भारत में प्रतिबंधित ई-सिगरेट की तस्करी करने वाले गिरोह का नोएडा पुलिस ने भंडाफोड़ कर दिया है। नोएडा की सेक्टर 39 थाना पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी चीन से आने वाली इन ई-सिगरेटों को नेपाल के रास्ते भारत में लाते थे और इसके बाद इन सिगरेटों को बार, क्लब व युवाओं तक पहुंचाया जाता था।
मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने की कार्रवाई
नोएडा जोन के डीसीपी विद्यासागर मिश्रा ने बताया कि थाना सेक्टर-39 पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि प्रतिबंधित ई-सिगरेट की एक खेप थाना क्षेत्र से होते हुए दिल्ली जाने वाली है। सूचना के आधार पर पुलिस ने सदरपुर के पास जाल बिछाकर चेकिंग शुरू कर दी। चेकिंग के दौरान पुलिस ने एक स्विफ्ट कार को जांच के लिए रुकवाया। पुलिस को देखकर कार सवार दोनों युवकों ने भागने का प्रयास किया। लेकिन पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। कार की तलाशी लेने पर उसमें से भारी मात्रा में चीन की बनी हुई ई-सिगरेट बरामद हुई। पकड़े गए आरोपियों ने अपने नाम अहमद रफी व तस्लीम निवासी खटीमा उत्तराखंड बताया।
960 ब्रांडेड चाइनीज सिगरेट की कीमत करीब 50 लाख रूपये
डीसीपी ने जानकारी देते हुए बताया ’कि पकड़े गए दोनों आरोपियों के पास से 960 ब्रांडेड चाइनीज सिगरेट बरामद की गई जिसकी कीमत करीब 50 लाख रुपए के आसपास है। जिसमें से एक ही सिगरेट की कीमत 4000 रूपये से लेकर 8000 रूपये तक है। साथ ही आरोपियों के पास से पुलिस ने घटना में प्रयुक्त स्विफ्ट कार और अवैध गांजा भी बरामद किया है।
Greater Noida: नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लंबे समय से चल रहे रजिस्ट्री के मुद्दे पर आखिरकार बायर्स को बड़ी राहत मिली है. सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कैंप की शुरूआत करते हुए 1 मार्च शुक्रवार को सेक्टर-77 के एक्सप्रेस जेनिथ सोसाइटी में रहने वाले 50 बायर्स को रजिस्ट्री की फाइल सौंप दी गई है. जिसके बाद उनके चेहरे खुशी से खिल उठे यौर सभी ने सीएम योगी को धन्यवाद अदा किया.
जानें पूरा मामला
दरअसल, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में पिछले काफी लंबे समय से बायर्स रजिस्ट्री का मुद्दा उठा रहे थे. उनका आरोप था कि काफी वक्त बीत गया है, लेकिन अब तक हमें हमारी रजिस्ट्री की फाइल नहीं मिली है. वहीं, इस मामले पर हाल ही में डीएम ने बैठक भी की थी. लेकिन जब इस समस्या का समाधान नोएडा अथॉरिटी नहीं निकाल पाई तो सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसका रुख किया और कैंप लगाकर बायर्स को रजिस्ट्री फाइन देने के निर्देश जारी किए.
रजिस्ट्री कैंप की शुरूआत
इसी कड़ी में शुक्रवार को सेक्टर 77 के एक्सप्रेस जेनिथ सोसाइटी से रजिस्ट्री कैंप की शुरूआत की गई. इस दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर आईआईडीसी मनोज कुमार सिंह मौजूद रहे, जिन्होंने एक्सप्रेस जेनिथ सोसाइटी में रहने वाले 50 बायर्स को रजिस्ट्री की फाइल सौंपी. रजिस्ट्री की फाइल मिलते ही बायर्स में खुशी की लहर दौड़ पड़ी और उन्होंने सीएम योगी को धन्यवाद अदा किया.
