Noida: आम आदमी पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी सांसद संजय सिंह की ED द्वारा गिरफ्तारी से आम जनमानस में भारी रोष है। यह कार्रवाई, मोदी-अडानी के भ्रष्टाचार के खिलाफ इंडिया की मजबूत आवाज संजय सिंह कि आवाज को दबाने की साजिश है। संजय सिंह की गिरफ्तारी से नाराज कार्यकर्ताओं ने पिछले दिनों में यूपी सहित पूरे देश भर में विरोध प्रदर्शन किया। यह बातें रविवार को आम आदमी पार्टी के जिला प्रभारी सी एम चौहान ने कही।
ED की रेड में चली संजय सिंह के घर कुछ नहीं मिला
सीएम चौहान ने कहा, 2024 में मोदी इंडिया गठबंधन से चुनाव हार रहे हैं। इसी बौखलाहट में इंडिया की मजबूत आवाज संजय सिंह को गिरफ्तार किया गया है। फर्जी शराब घोटाले के मुख्य अभियुक्तों ने 14 बार ईडी को बयान दिए। लेकिन उन बयानों में कभी संजय सिंह का नाम नहीं लिया। सांसद संजय सिंह कोई अंजान व्यक्ति नहीं है, क्या अभियुक्त को इतनी बार बयान देते हुए सांसद संजय सिंह का नाम याद नही आया? अचानक से ईडी द्वारा अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया. अभियुक्त से सांसद संजय सिंह के खिलाफ बयान दिलवाया गया। महीने भर के अंदर अभियुक्त को जमानत मिल गई और ईडी ने उसकी जमानत का कोई विरोध नहीं किया.जमानत के कुछ दिन बाद ही उसको सरकारी गवाह बना दिया गया. 12 घंटे ईडी की रेड चली जिसमे सांसद संजय सिंह के घर का कोना कोना छान मारा फिर भी कुछ नहीं मिला इसके बावजूद गिरफ्तार किया।
ED भाजपा के दबाव में कर रही काम
सीएम चौहान ने कहा ईडी भाजपा के दबाव में काम कर रही है, इसलिए सांसद संजय सिंह को गिरफ्तार करने से पहले समन तक नही भेजा। संजय सिंह लगातार मोदी अडानी के भ्रष्टाचार के खिलाफ सड़क से लेकर संसद तक लड़ाई लड़ते रहे हैं और उन्होंने अडानी के घोटालों के साक्ष्य ईडी के सामने प्रस्तुत करे। लेकिन ईडी ने अडानी के खिलाफ कार्यवाही न करते हुए मोदी के दबाव में आकर संजय सिंह को ही गिरफ्तार करवा दिया।
गरीबो और किसानों की आवाज उठाते रहे हैं सांसद संजय सिंह
जिलाध्यक्ष भूपेन्द्र जादौन ने कहा कि संजय सिंह ने मणिपुर हिंसा में महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने जैसे जघन्य अपराध के खिलाफ सदन में आवाज उठाई तो उन्हे राज्य सभा से पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। सांसद संजय सिंह लगातार दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों व समाज के कमज़ोर वर्गो की आवाज लगातार उठाते रहे हैं और सरकार से सवाल पूछते रहे हैं। संजय सिंह ने समय समय पर किसानों के हितों की रक्षा के लिए, युवाओं के रोजगार के लिए , पुरानी पेंशन की बहाली के लिए महिलाओं की सुरक्षा के लिए देश में बढ़ती मंहगाई के खिलाफ सड़क से लेकर संसद तक आवाज उठाते रहे हैं।
सांसद संजय सिंह के खिलाफ यह पूरा मामला फर्जी
जिलाध्यक्ष भूपेन्द्र जादौन ने कहा, सांसद संजय सिंह के खिलाफ ये पूरा मामला फर्जी, बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित है हम लोग इससे डरने वाले नही हैं। पूरा देश सांसद संजय सिंह के साथ खड़ा है। मोदी की तानाशाही से डरने वाले नही हैं। इस तानाशाही के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी। प्रेसवार्ता के दौरान जिला महासचिव राकेश अवाना,जिला प्रवक्ता राहुल सेठ,जिला उपाध्यक्ष प्रवीन धीमान,जतन भाटी, गजेंद्र चौधरी, ध्रुव साहनी सिंगराज सिंह मौजूद रहे।
