यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को पश्चिम त्रिपुरा के बराकथल में सिद्धेश्वरी मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए. इस दौरान सीएम योगी ने विशाल जनसभा को संबोधित भी किया. इस दौरान सीएम योगी ने कांग्रेस के साथ ही पाकिस्तान पर भी निशाना साधा.
केवल मुरली से काम नहीं चलेगा, सुदर्शन चक्र भी जरूरी- सीएम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'जब भगवान श्रीकृष्ण की स्मृति हमारे सामने आती है तो भगवान श्रीकृष्ण के एक हाथ में मुरली है तो दूसरे हाथ में सुदर्शन भी तो है. केवल मुरली से काम नहीं चलेगा बल्कि सुरक्षा के लिए सुदर्शन भी आवश्यक है.' उन्होंने कहा 'सुदर्शन जब आपके सामने होगा तो फिर किसी श्री श्री शांतिकाली महाराज को अपना बलिदान नहीं देना होगा.'
'पाकिस्तान जब तक धरती पर है ये मानवता के लिए कैंसर'
सीएम योगी ने आगे कहा कि '1947 से पहले वो कौन लोग थे जो भारत के विभाजन का पक्षधर बनकर मुस्लिम लीग की मंशा और कांग्रेस की सत्ता लोलुपता के चक्कर में पड़कर भारत के दुर्भाग्यपूर्ण विभाजन के लिए जिम्मेदार बने. ऐसे लोगों के बारे में सही जानकारी देने की आवश्यकता है. अगर उस समय का कांग्रेस नेतृत्व और जोगिंदर नाथ मंडल मिलकर मुस्लिम लीग की मंशा पर पानी फेर देते तो कभी भी ये पाकिस्तान जैसा नासूर नहीं बनता.' योगी ने आगे कहा कि 'पाकिस्तान एक नासूर है जब तक इसका ऑपरेशन नहीं होगा तब तक इस कैंसर की समस्या का समाधान नहीं होने वाला है. आज पाक अधिकृत कश्मीर में पाकिस्तान से अलग होकर भारत में मिलने की मांग शुरू हो गई है. बलूचिस्तान में पाकिस्तान से अलग होने की मांग खड़ी हो गई है. पाकिस्तान जब तक इस धरती पर है ये मानवता के लिए कैंसर बना रहेगा. इसका इलाज समय रहते दुनिया की ताकतों को मिलकर करना होगा और सबसे ज्यादा सतर्क भारत के लोगों को रहना होगा.'
ग्रेटर नोएडा में चोरों ने पुलिस को ओपन चैलेंज दे रखा है। आए दिन हो रही वारदातों से जहां लोग सहम गए हैं, तो वहीं एक हफ्ते में लगातार 8 घरों में चोरी के बाद भी पुलिस के हाथ खाली है। ताजा मामला सूरजपुर थाना क्षेत्र के सेक्टर गामा 2 के आशियाना ओरचिड सोसायटी का है। जहां चोरों ने वारदात को ऐसे अंजाम दिया जैसे किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा। चोरों ने वारदात को अंजाम देने से पहले ऊपरी मंजिल और निचली मंजिल स्थित फ्लैट्स के बाहर से ताले लगा दिए, जिससे कोई बाहर न आ सके। इसके बाद उन्होंने आराम से चोरी की घटना को अंजाम दिया और फरार हो गए।
कैसे दिया वारदात को अंजाम
सूरजपुर थाना क्षेत्र के सेक्टर गामा 2 के आशियाना ओरचिड सोसायटी के एक टावर के फ्लैट में उर्वशी अपने परिवार के साथ रहती हैं। उर्वशी इस समय किसी काम की वजह से अपने परिवार के साथ बाहर गई हुई हैं। इसी दौरान इस वारदात को अंजाम दिया गया। उर्वशी एक हफ्ते के लिए बाहर गई हुई हैं और उनका कहना है कि चोरों ने रेकी करने के बाद इस घटना को अंजाम दिया है। वारदात को अंजाम देने से पहले चोरों ने चौथी मंजिल और दूसरी मंजिल पर स्थित सभी फ्लैट को बाहर से बंद कर दिया था। उनके फ्लैट तीसरी मंजिल पर स्थित है। चोरों ने बड़े आराम से वारदात को अंजाम दिया। हर एक अलमारी और स्थान को तसल्ली से ढूंढा और कीमती सामान को लेकर फरार हो गए। उनके घर में करीब 20 लाख रुपए के गहने और अन्य कीमती सामान थे, जो सभी गायब हैं।
पुलिस के संज्ञान में ही नहीं है मामला
उर्वशी इस समय अहमदाबाद में हैं और सोसाइटी के निवासियों ने उन्हें मदद करने का आश्वासन दिया है। वहीं, पुलिस का कहना है कि इस मामले में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है और ऐसा कोई मामला उनके संज्ञान में नहीं आया है। यदि शिकायत मिलती है तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
आए दिन लोगों के साथ कोई ना कोई हादसा होता रहता है. इन हादसों में कभी लोगों की जान बच जाती है. तो कभी लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है. कई बार ऐसे हादसे लोगों की लापरवाही के कारण भी पेश आते हैं. ऐसा ही एक हादसा सोमवार को नोएडा में हो गया.
