Noida: नोएडा में एक बार फिर फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ पुलिस ने किया है। सेक्टर-58 थाना पुलिस ने सेक्टर-62 के आइथम टावर में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर के मालिक समेत पांच लोगों को को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह सोशल मीडिया के जरि शिप पर नौकरी दिलाने के नाम पर 100 से अधिक लोगों से ठगी कर चुके हैं।

महिला सहित 5 लोग गिरफ्तार
नोएडा एडीसीपी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि  गिरोह का सरगना उन्नाव निवासी अंकित, अमरोहा के अरीबा, रामपुर के यावेंद्र,  सुलतानपुर निवासी दुर्गेश यादव और लोनी के बादल को गिरफ्तार किया गया है। एडीसीपी ने बताया कि कुछ दिन पहले जयपुर के एक व्यक्ति ने शिकायत की थी कि सेक्टर-62 की कंपनी के लोगों ने क्रूज पर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की है। शिकायत पर कोतवाली सेक्टर-58 में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई थी।

50 हजार रुपये एक व्यक्ति से करते थे ठगी
एसीपी शैव्या गोयल के नेतृत्व में जांच के बाद आइथम टावर में चल रहे एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया गया है। एडीसीपी ने बताया कि फर्जी कॉल सेंटर से सोशल मीडिया पर विज्ञापन देकर क्रूज पर नौकरी करने के इच्छुक लोगों से संपर्क किया जाता था। इसके बाद प्रोसेसिंग फीस, मेडिकल डॉक्यूमेंट के नाम पर 50 हजार ठग लेते थे। महिला अरीबा एचआर का काम देखती थी, जबकि बादल फर्जी अभ्यर्थी बनकर पीड़ितों को विश्वास दिलाता था कि उसकी नौकरी इसी कंपनी के माध्यम से लगी है।

50 हजार रुपये महीने किराए पर लिया था ऑफिस
एडीसीपी अशोक कुमार ने बताया कि गिरोह के लोग फर्जी वेबसाइट बनाकर फेसबुक, इंस्टाग्राम पर विज्ञापन डालते थे कि उनकी कंपनी क्रूज पर नौकरी दिलवाती है। इसके बाद झांसे में आने वाले लोगों से गूगल मीट, जूम पर ऑनलाइन इंटरव्यू लेते थे। जिसके लिए 11 हजार रुपये ऑनलाइन फीस ली जाती थी। वहीं, क्रूज पर काम करने के लिए वीजा व तकनीकी डॉक्यूमेंट सीडीसी, एसआईडी बनाने के नाम पर 38,600 रुपये लेते थे। इसके अलावा मेडिकल सर्टिफिकेट के नाम पर भी वसूली करते थे। फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट और ऑफर लेटर भेज देते थे। इसके बाद पीड़ित से संपर्क तोड़ देते थे। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि अंकित ने मार्च में आइथम टावर में ऑफिस 35 हजार रुपये किराए पर लिया था। इस ऑफिस का 15 हजार का मेंटेनेंस था। पुलिस आरोपियों के पास से बरामद मोबाइल व लैपटॉप आदि की जांच कर रही है।