मानसून एक तरफ तो ठंडक और राहत लेकर आता है, तो दूसरी ओर मानसून में सर्दी-जुकाम, बुखार या वायरल इन्फेक्शन की समस्या भी बढ़ जाती है। लेकिन अगर आप मानसून के इस खूबसूरत मौसम में शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता का ध्यान रख लें, तो ये मौसम आपके लिए खुशनुमा बन जाएगा। मानसून के समय खांसी-जुकाम से बचने के लिए आप क्या तरीके अपना सकते हैं, चलिए जानते हैं इस पोस्ट में....

बार-बार न छूए अपने चेहरे को

मानसून के समय सर्दी-जुकाम, बुखार और फ्लू से बचने के लिए ये एक छोटा सा और जरूरी कदम है कि आप बार-बार चेहरे को न छुएं। कई लोगों को बार-बार नाक और मुंह को छूने से की आदत होती है। इसके अलावा मास्क का प्रयोग करें और अगर परिवार में किसी को खांसी या जुकाम हो रहा है, तो उनसे भी उचित दूरी बनाकर रखें।

पानी ने दूरी न बनाएं

मौसम कोई भी क्यों न हो, शरीर को पानी की जरुरत होती है। पानी की कमी के कारण भी शरीर में बीमारियों के पैदा होने का जोखिम रहता है। मानसून में किसी भी तरह के इन्फेक्शन से बचने के लिए आप उबला हुआ पानी ही पिएं। इसके अलावा अगर सुबह उठकर खाली पेट गुनगुने पानी में नींबू, लेमन ग्रास, शहद या पुदीना डालकर भी पीते हैं, तो यह भी सर्दी-जुकाम से बचाव का काम करता है।

भाप होता है कारगार

बारिश के मौसम में भाप लेना भी काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। भाप लेने से छाती में जमा बलगम बाहर निकलता है, साथ ही बंद नाक भी आसानी से खुल जाती है। इसके लिए आप चाहें तो गर्म पानी में लौंग का तेल या टी ट्री ऑयल डालकर भी भाप ले सकते हैं, क्योंकि इसमें एंटी-वायरल गुण मौजूद होते हैं।

गरारे करना गले को देता है राहत

अगर आप बारिश में काफी बाहर निकल रहे हैं, तो गरारा करना आपको काफी फायदा पहुंचा सकता है। खांसी हो या जुकाम दोनों की परेशानियों में गरारे करना आपके लिए काफी लाभकारी रहेगा। इसके लिए हल्का गुनगुना पानी लें और इसमें एक चम्मच नमक डालकर अच्छे से मिक्स कर लें। अब जब आप इस पानी से दिन में दो-बार गरारे करेंगे, तो पाएंगे कि सर्दी-जुकाम की समस्या पास भी नहीं फटक रही है।