लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद यूपी बीजेपी के नेतृत्व को लेकर कई तरह की अटकलें लग रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज यानी बुधवार को एक महत्वपूर्ण बैठक करने वाले हैं। एक दिन पहले उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले। यूपी की सियासी हलचल के बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा पर करारा हमला बोला है।
भाजपा की कुर्सी की लड़ाई की गर्मी में
अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा, ''भाजपा की कुर्सी की लड़ाई की गर्मी में, उप्र में शासन-प्रशासन ठंडे बस्ते में चला गया है। तोड़फोड़ की राजनीति का जो काम भाजपा दूसरे दलों में करती थी, अब वही काम वो अपने दल के अंदर कर रही है, इसीलिए भाजपा अंदरूनी झगड़ों के दलदल में धंसती जा रही है। जनता के बारे में सोचनेवाला भाजपा में कोई नहीं है।''
सीएम ने बुलाई प्रभारी मंत्रियों की बैठक
वहीं, विधानसभा उपचुनाव को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को बैठक बुलाई है। इसमें सभी 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के प्रभारी बनाए गए मंत्री शामिल होंगे। हर सीट पर तीन-तीन मंत्रियों के अलावा संगठन से एक-एक पदाधिकारी की तैनाती की गई है। लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद विधानसभा सीटों के होने वाले उपचुनाव भाजपा के लिए काफी अहम हैं। यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने उपचुनाव की कमान स्वयं अपने हाथों में ले ली है।
केशव मौर्य और भूपेंद्र चौधरी की दिल्ली में नड्डा से मुलाकात
लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद खुलकर शुरू हुई बयानबाजी और 2027 को लेकर शुरू हुई भविष्यवाणी से चिंतित भाजपा नेतृत्व ने प्रदेश की पूरी थाह लेनी शुरू कर दी है। मंगलवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सरकार और संगठन दोनों के प्रतिनिधियों को बुलाया। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी से अलग-अलग मुलाकात कर चुनाव बाद कार्यकर्ताओं की मनोदशा एवं जातियों में बंटे वोटरों को विकास के लिए प्रोत्साहित करने व आगामी विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों पर चर्चा की।
दोनों नेताओं को दिल्ली बुलाए जाने के बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया था। लंबे अरसे बाद प्रदेश में ऐसा माहौल बना था जिसमें नेतृत्व बदलाव की चर्चा छिड़ गई थी। कई नेताओं की ओर से ऐसे बयान दिए जाने लगे थे कि 2027 का चुनाव जीतना है तो बदलाव जरूरी होगा। सूत्रों के अनुसार, फिलहाल उत्तर प्रदेश में बदलाव की बात भी नहीं सोची जा रही, लेकिन उपचुनाव के नतीजों को गौर से देखा जाएगा।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस समय उथल पुथल मची हुई है। यह उथल-पुथल अभी से नहीं बल्कि, लोकसभा चुनाव में अपेक्षित परिणाम न मिलने के बाद से है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य बार-बार सीएम योगी की बैठकों को बॉयकाट कर रहे हैं। इसके साथ ही अक्सर दिल्ली में डेरा डाले रहते हैं और शीर्ष नेताओं से मुलाकात करते हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार सीएम योगी और केशव मौर्य के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
केशव ने संगठन को बताया सरकार से बड़ा
हालही में यूपी की भाजपा कार्यसमिति की बैठक में भाजपाइयों का गुस्सा फूट पड़ा था। यह बैठक खत्म होते ही केशव मौर्य फिर दिल्ली पहुंच गए और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। वहीं, केशव मौर्य अब खुलकर कह रहे हैं कि सरकार से बड़ा संगठन है। इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही केशव मौर्य डिप्टी सीएम पद छोड़कर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने वाले हैं। केशव मौर्य पहले भी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। इसलिए लगातार योगी सरकार से नाराज चल रहे हैं।
केशव के पीछे ही दिल्ली पहुंचे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष
पिछले चुनाव की तुलना में इस बार हुए 29 सीटों के नुकसान से भाजपा न सिर्फ अचंभित है, बल्कि चिंतित भी है। प्रदेश सरकार और संगठन के बीच खींचतान की खबरों के बीच बुधवार को प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मिले। ताजा घटनाक्रम को देखते हुए इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है। बहुत जल्द सरकार और संगठन में कुछ बदलाव हो सकते हैं। हालांकि, यह बहुत बड़े स्तर पर नहीं होगा। हाल ही में उत्तर प्रदेश भाजपा की कार्यसमिति की बैठक हुई और उसके तुरंत बाद मंगलवार को प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य नई दिल्ली पहुंचे। दोनों वरिष्ठ नेताओं ने यहां पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की।
यूपी भाजपा में चल रही कलह सोमवार की सुबह एकजुटता में बदली-बदली दिखी। लेकिन कुछ घंटे बाद ओबीसी मोर्चा की बैठक में नजारा बदला दिखाई दिया। सीएम योगी के आने से पहले ही दोनों डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य बैठक से निकल गए। यही नहीं, हीं बैठक के दौरान केशव मौर्य ने ऐसी बातें कहीं जिनका मायने निकालने की कोशिश हो रही है।
सरकार के बल पर चुनाव नहीं जीते
सरकार से बड़ा संगठन बोलकर पार्टी में उथल पुथल मचाने वाले केशव मौर्य ने भाजपा ओबीसी मोर्चा की बैठक में कहा कि पार्टी ही चुनाव लड़ती है और पार्टी ही चुनाव जीतती है। सरकार के बल पर चुनाव नहीं जीते जाते। 2014 और 2017 में यूपी में सरकार नहीं थी लेकिन भाजपा प्रचंड बहुमत से जीती। इस बार सरकार थी तो थोड़ा ज्यादा आत्मविश्वास में आ गए और बुरी तरह हार गए।
इससे पहले सोमवार की सुबह विधानमंडल दल की बैठक में अंतर्कलह खत्म होती नजर आई थी।
सुबह दिखी थी एकजुटता
सीएम योगी के साथ दोनों डिप्टी सीएम और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी नजर आए थे। इस दौरान केशव ने कहा कि यूपी में सब अच्छा है। सब ठीक चल रहा है। संगठन हमेशा बड़ा रहेगा। कार्यकर्ता भी बड़ा रहेगा। यहां से ओबीसी मोर्चा की बैठक में केशव प्रसाद समय से पहले पहुंच गए। जल्दी आने का कारण उन्होंने विधानसभा की कार्यवाही जल्दी खत्म होना बताया। लेकिन सीएम योगी के आने का इंतजार उन्होंने नहीं किया और अपने बातें रखने के बाद योगी के आने से पहले से चले गए।
यूपी के उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच तनातनी मची हुई है. इस बात से पर्दा तो बीजेपी कार्यसमिति की बैठक में ही चल गया था, मगर अब ये कलह दोनों नेताओं के बीच से निकलकर सरकारी दफ्तरों तक जा पहुंची है. जी हां, अगर हम ये कहें कि उपमुख्यमंत्री अब मुख्यमंत्री के खिलाफ ठोस सबूत की तलाश में है तो ये बिल्कुल गलत नहीं होगा. दरअसल उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विभाग को पत्र लिखा है. डिप्टी सीएम ने नियुक्ति और कार्मिक विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर आरक्षण का ब्यौरा मांगा है.
अगस्त 2023 में भी लिख चुके हैं डिप्टी सीएम पत्र
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर केशव प्रसाद मौर्य ने आउटसोर्सिंग या संविदा पर काम कर रहे कुल कर्मचारियों का ब्यौरा मांगा है. पत्र में डिप्टी सीएम ने लिखा, "मैंने 11 अगस्त 2023 में इस मुद्दे को विधान परिषद में उठाया था और अधिकारियों से जानकारी चाही थी. 16 अगस्त 2023 को उन्होंने पत्र लिखा था, लेकिन जानकारी ना मिल पाने के कारण एक बार फिर पत्र लिखा और अधिकारियों को आदेशित किया कि शासनादेश के अनुसार समस्त विभागों को सूचीवार एकत्र करके, संकलित कर अवलोकनार्थ प्रस्तुत करें." हालांकि, ये कोई पहला पत्र नहीं है इससे पूर्व (अगस्त, 2023) में भी केशव मौर्य उक्त विभाग को पत्र लिख चुके हैं. तब भी उन्होंने आउटसोर्सिंग और संविदा से जुड़ी जानकारी मांगी थी.
पार्टी की अंदरूनी खींचतान के बाद चर्चा में लेटर
उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार और संगठन के बीच अंदरूनी खींचतान के बीच डिप्टी सीएम मौर्य का यह लेटर चर्चा में आ गया है. हाल ही में संगठन और सरकार के बीच मतभेद सामने आए थे. हालांकि उसके बाद केशव मौर्य को दिल्ली बुलाया गया था और खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उनसे मुलाकात की थी. करीब एक घंटे तक चली इस मीटिंग में संगठन और सरकार के बीच तनाव को कम करने की चर्चा हुई थी. नड्डा की ओर से कहा गया कि ऐसी बयानबाजी नहीं होनी चाहिए, जिससे पार्टी की छवि का नुकसान हो.
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