Noida: जेईई और नीट जैसे देश के प्रतिष्ठित प्रतियोगी एग्जाम की तैयारी के लिए मशहूर विद्यामंदिर क्लासेस ने छात्रहित में एक और कदम आगे बढ़ाते हुए फोर-पार्ट सेमिनार सीरीज का तीसरा सत्र आयोजित किया। इस सीरीज का मकसद जेईई और एनईईटी परीक्षाओं में एक्सीलेंस के आगे आने वाली चुनौतियों और अवसरों पर रोशनी डालनी है। नोएडा सेक्टर 62 स्थित फ़ादर एंजेल स्कूल के ऑडिटोरियम में आयोजित सेमिनार मेकेमिस्ट्री के महागुरु बृजमोहन (बड़े भैया), गॉड ऑफ फिजिक्स श्याम मोहन (छोटे भैया) मौजूद रहे।
चुनौतियों से निपटने के दिए टिप्स
सेमिनार में जेईई और नीट की तैयारी से जुड़ी चुनौतियों पर बात की गई और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को वैल्यूएबल इनसाइट्स शेयर किए गए। केमिस्ट्री के महागुरु बृजमोहन ने एग्जाम की तैयारी की रणनीतिक अप्रोच पर जानकारी साझा करते हुए कहा, ''जेईई और नीट में सफलता सिर्फ हार्ड वर्क से नहीं मिलती है बल्कि स्मार्ट वर्क और स्ट्रैटेजिक प्लानिंग की जरूरत होती है. इन सेमिनार के जरिए हम छात्रों को तैयारी में आने वाली चुनौतियों को पार पाने के लिए गाइडेंस देंगे ताकि वो सफलता पा सकें।''
टाइम मैनेमेंट पर करना होगा फोकस
बाकी सत्रों में एग्जाम की तैयारी के अन्य पहलुओं जैसे विषय केंद्रित रणनीति, टाइम मैनेजमेंट और स्ट्रेस मैनेजमेंट पर फोकस किया जाएगा. जो छात्र और परिजन ये सेमीनार अटेंड करने जा रहे हैं उनके पास केमिस्ट्री के महागुरू और गॉड ऑफ फिजिक्स से सीधे मिलने का मौका मिलेगा, और उनसे प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अहम टिप्स पाने का मौका मिलेगा।
विद्यामंदिर क्लासेज एक ऐसा संस्थान है, जो जेईई और नीट समेत अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए टॉप कोचिंग प्रोवाइड कराता है। इस संस्थान की सालों की शानदार विरासत है, जहां लगातार टॉपर बच्चे प्रोड्यूस किए जाते हैं। ये सेमिनार सीरीज अगली पीढ़ी के मार्गदर्शन के लिए विद्यामंदिर क्लासेज की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है।
लोकसभा चुनावों के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी ने अपनी आठवीं लिस्ट जारी कर दी है. बीजेपी ने पंजाब की 6 और ओडिशा की 3 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है.पंजाब की गुरदासपुर लोकसभा सीट से बीजेपी ने सनी देओल का पत्ता काट दिया है और उनकी जगह दिनेश सिंह 'बब्बू' को टिकट देकर भरोसा जताया है। जबकि अमृतसर सीट से तरणजीत सिंह संधू पर बीजेपी ने भरोसा जताया है। वहीं पार्टी ने पटियाला लोकसभा सीट से परनीत कौर को चुनावी मैदान में उतारा है। आपको बता दें कि परनीत कौर कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी हैं.
फरीदकोट सीट से हंसराज हंस को चुनावी मैदान में उतारा
हंसराज हंस मौजूदा समय में उत्तर पश्चिम दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। बीजेपी ने फरीदकोट सीट से हंसराज हंस पर विश्वास जताया है। वहीं लुधियाना से बीजेपी ने रवनीत सिंह बिट्टू, जालंधर से सुशील कुमार रिंकू पर दांव लगाया है. साथ ही बीजेपी ने ओडिशा की तीन सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान भी कर दिया है. जिसमें जाजपुर सीट पर रबिंद्र नारायण बेहरा, कंधमाल से सुकांत कुमार पाणिग्रही और कटक सीट से भर्तृहरि महताब को चुनावी मैदान में उतारा गया है.