भारत जैसे- जैसे अपने दुश्मनों को धूल चटा रहा है। वैसे ही दुश्मन भी हर समय भारत की ओर नजरें गड़ाए बैठे हैं और अपनी नापाक साजिशों को अंजाम देने का मौका ढूंढ रहे हैं वहीं दूसरे ओर भारत ने रक्षा के क्षेत्र में एक और कीर्तिमान खड़ा कर दिया है। जी हां भारत ने अग्नि 5 मिसाइल का अब से कुछ देर पहले परीक्षण मिशन दिव्यास्त्र के तहत मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक से किया जा चुका है। इस बात की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट के जरिए दी है। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिशन दिव्यास्त्र के लिए DRDO को बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, मिशन दिव्यास्त्र के लिए हमारे डीआरडीओ वैज्ञानिकों पर गर्व है। 2022 में भी भारत की सबसे ताकतवर मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था। तब इसने टारगेट को 5500 किलोमीटर दूर जाकर ध्वस्त कर दिया था। आपको बता दें कि इसका परीक्षण भारत के ओडिशा में एपीजे अब्दुल कमाल द्वीप पर किया गया और इसीलिए इस द्वीप के करीब 3500 किलोमीटर एरिया को नो फ्लाइंग जोन घोषित कर दिया गया है। साथ ही भारत 11 मार्च से लेकर 16 मार्च तक कभी भी अग्नि सीरीज की लंबी दूरी की मिसाइल और के 4 मिसाइलों का परीक्षण कर सकता है। उन्हीं में से एक है अग्नि 5 मिसाइल ।
कई विशेषताओं से लैस है अग्नि 5 मिसाइल
आपको बता दें कि एमआईआरवी टेक्नोलॉजी के तहत किसी मिसाइल में एक ही बार में कई परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता होती है और इन हथियारों से अलग-अलग लक्ष्यों को भेदा जा सकता है। इसकी एक अन्य विशेषता यह है कि इसे सड़क के रास्ते कहीं भी ले जाया जा सकता है। इससे पहले की अग्नि मिसाइलों में यह सुविधा नहीं थी। मिशन दिव्यास्त्र के परीक्षण के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है,जिनके पास एमआईआरवी क्षमता है। जो कि यह तय करता है कि एक ही मिसाइल विभिन्न जगहों पर कई आयुध तैनात कर सके। यह हथियार प्रणाली स्वदेशी एवियोनिक्स सिस्टम और सटीकता वाले सेंसर पैकेज से लैस है। अग्नि 5 मिसाइल पलक झपकते ही दुश्मन के लिए काल बन सकती हैं। सूत्रों की मानें तो इस प्रोजेक्ट की डायरेक्टर एक महिला हैं।
चीन बंगाल की खाड़ी से कर रहा जासूसी
चीन ने इन मिसाइलों की जासूसी के लिए बंगाल की खाड़ी में अपना जासूसी जहाज शियांग यांग होंग 01 को भेज दिया है, जो बंगाल की खाड़ी और अंडमान निकोबार द्वीप समूह के बीच में खड़ा है तो उसका दूसरा जासूसी जहाज शियांग यांग होंग 03 पहले से ही हिंद महासागर में मालदीव्स के माले के पास खड़ा है। ये दोनों ही जासूसी जहाज अपनी जगह से कम से कम 750 किलोमीटर दूर तक की हरकतों पर नजर रखने में सक्षम हैं। चीन इन जासूसी जहाजों की मदद से हमारी ताकतवर मिसाइलों की जानकारी हासिल करने की साजिश रच रहा है। इन जासूसी जहाजों को चीन ने साल 2008 में लॉन्च किया था, जिन्हें वो अपना रिसर्च शिप कहता है। इनमें करीब 400 क्रू मेंबर्स हैं। इन जहाजों में ऐसे शक्तिशाली रडार और एंटीना लगे होते हैं, जिनसे वो किसी भी रॉकेट और मिसाइल को ट्रैक कर सकता है।
