Noida: नोएडा में वेबसीरीज जामताड़ा की तरह एक ठग गिरोह सक्रिय होकर लोगों से ठगी कर रहा था। कोतवाली फेज वन पुलिस ने बैंक कर्मचारी बनकर कर्ज दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा करते हुए छह महिलाओं समेत गिरोह के 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
150 से अधिक लोगों के साथ की ठगी
पुलिस को आरोपियों के पास से 11 लाख रुपये, 6 कीपैड मोबाइल फोन, 4 स्मार्ट मोबाइल फोन, 74 सेट कॉलिंग डाटा समेत अन्य सामान बरामद हुए हैं। पुलिस गिरोह के फरार आरोपियों का पता लगा रही है। यह गिरोह अब तक 150 से अधिक लोगों से करोड़ों की ठगी कर चुके हैं। आरोपियों की पहचान सरगना हसीन, विकास, राजेश, आशीष, वारिस अली, सोहिल, सलमान, आशुतोष, निशा, सुगरा फातिमा, सुरभि, ट्विंकल, कुसुम और खुशबू के रूप में हुई है।
फर्जी कॉल सेंटर से करते थे ठगी
नोएडा जोन के एडीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि सेक्टर-6 के सी ब्लॉक में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर चला रहा था। पकड़े गए आरोपी खुद को कोटक महिंद्रा और एचडीएफसी बैंक का कर्मचारी बताकर बीमा पॉलिसी पर लोगों को लोन दिलवाने का झांसा देते थे। इसके साथ ही बीमा पॉलिसी लैप्स होने के बाद फिर से किस्त आरंभ शुरू करने, एडवांस लोन दिलाने के नाम पर भी ठगी करते थे। जालसाज लोगों को आरटीजीएस चार्ज, लोन अप्रूवल चार्ज से लेकर कई अन्य तरह के चार्ज भी वसूलते थे। लोन अप्रूवल की फर्जी डिजिटल कॉपी ई-मेल और व्हाट्सएप के माध्यम से कस्टमर को भेज देते थे।
गिरोह का सरगना पहले बीमा कंपनी में करता था नौकरी
डीसीपी ने बताया कि पुलिस पूछताछ में गिरोह का सरगना हसीन ने बताया कि वह एक बीमा कंपनी में नौकरी करता था। वहां कंपनी की बारीकियों की जानकारी हासिल की। इसके बाद वह फर्जीवाड़ा करने लगा। पुलिस की टीम अब बरामद हुए बरामद मोबाइल की जांच कर रही है। हसीन बेरोजगार युवाओं को कॉलिंग के लिए नौकरी पर रखता था। इन्हें बाकायदा 10 से 15 हजार रुपये वेतन भी देता था। इसके आधार पर कॉलिंग कर ठगी की जाती थी।
Noida : नोएडा पुलिस ने साइबर फ्रॉड करने वाले एक फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर का शुक्रवार को खुलासा किया है। इस कॉल सेंटर में में बैठकर ठग अमेरिका और कनाडा के नागरिकों को टेक्निकल सपोर्ट देने के नाम पर ठगी कर रहे थे।
एसेक्टर-73 के फार्म हाउस में चल रहा था कॉल सेंटर
एक्सप्रेसवे थाना पुलिस ने एक फार्म हाउस पर छापा मारकर फर्जी कॉल सेंटर के संचालक सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की निशानदेही पर सेक्टर-73 स्थित सर्फाबाद के सुन्दर फार्म के 6जी फ्लोर में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर में प्रयोग की जाने वाले भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए हैं। पुलिस टीम ने आरोपियों के कब्जे से 6 लैपटॉप, 5 लैपटॉप चार्जर, 2 माउस, 1 यूपीएस, 2 वाई-फाई राउटर, 1 वाई-फाई चार्जर, 15 हैडफोन, 6 मोबाइल फोन, 2 रजिस्टर, 48,000 रुपए नगद और एक फोर्ड गाड़ी बरामद की है।
फार्म हाउस में पुलिस ने मारा छापा
