई एक्सप्रेस के कर्मचारी शिवम गिरी, रोहित पांडे, अभिषेक शुक्ला और दिल्ली पुलिस के सिपाही विक्रम पहल का भी नाम शामिल है।
रवि अत्री जेवर के बस स्टैंड से हुआ था गिरफ्तार
पेपर लीक करने वाले गिरोह के सरगना रवि अत्री नामक व्यक्ति को एसटीएफ की टीम ने गौतमबुद्धनगर के थाना जेवर के बस स्टैंड के पास से गिरफ्तार किया था। इसे यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा-2023 के प्रश्न पत्रों को अहमदाबाद स्थित टीसीआई कंपनी के दफ्तर में रखे ट्रंक से निकालकर सार्वजनिक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बता दें कि यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा इसी साल 2024 में फरवरी में आयोजित हुई थी, इस परीक्षा में 48 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे। इनमें लगभग 16 लाख महिला अभ्यर्थी भी थीं, यह परीक्षा 17 और 18 फरवरी को उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में चार पालियों में 2,385 केंद्रों पर आयोजित की गई थी। पेपर लीक की रिपोर्ट के बाद यूपी सरकार ने यह परीक्षा रद्द कर दी थी।
कभी खुद भी की थी कोटा में पढ़ाई
बता दें कि रवि अत्री मूलरूप से उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के लिम्का गांव का रहने वाला है। साल 2007 में रवि अत्री मेडिकल की तैयारी के लिए राजस्थान के कोटा गया था और यहीं से वह सॉल्वर गैंग के संपर्क में आ गया। लिहाजा उसने पढ़ाई-लिखाई बीच में ही छोड़ दी और पेपर लीक के धांधली में कूद पड़ा।
Lucknow: नीट और नेट का पेपर लीक होने के बाद देश में माहौल गर्म हो गया है। इसी बीच उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में योगी सरकार ने एक्शन प्लान बनाया है। यूपी में पेपर लीक करने वालों के खिलाफ सख्त नियम लागू करने की योजना बना रही है। वहीं, सीएम योगी के निर्देश पर उप्र पुलिस में सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले में एसटीएफ सख्ती से जांच कर रही है। एसटीएफ की जांच आगे बढ़ने के साथ पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड के कुछ अधिकारियों की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सीएम ने छह माह के भीतर दोबारा लिखित परीक्षा कराने का निर्देश दिया था। भर्ती बोर्ड इसकी तैयारियों में जुटा है।
कंपनी के मालिक ने नहीं दिया जवाब
एसटीएफ ने कंपनी संचालक विनीत आर्या को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा था पर वह सामने नहीं आया। कंपनी संचालक से पूछताछ में कई अहम जानकारियां सामने आने की उम्मीद है। जांच में पेपर लीक होने में कंपनी की कई स्तर पर लापरवाही सामने आई है। इसके बाद कंपनी को सरकार ने ब्लैक लिस्ट कर दिया है। एसटीएफ ने पेपर लीक कराने वाले गिरोह के मास्टर माइंड राजीव नयन मिश्रा समेत अन्य आरोपितों को गिरफ्तार किया था। अन्य की तलाश की जा रही है।
18 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल
वहीं, शुक्रवार को एसटीएफ ने मेरठ कोर्ट में ग्रेटर नोएडा के रवि अत्री समेत 18 आरोपियों के खिलाफ 900 पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर दी है। बताया जा रहा है जल्द ही, अब इस मामले में सुनवाई शुरू होगी।
नीट पेपर लीक मामले में पूरे देश में भयंकर हंगामा जारी है। छात्रों में पेपर लीक को लेकर प्रसाशन के खिलाफ काफी नाराजगी है। इस मसले में रवि अत्री का नाम चर्चा में हैं, जिसे इसका मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। लेकिन रवि अत्री के पिता गोरख सिंह ने इसे पूरी तरह से गलत बताया है। उनका कहना है कि बेटे को फंसाया जा रहा है।