9 जून का दिन देश के लिए काफी अहम होने वाला है। जहां एक ओर 9 जून को पीएम मोदी का शपथ ग्रहण है तो वहीं इसी दिन भारत-पाक के बीच टी20 वर्ल्ड कप 2024 के 19वें मैच में दोनों टीमें भिड़ने जा रही हैं। वहीं पीएम मोदी की बात करें तो मोदी देश- दुनिया के लोगों के चहेते नेता तो हैं ही लेकिन अब एक पाकिस्तान-अमेरिकी बिजनेसमैन मोदी की तारीफों के पुल बांधते नहीं थक रहा है। दरअसल पीएम मोदी की लोकसभा चुनावों में एनडीए को बहुमत मिलने के बाद लगातार तीसरी बार नरेंद्र मोदी की ताजपोशी होने वाली है। 9 जून को पीएम मोदी का शपथ ग्रहण समारोह है। इस समारोह में पीएम मोदी के साथ अन्य मंत्री भी शपथ लेने वाले हैं। नरेंद्र मोदी के एक बार फिर प्रधानमंत्री चुने जाने से जहां देश ही नहीं बल्कि विदेश के लोग भी काफी उत्साहित हैं। वहीं नरेंद्र मोदी के पीएम बनने से एक पाकिस्तानी अमेरिकी बिजनेसमैन काफी खुश हैं। इस पाकिस्तानी अमेरिकी बिजनेसमैन ने पीएम नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है।
कारोबारी साजिद तरार ने मोदी के नेतृत्व की सराहना की
इस पाकिस्तान-अमेरिकी बिजनेसमैन ने कहा है कि नरेंद्र मोदी का एक बार फिर प्रधानमंत्री बनना न केवल भारत में बल्कि पूरे दक्षिण एशिया क्षेत्र में स्थिरता की गारंटी हैं। कारोबारी साजिद तरार ने मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए भारत की स्थिरता बनाए रखने और संभावित अस्थिरता को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने पर पीएम मोदी की जमकर तारीफ की। बिजनेस टुडे के मुताबिक, तरार ने कहा कि भारत के भविष्य की स्थिरता के लिए मोदी का नेतृत्व आवश्यक है। मोदी राजनीतिक उथल-पुथल को रोकने और देश के संविधान को बनाए रखने के लिए एक मजबूत नेता हैं। उन्होंने आगे कहा कि मोदी का नेतृत्व भारत की स्थिरता और भविष्य की संभावनाओं की गारंटी है। पाकिस्तान के लोग दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार की उम्मीद कर रहे हैं।
मोदी भारत ही नहीं बल्कि पाकिस्तान के लिए भी फायदेमंद
इसके अलावा पाकिस्तानी अमेरिकी बिजनेसमैन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ओर से बधाई संदेश न मिलने पर निराशा जताई और मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शरीफ के शामिल होने की उम्मीद जताई। तरार ने मोदी के खिलाफ लगाए गए आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि मोदी न केवल भारत के लिए बल्कि पाकिस्तान के लिए भी फायदेमंद हैं। उन्होंने मोदी के निरंतर नेतृत्व में दोनों देशों के बीच व्यापार और बेहतर संबंधों को बढ़ने की संभावना जताई है।
भारत से रिश्ते अच्छे करने हैं तो चीन का प्रतिनिधि ना बने पाक
इसके साथ ही तरार ने चीन को लेकर कहा कि पाकिस्तान को अगर भारत से संबंध अच्छे करने हैं तो चीन के प्रतिनिधि बनने से दूर रहना होगा। उन्होंने नई दिल्ली के साथ संबंधों को मजबूत करने और आंतरिक मुद्दों को प्रभावी ढंग से हल करने के लिए पाकिस्तान में मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता पर जोर दिया।
नेता प्रतिपक्ष इन दिनों अमेरिका की यात्रा पर हैं. इस दौरान यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में संवाद करते हुए राहुल ने देवता का मतलब समझाया. इसके साथ ही राहुल गांधी यहां पर भी बीजेपी पर हमला बोलने से नहीं चूके. जहां एक और नेता प्रतिपक्ष ने बीजेपी पर जमकर वार किए तो वहीं दूसरी ओर चीन की तारीफों को कसीदे भी गढ़े. राहुल ने कहा कि 'हमारी राजनीति के बारे में दिलचस्प बात यह है कि आप अपने विचारों को कैसे दबाते हैं? आप अपने डर, लालच या महत्वाकांक्षाओं को कैसे दबाते हैं और दूसरे लोगों के डर और महत्वाकांक्षाओं का निरीक्षण कैसे करते हैं…' राहुल ने भगवान राम से लेकर भगवान शिव तक का जिक्र किया और भारतीय राजनीति के बारे में अपने विचार सामने रखे.
