उत्तर प्रदेश के बांदा शहर में एक महिला के गॉल ब्लैडर से डॉक्टर्स ने लेजर ऑपरेशन करके 300 स्टोन निकाले। ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर्स खुद इस कारनामे से हैरान हैं।
उत्तर प्रदेश में रोजाना नए मामले सामने आते रहते हैं, लेकिन हाल में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसको सुन कर हर कोई हैरान है। यूपी की एक महिला के गॉल ब्लैडर (पित्ताशय) से 300 पथरियां निकाली गईं हैं। इस खबर ने आम लोगों के साथ डॉक्टर्स को भी चौंका दिया है। डॉक्टर्स के पथरीयों को निकालने के बाद महिला स्वस्थ है और महिला के परिवार के लोगों ने इसके लिए डॉक्टर और उनकी टीम का शुक्रिया भी अदा किया है।
महिला दो सालों से थी पथरी से परेशान
उत्तर प्रदेश के बांदा शहर से लगे हुए बांधा के पुरवा की रहने वाली सुनैना यादव बीते दो सालों से पित्ताशय यानी कि गॉल ब्लैडर में पथरी की वजह से काफी परेशान थीं। उसके घर के लोग महिला के इलाज के लिए अलग-अलग डॉक्टर्स के पास ले कर गए। लेकिन महिला को कहीं पर भी आराम नहीं मिला, फिर सुनैना के परिजन उसको लेकर बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज लेकर गए। जहां पर सर्जरी डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर अनूप सिंह ने महिला की जांच की थी।
जिसके बाद डॉक्टर ने सुनैना का लेजर ऑपरेशन करने की सलाह दी। इस लेजर ऑपरेशन के बाद महिला के गॉल ब्लैडर से 5MM से 10MM तक के 300 स्टोन को निकाला गया। सर्जरी करने वाले डॉक्टर अनूप सिंह ने बताया कि खान-पान में गड़बड़ी, हार्मोंस का बैलेंस बिगड़ने से लिवर में स्टोन हो जाते हैं। अगर लोगों को इस परेशानी से बचना है, तो खाने में हाई फाइबर डाइट लेनी चाहिए।
कॉलेज प्रशासन ने मामले में क्या कहा
इस खबर के बारे में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर सुनील कौशल ने बताया कि मरीज सुनैना को स्टोन से बहुत परेशानी थी। उन्होंने हमारे कॉलेज में अपना चेकअप कराया, तो डॉक्टर ने उनको चेकअप के बाद ऑपरेशन की सलाह दी। इसके बाद ऑपरेशन किया गया और गॉल ब्लैडर से छोटे-बड़े 300 स्टोन निकाले गए। यह हमारे मेडिकल कॉलेज में पहली बार ऐसा हुआ है कि इतनी स्टोन निकाली गई हैं।
नियमित व्यायाम करने की जरूरत
इसी के साथ ही डॉक्टर ने सलाह दी कि लोगों को लो कोलेस्ट्रॉल डाइट लेनी चाहिए और नियमित व्यायाम करना चाहिए। इसके अलावा उन्होंनेस्टोन होने के लक्षण के बारे में बताया कि पेट में गैस बनना, खाना अपच होना, पेट फूलना आदि परेशानी होती है। स्टोन होने पर मरीज को डॉक्टर से तुरंच सम्पर्क करना चाहिए, वरना छोटा स्टोन नली में फंस जाती हैं, जिससे इंफेक्शन या शारीरिक नुकसान होने की संभावनाएं होती हैं।
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