GREATER NOIDA: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जुड़ी खबर सामने आ रही है। जानकारी सामने आ रही है कि इसी साल दिसंबर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से हवाई जहाज उड़ान भरने लगेंगे। इसके लिए काम 24 घंटे चल रहा है। बताया जा रहा है एयरपोर्ट का 52 फीसदी काम खत्म हो चुका है।
अंतिम चरण में रनवे का काम
रनवे और टर्मिनल बिल्डिंग का काम अंतिम चरण में पहुंच चुका है। रनवे और टर्मिनल बिल्डिंग को फाइनल टच देने का काम सितंबर में शुरू हो जाएगा।
जमीन अधिग्रहण के काम में तेजी
पहले चरण का काम खत्म होने के बाद दूसरे चरण का काम जल्द शुरू होगा। दूसरे चरण के लिए जमीन अधिग्रहण का काम तेजी से चल रहा है। जिसके लिए किसानों के अकाउंट में मुआवजे की रकम भेजी जा रही है। किसानों को RTGS के माध्यम से मुआवजे की राशि भेजी जा रही है। आपको बता दें पहले चरण के लिए 6 गांवों की 1334 हेक्टेयर जमीन पर काम चल रहा है।
Greater Noida: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक दिल्ली-एनसीआर के शहरों से लोगों को आसानी से पहुंचाने की दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है। सड़क के अलावा अन्य विकल्प भी तलाशें जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब जेवर एयरपोर्ट को रैपिड रेल से जोड़ने का रूट फाइनल हो गया है।
फिजिबिलटी रिपोर्ट को मिली मंजूरी
बता दें कि एनसीआरटीसी ने गाजियाबाद के दुहाई से नोएडा एयरपोर्ट तक की रिपोर्ट तैयार की थी। इस पर असहमति जताते हुए प्राधिकरण ने दिल्ली से नोएडा-ग्रेनो होते हए एयरपोर्ट तक रूट की रिपोर्ट मांगी गई थी। अब गाजियाबाद से एयरपोर्ट तक बनाई गई फिजिबिलिटी रिपोर्ट शासन से मंजूर हो गई। एनसीआरटीसी ने सवारी के हिसाब से गाजियाबाद वाया ग्रेटर नोएडा से एयरपोर्ट वाले रूट को बेहतर बताया है।
72 किमी में होंगे 72 स्टेशन
गाजियाबाद आरआरटीसी से ग्रेनो वेस्ट, सूरजपुर, कासना, दनकौर और यीडा के सेक्टरों से होते हुए एयरपोर्ट तक रैपिड रेल पहुंचेगी। अब डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार होगी। इसके तहत 72 किमी लंबे इस रूट पर कुल 11 स्टेशन होंगे। परियोजना के पूरा होने का लक्ष्य 2031 रखा गया है, जिसे दो चरणों में पूरा किया जाना है। प्रदेश के मुख्य सचिव डीएस मिश्र ने एनसीआरटीसी, रेलवे, नागरिक उड्डयन व प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ ऑनलाइन बैठक की थी। इस दौरान फिजिबिलिटी रिपोर्ट का प्रस्तुतीकरण किया गया था। जिसमें मंजूरी दे दी गई है।
Greater Noida: जेवर में बन रहे भारत के सबसे बड़े नोएडा इंटरनेशल एयरपोर्ट तक बेहतर कनेक्टविटी को लेकर योगी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। अब नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को आईजीआई एयरपोर्ट से जोड़ने के लिए रैपेडि रेल चल सकती है। बीते सप्ताह ग्रेटर नोएडा दौरे पर आए सीएम योगी आदित्यनाथ के समक्ष यह प्रस्ताव रखा गया था। अब 14 दिसंबर को लखनऊ में होने वाली उच्चस्तरीय बैठक में इस रूट को शासन से अनुमति मिलने की उम्मीद है।
नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के समानांतर एलिवेटेड रूट बनेगा
