Lucknow: मशहूर उद्योगपति और सहारा ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय सहारा का 75 वर्ष में निधन हो गया है। सुब्रत रॉय असाधारण प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने फर्श से अर्स तक सफर तय किया था। सुब्रत राय सहारा कभी वह गोरखपुर में खटारा स्कूटर से चलते थे। 30 साल की उम्र में ही सुब्रत रॉय ने सहारा इंडिया नाम से कंपनी का गठन किया था। वह सहारा इण्डिया परिवार के संस्थापक, प्रबंध निदेशक व अध्यक्ष थे। अपने 40 साल के कारोबारी सफर में उन्होंने 4500 कंपनियों की स्थापना की।


गोरखपुर से शुरू किया व्यवसाय
सुब्रत राय सहारा का जन्म 10 जून 1948 को बिहार के अररिया जिले में सुधीर चन्द्र रॉय और छबि रॉय के घर में हुआ था. पश्चिम बंगाल उनका मूल निवास है। उन्होंने कोलकाता के होली चाइल्ड स्कूल में प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद राजकीय तकनीकी संस्थान गोरखपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया. उन्होने 1978 में गोरखपुर से अपना व्यवसाय प्रारंभ किया.

3 साल जेल में रहना पड़ा


बता दें कि सबसे पहले चिटफंड क्षेत्र में उतरे सुब्रत राय ने बाद में मीडिया, फिल्म, खेल, टीवी और आखिरकार रियल एस्टेट से लेकर हेल्थ सेक्टर तक में हाथ आजमाएं और खूब तरक्की की। बिल क्लिंटन से लेकर भारत और पाकिस्तान की क्रिकेट टीम और फिल्मी सितारों से लेकर देश के टॉप कॉरपोरेट तक से सुब्रत रॉय की बेहद नजदीकी थी। सुब्रत राय अपने जीवन के अंतिम सालों में संकट से घिरे नजर आए. सेबी और सुप्रीम कोर्ट के सख्त रवैये के चलते न केवल उनको जेल की हवा खानी पड़ी बल्कि उनकी ताकत भी बहुत कम हो गई। सुब्रत राय को 3 साल तक जेल में रहना पड़ा।

कभी भारत के 10 सर्वशक्ति संपन्न लोगों में शामिल थे


इण्डिया टुडे ने उनका नाम भारत के दस सर्वाधिक शक्ति संपन्न लोगों में शामिल किया था। सन् 1978 में सहारा इण्डिया परिवार की स्थापना की। सन् 2004 में टाइम पत्रिका ने सहारा समूह को भारतीय रेल के बाद दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता बताया था। सुब्रत रॉय पुणे वॉरियर्स इंडिया, ग्रॉसवेनर हाउस, एमबी वैली सिटी, प्लाजा होटल, ड्रीम डाउनटाउन होटल के मालिक थे।

1978 में सहारा इंडिया परिवार की स्थापना


सुब्रत रॉय ने 1978 में गोरखपुर में सहारा इंडिया परिवार की स्थापना की। कंपनी के वह प्रबंध कार्यकर्ता (प्रबंध निदेशक) और चेयरमैन थे. यह भारत की एक बहु-व्यापारिक कंपनी है, जिसका दायरा वित्तीय सेवाओं, गृह निर्माण, वित्त (हाउसिंग फाइनेंस), म्युचुअल फंडों, जीवन बीमा, नगर-विकास, रीयल-इस्टेट, अखबार एवं टेलीविजन, फिल्म-निर्माण, खेल, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, पर्यटन, उपभोक्ता सामग्री सहित अनेक क्षेत्रों में फैला हुआ है।

35000 करोड़ निवेशकों को न लौटाने पर गए जेल


समाजवादी पार्टी की सरकार उत्तर प्रदेश में जब-जब बनी सुब्रत राय अपने चरम पर रहे. 2014 के दौरान समाजवादी पार्टी की ही सरकार के समय सेबी की शिकायत पर सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों का पैसा ना लौटाने के मामले में सुब्रत राय को जेल भेज दिया था और वह करीब 3 साल तक जेल में रहे। इस दौरान उनका जलवा बहुत कम हुआ. कभी अमिताभ बच्चन, अमर सिंह से के बेहद करीब रहे सहाराश्री से लोगों ने दूरी बना ली. लगातार सुप्रीम कोर्ट उन पर दबाव बना रहा था. उन पर करीब 35000 करोड़ की देनदारियां बन रही थी. इसको लेकर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि अगर उनके पास 4500 कंपनियों का स्वामित्व है तो 35000 करोड़ रुपए उनके लिए कुछ भी नहीं है. इन्हीं दबावों के बीच सुब्रत राय का निधन हो गया।