Lucknow: बसपा सुप्रीमो एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि लोकसभा चुनाव में बसपा के किसी भी दल से गठबंधन नहीं करने की बार-बार स्पष्ट घोषणा के बावजूद आए-दिन गठबंधन संबंधी अफवाह फैलाई जा रही है। इससे साबित होता है कि बसपा के बिना कुछ पार्टियों की सही से दाल गलने वाली नहीं है।
अपने लोगों का हित ही सर्वोपरि
बसपा के लिए अपने लोगों का हित ही सर्वोपरि है। लिहाजा सर्वसमाज के खासकर गरीबों, शोषितों एवं उपेक्षितों के हित व कल्याण के मद्देनजर बसपा का देश भर में अपने लोगों के तन, मन, धन के सहारे अकेले अपने बलबूते पर लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला अटल है। उन्होंने लोगों से ऐसी अफवाहों से सावधान रहने के लिए आगाह भी किया है।
बता दें कि कांग्रेस ने बसपा के साथ गठबंधन की संभावनाएं पर नए सिरे से बात करने की बात कही थी। यूपी कांग्रेस से जुड़े नेताओं ने कहा था कि कांग्रेस की पूरी कोशिश है कि इंडिया गठबंधन के साथ बीएसपी भी आ जाए। हालांकि मायावती पहले ही अकेले चुनाव लड़ने की बात कह चुकी थीं।
लोकसभा चुनावों को लेकर इस समय हर पार्टी में उठा-पटक जारी कोई अपनी पार्टी छोड़कर किसी दूसरी पार्टी में शामिल हो रहा है। तो कोई अपने क्षेत्र से टिकट मिलने की आस लगाए बैठा है। इसी दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कुछ ऐसे संकेत दिए हैं, जो पार्टी से इस्तीफा देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्या और वरुण गांधी की किस्मत बदल सकते हैं। जी हां सूत्रों की मानें तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव में पार्टी से इस्तीफा देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य और अभी तक भाजपा में रहकर राजनीति करने वाले वरुण गांधी को उम्मीदवार बना सकते हैं।
क्या स्वामी प्रसाद कभी सपा छोड़कर गए थे?- अखिलेश
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य को टिकट देने के सवाल पर कहा "कि क्या स्वामी प्रसाद कभी सपा छोड़कर गए थे?" वहीं, जब उनसे पूछा गया "कि आपने स्वामी प्रसाद का इस्तीफा स्वीकार कर लिया तो वो बोले, हमारी कमेटी विचार कर रही होगी। मुझे इसकी जानकारी नहीं है।" आपको बता दें कि बीते दिनों स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी अखिलेश को लेकर नर्म रुख अपनाते हुए कहा था "कि उन्हें अखिलेश से कुछ भी शिकायत नहीं है।"
"सरकार के दबाव में पार्टी छोड़ रहे नेता"
वरुण गांधी को भी टिकट देने को लेकर अखिलेश यादव ने संकेत दिया है। उन्होंने कहा कि इस पर विचार करेंगे। साथ ही सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा "कि हमारे जो नेता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं वह सरकार के दबाव में ऐसा कर रहे हैं।" जानकारों की मानें तो वरुण गांधी अमेठी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। ये सीट गांधी परिवार की परंपरागत सीट रही है। इस सीट से वरुण के पिता संजय गांधी भी चुनाव लड़ चुके हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 में अपनी जीत पक्की करने के लिए लगातार राजनीतिक पार्टियां तैयारियों में लगी हुई हैं। इसी कड़ी में सोमवार को कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन की ओर से दिल्ली में प्रेस वार्ता का आयोजन किया, जहां पार्टी के 3 उम्मीदवार कैन्हैया कुमार, उदित राज और जय प्रकाश मौजूद रहे।