चलती कार बनी आग का गोला
दरअसल सेक्टर 20 थाना क्षेत्र के फ़िल्म सिटी में एक चलती कार में अचानक से आग लग गई. आग लगने से आस पास के लोगों में हड़कंप मच गया. घटना की सूचना पर पहुंची दमकल विभाग की टीम ने आग पर काबू पाया. वहीं मिली जानकारी के अनुसार आग लगने से किसी के हताहत होने की खबर नहीं मिली है. फिलहाल आग लगने के कारणों की जांच पड़ताल की जा रही है.
ग्रेटर नोएडा में लिफ्ट फंसने के मामले आए दिन बढ़ते जा रहे हैं। बिल्डरों की हीला-हवाली का नुकसान सोसाइटियों में रहने वालों को उठाना पड़ रहा है। ग्रेटर नोएडा के बीटा टू थाना क्षेत्र के अल्फा वन के कॉमर्शियल बेल्ट के नीलकंठ प्लाजा में लिफ्ट फंस गई। जानकारी के अनुसार कई लोग लगभग 10 मिनट तक लिफ्ट के अंदर फंसे रहे।
10 मिनट तक लिफ्ट में फंसे रहे लोग
ग्रेटर नोएडा के नीलकंठ प्लाजा में एक बार फिर लिफ्ट फंस गई। इस दौरान लिफ्ट में कई लोग करीब दस मिनट तक फंसे रहे। लिफ्ट फंसने की जानकारी मिलते ही हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंचे आस-पास के लोगों की मदद से लिफ्ट में फंसे लोगों को बाहर निकाला गया। जिसके बाद लिफ्ट से बाहर आकर लोगों ने राहत की सांस ली। बता दें कि ग्रेटर नोएडा में लिफ्ट फंसने की ये दूसरी घटना है।
देश में डिजिटलीकरण इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि अब चोर भी हाइटेक हो गए हैं. चोर पहले लोगों को चूना लगते थे और कुछ लाख की रकम ही चोरी कर पाते थे. वहीं तकनीकों के अभाव में कहां पहले चोर वैन, गाड़ी या मोटरसाइकिल से आते थे, लोगों और कर्मचारियों को बंदूक की नोक पर चोरी करते थे और चलते बनते थे. किसी ने अगर इस दौरान हौसला दिखाया तो या तो वो शख्स अपनी जान से हाथ धो बैठता था या फिर दबोच लिया जाता है लेकिन आज के जमाने के चोरों ने हाईटेक तरीके से चोरी करने का पैंतरा खोज लिया है. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि ये कारनामा अभी एक बैंक में हुआ फिर और बैंकों में होगा.