रैपिड रेलके लिए सराय काले खां के पास से परी चौक तक नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के समानांतर एलिवेटेड रूट बनाया जाएगा। इससे पहले ही रैपिड रेल के गाजियाबाद वाया ग्रेटर नोएडा वेस्ट होते हुए नोएडा एयरपोर्ट रूट पहले ही मुहर लग चुकी है। शासन के दिशानिर्देश पर यमुना प्राधिकरण ने नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) के साथ मिलकर गाजियाबाद के दुहाई से नोएडा एयरपोर्ट वाया ग्रेटर नोएडा वेस्ट होते हुए जेवर एयरपोर्ट और दिल्ली के सराय काले खां वाया नोएडा होते हुए एयरपोर्ट तक की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की थी। इसमें से गाजियाबाद से ग्रेटर नोएडा वेस्ट और परी चौक होते हुए एयरपोर्ट तक का रूट फाइनल हो गया है।
यमुना प्राधिकरण के सीईओ ने सीएम के समक्ष रखा था प्रस्ताव
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों की सुविधा के लिहाज से यह रूट बेहतर माना गया है। लेकिन दिल्ली से नोएडा एयरपोर्ट जाने वाले यात्रियों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। इसको देखते हुए प्राधिकरण आईजीआई और नोएडा एयरपोर्ट को भी रैपिड रेल से जोड़ना चाह रहा है। शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक में यीडा के सीईओ डॉ़ अरुणवीर सिंह ने दिल्ली से नोएडा, परी चौक होते हुए नोएडा एयरपोर्ट तक रैपिड रेल चलाने का प्रस्ताव रखा था।
एलिवेटेड रूट का खर्च यमुना प्राधिकरण उठाएगा
सीएम को बताया था कि दिल्ली और नोएडा एयरपोर्ट के बीच रैपिड रेल का संचालन होने से नोएडा और दिल्ली के यात्रियों को सहूलियत होगी। यमुना प्राधिकरण पूरा खर्च उठाने को तैयार सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आईजीआई और नोएडा एयरपोर्ट को रैपिड रेल से जोड़ने के लिए बनाए जाने वाले एलिवेटेड रूट का खर्च यमुना प्राधिकरण अकेले उठाने को तैयार है। गाजियाबाद से जेवर का रूट फाइनल हो जाने के बाद अब परी चौक तक ही ट्रैक का निर्माण करना होगा।
यहां बनेंगे स्टेशन
सराय काले खां, बॉटेनिकल गार्डन, नोएडा सेक्टर-142, नॉलेज पार्क- 2, परी चौक, इकोटेक-6, दनकौर, यीडा नॉर्थ सेक्टर-18, यीडा सेंट्रल सेक्टर- (21 व 35), नोएडा एयरपोर्ट स्टेशन प्रस्तावित है। यमुना प्राधिकरण सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि नोएडा एयरपोर्ट को रैपिड रेल के माध्यम से आईजीआई से जोड़ने प्रयास है। इस मुद्दे को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा गया है। उम्मीद है कि इस रूट पर भी शासन से अनुमति मिल जाएगी।
Greater Noida: जिले में बन रहे जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का कार्य अब अंतिम चरणों में है। तकनीकी उपकरणों से एक महीने के भीतर लैस हो जाएगा। इसके साथ ही फ्लाइट संचालन के लिए सारी तैयार अगले एक माह में पूर्ण कर ली जाएगी। एटीसी बिल्डिंग टर्मिनल बिल्डिंग को अगले माह तक पूरा होने की उम्मीद है। टर्मिनल बिल्डिंग में सीटिंग प्लान किया जा रहा है।
रनवे पूरी तरह से तैयार
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अब जल्दी ही उड़ानों का संचालन शुरू हो जाएगा। इस पर ट्रायल रन से पहले सभी तकनीकी उपकरणों को लगाया जा रहा है। एयरपोर्ट का रनवे पूरी तरह से तैयार हो चुका है, जिसकी लंबाई 3900 मीटर है। इस रनवे पर दुनिया के किसी भी सबसे बड़े एयरोप्लेन को उतारा जा सकता है। इस हवाई पट्टी पर सभी तरह के प्लेनों का संचालन हो सकेगा, अगले दो माह में एयरपोर्ट के फर्स्ट फेस का कार्य पूर्ण हो जाएगा।
