कांग्रेस के नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम अपने बगावती तेवर के लिए आज-कल चर्चा सुर्खियों में छाये रहते हैं. इसी कड़ी के बीच प्रधानमंत्री से उनके मुलाकात के बाद आज वो फिर से एक बार अखबारों में हेडलाइन्स बना रहे है.
प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया था
पीछले गुरुवार को ही प्रधानमंत्री से उनके आवास पर मिलकर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने "श्री कल्कि धाम" के शिलान्यास समारोह के लिए पीएम मोदी को आमंत्रित किया. इस प्रकरण के बाद जब उनके पार्टी के नेता और कार्यकरता उनकी आलोचना कर रहे थे तब आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बयान जारी करते हुए कहा था किः ‘भारत के प्रधानमंत्री से मिलना कोई गुनाह नहीं है, उन्हें श्री कल्कि धाम के शिलान्यास समारोह के लिए आमंत्रित करना भी कोई गुनाह नहीं है और अगर यह गुनाह है तो मैं इसकी सज़ा भुगतने के लिए तैयार हूं.’
आस्था और भक्ति से जुड़े इस पावन अवसर का हिस्सा बनना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। निमंत्रण के लिए आपका हृदय से आभार
रक्षा मंत्री के निवास पहुंचे कांग्रेस नेता
आज सुबह की खबर है कि रक्षा मंत्री के सरकारी निवास पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने व्यक्तीगत रूप से भेट कर वापस लौटे. रक्षा मंत्री से मिलकर जब आचार्य वापस आ रहे थे तब मीडिया से बात करते हुए उनहोंने कहा - 'शिलान्यास सामारोह के लिए आदरणीय रक्ष मंत्री जी को आमंत्रित करने आया था, आज की मुलाकात का कोई राजनीतिक प्रयोजन नहीं है, किसी राजनीतिक दृष्टीकोन से इसे ना देखा जाए. जिस प्रकार आदरणीय पीएम ने श्री रामलला मंदिर का शिलान्यास किया था उसी प्रकार देश के करोड़ों सनातनियों का मानना है कि पीएम को श्री कल्कि धाम का शिलान्यास भी करना चाहिए. पीठाधिश्वर होने के नाते यह मेरा कर्तव्य है.'
भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी पर आचार्य का बयान
"आडवाणी जी इतने वरिष्ठ हैं, इतने बुज़ुर्ग हैं। उन्होंने देश की सेवा की है। उन्हें भारत रत्न मिल रहा है, मैं PM मोदी का धन्यवाद करता हूं। बुज़ुर्गों का सम्मान करना हमारी संस्कृती है."
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