नोएडा जोन के एडीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि शुक्रवार को सूचना के आधार पर एक्सप्रेसवे थाना पुलिस सेक्टर-135 यमुना डूब क्षेत्र में गौशाला के पास फार्म हाउस पर मीटिंग कर रहे सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने मौके से सुन्दर फार्म 6 फ्लोर, सेक्टर-73, ग्राम सर्फाबाद निवासी अग्निभ बैनर्जी, सुपरटेक ईकोसिटी सेक्टर-137 निवासी सचिन, ज्वालापुर जिला हरिद्वार, उत्तराखण्ड निवासी राहुल गौतम, मोहन गार्डन थाना उत्तम नगर दिल्ली निवासी जय कुमार कोचर को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी सचिन और अग्निभ बैनर्जी द्वारा लैपटॉप के माध्यम से राहुल गौतम और जय कुमार कोचर को साइबर फ्रॉड बिजनेस की प्लानिंग के सम्बन्ध में जानकारी दी जा रही थी।
यूएसडीटी और बिटकॉइन से लेते थे पेमेंट
पूछताछ में सचिन ने बताया कि वे लोग विदेशी नागरिकों (यूएसए और कनाडा) से पॉपअप कॉल और ई-मेल के माध्यम से संपर्क करते थे। इसके बाद आरोपी टेक्निकल सपोर्ट देने के लिए टोल फ्री नंबर पर बात करते हुए कॉल वेंडर के माध्यम से क्रय किए जाने वाले एंटी वायरस बेचने का झांसा देते थे। पकड़े गए आरोपी विदेशी नागरिकों से टेक्निकल सपोर्ट के नाम पर पेमेंट यूएसडीटी और बिटकॉइन के माध्यम से लेते थे।
Greater Noida West: नोएडा पुलिस और एसटीएफ ने एक बहुत बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। वेबसीरीज जामताड़ा की तर्ज पर फर्जी कॉल सेंटर के जरिए पूरा गिरोह विदेशी लोगों को ठग रहे थे। नोएडा STF और बिसरख पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन में अमेरिकन नागरिकों से ठगी करने वाले इंटरनेशनल कॉल सेंटर का खुलासा करते हुए 24 लोगों को गिरफ्तार किया है। चार साल से ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित महागुन मायवुड सोसायटी में फर्जी कॉल सेंटर चल रहा था। आरोपियों के कब्जे से मर्सडीज़ समेत 8 लग्ज़री कार , कैश 4 लाख कैश, दुबई, सिंगापूर, थाईलैंड की करेंसे और करोड़ो डॉलर बरामद किया है। गैंग का सरगना अंकुर गुप्ता भी मौके से गिरफ्तार हुआ है।
एमबीए पास है गिरोह का सरगना
कॉल सेंटर ठगी मामले के सरगना एमबीए पास अंकुर गुप्ता ने सात वर्षों तक कॉल सेंटरों में विभिन्न पदों पर काम किया। आरोपी ने 19 साल में कॉल सेंटर के कर्मचारी से लेकर मोबाइल इंपोर्ट और फिर अमेरिकी नागरिक नितिन सिंह की मदद से आईफोन की तस्करी की। इसके बाद विदेशियों से ठगी करने का कॉल सेंटर शुरू कर दिया। एसटीएफ ने बताया कि अंकुर गुप्ता (39) ने एमबीए के बाद वर्ष 2004 से लेकर 2011 के बीच विभिन्न कॉल सेंटरों में नौकरी की। 2011-12 में करोल बाग दिल्ली में मोबाइल फोन इंपोर्ट कर दिल्ली एनसीआर के बाजार में बेचने का धंधा शुरू किया। इसी दौरान उसकी पहचान अमेरिका में रहने वाले नितिन सिंह से हुई।
हांकांग में हिमांशु ने अंकुर को दी ठगी का प्रशिक्षण
इसके बाद नितिन की मदद से अंकुर ने अमेरिका से आईफोन को तस्करी कर हांगकांग के रास्ते चेन्नई लाने और फिर बाजार में बेचने का काम शुरू किया। इसी बीच उसकी मुलाकात गुजरात के अगड़िये मुकेश शाह से हो गई। 2019 में मुकेश ने हांगकांग में अंकुर गुप्ता की मुलाकात हिमांशु से कराई। हिमांशु फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेन्टर चलाकर अमेरिका के नागरिकों से धोखाधड़ी करता था। हिमांशु ने ही उसे विदेशियों से ठगी करने के अवैध धंधे का प्रशिक्षण दिया। इसके बाद मोबाइल रिपेयरिंग का काम करने वाले तरुण के साथ मिलकर अंकुर कॉल सेंटर चलाने लगा।
कर्मचारियों को वेतन के साथ इन्सेंटिव भी मिलता था
एसटीएफ ने बताया कि कॉल सेंटर से पकड़े गए आरोपियों को सरगना 25-30 हजार रुपये प्रतिमाह का वेतन देता था। इसके साथ ठगी के बदले इंसेंटिव देता था। कुछ आरोपी ठगी की रकम में 20 से 30 फीसदी की हिस्सेदारी पर भी काम करते थे। हांगकांग के जिस खाते में रकम हस्तांतरित की जाती थी। उस खाता धारक को भी आरोपी कमीशन देते थे। इस खाते से अंकुर गुप्ता व तरुण को क्रिप्टो करेंसी या नकद के जरिये भुगतान मिलता था।