रवि अत्री के पिता गोरख सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ‘मेरे बेटे को फंसाया जा रहा है जो उसके साथ के दोस्त थे, वो रवि का नाम ले देते है। मेरे बेटे ने कोई पैसा नही कमाया है, मेरा बेटा लगभग दो-तीन महीने से मेरठ जेल में बंद है, तो मेरा बच्चा कैसे पेपर लीक करवा सकता है? दो-तीन महीने पहले यूपी पुलिस उसको गिरफ्तार किया था, यूपी पुलिस कांस्टेबल की भर्ती मामले को लेकर’।
आगे उन्होंने अपनी मध्यवर्गीय जीवनशैली को दिखाते हुए कहा कि इस मामले ( यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा लीक) में भी मेरे बेटे को फंसाया गया है, हमारा बेटा पेपर लीक करवाता, तो हम अच्छी जिंदगी नही जीते, हमारा घर ऐसा नहीं होता पुराने जमाने का। इसी के साथ ही उन्होंने कहा कि जब वो नोएडा जेल में रवि से मिले और इस बारे में पूछा, तो उसने कहा कि मुझे फंसाया जा रहा है।
पिता ने कहा पढ़ाई के लिए गया था कोटा
बताया जाता है कि रवि अत्री साल 2007 में मेडिकल की तैयारी के लिए राजस्थान के कोटा गया था, जहां पर वो सॉल्वर गैंग के संपर्क में आ गया। इस पर पिता गोरख नाथ ने कहा कि वो कोटा पढ़ने गया था, बाद में जब उनका वहां मन नहीं लगा, तो वापस आ गया।आपको बता दें, मूलरूप से उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के लिम्का गांव का रहने वाला है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रवि ने पढ़ाई-लिखाई बीच में ही छोड़ दी और पेपर लीक के धांधली में कूद पड़ा।
रवि अत्री का नाम यूपी में कई प्रायोगिक परीक्षाओं को लीक कराने में सामने आ चुका है। उत्तर प्रदेश पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में भी रवि अत्री का नाम सामने आया है। इसी मामले में यूपी एसटीएफ ने पहली चार्जशीट दाखिल की है। एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने मास्टरमाइंड रवि अत्री समेत 18 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।
नीट-यूजी पेपर लीक मामले में ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है. सीबीआई मामले में एक्शन मोड में नजर आ रही है. इसी कड़ी में एजेंसी ने तीन और गिरफ्तारियां की हैं, जिसमें पेपर लीक गैंग का किंगपिन शशिकांत पासवान भी शामिल है. साथ ही इस गैंग से जुड़े दो छात्र भी हत्थे चढ़े हैं. बताया जा रहा है कि गिरफ्तार हुए छात्र भरतपुर मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट हैं. शशिकांत नाम का किंगपिन पहले गिरफ्तार हुए पंकज और राजू का साथी है. ये सभी लोग पेपर सॉल्व करने के लिए हजारीबाग में 5 मई की सुबह मौजूद थे. जो छात्र गिरफ्तार हुए उसमें से एक फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट है और दूसरा सेकेंड ईयर का छात्र है. इनकी पहचान कुमार मंगलम और दीपेंद्र शर्मा के रूप में हुई है.
रॉकी ने सीबीआई के सामने उगले कई राज
पेपर लीक कांड में रॉकी अब तक का सबसे बड़ा राजदार साबित हुआ है. रॉकी ने सीबीआई के सामने पेपर सॉल्व करने वाले एमबीबीएस छात्रों का राज उगला जिसके बाद पटना AIIMS के चार मेडिकल स्टूडेंट्स की गिरफ्तारी हुई. रॉकी के लिए सॉल्वर्स का जुगाड़ करने में सुरेंद्र नाम के एक शख्स ने भी अहम भूमिका निभाई थी. सीबीआई ने सुरेंद्र को भी गिरफ्तार किया है और उसे भी चार मेडिकल स्टूडेंट्स के साथ रिमांड पर लिया है. सुरेंद्र ने ही लीक किया हुआ पेपर सॉल्व करने के लिए मेडिकल स्टूडेंट्स को राजी किया था.