टर्मिनल बिल्डिंग में चल रहा फिनिशिंग कार्य
इसमें टर्मिनल बिल्डिंग पर सीटिंग प्लान व छत की फिनिशिंग का कार्य चल रहा है। इसके बाद एटीसी बिल्डिंग में तकनीकी उपकरणों को भी लगना शुरू कर दिया है, कुछ उपकरण जो रसिया से मंगाई गई हैं वे रास्ते में अभी मोमेंट पर हैं। जिनको अगले सप्ताह के भीतर यहां पर पहुंचा दिया जाएगा। और उनको एटीसी बिल्डिंग में लगा दिया जाएगा, प्लेनों की लैंडिंग एवम टेकऑफ के लिए उपकरणों को लगा जा रहा है।अब आचार संहिता खत्म होने के बाद ही यहां से उड़ानों का संचालन का उद्घाटन किया जाएगा।
अगले महीने में 97 फीसद सुविधाएं होगी पूरी
नयाल के सीईओ अरूणवीर सिंह ने बताया कि उड़ानों का संचालन अब किसी भी महीने में शुरू हो जाएगा, यह एक ट्रायल रन होंगे। जबकि देश-विदेश के सभी एयरपोर्टों के लिए यहां से सितंबर माह में ही उड़ाने शुरू होगी, यहां पर एयरपोर्ट के अंदर सभी सुविधाओं को अगले माह में 97% तक पूरा किया जा सकेगा।
Gautam Buddha Nagar: गौतमबुद्ध नगर वासियों को जल्द ही नई सौगात मिलने वाली है। जी हां सितंबर महीने में जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की शुरुआत हो जाएगी, जिसको लेकर सभी तैयारियां की जा रही हैं। कहा जा रहा है कि एयरपोर्ट पर यात्रियों को सभी तरह की सुविधाएं मिलेंगी।
इस दौरान एयरपोर्ट के सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन का कहना है कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट आने वाले यात्रियों का खास ख्याल रखा जाएगा। इसको लेकर अब बर्ड ग्रुप कंपनी के साथ एग्रीमेंट हुआ है, जोकि एक भारतीय कंपनी है। ये कंपनी अब तक देश में 21 एयरपोर्ट पर ग्राउंड हैंडलिंग की सुविधा प्रदान कर रही है। कहा जाता है कि बर्ड ग्रुप कंपनी टर्मिनल बिल्डिंग से हवाई जहाज तक सामान पहुंचाने, रैंप की सुविधा, चेकिंग, ट्राली बैग और व्हीलचेयर आदि की सुविधाएं प्रदान करेगी।
जानकारी के मुताबिक,एयरपोर्ट से हर दिन करीबन 50 उड़ान रडार बिना किसी परेशानी के उड़ाई जा सकती है। पहले चरण का विकास कार्य सितंबर 2024 में पूरा होने वाला है। जबकि दिसंबर 2023 के अंत तक 3,900 मीटर लंबे रनवे का निर्माण पूरा हो गया था।
बता दें कि, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए सबसे जरूरी रनवे है। अभी तक यहां के लिए एक ही रनवे बनाया गया है। इतना ही नहीं बल्कि एयरपोर्ट के पहले फेज को पूरा करन के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया था, जिसमें से 7,371 करोड़ रुपये खर्च हो गए है।
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा में चुनाव बहिष्कार करने सिसिला जारी है। रजिस्ट्री को लेकर फ्लैट खरीदारों के बाद अब नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से प्रभावित एक गांव के किसानों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करते हुए मतदान नहीं करने का संकल्प लिया है। किसानों ने जिला निर्वाचन अधिकारी व जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा कर अपनी समस्या बताई है।