कैसे हुआ घटना का खुलासा
दरअसल जालसाजों ने नोएडा के सेक्टर 62 स्थित नैनीताल बैंक के सर्वर में छेड़छाड़ की और आरटीजीएस (रियल टाइम ग्रास सेटलमेंट सिस्टम) को हैक कर लिया. इसके बाद बदमाशों ने कई बार में अलग-अलग खातों में करीब 16 करोड़ एक लाख 3 हजार रुपये अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए. यह खुलासा बैंक की बैलेंस सीट के मिलान के दौरान हुआ. इसके बाद बैंक के आईटी मैनेजर सुमित श्रीवास्तव ने नोएडा के साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कराया है. इसके अलावा बैंक की ओर मामले की जांच के लिए सर्ट-इन (इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम) से भी आग्रह किया है. आईटी मैनेजर सुमित कुमार श्रीवास्तव ने नोएडा पुलिस को दिए शिकायत में बताया कि पिछले महीने 17 जून को आरटीजीएस खातों के बैलेंस सीट का मिलान किया गया. इस दौरान पाया गया कि मूल रिकार्ड में 36 करोड़ 9 लाख 4 हजार 20 रुपये का अंतर है.
सर्वर में छेड़छाड़ कर 84 बार हुआ संदिग्ध लेनदेन
मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच कराई गई. इसमें बैंक के सर्वर में कुछ संदिग्ध गतिविधियां चिन्हित की गई. शुरूआती जांच में शक हुआ कि सिस्टम लाइन में गड़बड़ी की वजह से रकम का मिलान नहीं हो पा रहा, लेकिन 20 जून को आरबीआई प्रणाली को रिव्यू किया गया तो पता चला कि 84 बार संदिग्ध लेनदेन हुई है. आईटी मैनेजर के मुताबिक यह सारी लेनदेन 17 से 21 जून के बीच हुई हैं. आरटीजीएस सेटलमेंट के जरिए रुपये खाते से निकाले गए हैं.
कई बैंकों के अलग-अलग खातों में ट्रांसफर हुई रकम
यह राशि कई बैंकों के अलग अलग खातों में ट्रांसफर हुई हैं. इस खुलासे के बाद उन सभी बैंक खातों को फ्रीज कराते हुए खाता धारकों को केवाईसी कराने को कहा गया है. इस प्रक्रिया के तहत बैंक ने 69 करोड़ 49 हजार 960 रुपये तो रिकवर कर लिए हैं, लेकिन अभी 16 करोड़ 1 लाख 83 हजार 261 रुपये की ठगी की रकम रिकवर नहीं हो सकी है. नोएडा साइबर क्राइम विंग के एसीपी विवेक रंजन राय के मुताबिक बैंक प्रबंधन की शिकायत पर अज्ञात जालसाजों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. पुलिस जालसाजों के कंप्यूटर का आईपी एड्रेस ट्रेस कर बदमाशों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. पुलिस को बदमाशों के कुछ डंप मिले हैं. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने मंगलवार को गांव सुनपुरा में अतिक्रमण के खिलाफ फिर से बुल्डोजर चलाया। इस दौरान प्राधिकरण ने लगभग 62000 वर्ग मीटर जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया है। जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 124 करोड़ रुपये है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने अधिसूचित एरिया में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। जिसपर परियोजना विभाग अतिक्रमण के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहा है।
टीम की मौजूदगी में 3 घंटे चली कार्रवाई
वर्क सर्किल दो की टीम ने सुनपुरा की खसरा संख्या-413, 419, 421, 430, 432, 433, 434, 437, 439, 444 और 455 की 62 हजार वर्ग मीटर जमीन पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की। औसत दर 20 हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से इस जमीन की कीमत लगभग 124 करोड रुपए आंकी गई है। कॉलोनाइजर इस जमीन पर अवैध कॉलोनी काटने की कोशिश कर रहे थे। प्राधिकरण के परियोजना विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक राजेश कुमार के नेतृत्व में मंगलवार सुबह वर्क सर्किल दो के प्रबंधक स्वतंत्र वर्मा व राजकुमार और सहायक प्रबंधक राजीव कुमार ने फील्ड स्टाफ, क्षेत्रीय