आप और कांग्रेस के बागियों पर जताया भरोसा
बीजेपी ने आम आदमी पार्टी से बागी हुए सुशील कुमार रिंकू और कांग्रेस के बागी रवनीत सिंह बिट्टू और परनीत कौर को टिकट दिया है. बता दें कि पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह के पोते रवनीत बिट्टू ने हाल ही में कांग्रेस को झटका देते हुए बीजेपी का दामन थामा था. आपको बता दें कि रवनीत बिट्टू लुधियाना से वर्तमान में सांसद हैं. उन्हें कांग्रेस नेता राहुल गांधी का करीबी माना जाता था. बिट्टू ने 4 दिन पहले ही यानी 26 मार्च को बीजेपी ज्वॉइन की थी. इस दौरान उन्होंने कहा था 'कि जब भी मैंने पंजाब के किसी मुद्दे उठाए तो प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने इसे हमेशा सकारात्मक रूप से लिया. हम पंजाब को आगे ले जाना चाहते हैं. जब देश फायदा हो हो रहा है तो पंजाब क्यों पीछे रहे?'
बीजेपी ने परनीत कौर को पटियाला से टिकट दिया
जालंधर के सांसद सुशील कुमार रिंकू ने भी हाल ही में आम आदमी पार्टी से बगावत करते हुए बीजेपी का दामन थाम लिया था. दरअसल आम आदमी पार्टी ने अपने 8 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की थी, इसमें पार्टी ने रिंकू को दोबारा जालंधर से टिकट देने का ऐलान किया था, लेकिन रिंकू ने AAP छोड़ने का फैसला किया और बीजेपी ज्वॉइन कर ली.जहां पार्टी ने लुधियाना से रवनीत सिंह बिट्टू, जालंधर से सुशील कुमार रिंकू पर दांव खेला है, तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी ने परनीत कौर को पटियाला से टिकट दिया है. परनीत ने भी इसी महीने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वॉइन की थी. इस दौरान परनीत कौर ने कहा था "कि अब समय आ गया है कि हम उससे जुड़ें, जो हमारे बच्चों का बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने में सक्षम हैं. उनकी नीतियों और कार्यों को देखते हुए मैंने ऐसा फैसला किया है."
नीट परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। इस परीक्षा का रिजल्ट घोषित हो चुका है। जिसमें 67 उम्मीदवारों ने टॉपर्स की लिस्ट में जगह बनाई है। 67 कैंडिडेट्स ऐसे हैं। जिन्हें 720 में से 720 यानि पूरे नंबर मिले थे। वहीं इस परीक्षा को कराने वाली एजेंसी NTA पर पहले पेपर लीक और उसके बाद अब मार्क्स स्कैम, ग्रेस मार्क्स देने को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं। जिसके कारण परीक्षा में पूरे नंबर मिलने के बाद भी छात्र फिर से रिजल्ट जारी करने की मांग कर रहे हैं। दरअसल देशभर से लगभग 24 लाख उम्मीदवार 05 मई को आयोजित हुई नीट यूजी परीक्षा में बैठे थे। नीट यूजी को सुचारू ढंग से कराने की जिम्मेदारी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को सौंपी गई थी, लेकिन नीट रिजल्ट जारी होने के बाद लाखों उम्मीदवार नीट की शुचिता पर सवाल खड़े कर रहे हैं। जिनमें से कुछ उम्मीदवारों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है। वहीं एनटीए पर आरोप लगाने वाले उम्मीदवारों में नीट में अच्छा स्कोर पाने वाले उम्मीदवार भी शामिल हैं।
