लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी राजनीतिक दलों के प्रत्याशी पसीना बहा रहे हैं। इसी कड़ी में शु्क्रवार को अखिल भारतीय किसान सभा ने गठबंधन प्रत्याशी डॉक्टर महेंद्र नागर के समर्थन का ऐलान किया है। जिला अध्यक्ष डॉक्टर रुपेश वर्मा ने कहा कि देश में तानाशाही प्रवृत्तियां हावी हो गई हैं। ऐसे में जरूरी है कि सही प्रत्याशी का चयन किया जाए।

दरअसल, अखिल भारतीय किसान सभा गौतमबुद्ध नगर इकाई ने शनिवार को चुनाव के मुद्दे पर मासिक बैठक में बैठक का आयोजन किया। इस दौरान इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी डॉ महेंद्र नागर को अपना समर्थन देने ऐलान किया। बैठक को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष डॉक्टर रुपेश वर्मा ने कहा कि देश में तानाशाही प्रवृत्तियां हावी हो गई हैं। आजादी के आंदोलन में सर्वस्व न्योछावर करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानी के बाद संविधान बना, जिसमें अंग्रेज प्रजा को नागरिक होने का अधिकार मिला, समानता का अधिकार, बोलने का अधिकार, जीवन जीने का बुनियादी अधिकार भी संविधान से ही मिला हैं, जोकि आज खतरे में है।

डॉक्टर रुपेश वर्मा ने कहा कि, केंद्र सरकार विपक्ष को खत्म करना चाहती है। सरकार के विरोध में आवाज उठा रहे लोगों को जेल में यूपीए, पीएमएलए कानून का इस्तेमाल कर उन्हें बिना वजह हिरासत में रखा जा रहा है। ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स का डर दिखाकर सभी कंपनियों से चंदा वसूला जा रहा है। कुछ बड़ी कंपनियां से बड़ी मात्रा में चंदा खाकर लाखों के ठेके उन्हें दे रही है।

वीर सिंह नागर ने कहा कि चंदे का धंधा सबके सामने है। बुद्धिजीवी पत्रकार प्रोफेसर, जिन्होंने भी केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज उठाई है, वह सब आज जेल में है। यूएपीए कानून में 2019 में संशोधन कर जमानत नहीं देने के प्रावधान किए गए हैं। इसी तरह के प्रावधान पीएमएलए एक्ट में किए गए हैं, जिससे कि अनंत काल तक सरकार विरोधी लोगों को जेल में रख सके, ताकि कभी भी कोई सरकार के खिलाफ अपनी आवाज न उठा सके।

किसान सभा के उपाध्यक्ष अजब सिंह नेताजी ने कहा कि किसानों की जमीनों को कॉर्पोरेट के हवाले करने के उद्देश्य से भाजपा सरकार तीन काले कानून लेकर आई, जिसका विरोध करते हुए 700 से अधिक किसान शहीद हो गए। किसानों के रास्ते में कांटे बिछाए गए। किसानों के पक्ष के भूमि अधिग्रहण कानून को चार बार बदलने की कोशिश की गई। गौतम बुद्ध नगर में किसानों के एक भी मुद्दे को भाजपा ने हल नहीं किया है। भाजपा के सांसद और विधायक कभी भी किसानों की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं रहे। कई महीने किसान सभा के नेतृत्व में चले आंदोलन में किसानों ने बारिश में ठंड और गर्मी में धरना प्रदर्शन किया। लेकिन भाजपा के किसी भी नेता ने उनकी सुध तक नहीं ली।