भूमि अधिग्रहण किसानों के साथ हो रहा अन्याय
ग्रेनो प्रेस क्लब में मीडिया से बातचीत करते हुए रन्हेरा गांव के किसानों ने कहा कि जेवर एयरपोर्ट के भूमि अधिग्रहण और विस्थापन में किसानों और मजदूरों के साथ हो अन्याय हो रहा है। जिसको लेकर दो सालों से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। स्थानीय जनप्रतिनिधि व अधिकारियों के समक्ष अपनी मांगें रख चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
अधिकारियों पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप
किसानों ने कहा कि अधिकारियों के उपेक्षापूर्ण व तानाशाही रवैए से परेशान होकर लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का निर्णय लिया है। किसानों ने कहा कि आबादी की जितनी जमीन जा रही है, उसका आधा हिस्सा ही विस्थापन के दौरान दिया जा रहा है। जिससे उनके परिवारों को परेशानी होगी। जबकि यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह का कहना है कि रन्हेरा फेस- 2 का विस्थापन, रेट और अधिग्रहण जिला प्रशासन को करना है। ग्रामीणों को गलत तथ्य बताकर यमुना प्राधिकरण का नाम लिया जा रहा है।
Greater Noida: यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरीफेरल को जगनपुर इंटरचेंज पर जोड़ने की योजना में पेंच फंस गया है। इंटरचेंज बना रही एजेंसी ने नए दर की मांग की है, जबकि प्राधिकरण पांच साल पुरानी दरों पर ही काम कराने पर अड़ा है। जिसकी वजह से अभी तक इंटरचेंज का काम शुरू नहीं हो पाया है।
इंटरचेंज बनने से 20 किमी दूरी होगी कम
दरअसल, यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरीफेरल पर जाने के लिए दोनों एक्सप्रेसवे के वाहन चालकों को 15 से 20 किमी का चक्कर लगाना पड़ता है। इसे देखते हुए यमुना प्राधिकरण ने जगनपुर-अफजलपुर गांव के पास इंटरचेंज बनाने के लिए टेंडर 2019 में जारी किया था। लेकिन उस समय किसानों का मामला कोर्ट में अटका होने के कारण काम शुरू नहीं हो सका था। अब करीब 6 माह पहले इस इंटरचेंज का निर्माण शुरू कराने के लिए मुख्य सचिव ने शिलान्यास किया था।
6 महीने में चालू करने का किया था दावा
लेकिन टेंडर की दर और वर्तमान दर में काफी अंतर आ जाने के कारण करीब 22 करोड़ रुपये अधिक खर्च आ गया है। अब इसके निर्माण पर करीब 122 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। शिलान्यास के दौरान छह माह में इसे बनाकर चालू करते हुए नोएडा एयरपोर्ट में उड़ान से पूर्व ही इसे चालू करने का दावा किया गया था। प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही निर्माण एजेंसी के साथ वार्ता की जाएगी और यदि बात नहीं बनती है तो फिर से टेंडर जारी किया जाएगा। चूंकि निर्माण एजेंसी मिट्टी डालने के लिए 22 करोड़ रुपये की मांग कर रही है। इसके लिए अब जल्द ही बैठक करके निर्णय लिया जाएगा।
22 करोड़ रुपये मिट्टी डालने के लिए अतिरिक्त मांगा
बता दें कि इंटरचेंज बनाने वाली कंपनी ने मिट्टी डालने के लिए अतिरिक्त पैसा खर्च होने की मांग पिछले दिनों रखी थी, जिसके तहत 22 करोड़ रुपये के एस्टीमेट तैयार किया गया था। प्राधिकरण ने इस मांग को एनएचएआई को भेज दिया था। लेकिन अब एनएचएआई ने मानने से मना कर दिया है।