थाना पुलिस, पीएसी, प्राधिकरण की पुलिस और सुरक्षा कर्मियों की मौजूदगी में यह कार्रवाई की गई। कार्रवाई लगभग 3 घंटे चली। छह जेसीबी और दो डंपर भी लगाए गए थे। परियोजना विभाग के महाप्रबंधक व ओएसडी हिमांशु वर्मा ने चेतावनी दी है कि प्राधिकरण की अधिसूचित एरिया में जमीन कब्जाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने परियोजना विभाग के सभी वर्क सर्किल प्रभारियों को अपने एरिया में जमीन पर अतिक्रमण रोकने के लिए कड़ी नजर रखने और अतिक्रमण की सूचना मिलते ही कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
अधिसूचित एरिया में अवैध निर्माण की इजाजत नहीं- एसीईओ
प्राधिकरण की एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग ने कहा है कि अवैध रूप से जमीन कब्जा कर काटी जा रही कॉलोनी में अपनी गाढ़ी कमाई न फंसाएं। अगर किसी कॉलोनाइजर से अवैध कॉलोनी में प्लॉट खरीदा है तो रजिस्ट्री का प्रपत्र लेकर पुलिस से शिकायत करें। साथ ही इसकी एक कॉपी प्राधिकरण को भी उपलब्ध कराएं, ताकि ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा है कि ग्रेटर नोएडा के अधिसूचित एरिया में किसी भी व्यक्ति को अवैध निर्माण करने की इजाजत नहीं है। ग्रेटर नोएडा में कहीं भी जमीन खरीदने से पहले प्राधिकरण से संपर्क कर पूरी जानकारी जरूर प्राप्त कर लें।
लेबनान की राजधानी बेरूत में इजरायली वायु सेना ने शुक्रवार शाम को बड़े पैमाने पर हवाई हमला किया था. सेना ने कहा कि हिज़्बुल्लाह के मुख्यालय पर 'ऑपरेशन न्यू ऑर्डर' के तहत हमला किया गया था. वहीं इस हमले में हिज़्बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह को निशाना बनाया गया था, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि वो उस समय कमांड सेंटर में ही था. इजरायल का दावा है कि हमले में हिज्बुल्लाह चीफ मारा गया है. हालांकि इसको लेकर अब तक हिज्बुल्लाह की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.
हवाई हमले में 80 से ज्यादा बम गिराए गए
वहीं इजरायली मीडिया के अनुसार हिज्बुल्लाह के मुख्यालय पर 80 से ज़्यादा बम गिराए गए थे. जिनमें से हर बम पर औसतन एक टन विस्फोटक था. इसके अलावा बंकरों को भेदने वाले बमों का भी इस्तेमाल किया गया. इसी भीषण हमले में नसरल्लाह की मौत हो गई है. एक इजरायली अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है कि हमलों में हिज़्बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह को निशाना बनाया गया था. वहीं हसन नसरल्लाह की बेटी ज़ैनब नसरल्लाह के मारे जाने का भी दावा किया जा रहा है. इस हमले के बाद इलाके में धुएं के गुबार छा गया. आसमान में सिर्फ धुआं ही धुआं दिखाई दे रहा था. सड़कें मलबे से भर गईं थीं. हमले में करीब 6 इमारतें ध्वस्त हो गईं.
हमले से पहले इजरायल की सेना ने लोगों को ये निर्देश दिए थे
एक अधिकारी का कहना है कि "इस तरह के भीषण हवाई हमले के बाद हिज्बुल्लाह चीफ के ज़िंदा बचने की कल्पना भी नहीं की जा सकती मुश्किल है. कई मीडिया रिपोर्टों में भी हमले में नसरल्लाह की मौत होने की बात कही गई है. लेबनानी सशस्त्र समूह के एक करीबी सूत्र ने एक न्यूज एजेंसी को बताया है कि शुक्रवार शाम को इजरायल के हमलों के बाद हिज्बुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह से संपर्क नहीं हो सका है. वहीं इजरायली एयर स्ट्राइक के बाद बेरूत के घनी आबादी वाले दक्षिणी उपनगरों में हज़ारों लोग जान बचाकर भागने को मजबूर हैं. हमले की रात हजारों लोगों ने सड़कों, सार्वजनिक चौकों और अस्थायी आश्रयों में रात भर डेरा डाले रखा. इन सभी लोगों को इजरायल ने हिज़्बुल्लाह के गढ़ पर हमला करने से पहले बाहर निकलने का आदेश दिया था.
