लोकसभा के बाद राज्यसभा में PM मोदी ने दिल खोलकर अपनी बात कही. उन्होंने राज्यसभा में रिटायर हो रहे सदस्यों की विदाई भाषण के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को दिल से याद किया और उनकी तारीफों में कसीदें गढ़े. इस दौरान कांग्रेसी सांसद भी सुनते रहे PM मोदी ने मनमोहन सिंह को याद कर लोकतंत्र की ताकत का सभी सांसदों को पाठ पढ़ाया. साथ ही PM मोदी ने ये भी कहा कि सभी सांसदों को उनसे सीखने की जरूरत है.
'मनमोहन का योगदान भूलाने लायक नहीं'
PM मोदी ने मनमोहन के कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि मैं विशेष रूप से डॉक्टर मनमोहन सिंह जी का स्मरण करना चाहूंगा. 6 बार इस सदन में वो अपने मूल्यवान विचारों से नेता के रूप में भी और प्रतिपक्ष के नेता के रूप में भी उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है. इसके आगे बोलते हुए PM ने कहा कि 'वैचारिक मतभेद कभी बहस में छींटाकशी, वो तो बहुत अल्पकालीन होता है लेकिन इतने लंबे अरसे तक जिस प्रकार से उन्होंने इस सदन का मार्गदर्शन किया है, देश का मार्गदर्शन किया है, वो हमेशा-हमेशा जब भी हमारे लोकतंत्र की चर्चा होगी तो कुछ माननीय सदस्यों की जो चर्चा होगी, उसमें माननीय डॉक्टर मनमोहन सिंह के योगदान की चर्चा जरूर होगी.
गाइडिंग लाइट पर दिया PM ने दिया जोर
प्रधानमंत्री ने आगे कहा मैं सभी सांसदों से, चाहें इस सदन में हो या उस सदन में जो आज हों या भविष्य में आने वाले हों मैं उनसे जरूर कहूंगा ये जो माननीय सांसद होते हैं. किसी भी दल के क्यों न हों लेकिन जिस प्रकार उन्होंने अपने जीवन को कंडक्ट किया. जिस प्रकार की प्रतिभा के दर्शन उन्होंने अपने कार्यकाल में कराए. उसका हमें एक गाइडिंग लाइट के रूप में सीखने के लिए प्रयास करना चाहिए.
मनमोहन के वोटिंग के किस्से को बताया
इसके आगे राज्यसभा में बोलते हुए PM मोदी ने कहा कि मुझे याद है उस सदन के अंदर आखिरी कुछ दिनो में वोटिंग का अवसर था. लेकिन पता था कि विजय नहीं होगी, अंतर भी बहुत था. लेकिन डॉ. मनमोहन सिंह व्हीलचेयर पर आए. वोट भी किया. एक सांसद अपने दायित्व के प्रति कितना सजग है. उसका वो उदाहरण हैं, वो प्रेरक उदाहरण हैं. इतना ही नहीं मैं देख रहा था कभी कमेटी के चुनाव में भी वो व्हीलचेयर पर वोट देने के लिए आए थे. मैं मानता हूं वो लोकतंत्र को ताकत देने के लिए आए थे. मैं विशेष रूप से उनकी दीर्घआयु के लिए मैं सबकी तरफ से प्रार्थना करता हूं कि वो निरंतर हमारा मार्गदर्शन करते रहें, हमें प्रेरणा देते रहें.
UP से सबसे ज्यादा सांसद होंगे रिटायर
रिपोर्ट्स की मानें तो इस साल राज्यसभा के 68 सदस्य रिटायर होने हैं. इनमें में 3 सांसदों का कार्यकाल 27 जनवरी को पूरा हो चुका है, जबकि 65 सदस्यों को अभी और रिटायर होना है. जिसमें उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा राज्यसभा सांसद रिटायर होंगे. यहां से 10 सांसदों का कार्यकाल पूरा हो रहा है.
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