Greater Noida: यमुना प्राधिकरण ने अपनी आवासीय भूखंड योजना लॉन्च कर दी है। योजना में कुल 361 आवासीय भूखंड नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास हैं। इस योजना में ऑनलाइन आवेदन भी शुरू हो गया है। भूखंडों का आवंटन लॉटरी से किया जाएगा। इस स्कीम में 63 भूखंड किसान कोटा, 18 हजार उद्योग, संस्थागत, कामर्शियल श्रेणी के लिए रिजर्व हैं। सामान्य श्रेणी में 280 भूखंड हैं। यह भूखंड 120, 162, 200, 300 , 500 , एक हजार और चार हजार वर्गमीटर के हैं।
5 अगस्त तक होगा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
सेक्टर 16, 18, 20 व 22 डी में प्लॉट् की बिक्री होगी। वहीं, प्राधिकरण 24ए में शामिल भूखंडों को योजना में शामिल कर सकता है। भूखंडों का आवंटन निर्धारित 25900 वर्गमीटर की दर से किया जाएगा। आवंटियों को दस प्रतिशत राशि पंजीकरण और शेष 90 प्रतिशत एक मुश्त देनी होगी। यीडा आवासीय भूखंड (प्लॉट) योजना के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 5 जुलाई से शुरू हो गई है। जो 5 अगस्त 2024 तक जारी रहेगा। प्लॉट आवंटित करने के लिए ड्रॉ 20 सितंबर को होगा।
रजिस्ट्रेशन के लिए इतने पैसे देने होंगे
योजना के मुताबिक, 120 वर्ग मीटर के लिए रजिस्ट्रेशन फीस एससी/एसटी श्रेणी को 1,55,400 रुपये और अन्य के लिए 3,10,800 रुपये है। 4000 वर्ग मीटर के लिए रजिस्ट्रशन फीस एससी/एसटी श्रेणी के लिए 51,80,000 और अन्य के लिए 1,03,60,000 रुपये से शुरू होती है।
ऐसे करें रजिस्ट्रेशन
यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण (YEIDA) की वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन फीस जमा करें। आपके पास पते के लिए आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र होना जरूरी है। पहचान के लिए आधार कार्ड, पहचान पत्र या पासपोर्ट होना जरूरी है। वेबसाइट पर नेट बैंकिंग के माध्यम से 600 रुपये और 18% जीएसटी का भुगतान करके ऑनलाइन आवेदन पत्र प्राप्त कर सकते हैं।
Greater Noida: जेवर में बन रहे नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के दूसरे चरण से प्रभावित होने वाले 9 हजार किसानों के लिए खुशखबरी राज्य सरकार ने दी है। इन किसानों के विस्थापन के लिए राज्य सरकार ने 1296 करोड़ रुपये मंजूर कर दिए हैं। राज्य सरकार अपने हिस्से की 37.5 फीसदी राशि करीब 486 करोड़ रुपये जारी भी कर दिया है। अब किसानों के विस्थापन प्रक्रिया शुरू होगी। प्रभावित किसान फलैदा कट और मांडवलपुर पर बनाए जाने वाले टाउनशिप में विस्थापित किए जाएंगे।
किसानों की 1181 हेक्टेयर भूमि अधिगृहीत
बता दें कि हवाई अड्डे के दूसरे चरण के फेज-1 के लिए जेवर के रन्हेरा, कुरैब, नगला जहानू, नगला हुकमसिंह और नगला भामला गांव की 1181 हेक्टेयर भूमि अधिगृहीत की गई है। शासन से 1296 करोड़ की धनराशि की स्वीकृति के बाद हवाई अड्डे के विस्तारीकरण से प्रभावित परिवारों के लिए विस्थापन, टाउनशिप विकसित करने और प्रभावित परिवारों को उनकी संपत्ति का प्रतिकर देने में तेजी आएगी। प्रभावित परिवारों के किसानों ने पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन के तहत दो जगह टाउनशिप विकसित करने की मांग रखी थी। जिसके बाद फलैदा कट और जेवर के मांडवलपुर गांव पर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है।
