Noida: फिल्म जामताड़ा की तर्ज पर नोएडा में साइबर ठगों का जाल इतना फैल चुका है कि आए दिन कोई न कोई इनका शिकार बन रहे हैं। अब तो केस में फंसाने और फर्जी अधिकारी बनकर भी ठगी करने लगे हैं। ऐसा ही एक मामला नोएडा में सामने आया है। एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर महिला को साइबर ठगों ने 7 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर लाखों रुपये ठग लिए। पीड़ित महिला की शिकायत पर सेक्टर 39 पुलिस केस दर्ज जांच कर रही है।

कोरियर में ड्रग्स बताकर जेल भेजने की दी धमकी

सेक्टर-45 स्थित आम्रपाली सफायर सोसाइटी निवासी चिराग ने पुलिस से शिकायत की है कि उनकी पत्नी सुकीर्ति वर्मा आईटी इंजीनियर हैं।पुलिस को चिराग ने बताया कि कुछ दिन पहले सुकीर्ति के मोबाइल पर अनजान नंबर से फोन आया था। फोन करने वाले ने खुद को फेडेक्स कोरियर सर्विस से बताया और कहा कि आपके नाम पर एक कोरियर मुंबई से ताइवान जा रहा था, जिसे कस्टम अधिकारियों ने मुंबई एयरपोर्ट पर रोक लिया है। इस कोरियर से ड्रग्स और चार पासपोर्ट के अलावा आपत्तिजनक सामान है। इसके बाद कॉल एक कथित पुलिस अधिकारी के पास ट्रांसफर कर दी।

पुलिस की वर्दी पहनकर किया वीडियो कॉल

कथित पुलिस अधिकारी ने पत्नी सुकीर्ति को जेल भेजने का भय दिखाकर उनसे अकाउंट और अन्य जानकारी ले ली। इसके बाद कोरियर में ड्रग्स व आपत्तिजनक सामान होने का हवाला देकर जेल जाने की धमकी दी। इसके बाद स्काइप से वीडियो कॉल की, जिसमें जालसाजों ने पुलिस की वर्दी पहन रखी थी।

7 घंटे तक वीडियो कॉल पर जोड़े रखा

इसके बाद पत्नी ने डरकर फर्जी पुलिस अधिकारी के कहने पर बताए गए अकाउंट में 3,75,278 रुपए ट्रांसफर कर दिए। पत्नी किसी से अपनी समस्या बता न सके इसके लिए कथित पुलिस और कस्टम अधिकारियों ने सात घंटे तक वीडियो कॉल पर उसे जोड़े रखा। कॉल कटते ही महिला की तुरंत गिरफ्तारी होने की बात कही थी। कहा अगर कॉल बिना पैसे ट्रांसफर किए काटती है तो उनके साथ परिवार के लोगों को भी जेल जाना पड़ेगा। जब और पैसे ट्रांसफर करने का दबाव बनाया जाने लगा तब ठगी का अहसास हुआ।

क्या है डिजिटल अरेस्ट?


डिजिटल अरेस्ट में मोबाइल लैपटॉप से स्काइप पर वीडियो कॉलिंग या अन्य एप के जरिए किसी पर नजर रखी जाती है। उसे डरा धमका कर वीडियो कॉलिंग से दूर नहीं होने दिया जाता है। यानी वीडियो कॉल के जरिए एक तरह से आरोपी को उसके घर में कैद कर दिया जाता है। इस दौरान न तो वह किसी से बात कर सकता है और न कहीं जा सकता है। उसे इतना डरा दिया जाता है कि डिमांड की गई रकम को वह ट्रांजेक्शन कर देता है।