लोकसभा चुनाव खत्म हो गए हैं। पीएम ने पद और गोपनीयता की शपथ भी ले ली है। तो वहीं विपक्षी गठबंधन अभी तक इस बात के पचा नहीं पा रहा है कि एक बार फिर पीएम नरेंद्र मोदी सत्ता पर काबिज हो गए हैं। जिसके बाद अब इंडिया ब्लॉक अभी से आगे की रणनीति बनाने में लग गया है खासतौर पर बीजेपी का सूफड़ा साफ करने की रणनीति। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठबंधन ने सीटों के लिहाज से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में दम दिखाया। सपा कांग्रेस गठबंधन को सूबे की 80 में से 43 सीटों पर जीत मिली और पिछले चुनाव में 62 सीटें जीतने वाली भारतीय जनता पार्टी महज 33 सीटें ही जीत सकी। जबकि बीजेपी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की बात करें तो उसे कुल 36 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। वहीं अब इंडिया ब्लॉक को और मजबूत करने के लिए कांग्रेस की नजर मायावती की अगुवाई वाली बसपा को साथ लाने पर टिकी हुई हैं। जिसको लेकर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने बसपा को विपक्षी गठबंधन में आने का न्योता दिया है।
"बसपा अगर साथ होती तो नतीजे कुछ और होते"
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा है कि अगर बसपा प्रमुख मायावती महागठबंधन के साथ रही होतीं तो यूपी का रिजल्ट कुछ और होता। उन्होंने दावा किया कि बसपा साथ होती तो इंडिया ब्लॉक 80 की 80 सीटें जीत लेता। प्रमोद तिवारी ने कहा कि महागठबंधन ने अपनी ओर से बहुत कोशिश की थी कि मायावती की पार्टी भी साथ आ जाए लेकिन मायावती ने अकेले ही चुनाव लड़ने का निर्णय लिया था। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि हम हाथ पर गिन कर बता सकते हैं कि बसपा अगर हमारे साथ होती तो 16 सीटों पर नतीजे बदल जाते। जिन सीटों पर हम हारे हैं, उन सीटों पर बसपा के उम्मीदवार इतना वोट पा गए जितने मिल जाने पर हम जीत सकते थे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने आगे कहा कि मायावती को हमारी यही सलाह है कि अगर बीजेपी को हराना चाहती हैं तो महागठबंधन के साथ आ जाएं। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव से पहले भी कांग्रेस के नेता लगातार यह कहते रहे कि हमारे दरवाजे बसपा के लिए अंतिम समय तक खुले रहेंगे, लेकिन मायावती ने एकला चलो का नारा दे दिया था।
बसपा के अस्तित्व पर उठ रहे सवाल
मायावती ने चुनाव से पहले दो टूक कह दिया था कि हम अकेले चुनाव लड़ेंगे, बसपा किसी भी गठबंधन में शामिल नहीं होगी। बसपा ने अकेले चुनाव लड़ा भी। अब चुनाव संपन्न होने के बाद कांग्रेस को बसपा के गठबंधन में आने की आस है तो यह भी आधारहीन नहीं है। तब से अब तक परिस्थितियां बहुत बदल चुकी हैं। लोकसभा चुनाव में 10 सांसदों के साथ बीजेपी के बाद यूपी में दूसरे नंबर की पार्टी के रूप में उतरी बसपा इस बार खाली हाथ रह गई है। उसका वोट शेयर भी इस बार कांग्रेस से भी कम रहा है। यूपी विधानसभा में पहले से ही एक सीट है। अब लोकसभा में सूपड़ा साफ होने के बाद बसपा के अस्तित्व पर सवाल उठने लगे हैं। लोकसभा चुनाव 2014 में भी बसपा शून्य पर सिमट गई थी। तब भी पार्टी एक भी सीट नहीं जीत सकी थी। 2019 के चुनाव में बसपा और सपा साथ आए। बसपा गठबंधन में 10 सीटें जीत गई और सपा पांच की पांच पर ही रह गई। चुनाव नतीजों के ऐलान के बाद मायावती ने यह कहते हुए गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया था कि सपा के वोट बसपा को ट्रांसफर नहीं हुए। बसपा 10 साल बाद फिर से उसी तरह की सिचुएशन में है।
कांग्रेस क्यों चाहती है बसपा का साथ?