पेपर लीक का मास्टमाइंड संजीव फरार
साल 2010 से कई एग्जाम के पेपर लीक मामले में इसका नाम आता रहा है. संजीव मुखिया पहले बिहार के सबसे बड़े शिक्षा माफिया रंजीत डॉन के साथ काम करता था, फिर उसने खुद अपना गैंग बना लिया. हाल ही में BPSC एग्जाम का पेपर संजीव मुखिया और उसके गैंग ने लीक करवाया था. संजीव मुखिया फरार है और उसकी तरफ से अग्रिम जमानत की याचिका दायर की गई है. संजीव मुखिया पेपर लीक गिरोह को नालंदा से ही ऑपरेट किया करता था. संजीव नालंदा उद्यान महाविद्यालय में टेक्निकल असिस्टेंट के पद पर कार्यरत रहा है.
एम्स पटना से जुड़े हैं पेपर लीक के तार
इससे पहले, केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 19 जुलाई को नीट-यूजी पेपर लीक मामले में झारखंड के रांची से एमबीबीएस फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट को हिरासत में लिया था. 2023 बैच की छात्रा की पहचान राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आरआईएमएस) की सुरभि कुमारी के रूप में हुई है और वह रामगढ़ जिले की निवासी है. इस छात्रा पर भी 5 मई को हजारीबाग में पेपर सॉल्व करने के लिए मौजूद होने का आरोप है. वहीं सीबीआई ने 18 जुलाई को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान पटना के चार एमबीबीएस छात्रों समेत पांच लोगों को पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया था. एम्स-पटना के छात्रों पर नालंदा के कुख्यात ‘सॉल्वर गैंग’ को लीक हुए पेपर को हल करने में मदद करने का आरोप है. मामले में गिरफ्तार पांचवें शख्स की पहचान सुरेन्द्र कुमार के रूप में हुई, जिसने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि एम्स-पटना के छात्रों को 5 मई को आयोजित परीक्षा से पहले लीक हुए पेपर को सॉल्व करने के लिए पटना के एक होटल में ले जाया गया था.
Greater Noida: पेपर लीक और परीक्षा रद्द मामले को लेकर समाजवादी पार्टी का प्रदर्शन जारी है। एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने पेपर रद्द मामले में यूपी सरकार पर तंज कसा। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा कि जनता अब कह रही है पेपर रद्द करने से अच्छा है कि भाजपा सरकार ही रद्द कर दी जाए। वहीं समाजवादी पार्टी के छात्र विंग के सदस्यों ने नीट और नेट पेपर लीक मामले को लेकर दादरी में भी प्रदर्शन किया। समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष सुधीर भाटी की अगुवाई में छात्र विंग के सदस्यों ने दादरी मुख्य तिराहे पर बैठकर धरना दिया। इस दौरान समाजवादी पार्टी के गौतमबुद्ध नगर के जिला अध्यक्ष सुधीर भाटी और छात्र विंग के सदस्यों ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा। छात्र विंग के एक सदस्य मोहित नागर ने कहा कि सरकार बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता और छात्र प्रदेश भर में प्रदर्शन कर रहे हैं, ये प्रदर्शन तब ही रुकेगा, जब इस मामले को खुलासा होगा और सरकार इस तरह के भ्रष्टाचार को उजागर करेगी।
परीक्षा रद्द करने की वजह क्या ?
समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष सुधीर भाटी ने कहा कि ये बहुत बड़ा स्कैम है। उन्होंने कहा कि सरकार जानबूझ कर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। सुधीर भाटी ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस भ्रष्टाचार में सरकार के बहुत बड़े अधिकारी भी शामिल हैं, अगर इस भ्रष्टाचार की जांच हो जाए तो कई बड़े लोगों के नाम भी सामने आ जाएंगे। सुधीर भाटी ने आरोप लगाया कि सरकार भ्रष्टाचारियों को बचाने में जुटी हुई है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार भ्रष्टाचारियों को बर्खास्त कर जेल नहीं भेजती, तब तक समाजवादी पार्टी ये आंदोलन करती रहेगी।
तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन
समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता और छात्र विंग के सदस्यों ने दादरी मेन रोड पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया। सड़क पर जाम लगने की सूचना मिलते ही मौके पर एसीपी अमित सिंह और तहसीलदार मौके पर पहुंचे। सड़क पर जाम लगाकर बैठे कार्यकर्ताओं को मौके पर पहुंचे तहसीलदार ने समझाया बुझाकर उनकी मांगों को उपर तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। जिसके बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।
नीट यूजी मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट पर भी संज्ञान लिया। चीफ जस्टिस ने कहा कि हमारे समक्ष प्रस्तुत सामग्री और आंकड़ों के आधार पर प्रश्नपत्र के व्यवस्थित लीक होने का कोई संकेत नहीं है, जिससे परीक्षा की शुचिता में व्यवधान उत्पन्न होने का संकेत मिले। इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि जो तथ्य उसके सामने उपलब्ध है। उसके मद्देनजर दोबारा परीक्षा कराना न्यायोचित नहीं होगा। SC ने नीट की दोबारा परीक्षा कराने से इंकार किया। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के सीनियर वकील संजय हेगड़े ने अपनी दलील में कहा है कि ये साफ है कि 4 मई को स्टूडेंट्स को पेपर मिल चुका था। उन्होंने पेपर के सही जवाब याद किए और फिर भी फेल हो गए। पेपर लीक के लिए लंबी टाइमलाइन जरूरी है, कम समय में ये हो ही नहीं सकता।
EET UG की सुनवाई के दौरान वकील पर क्यों भड़के CJI डीवाई चंद्रचूड़?
सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ मंगलवार को NEET-UG मामले की सुनवाई कर रही थी। इसी दौरान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और वरिष्ठ अधिवक्ता मैथ्यूज नेदुम्परा के बीच तल्ख बहसबाजी हुई। मुख्य न्यायाधीश ने अधिवक्ता मैथ्यूज नेदुम्परा को फटकार भी लगाई। दरअसल, नेदुम्परा कथिर तौर पर अधिवक्ता नरेंद्र हुड्डा को बीच में रोक रहे थे। उस वक्त हुड्डा पीठ को संबोधित कर रहे थे और वह एक याचिकाकर्ता की तरफ से अपना पक्ष रख रहे थे।मुख्य न्यायाधीश ने वरिष्ठ अधिवक्ता मैथ्यूज नेदुम्परा से अधिवक्ता नरेंद्र हुड्डा की दलीलें पूरी होने तक इंतजार करने को कहा। मगर वह नहीं रुके और बीच में टोकना जारी रखा। मैथ्यूज ने कहा कि वह सर्वोच्च अदालत के समक्ष सभी वकीलों में सबसे वरिष्ठ हैं।
4 लाख बच्चों का दोबारा रिजल्ट होगा जारी
कोर्ट के इस फैसले से 4 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स के रिजल्ट प्रभावित होंगे. इसमें NEET परीक्षा में 720/720 के साथ टॉप करने वाले वे 44 अभ्यर्थी भी शामिल हैं. चूंकि कोर्ट ने उन्हें दिए गए ग्रेस मार्क खत्म करने का फैसला किया है. कोर्ट ने आगे कहा, इस बात में कोई शक नहीं है कि हजारीबाग और पटना में पेपर लीक हुआ और इसका फायदा 155 छात्रों को मिला. कोर्ट ने कहा, रीनीट के परिणाम गंभीर हो सकते हैं. यह 24 लाख छात्रों और मेडिकल पढ़ाई पर असर डालेगा.
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