NTA ट्रांसपेरेंसी नहीं दिखा रहा, केवल खुद को डिफेंड कर रहा
NEET में 720/720 अंक लाने वाले उम्मीदवारों में कुछ झारखंड के रांची से भी हैं। हालांकि अच्छे अंक पाने के बावजूद उन उम्मीदवार का भी आरोप है कि NTA की वजह से उनके भविष्य पर अनिश्चितता के गहरे काले घने बादल मंडरा रहे हैं। लिहाजा अभ्यर्थियों ने हाथों में तख्तियां लेकर विरोध किया और अपने लिए न्याय में मांग की। उनकी मांग है कि एनटीए फिर से नीट रिजल्ट जारी करे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट से भी गुजारिश की गई है कि वो पूरे मामले में हस्तक्षेप करे। नीट रिजल्ट में 720 में से 715 अंक लाने वाले केशव सौरभ सामदर्शी का कहना है कि इतने अच्छे मार्क्स लाने पर भी एनटीए रैंक अच्छी नहीं दे रहा, एनटीए ट्रांसपेरेंसी नहीं दिखा रहा। केवल खुद को डिफेंड कर रहा है कि पेपर लीक नहीं हुआ है। सभी को ग्रेस मार्क्स दिए जा रहे हैं, जिनके 613 मार्क्स थे उन्हें 720 मार्क्स दे दिए गए हैं। उधर कोचिंग सेंटर में नीट की तैयारी कराने वाले टीचर्स भी NTA के रवैये से नाराज हैं। उनका आरोप है कि अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है। लिहाजा, एनटीए को फिर से नीट रिजल्ट की समीक्षा करनी चाहिए और दोबारा जारी करना चाहिए।
छात्र संगठन NTA के खिलाफ करेंगे धरना प्रदर्शन
स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन भी नीट रिजल्ट में गड़बड़ी को लेकर एनटीए के खिलाफ मिलकर धरना प्रदर्शन करने जा रहे हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्र संगठन 10 जून को दिल्ली में शास्त्री भवन के बाहर सुबह 10 बजे से धरना प्रदर्शन करेंगे। उनकी मांग है कि नीट एग्जाम में फर्जीवाड़े को लेकर छात्रों को तुरंत न्याय मिले, पीएचडी एडमिशन के लिए यूजीसी नेट की अनिवार्यता खत्म हो। सीयूईटी, पीजी और अन्य परीक्षाओं के जरिये एजुकेशन का सेंट्रलाइजेशन रुके और अक्षम एनटीए को खत्म करो।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित किया है। उन्होंने कहा है कि सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के संकल्प ने भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना दिया है। 10 सालों में भारत 11वें स्थान से उठकर 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने नीट परीक्षा से लेकर 2036 में भारत ओलंपिक की मेजबानी करेगा, तक कई विषयों पर संबोधन किया।
नीट परीक्षा पर क्या बोलीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू?
