आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में भारत ने जीत हासिल कर ली है। इसी के साथ भारत टी20 क्रिकेट का नया चैंपियन बन गया है। भारत ने दूसरी बार टी20 विश्व कप का खिताब जीत लिया है। बारबाडोस में खेले गए फाइनल में टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका को रोमांचक मुकाबले में सात रन से हरा दिया। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने 20 ओवर में सात विकेट गंवाकर 176 रन बनाए थे। जवाब में दक्षिण अफ्रीका की टीम 20 ओवर में आठ विकेट पर 169 रन बना सकी। इस जीत के साथ भारत ने 11 साल के आईसीसी ट्रॉफी के सूखे को खत्म कर दिया। भारत ने इससे पहले 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी। वहीं, भारत ने 17 साल बाद टी20 विश्व कप जीता है। 13 साल बाद कोई विश्व कप जीता है। 2011 में भारत ने वनडे विश्व कप जीता था।
भारत ने दक्षिण अफ्रीका के सामने रखा 176 रनों का लक्ष्य
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम ने विराट कोहली की 76 रनों की पारी के दम पर 20 ओवरों में 176 रन बनाए हैं। भारत ने 34 के स्कोर पर रोहित शर्मा, ऋषभ पंत और सूर्यकुमार यादव के विकेट गंवा दिए थे, लेकिन इसके बाद टीम इंडिया को अक्षर पटेल और विराट कोहली की जोड़ी ने शानदार वापसी करवाई। दोनों के बीच चौथे विकेट के लिए 72 रनों की साझेदारी हुई लेकिन इसके बाद अक्षर पटेल 47 रन बनाकर आउट हुए। भारत के लिए मैच में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज विराट कोहली रहे, जिन्होंने 59 गेंदों में छह चौके और दो छक्कों के दम पर 76 रनों की पारी खेली। दक्षिण अफ्रीका के लिए केशव महाराज और एनरिक नॉर्तजे ने दो-दो विकेट हासिल किए। बारबाडोस के केंसिंग्टन ओवल में हो रहे इस मुकाबले में भारत और दक्षिण अफ्रीका बिना किसी बदलाव के उतरी थी।
दोनों टीमें टी20 विश्व कप में अभी तक रहीं अजेय
दोनों ही टीमों मौजूदा टी20 विश्व कप में अभी तक अजेय रही हैं। दक्षिण अफ्रीका ने सेमीफाइनल में अफगानिस्तान को एकतरफा मैच में 9 विकेट से हराया था, जबकि भारत ने इंग्लैंड को सेमीफाइनल में 68 रनों से रौंदते हुए फाइनल में जगह बनाई है। भारतीय टीम ने बीते एक दशक से कोई भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीती है, दूसरी तरफ दक्षिण अफ्रीका है, जो पहली बार टी20 विश्व कप के फाइनल में पहुंची है। भारत ने 2007 में हुए आईसीसी टी20 विश्व कप का खिताब अपने नाम किया था। भारत ने 2014 में हुए टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में जगह नहीं बनाई थी, लेकिन टीम इंडिया को उस दौरान हार का सामना करना पड़ा था।
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