'भाईयो और बहनों...' रेडियो पर जब ये आवाज गूंजती तो सब ध्यान से सुनने लगते थे, लेकिन अब ये आवाज सदा के लिए थम गई है, क्योंकि आवाज के जादूगर अमीन सयानी ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। उन्होंने 91 साल की उम्र में अंतिम सांस ली।
तीन दशकों तक गूंजती थी रोज आवाज
वो दौर जब मनोरंजन के बहुत कम हुआ करते थे तो लोग मन बहलाने के लिए रेडियो के ही भरोसे रहते थे और उनके एंटरटेनमेंट का जिम्मा आवाज के जादूगर अमीन सयानी के सिर होता था। 50 से 80 के दशक का सबसे हिट रेडियो प्रोग्राम 'बिनाका गीतमाला' उनकी आवाज के बिना तो कोई सोच भी नहीं सकता। अपने इस प्रोग्राम की ब्रॉकास्टिंग के दौरान अमीन सयानी ने कई दिग्गज कलाकारों के इंटरव्यू लिए और उनकी फिल्मों और गानों को प्रमोट किया। लेकिन अपने ही जिगरी दोस्त किशोर कुमार का इंटरव्यू लेने में उन्हें सालों लग गए। इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने किशोर की किसी फिल्म और गाने तक को प्रमोट नहीं किया।
मन में सिंगर बनने की थी इच्छा थी
अमीन ने अपनी इस ख्वाहिश का जिक्र इंडस्ट्री के महान कलाकार रहे किशोर कुमार से भी किया था। अमीन की पहली पत्नी रूमा गुहा की फर्स्ट कजिन ने उन्हें किशोर दा से मिलवाया था। ये 50 के दशक से भी पहले की बात है। तब अमीन सिंगर बनना चाहते थे।
8 साल तक अमीन और किशोर दा नहीं मिले
अमीन ने एक इंटरव्यू में बताया था ’कि एक बार किशोर दा ने उन्हें मिलने बुलाया था और अमीन वहां अपनी बड़ी सी रिकॉर्डिंग मशीन को लेकर पहुंच गए, लेकिन प्रोड्यूसर ने मुझे गेट पर ही रोक दिया। उन्होंने बहुत ही हिचकते हुए मुझे बताया कि ''किशोर ने मुझे कॉल कर के कहा कि वो मेरी फिल्म की शूटिंग के लिए स्टूडियो पर तभी आएंगे जब मैं आकर चला जाऊंगा।'' मुझे इतना गुस्सा आया कि खून सवार हो गया था। मैं इतना दुखी था, टूटा हुआ महसूस कर रहा था। फिर मैंने तय कर लिया कि मैं उनसे कभी इंटरव्यू के लिए नहीं कहूंगा। मैंने उनसे मिलना बंद कर दिया। इस बात को 8 साल बीत गए थे।’
19,000 जिंगल्स के लिए अमीन ने दी थी आवाज
अमीन सयानी ने नाम पर 54,000 से ज्यादा रेडियो कार्यक्रम प्रोड्यूस/ वॉयसओवर करने का रिकॉर्ड दर्ज है। उन्होंने तकरीबन 19,000 जिंगल्स के लिए आवाज दी है, इसके लिए अमीन का नाम लिम्का बुक्स ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है। वो रेडियो सीलोन, विविध भारती से लेकर ऑल इंडिया रेडियो तक के लिए प्रोग्राम कर चुके हैं। अमीन की शुरुआत अंग्रेजी प्रेजेंटर से हुई थी, लेकिन फिर बाद में उन्होंने हिंदी में दक्षता हासिल की और खूब नाम कमाया.
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