जहां एक ओर कांग्रेस की ओर से बसपा को गठबंधन का न्योता दे दिया गया है। तो सबकी नजरें इस पर भी टिकी हुईं है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव का रुख इस पर क्या होने वाला है। इसके साथ ही एक सबसे बड़ा सवाल ये है कि विपक्षी गठबंधन 43 सीटें जीतकर सबसे बड़ा गठबंधन बनकर उभरा है। फिर कांग्रेस क्यों चाहती है कि बसपा भी उसके साथ आ जाए? दरअसल, इसका जवाब हाल ही में आए लोकसभा चुनाव के नतीजों में छिपा है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने एक सीट पर एक उम्मीदवार का फॉर्मूला दिया था। यूपी में बसपा के गठबंधन से दूर रहने की वजह से यह फॉर्मूला लागू नहीं हो पाया फिर भी इंडिया ब्लॉक 43 सीटें जीतने में सफल रहा। एनडीए उतनी सीटें भी नहीं जीत सका जितनी अकेले सपा ने जीती हैं। अब कांग्रेस नेताओं को शायद ये लग रहा है कि सपा के साथ अगर बसपा भी इंडिया ब्लॉक में आ जाए तो सूबे में बीजेपी को और कम सीटों पर रोका जा सकता है।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व धाकड़ ऑलराउंडर यूसुफ पठान ने राजनीति की पिच पर भी गर्दा उड़ा दिया है। टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान ने राजनीति के मैदान में भी बाजी मार ली है। पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान ने पश्चिम बंगाल की बहरामपुर लोकसभा सीट पर अपनी जीत का परचम फहराया है। यूसुफ पठान इस लोकसभा चुनाव में टीएमएसी के टिकट पर मैदान में थे। यूसुफ ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी अधीर रंजन चौधरी को 85022 मतों से करारी हार दी है। कांग्रेस के उम्मीदवार अधीर रंजन साल 1999 से लगातार पांच बार इस सीट पर जीत दर्ज कर चुके थे। यूसुफ पठान को 524516, जबकि अधीर रंजन चौधरी को 439494 वोट हासिल हुए। आपको बता दें कि 41 साल के यूसुफ पठान पहली बार चुनाव लड़ रहे थे। यूसुफ पठान ने फरवरी 2021 में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से रिटायमेंट ले लिया था। पठान टी20 वर्ल्ड कप (2007) और 2011 में 50 ओवर वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रह चुके हैं।
'ये सिर्फ मेरी जीत नहीं बल्कि सभी कार्यकर्ताओं की जीत'
यूसुफ पठान ने जीत के बाद कहा कि 'मैं आप सभी को बधाई देता हूं, जो मेरे साथ रहे हैं। मैं खुश हूं। यह सिर्फ मेरी जीत नहीं है, बल्कि सभी कार्यकर्ताओं की जीत है। रिकॉर्ड टूटने के लिए ही बनते हैं। मैं अधीर रंजन जी का सम्मान करता हूं और मैं ऐसा करना जारी रखूंगा। मैं सबसे पहले एक स्पोर्ट्स अकादमी बनाऊंगा ताकि युवा अपना करियर बना सकें। मैं उद्योगों के लिए भी काम करूंगा। मैं यहां रहूंगा और लोगों के लिए काम करूंगा। मैं गुजरात में भी रहूंगा क्योंकि मेरा परिवार वहीं है। बहरामपुर में मुझे एक नया परिवार मिला है। मैंने दीदी (ममता बनर्जी) से बात की वो खुश हैं।' वहीं यूसुफ की इस बड़ी जीत पर उनके भाई इरफान पठान के खुशी का ठिकाना नहीं रहा है। इरफान ने अपने भाई के लिए सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरे शेयर कर उन्हें चुनावी खेल में जीत की बधाई दी।
