ग्रेटर नोएडा वेस्ट में लंबे समय से मेट्रो का इंतजार किया जा रहा है। यहां रहने वाले लाखों लोगों को कई बार मेट्रो की खुशखबरी मिली, लेकिन बाद में उन्हें निराशा ही हाथ लगी। अंतिम बार रूट प्लान के चलते मेट्रो के काम में विराम लगा दिया गया था लेकिन अब एक बार फिर मेट्रो के लिए डीपीआर की मंजूरी मिल गई है।
Greater Noida West में 5 लाख से अधिक लोग निवास करते हैं। यहां की गगनचूमती इमारतों में रहवासियों के सामने वैसे तो कई समस्याएं हैं। जिसमें से एक हैं ट्रांसपोर्ट की सुविधा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट को अभी तक पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा नहीं मिल पाई है। अगर यहां से गाजियाबाद, दिल्ली, ग्रेटर नोएडा या फिर नोएडा जाना है तो उनके पास दो ही ऑप्शन है, या तो वो अपने वाहन से जाएं या फिर ऑटो के सहारे। यहां के बिल्डर लोगों को लंबे समय से मेट्रो के सपने दिखाकर अपने प्रोजेक्ट को बेच रहे हैं। अंतिम समय ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रूट के चलते मेट्रो के काम में विराम लगा दिया गया था। एक बार फिर मेट्रो कॉरिडोर की डीपीआर को मंजूरी दे दी गई है।
डीपीआर मंजूरी का मतलब क्या
नोएडा सेक्टर-51 से ग्रेटर नोएडा वेस्ट के नॉलेज पार्क-5 तक मेट्रो के लिए डीपीआर को एनएमआरसी ने मंजूरी दी है। एनएमआरसी के डीपीआर को अब राज्य सरकार से पास करवाना होगा। जिसके बाद इस पर केंद्र सरकार अंतिम मुहर लगाएगी। कुल मिलाकर ग्रेटर नोएडा वेस्ट में मेट्रो के निर्माण में अब भी वक्त है। अब देखना ये होगा की एनएमआरसी के डीपीआर को राज्य और केंद्र सरकार कितनी जल्दी पास करती है। उसके बाद ही मेट्रो का निर्माण कार्य शुरू होगा।
कितना लंबा है रूट
एनएमआरसी ने नोएडा सेक्टर-51 से नॉलेज पार्क-5 तक मेट्रो सुविधा शुरू करने का जिक्र डीपीआर में किया है। जिसमें 11 मेट्रो स्टेशन प्रस्तावित है। 17.435 किलोमीटर के मेट्रो कॉरिडोर को दो हजार 900 करोड़ रूपये की लागत से तैयार किया जाएगा। मेट्रो का काम पूरा हो जाने के बाद लाखों लोगों को राहत मिलेगी। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में लगने वाले जाम से भी लोगों को राहत मिलेगी। अनुमान है कि इसी साल मेट्रो का काम शुरू कर दिया जाएगा। इसके अलावा इस मेट्रो को बोड़ाकी स्टेशन से भी जोड़ा जाएगा।
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