अपने अभिभाषण के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जब शिक्षा के मोर्चे पर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र कर रही थीं, उस समय विपक्ष के कुछ सदस्य ने नीट का नारा लगा रहे थे। जिसपर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि यदि किसी कारण से परीक्षा में बाधा उत्पन्न होती है, तो यह उचित नहीं है। सरकारी भर्तियों और परीक्षाओं में शुचिता और पारदर्शिता बहुत जरूरी है। सरकार का ये निरंतर प्रयास है कि देश के युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का उचित अवसर मिले। सरकारी भर्ती हो या फिर परीक्षाएं, किसी भी कारण से इनमें रुकावट आए, ये उचित नहीं है। इनमें शुचिता और पारदर्शिता बहुत ज़रूरी है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पेपरलीक का जिक्र करते हुए आगे कहा, "हाल ही में कुछ परीक्षाओं में हुई पेपर लीक की घटनाओं की निष्पक्ष जांच और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने के लिए मेरी सरकार प्रतिबद्ध है। इससे पहले भी हमने देखा है कि कई राज्यों में पेपर-लीक की घटनाएं होती रही हैं। इस पर दलीय राजनीति से ऊपर उठकर देशव्यापी ठोस उपाय करने की ज़रूरत है। संसद ने भी परीक्षा में होने वाली गड़बड़ियों के विरुद्ध एक सख्त कानून बनाया है। मेरी सरकार परीक्षाओं से जुड़ी संस्थाओं, उनके कामकाज के तरीके, परीक्षा प्रक्रिया, सभी में बड़े सुधार करने की दिशा में काम कर रही है”।
नीट यूजी परीक्षा 2024 को लेकर लगातार बवाल जारी है। जहां छात्रों ने परीक्षा को लेकर एनटीए के खिलाफ हल्ला बोल दिया है। तो वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी अब नीट परीक्षा को लेकर सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। नीट 2024 परीक्षा को लेकर दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। इस दौरान नीट विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए भरी अदालत में एक अहम टिप्पणी की और कहा कि अगर 0.01 प्रतिशत भी किसी की खामी पाई गई, तो हम उससे सख्ती से निपटेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को इस मामले में नोटिस जारी किया और जवाब मांगा है। दरअसल, नीट परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर शिक्षाविद नितिन विजय समेत अन्य याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।
NTA छात्रों की शिकायत को नजरअंदाज न करे- SC
सुप्रीम कोर्ट ने एटीए यानी नेशनल टेस्टिंज एजेंसी और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर इस पूरे मामले पर उनका जवाब मांगा। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस विक्रमनाथ और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने कहा कि अगर 0.01% भी किसी की खामी पाई गई तो हम उससे सख्ती से निपटेंगे। हम परीक्षा की तैयारी को लेकर छात्रों की मेहनत को समझते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए से कहा कि वो छात्रों की शिकायत को नजरअंदाज न करें। अगर एग्जाम में वाकई कोई गलती हुई है तो उसे समय रहते सुधारा जाए। इसके बाद अदालत ने दोनों याचिकाओं को पिछली याचिकाओं के साथ जोड़ दिया। याचिकाओं में नीट परीक्षा रद्द करने की मांग की गई है।
मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी
वहीं याचिकाकर्ता नितिन विजय ने अपनी याचिका में कहा है कि 20 हज़ार छात्रों ने नीट एग्जाम में गड़बड़ी को लेकर चलाए जा रहे डिजिटल सत्याग्रह के तहत अपनी शिकायत दी है। याचिका में पेपर लीक और गड़बड़ी का हवाला देते हुए पूरी परीक्षा रद्द कर नए सिरे से परीक्षा किये जाने की मांग की गई। अब इस मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी।
विवादों में घिरी राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET-UG) की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई जारी है। जिसमें राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) की स्थानांतरण की मांग करने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं। पूरे देश की निगाहे इस मसले पर हैं। इस सब के बीच कोर्ट ने एनटीए को बड़ा आदेश दिया है कि वो छात्रों के नंबर सार्वजनिक करे, लेकिन ध्यान रखे कि किसी छात्र की पहचान सामने ना आए।
सुप्रीम कोर्ट ने NTA को क्या आदेश दिया?