इस तरह करते ठगी
पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि आरोपी अमेरिकी नागरिकों को नई बीमा पॉलिसी देने, बंद पॉलिसी चालू कराने, मोबाइल बैकिंग में आने वाली दिक्कतें और पासवर्ड आदि मुहैया कराने का भी झांसा देकर ठगी का शिकार बनाते थे।
Noida: एसटीएफ लखनऊ और नोएडा पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा किया है। एसटीएफ और थाना सेक्टर 58 पुलिस ने बीओआईपी कॉल, टीएफएन व सोफ्ट फोन के माध्यम से विदेशों में रह रहे व्यक्तियों के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी वाले 25 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से 34 मोबाइल फोन, 4 लैपटाप, 5 इंटरनेट राउटर, 4 वाहन , 22 कम्प्यूटर आदि बरामद हुआ है।
विदेशी नागिरकों से ऐसे करते थे ठगी
गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि 'कंप्यूटर से TFN पोर्टल के माध्यम से eyebeam साफ्टवेयर से हमारे कॉल सेंटर मे लगे सिस्टम पर लैंड कराते हैं । इस कॉल को हमारे कॉल सेंटर पर पूर्व से एक्टिव कॉलर कॉल रिसीव करते हैं और अपने आप को विदेशी कम्पनी का प्रतिनिधि बताते हुए उनकी समस्या का जल्द समाधान का आश्वासन देते हैं। इसके बाद विदेशी लोगों को बोलते थे कि आपका सिस्टम हैक और आईपी एड्रेस कम्प्रोमाईज्ड हो गया है। इस समस्या के समाधान के लिए हम उनके सिस्टम को ऐनीडेस्क साफ्टवेयर से कनेक्ट कर उनके सिस्टम मे आ रही असुविधा को हल करने के नाम पर अलग-अलग माध्यम व गिफ्ट कार्ड से 100 - 500 डालर लेते थे । इस दौरान यूएस के लोगो के मोबाइल को एनीडेस्क से कनेक्ट कर मैजिक ऐप एगूगल वाइस आदि एप पर पेमेंट कराकर एकाउंट बना लेते हैं। इसके बाद उनके मोबाइल से उस अकाउंट को लॉगआउट कर अपने मोबाइल पर लॉगिन कर लेते है । फिर इन ऐप का उपयोग अपनी जरूरत अनुसार यूएस के लोगों को डायरेक्ट कॉल करने के काम में लेते थे।
मेरठ का रहने वाला है सरगना
आरोपियो ने पूछताछ में बताया कि गिरोह का सरगना शाजिद शहिदी है, जिसने तीन महीने पहले कॉल सेंटर को खोला था। सरगना मूलरूप से मेरठ का रहने वाला है और दिल्ली में रहता है, जो ऑनलाइन ही कॉल सेंटर में काम करने वाले लोगों से बातचीत करता था। गिरोह में पकड़े गए सभी लोग यहां पर नौकरी करते थे। जिनको आरोपी ने 12 हजार रुपये मासिक वेतन पर ठगी का काम दिया था। इन लोगों ने सैकड़ों की संख्या में अमेरिकी नागरिकों के साथ करोड़ों रुपये की ठगी की है।
Noida: नोएडा धीरे-धीरे ‘जामताड़ा’ बनता जा रहा है। झारखंड के जामताड़ा के बाद साइबर ठगों का नोएडा मुफीद ठिकाना बना हुआ है। लगातार नोएडा और ग्रेटर नोएडा में साइबर ठग और इनके गिरोह पकड़े जा रहे हैं। हाईटेक शहर के लोगों को भी साइबर फ्राड खूब चूना लगा रहे हैं। अब नोएडा पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर गैंग का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गैंग के नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें 6 महिलाएं भी शामिल हैं। आरोपियों के पास से भारी संख्या में फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं। ये गिरोह लंबे समय से लोगों को ठग रहे थे।
विदेश में नौकरी दिलाने का दावा
