सावन का पावन महीना चल रहा है। ऐसे में हर शिव भक्त की कामना होती है कि वो बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन कर सके। बीते गुरुवार को यूट्यूबर और बिग बॉस ओटीटी-2 के विनर एल्विश यादव ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन किए और प्रतिबंध क्षेत्र में फोटो भी खिंचवाई। जिसके बाद फोटो खिचवाने से लेकर सांपों का जहर बेचने के मामले में एल्विश के नाम के जिक्र के चलते काशीवासियों का गुस्सा उनपर फूट पड़ा है।
एल्विश यादव ने प्रतिबंधित क्षेत्र में खिचवाई फोटो
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीती 25 जुलाई को एल्विश यादव ने वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रतिबंध क्षेत्र में फोटो खिंचवाई थी। जिसके खिलाफ काशीवासियों का गुस्सा ठंडा होने का नाम नहीं ले रहा है। दरअसल, फोटो बाबा काशी विश्वनाथ के दरबार के प्रतिबंधित रेड जोन में स्वर्ण शिखर के नजदीक वीआईपी ट्रीटमेंट के तहत खींची गई है। जिसके खिलाफ काशी में गंगा घाटों के किनारे पोस्टर लगाए भी गए हैं।
शिकायत पहुंची पुलिस तक
एल्विश यादव ने जहां फोटो खिचवाई, उस जगह फोटोग्राफी की इजाजत नहीं है। जैसे ही सोशल मीडिया पर एल्विश यादव की तस्वीर सामने आई, वैसे ही इसकी शिकायत करने के लिए जिला मुख्यालय पर पुलिस अधिकारी के दफ्तर में शिकायतकर्ता पहुंच गए। जानकारी के मुताबिक, वकील शिकायतकर्ताओं ने लिखित तौर पर शिकायत पुलिस अधिकारी से की है और मामले की जांच डीसीपी को सौंप दी गई है।
एल्विश के खिलाफ छपे पोस्टर
इसी के साथ ही एल्विश यादव के खिलाफ पोस्टर भी छपे हैं। जिसपर लिखा है कि 'भोले बाबा को सांप पसंद है...सांपों के जहर का सौदागर नहीं’। स्थानीय भाजपा नेता और अधिवक्ता दीपक सिंह ने मांग रखी है कि काशी विश्वनाथ में जिस तरह से एल्विश यादव को वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया है, उसके खिलाफ जांच करके सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। क्योंकि, एल्विश यादव आपराधिक प्रवृत्ति वाला व्यक्ति है। वहीं, स्थानीय बीजेपी नेता दीपक सिंह राजवीर ने कहा कि हमारे भोले बाबा को सांप पसंद है न कि सांपों के जहर का सौदागर। आखिर पुलिस प्रशासन और मंदिर प्रशासन बताएं कि किस प्रोटोकॉल के तहत एल्विश यादव की तस्वीर प्रतिबंधित रेड जोन में खींची गई? ऐसे आपराधिक प्रवृत्ति वाले व्यक्ति को किस नियम के तहत वीआईपी ट्रीटमेंट मिला? इसकी भी जांच करके उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।
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