नीट पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को बड़ा आदेश देते हुए कहा कि नीट की परीक्षा में हाजिर होने वाले छात्रों के नंबर सार्वजनिक किये जाएं, पर इस बात का पूरा ध्यान रखा जाए कि किसी छात्र की पहचान सामने ना आए। इससे एक पारदर्शिता जरूर मिलेगी। इससे छात्रों को ये भी पता चलेगा कि किस सेंटर से किस तरह के नतीजे आए हैं।
NTA के पास शनिवार 12 बजे तक की डेडलाइन
इस आदेश का पालन करने के लिए कोर्ट ने एनटीए को शनिवार दोपहर 12 बजे तक का समय दिया है। साथ ही ये आदेश दिया है कि रिजल्ट को सार्वजनिक करें और ऑनलाइन अपडेट किया जाए। CJI ने कहा कि अब इसमें तो कोई दो राय नहीं कि हजारीबाग में पटना में लीक हुआ है। अब हमको ये देखना है कि ये कितना व्यापक तौर पर हुआ है।
पूरे देश में कई परीक्षाएं कराई जाती हैं। कुछ परीक्षाएं सरकारी कॉलेजों में भर्ती की होती हैं तो कुछ परीक्षाएं सरकारी कार्यालयों में नौकरी पाने के लिए। इन सभी परीक्षाओं के दौरान अक्सर पेपर लीक की खबरें सामने आती हैं। अभिभावक बच्चों के भविष्य के लिए हजारों लाखों रुपये खर्च कर देते हैं लेकिन आए दिन हो रही ये धांधली छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ ही है। आए दिन होने वाले पेपर लीक मामलों से जहां एक ओर छात्र परेशान हैं। तो वहीं दूसरी ओर विपक्ष को सरकार पर हमला बोलने का एक नया मुद्दा मिल गया है। दरअसल कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को यूजीसी नीट यूजी परीक्षा में पेपर लीक के मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला और पीएम मोदी पर भी निशाना साधा।
"सभी शिक्षण संस्थानों को भाजपा के लोगों ने कैप्चर कर रखा"
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि "सभी शिक्षण संस्थानों को भाजपा के लोगों ने कैप्चर कर रखा है। जब तक इन्हें मुक्त नहीं कराया जाएगा, तब तक यह चलता रहेगा। पेपर लीक का कारण है कि सारे वाइस चांसलर एजुकेशन सिस्टम को भाजपा के लोगों ने और उनके पेरेंट्स आर्गेनाइजेशन ने कैप्चर कर रखा है। जो भी जिम्मेदार है उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। मध्य प्रदेश में व्यापम हुआ और उसी व्यापम को नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पूरे देश में फैला रही है। छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है। इसके अलावा राहुल गांधी ने कहा "कि पीएम मोदी इस लीक को रोक नहीं पाए। एक परीक्षा में गड़बड़ियों के बाद आप रद्द कर चुके हैं। पता नहीं दूसरे को रद्द किया जाएगा या नहीं लेकिन कोई न कोई तो इसके लिए जिम्मेदार है और इसके लिए किसनी न किसी को तो पकड़ा जाना चाहिए।" NEET एग्जाम के बाद अब NET परीक्षा में भी धांधली की खबर सामने आ गई है। परीक्षा होने के एक दिन बार NET की परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया गया है। शिक्षा व्यवस्था का डिमॉनेटाइजेशन हो गया है। निष्पक्ष शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। हम संसद में इस मुद्दे को उठाएंगे। नीट और यूजीसी नेट पेपर लीक हुआ है। कहा जा रहा है नरेंद्र मोदी जी ने रूस यूक्रेन की लड़ाई रुकवा दी थी। इसराइल और गाजा के बीच में चल रही लड़ाई मोदी जी ने रुकवा दिया था, लेकिन किसी न किसी कारण हिंदुस्तान में पेपर लीक हो रहे हैं उसको नरेंद्र मोदी रोक नहीं पा रहे हैं या रोकना नहीं चाहते हैं।
कांग्रेस अपने को सुप्रीम कोर्ट से ऊपर न समझे- बीजेपी
कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर बीजेपी की ओर से सुधांशु त्रिवेदी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि, कांग्रेस के चरित्र में गंभीरता है ही नहीं। आज कांग्रेस कई राज्यों में सरकार में हैं। कई सारी माताएं और बहनें उनके छलावे में आ गईं। हमें लगा खटाखट कुछ मांओं और बहनों के अकाउंट में पैसे जाएंगे। हमें लगा जिम्मेदारी के साथ शायद कांग्रेस कुछ बोलेगी, लेकिन कांग्रेस ने तो NEET के ऊपर ही बोला। सरकार ने साफ कर दिया है कि छात्रों के साथ कुछ गलत नहीं होगा। सरकार ने साफ कर दिया है दोषी लोगों को सजा मिलेगी। कांग्रेस अपने को सुप्रीम कोर्ट से ऊपर न समझे। सरकार एक भी छात्र के भविष्य के साथ कोई समझौता और खिलवाड़ नहीं होने देगी। कांग्रेस तब चुप थी जब राजस्थान में एक के बाद एक पेपर लीक के मामले सामने आ रहे थे।
UGC-NET 2024 परीक्षा कर दी गई रद्द
आपको बता दें कि, देशभर में 18 जून को आयोजित UGC-NET 2024 परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया गया है। नेट पेपर लीक आशंका और परीक्षा रद्द होने के बाद तमाम छात्र निराशा और गुस्से में हैं क्योंकि परीक्षा रद्द होने से न सिर्फ समय खराब होता है बल्कि उम्मीदवारों की हिम्मत और परिवार की उम्मीद भी टूटती है। ऐसे भी कई उम्मीदवार परीक्षा देते हैं जिनका परिवार शायद आगे परीक्षा में बैठने का चांस भी न दे। 11 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने यूजीसी नेट का फॉर्म भरा था। 18 जून को एग्जाम हुआ लेकिन नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनालिटिक्स डिवीजन (NCTAU) ने परीक्षा में विसंगतियों की कई शिकायतें मिलने के बाद अपनी जांच शुरू कर दी। जांच में सामने आया कि कि शिक्षण संस्थाओं के ऑनलाइन चैट फोरम पर यूजीसी नेट के क्वेश्चन पेपर और सॉल्व्ड पेपर के बारे में बातचीत चल रही है। इसके बाद नेट एग्जाम का रद्द करने का फैसला किया गया।
23 जून को री-नीट एग्जाम की तैयारी
हालांकि काफी जद्दोजहद के बाद केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्होंने ग्रेस मार्क्स रद्द करके उन 1563 छात्रों री-एग्जाम या बिना ग्रेस मार्क्स के नीट यूजी की काउंसलिंग में शामिल होने का विकल्प दिया है। री-नीट एग्जाम 23 जून को होगा और परिणाम 30 जून को घोषित किया जा सकता है, जबकि नीट यूजी काउंसलिंग निर्धारित 6 जुलाई से शुरू होगी। सुप्रीम कोर्ट ने नीट काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार किया है। वहीं इन सबके बीच जो सबसे बड़ा सवाल खड़ा होता है वो ये है कि कब तक देश के भविष्य से खिलवाड़ होता रहेगा। यदि सरकार के किसी नुमाइंदे की सुरक्षा व्यवस्था में चूक हो जाए तो धरती आसमान एक कर दिया जाता है। तो क्या देश के छात्र जो आगे चलकर देश का भविष्य बनेंगे उनके साथ ये खिलवाड़ सही है।
नीट पेपर लीक और UGC-NET पर पूरे देश में घमासान मचा हुआ है। देश के कई हिस्सों में छात्रों का प्रदर्शन भी जारी है। वहीं, इन सभी के बीच, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार छात्रों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। हम पारदर्शिता से कोई समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि नीट के दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि हम बिना किसी गड़बड़ी के परीक्षा आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम एनटीए की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन करने जा रहे हैं। उच्च स्तरीय समिति एनटीए की संरचना, कार्यप्रणाली, परीक्षा प्रक्रिया, पारदर्शिता और डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल को और बेहतर बनाने की सिफारिश करेगी।