चीन वैश्विक उत्पादन पर हावी- राहुल गांधी
राहुल गांधी ने एक सवाल के जवाब में चीन की उत्पादन क्षमता की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि 'पश्चिम में रोजगार की समस्या है. भारत में रोजगार की समस्या है लेकिन दुनिया के कई देशों में रोजगार की समस्या नहीं है. चीन में निश्चित रूप से रोजगार की समस्या नहीं है. वियतनाम में रोजगार की समस्या नहीं है. इसका एक कारण है. यदि आप 1940, 50 और 60 के दशक में संयुक्त राज्य अमेरिका को देखें तो वह वैश्विक उत्पादन का केंद्र था. जो कुछ भी बनाया जाता था कार, वाशिंग मशीन, टीवी, सभी USA में बनते थे. उत्पादन USA से चला गया. यह कोरिया गया, यह जापान गया. आखिरकार यह चीन चला गया. अगर आप आज देखें तो चीन वैश्विक उत्पादन पर हावी है… तो क्या हुआ है? पश्चिम, अमेरिका, यूरोप और भारत ने उत्पादन के विचार को छोड़ दिया है और उन्होंने इसे चीन को सौंप दिया है.'
राहुल विदेश में भारत को गाली देने जाते- गिरिराज सिंह
वहीं नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा अमेरिका में चीन की तारीफों के कसीदे गढ़ने पर बीजेपी भड़क उठी है. भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी की जमकर आलोचना की. इस दौरान बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने कहा चीन को ब्रांड एंबेसडर की जरूरत नहीं है, क्योंकि जिस देश के ब्रांड एंबेसडर राहुल गांधी बन जाएं. उसे किसी और की जरूरत क्यों होगी. वैसे भी कांग्रेस ने उनके साथ एग्रीमेंट किया है. उन्होंने आगे कहा कि “अब इससे यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस को चीन से पैसे मिले हैं. राहुल गांधी चीन के पैसे पर उसकी ब्रांडिंग करते हैं. जबकि आईएमएफ कह रहा है कि पूरी दुनिया में भारत का विकास दर बढ़ रहा है. राहुल विदेश में भारत को गाली देने जाते हैं और भारत विरोधी तत्वों का सहयोग करते हैं.
10 साल में भारत 10 सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने की योजना पर जोरो-शोरों के साथ काम कर रहा है. इस योजना के तहत दो या तीन सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र, दो या तीन डिस्प्ले फैब और विभिन्न कम्पाउंड सेमीकंडक्टर संयंत्र लगाने की योजना बनाई गई थी. वहीं इस योजना के लिए सरकार को अब तक चिप पैकेजिंग संयंत्र सहित सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित करने के लिए 20 प्रस्ताव मिल चुके हैं और सभी प्रस्ताव मंजूरी के विभिन्न चरणों में हैं. यहां तक कि सरकार ने 1.52 लाख करोड़ रुपये के निवेश वाली पांच परियोजनाओं को मंजूरी भी दे दी है.