पांच बार जीत चुके अधीर रंजन को मिली मात
अधीर रंजन चौधरी ने पिछले लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के अपूर्वा सरकार को 80,696 मतों के अंतर से हराया था। 2014 में चौधरी ने टीएमसी के इंद्रनील सेन को 1,56,567 मतों के बड़े अंतर से हराया था। जबकि 2009 के आम चुनाव में अधीर रंजन चौधरी ने रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (RSP) के प्रमोद मुखर्जी को हराकर सीट जीती थी। कुल मिलाकर चौधरी इस सीट पर लगातार पांच बार चुनाव जीत चुके हैं। पहली बार उन्होंने 1999 में चुनाव लड़ा था।
नोएडा से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई है. जहां भूजल दोहन करने के मामले में अथॉरिटी ने बड़ा एक्शन लिया है. अथॉरिटी ने 6 आवंटियों के खिलाफ थाना नॉलेज पार्क में केस दर्ज कराया है. साथ ही दो अन्य परियोजना पर 5-5 लाख का जुर्माना लगाया है जिसने लखनऊ तक खलबली मचा दी है, ऐसा बताया जा रहा है कि प्राधिकरण को शिकायत मिली थी कि सेक्टर-153,154 और 156 में आवंटित भूखंड के मालिकों की ओर से पंप लगाकर यहां डी वाटरिंग की जा रही है, जिसके चलते ये बड़ा एक्शन हुआ है.
इन कंपनियों पर दर्ज हुआ मुकदमा
बता दें आवंटित भूखंड के मालिकों के लिए एक नियम है जिसके तहत कंस्ट्रक्शन और कंपनी के काम के लिए एसटीपी से शोधित पानी का प्रयोग करना होता है. ये पानी 5 रुपए प्रति हजार लीटर के हिसाब से मिलता है. आवंटी एसटीपी के पानी का प्रयोग नहीं करके बोर का पानी यूज कर रहे थे. शिकायत मिलने पर प्राधिकरण की टीम ने मौका मुआयना किया और शिकायत सही मिलने पर तीनों की सेक्टर में आवंटित यूनीएक्सल डेवपलपर्स प्राइवेट लिमिटेड , मॉनट्री एटायर प्राइवेट लिमिटेड , जेम वीजन टेक प्राइवेट, किंग पेसइंफोरमेशन प्राइवेट लिमिटेड, वेक्सटेक कंडोमिनम प्राइवेट लिमिटेड, मदरसन सुमी इंफोटेक डिजाइन लिमिटेड के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया.
दो कंपनियों पर लगा 5-5 लाख का जुर्माना
साथ ही प्राधिकरण स्टॉफ की ओर से यहां समय-समय पर चेकिंग अभियान चलाए जाने के लिए निर्देशित किया गया। वहीं प्रोजेक्ट इंजीनियर भू गर्भ जल विभाग की ओर से मिली शिकायत के बाद सेक्टर-153 स्थित ऐस ग्रुप प्लाट नंबर-107 और सेक्टर-154 स्थित प्लाट नंबर 2/7 यूपीएक्सल एसडी प्री कास्ट इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड पर 5-5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। प्राधिकरण सीईओ लोकेश एम ने स्पष्ट कहा कि भूजल दोहन नहीं होना चाहिए। बता दे नोएडा और अन्य स्थानों पर तेजी से वाटर लेवल गिर रहा है। रिचार्ज की तुलना में ज्यादा दोहन हो रहा है। ऐसे में निगारनी बढ़ानी होगी।
पैसे बचाने के तरीके: चाहकर भी नहीं कर पाते हैं धन की बचत, तो ये टिप्स आपके काम की हैं
December 17, 2022