शिक्षण संस्थाओं भाजपा और आरएसएस का कब्जाः राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी पेपर लीक कांड पर चुप हैं। क्योंकि वह 'इसे रोक नहीं पा रहे' हैं। प्रधानमंत्री मोदी या तो पेपर लीक को रोक नहीं पा रहे या फिर इसे रोकना नहीं चाहते हैं। राहुलगांदी ने दावा किया कि शिक्षण संस्थाओं पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके मातृत्व संगठन से जुड़े लोगों ने कब्जा कर लिया है। उन्होंने कहा कि जब तक इस स्थिति को बदला नहीं जाएगा तब तक पेपर लीक होना बंद नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि पहले पीएम का 56 इंच का सीना था, अब 32-35 हो गया है।
शिक्षा मंत्री पेपर लीक मामले में दें इस्तीफा : आनन्द बघेल
उत्तर प्रदेश युवक कांग्रेस के प्रदेश महासचिव एवं सदस्य उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी आनंद बघेल ने कहा की यूजीसी नेट की परीक्षा लीक होने की आशंका के आधार के बहाने रद्द करना सरकार की पूर्ण बिफलता को उजागर कर रहा है । पूर्व में नीट आदि कई परीक्षा में हुए लापरवाही सिद्ध करती है कि सरकार को युवाओं के भविष्य से खेलना एक आम बात हो चुकी। अंतः वे देश के शिक्षा मंत्री से मांग करते है कि उक्त गतिविधियों की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे।
नीट और यूजीसी पर भाजपा का कांग्रेस पर करारा पलटवार
नीट और यूजीसी नेट परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर भाजपा और कांग्रेस अब आमने-सामने हो गई है। राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोला और भाजपा पर 'पेपर लीक' का आरोप लगाया। राहुल ने कहा कि पेपर लीक के पीछे का कारण यह है कि सभी कुलपति, शिक्षा प्रणाली पर भाजपा और उसके मूल संगठन (आरएसएस) का कब्जा है। भारतीय जनता पार्टी ने राहुल गांधी के बयानों को निराधार बताया और कहा कि वह छात्रों के भविष्य पर राजनीति कर रहे हैं।भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि केंद्र सरकार NEET परीक्षा को लेकर पूरी तरह सतर्क और संवेदनशील है। हम सरकार छात्रों के साथ कोई अन्याय नहीं होने देगी। जो लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) में हुई धांधली के चलते पूरे देश में हंगामा परसा है। साथ ही लगातार परीक्षाओं में हो रही धांधली प्रशासन को भी बुरी तरह से कटघरे में रखे हुई है। नीट परीक्षा में हुई धांधली के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ग्रेटर नोएडा जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। जहां पर भारी संख्या में कांग्रेस के साथ ही सपा कार्यकर्ता भी पहुंचे थे।
नीट परीक्षा में हुई धांधली के विरोध में प्रदर्शन
ग्रेटर नोएडा जिला कलेक्ट्रेट पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ सपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। परीक्षा में हुई धांधली को लेकर सरकार पर सवाल उठाए। कांग्रेस नेता दीपक भाटी ने मीडिया से बातचीत में कहा परीक्षा में हुई धांधली को लेकर कार्यकर्ता जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर रहे हैं। वो परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं, ताकि सालों पढ़ाई में अपना समय व्यय करने वाले छात्रों के साथ न्याय हो और परीक्षा पास करके देश को अच्छे डॉक्टर मिल सकें।
सरकार के खिलाफ कर रहे हैं नारेबाजी
प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने नीट परीक्षा रद्द करों, के नारे लगाए। साथ ही मौजूदा सरकार के खिलाफ भी नारेबाजी की। धरने पर बैठे कार्यकर्ताओं ने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान इस्तीफा दें, इसके नारे भी लगाए।
राष्ट्रपति के नाम का सौंपा ज्ञापन
कांग्रेस नेता दीपक भाटी ने बताया पूरे मामले को लेकर राष्ट्रपति के नाम पर ज्ञापन भी दिया गया है। साथ ही कहा है कि जब तक सरकार परीक्षा को रद्द नहीं करती है, तब तक कांग्रेस पार्टी अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेगी। इस धरना प्रदर्शन के दौरान कई बड़े नेता मौजूद रहे।