मुआवजा किसानों के खातों में जमा
हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के लिए अधिगृहीत 1181 हेक्टेयर जमीन का मुआवजा किसानों के बैंक खातों में जमा कराया जा चुका है। अधिग्रहण के बाद प्रभावित होने वाले रन्हेवरा, कुरैब, कुरैब के मांजरा नगला जहानू, करौली के मांजरा नगला हुकमसिंह व रन्हेरा के मांजरा नगला भामला को विस्थापित करने का फैसला किया गया था।
शासन ने 486 करोड़ रुपये जारी किए
डीएम मनीष वर्मा ने बताया कि एयरपोर्ट के दूसरे चरण के फेज-1 के लिए शासन से 486 करोड़ रुपये की धनराशि जारी कर दी गई है। शासन के दिशानिर्देश पर प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और पुर्नव्यवस्थापन की प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी।
ग्रेटर नोएडा में बन रहे जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान शुरू होने की तारीख सामने आ गई है. एयरपोर्ट पर पहले 28 सितंबर से उड़ानें शुरू होनी थीं. मगर डेडलाइन पर काम पूरा नहीं होने के कारण अब 17 अप्रैल 2025 से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को फंक्शनल बनाने की घोषणा की गई है. अप्रैल तक सभी कार्यों को पूरा कर यहां से उड़ान शुरू करने की पूरी तैयारी है. नागरिक उद्यान महानिदेशालय की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में इस पर निर्णय ले लिया गया है. कमर्शियल फ्लाइट्स की शुरुआत से पहले उड़ानों की लिस्ट तय करने और जरूरी एनओसी के लिए समय सीमा निर्धारित कर दी गई है.
एयरपोर्ट पर एक रनवे का काम हुआ पूरा
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक रनवे का काम पूरा कर हो गया है. इस रनवे पर ही कमर्शियल उड़ानों का ट्रायल शुरू किया जाएगा. इस ट्रायल के शुरू होने के बाद बोर्ड रिपोर्ट मंगाई जाएगी. जिसके आधार पर आगे की उड़ानों को तय किया जाना है. यीडा के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि बैठक में ये फैसला लिया गया है कि 30 नवंबर को कमर्शियल उड़ानों का ट्रायल होगा. इस ट्रायल में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, अकाशा और इंडिगो जैसी एयरलाइंस भाग लेंगी. इसके लिए एयरपोर्ट पर कैटेगरी एक और कैटेगरी तीन दोनों इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम स्थापित कर दिए गए हैं. डीजीसीए की ओर से इसका परीक्षण भी किया गया है.
मार्च 2025 तक डीजीसीए से लाइसेंस मिलने की उम्मीद
सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि 4 से 6 अक्टूबर तक आईएलएस का कैलिब्रेशन किया जाएगा. जिसकी रिपोर्ट 10 अक्टूबर तक पेश कर दी जाएगी. कैलिब्रेशन का सर्टिफिकेट 15 अक्टूबर तक जारी हो जाएगा. फ्लाइट्स का प्रोसेस 15 नवंबर तक डीजीसीए को दिए जाने की तैयारी की जा रही है. वहीं 25 नवंबर तक डीजीसीए उड़ानों का ड्राइंग बनाएगा.वहीं सीईओ ने 30 नवंबर को होने वाले कमर्शियल फ्लाइट ट्रायल में एक से दो दिन का समय लगने का अनुमान जताया है. इसके बाद दिसंबर में एयरोड्रोम लाइसेंसिंग के लिए आवेदन करने की योजना है. अधिकतम 90 दिनों में डीजीसीए की ओर से इसके लिए लाइसेंस जारी हो जाएगा. मार्च 2025 तक इसका लाइसेंस मिलने की उम्मीद जताई गई है.
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