1.52 लाख करोड़ रुपये निवेश वाली 5 परियोजनाओं को मंजूरी
इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी आकाश त्रिपाठी ने कहा कि भारतीय सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) की स्थापना करते समय दो या तीन सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र, दो या तीन डिस्प्ले फैब और विभिन्न कम्पाउंड सेमीकंडक्टर संयंत्र लगाने की परिकल्पना की गई थी. मोबाइल उपकरण उद्योग के संगठन आईसीईए और सेमीकॉन इंडिया के आयोजक सेमी के एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम हमेशा उद्योग के साथ जुड़े रहेंगे लेकिन जुड़ाव की प्रकृति अलग-अलग हो सकती है. 10 साल बाद ऐसी परियोजनाएं होंगी. जो चालू होंगी सेमीकंडक्टर का उत्पादन करेंगी. पारिस्थितिकी तंत्र विकसित होगा, फिर चीजें अलग होंगी. त्रिपाठी ने आगे कहा कि हम 10 फैब लगाना चाहते हैं. सरकार को चिप पैकेजिंग संयंत्र सहित सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित करने के लिए 20 प्रस्ताव मिले हैं. सभी प्रस्ताव मंजूरी के विभिन्न चरणों में हैं और सरकार ने 1.52 लाख करोड़ रुपये के निवेश वाली पांच परियोजनाओं को मंजूरी भी दे दी है.
परियोजनाओं के लिए फंडिंग की कोई समस्या नहीं
सरकार ने सेमीकंडक्टर मिशन के लिए 76,000 करोड़ रुपये में से अब तक करीब 62,000 करोड़ रुपये देने की प्रतिबद्धता जताई है. इस बीच इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी सचिव एस. कृष्णन ने कहा है कि सेमीकंडक्टर परियोजनाओं के लिए फंडिंग की कोई समस्या नहीं है. उन्होंने कहा कि डिजाइन परिवेश में भारत की महत्वपूर्ण उपस्थिति है और सेमीकंडक्टर डिजाइन के लिए आवश्यक वैश्विक मानव संसाधनों का 20 प्रतिशत भारत में ही उपलब्ध है.
सेमीकंडक्टर को लेकर भारत और अमेरिका के बीच एक अहम समझौता हुआ है. इसके साथ ही अगर हम ये कहें कि ग्लोबल इकोनॉमी में भारत की अहमियत को अमेरिका ने अब पहचाना है तो ये बिल्कुल भी गलत नहीं होगा. भारत की बढ़ती साख को देखते हुए अमेरिका ने भारत के साथ साझेदारी करने पर सहमति जताई है. वहीं अमेरिका के सहयोग से भारत को सेमीकंडक्टर के ग्लोबल सप्लाई चेन बनाने में काफी बड़ी मदद मिलने वाली है. सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में फिलहाल चीन का दबदबा है. मगर भारत और अमेरिका के एक साथ आने के बाद चीन की बादशाहत पर खतरा मंडराता हुआ नजर आ रहा है.
अमेरिका के इस कदम से भारत को मिला बल
अमेरिका के विदेश विभाग ने ग्लोबल सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को डायवर्सिफाई बनाने के लिए भारत के साथ सहयोग और साझेदारी को आगे बढ़ाने की बात कही है. भारत के सेमीकंडक्टर मिशन को अमेरिका के इस कदम से काफी बल मिलने वाला है. इससे सेमीकंडक्टर की ग्लोबल सप्लाई चेन की चीन पर निभर्रता कम हो जाएगी. भारत और अमेरिका के बीच इस पार्टनरशिप से चीन की मुश्किलें बढ़ना लगभग तय है. भारत के मौजूदा सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम और रेग्युलेटरी ढांचे का इस साझेदारी में विश्लेषण किया जाएगा. अमेरिका भारत के सेमीकंडक्टर वर्कफोर्स और इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरतों को समझने में मदद करेगा और इसे मजबूत बनाने में भी काफी बड़ा योगदान देगा.
ये साझेदारी दोनों देशों के लिए लाभदायक- विदेश विभाग
वहीं इस समझौते को लेकर विदेश विभाग ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के तहत भारत के सेमीकंडक्टर मिशन के साथ साझेदारी दोनों देशों के लिए लाभदायक है. यह भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग की विस्तार क्षमता को भी रेखांकित करती है. इसके तहत अमेरिकी विदेश विभाग भारत के सेमीकंडक्टर मिशन, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के साथ साझेदारी करेगा.
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