जानकारी के मुताबिक नोएडा सेक्टर 63 में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर पर पुलिस ने सूचना मिलने के बाद छापेमारी की। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मौके से फर्जी कॉल सेंटर के मालिक सहित नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि लोगों को फोन करके दुबई, सर्बिया व कनाडा में नौकरी दिलाने का दावा करते थे। इसके बाद लोगों को फर्जी वर्क बीजा देने के नाम पर ठगी करते थे। नोएडा के थाना सेक्टर 63 के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कॉल सेंटर लंबे समय से एक महिला द्वारा चलाया जा रहा था. जानकारी मिलने के बाद छापेमारी कर कॉल सेंटर की मुख्य संचालक को भी गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के पास से भारी संख्या में लैपटॉप, मोबाइल और फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं।
Noida: नोएडा में एक बार फिर फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ पुलिस ने किया है। सेक्टर-58 थाना पुलिस ने सेक्टर-62 के आइथम टावर में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर के मालिक समेत पांच लोगों को को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह सोशल मीडिया के जरि शिप पर नौकरी दिलाने के नाम पर 100 से अधिक लोगों से ठगी कर चुके हैं।
महिला सहित 5 लोग गिरफ्तार
नोएडा एडीसीपी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि गिरोह का सरगना उन्नाव निवासी अंकित, अमरोहा के अरीबा, रामपुर के यावेंद्र, सुलतानपुर निवासी दुर्गेश यादव और लोनी के बादल को गिरफ्तार किया गया है। एडीसीपी ने बताया कि कुछ दिन पहले जयपुर के एक व्यक्ति ने शिकायत की थी कि सेक्टर-62 की कंपनी के लोगों ने क्रूज पर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की है। शिकायत पर कोतवाली सेक्टर-58 में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई थी।
50 हजार रुपये एक व्यक्ति से करते थे ठगी
एसीपी शैव्या गोयल के नेतृत्व में जांच के बाद आइथम टावर में चल रहे एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया गया है। एडीसीपी ने बताया कि फर्जी कॉल सेंटर से सोशल मीडिया पर विज्ञापन देकर क्रूज पर नौकरी करने के इच्छुक लोगों से संपर्क किया जाता था। इसके बाद प्रोसेसिंग फीस, मेडिकल डॉक्यूमेंट के नाम पर 50 हजार ठग लेते थे। महिला अरीबा एचआर का काम देखती थी, जबकि बादल फर्जी अभ्यर्थी बनकर पीड़ितों को विश्वास दिलाता था कि उसकी नौकरी इसी कंपनी के माध्यम से लगी है।
50 हजार रुपये महीने किराए पर लिया था ऑफिस
एडीसीपी अशोक कुमार ने बताया कि गिरोह के लोग फर्जी वेबसाइट बनाकर फेसबुक, इंस्टाग्राम पर विज्ञापन डालते थे कि उनकी कंपनी क्रूज पर नौकरी दिलवाती है। इसके बाद झांसे में आने वाले लोगों से गूगल मीट, जूम पर ऑनलाइन इंटरव्यू लेते थे। जिसके लिए 11 हजार रुपये ऑनलाइन फीस ली जाती थी। वहीं, क्रूज पर काम करने के लिए वीजा व तकनीकी डॉक्यूमेंट सीडीसी, एसआईडी बनाने के नाम पर 38,600 रुपये लेते थे। इसके अलावा मेडिकल सर्टिफिकेट के नाम पर भी वसूली करते थे। फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट और ऑफर लेटर भेज देते थे। इसके बाद पीड़ित से संपर्क तोड़ देते थे। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि अंकित ने मार्च में आइथम टावर में ऑफिस 35 हजार रुपये किराए पर लिया था। इस ऑफिस का 15 हजार का मेंटेनेंस था। पुलिस आरोपियों के पास से बरामद मोबाइल व लैपटॉप आदि की जांच कर रही है।
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October 05, 2024