पेपर लीक को लेकर पूरे देश में हंगामा बरपा हुआ है, जगह-जगह छात्रों का प्रदर्शन देखने को मिल रहा है, यहां तक की सियासी दलों ने भी मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, लेकिन इस बीच पेपर लीक मामले में पुलिस ने रवि अत्री नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया है जिसे इस केस का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. ऐसे में ये भी जानना बेहद जरूरी है कि आखिर कौन है रवि अत्री, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है।
नीट का पेपर पटना और नालंदा से किया गया लीक
बताया जा रहा है कि नीट परीक्षा से एक दिन पहले प्रश्न पत्र को पटना और नालंदा से लीक किया गया था। इसके बाद पटना के एक हॉस्टल में नीट अभ्यर्थियों को जमा कर उनसे प्रश्न पत्र रटवाया गया था। वहीं पटना के अलावा रांची के भी एक कॉलेज में छात्रों से पेपर हल कराने की खबर सामने आ रही है। जानकारी के अनुसार बिहार में रवि अत्रि के दो गुर्गे हैं, जिनका नाम अतुल वत्स और संजीव मुखिया है। अतुल वत्स मूलरूप से जहानाबाद जिले का रहने वाला है। अतुल अभी भी पुलिस की गिरफ्त से फरार है। वहीं, संजीव मुखिया को ईओयू अपने गिरफ्त में ले चुकी है।
सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले का है मास्टरमाइंड
इससे पहले भी रवि अत्री का नाम यूपी में कई प्रायोगिक परीक्षाओं से जुड़े प्रश्नपत्रों को लीक कराने में सामने आ चुका है। उत्तर प्रदेश पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में भी रवि अत्री का नाम सामने आया है। वहीं इस मामले में यूपी एसटीएफ ने पहली चार्जशीट दाखिल की है। एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने मास्टरमाइंड रवि अत्री समेत 18 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। यूपी एसटीएफ ने 900 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। जिसमें रवि अत्री, राजीव नयन मिश्रा के साथ लॉजिस्टिक कंपनी टीसीआई एक्सप्रेस के कर्मचारी शिवम गिरी, रोहित पांडे, अभिषेक शुक्ला और दिल्ली पुलिस के सिपाही विक्रम पहल का भी नाम शामिल है।
रवि अत्री जेवर के बस स्टैंड से हुआ था गिरफ्तार
पेपर लीक करने वाले गिरोह के सरगना रवि अत्री नामक व्यक्ति को एसटीएफ की टीम ने गौतमबुद्धनगर के थाना जेवर के बस स्टैंड के पास से गिरफ्तार किया था। इसे यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा-2023 के प्रश्न पत्रों को अहमदाबाद स्थित टीसीआई कंपनी के दफ्तर में रखे ट्रंक से निकालकर सार्वजनिक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बता दें कि यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा इसी साल 2024 में फरवरी में आयोजित हुई थी, इस परीक्षा में 48 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे। इनमें लगभग 16 लाख महिला अभ्यर्थी भी थीं, यह परीक्षा 17 और 18 फरवरी को उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में चार पालियों में 2,385 केंद्रों पर आयोजित की गई थी। पेपर लीक की रिपोर्ट के बाद यूपी सरकार ने यह परीक्षा रद्द कर दी थी।
कभी खुद भी की थी कोटा में पढ़ाई
बता दें कि रवि अत्री मूलरूप से उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के लिम्का गांव का रहने वाला है। साल 2007 में रवि अत्री मेडिकल की तैयारी के लिए राजस्थान के कोटा गया था और यहीं से वह सॉल्वर गैंग के संपर्क में आ गया। लिहाजा उसने पढ़ाई-लिखाई बीच में ही छोड़ दी और पेपर लीक के धांधली में कूद पड़ा।
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December 17, 2022