इस दौरान उम्मीदवार उदित राज ने कहा कि उत्तर पश्चिम लोकसभा से मैं सांसद रहा, जो हमने काम कराए, वो आज तक किसी ने नहीं कराया है। उन्होंने कहा कि बवाना से कुतुब गढ़ तक मेट्रो की बात हमने की, लेकिन इसके बाद भी अब तक वर्तमान सांसद इस काम को पूरा नहीं करा सके हैं।
प्रत्याशी कन्हैया कुमार ने कहा कि, बीजेपी के राज में महंगाई और बेरोजगारी दिनों-दिन बढ़ती ही जा रही है। चंदा दो धंधा लो के तहत लूटा जा रहा था। हमें आने वाले भविष्य को जबाव देना पड़ेगा। हमारे पास सभी सीटों के लिए सकारात्मक एजेंडा है। नौजवानों के पास डिग्री है तो हम उन्हें नौकरी देने का काम करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में मौजूदा सांसद ने क्या विकास करा? ये आज हम सभी के सामने है। उन्होंने सिर्फ लोगों के बीच नफरत फैलाई है।
बता दें कि, लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान हो चुका है। ऐसे में अब दूसरे चरण के मतदान को लेकर राजनीतिक दल जनसभा और प्रेस वार्ता कर जनता के बीच अपनी बातें रख रहे हैं। साथ ही उनका समर्थन पाने की अपील भी कर रहे हैं।
राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने आज कुशीनगर में दौरा किया। कुशीनगर लोकसभा से अपनी चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद मौर्य का ये पहला दौरा है। स्वामी प्रसाद मौर्य जिले की सीमा पर स्थित हाटा विधानसभा की सुकरौली से अपने चुनाव का शंखनाद किया। इस दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य ने जहां इंडिया गठबंधन को नसीहत दे डाली तो वहीं बीजेपी को लेकर तंज कसा।
"जनता की मांग पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया"
कुशीनगर से चुनाव लड़ने के फैसले को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य बोले कि कुशीनगर की जनता मुझे अपने प्रतिनिधि के रूप में देखना चाहती है। जनता की मांग पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। जनता का अपार समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा विपक्ष के नेताओं को ईडी, सीबीआई से डरा कर जेल भेज रही है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन इसका जीता जागता उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि देश और संविधान के लिए भाजपा खतरा है। इसकी को देखते हुए मैं भी लोकसभा चुनाव लड़ रहा हूं। इसके साथ ही इंडिया गठबंधन को नसीहत देते हुए स्वामी ने कहा कि गठबंधन ने कुछ सीटों पर ऐसे प्रत्याशी उतारे हैं जैसे लगता है कि वह भाजपा को जिताना चाहती है। स्वामी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जहां पर बसपा प्रत्याशी मजबूत हैं वहां पर उसे जिताएं जहां पर इंडिया गठबंधन प्रत्याशी मजूबत हैं वहां उसे जिताएं।
उत्तर प्रदेश में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी- स्वामी
मौर्य ने बीजेपी के 400 पार वाले सवाल को लेकर भी कहा कि ये भाजपा के नेता, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री नहीं बोल रहे, ये भाजपा का घमंड बोल रहा है। 400 पार का मतलब है कि यह ईवीएम के दुरुपयोग के बलबूते पर 400 पार बता रहे हैं। लोकतंत्र में कौन कितनी सीट पाएगा यह जनता तय करती है। जो फैसला जनता को करना है यह सरकार कैसे कह सकती है कि हम 400 के पार जा रहे हैं। इसका मतलब है उनको जनता पर विश्वास नहीं है। पहले चरण का चुनाव हो चुका है। उत्तर प्रदेश में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी है। आज जो बातें निकल रही हैं, हार और बौखलाहट के चलते निकल रही है।
वाराणसी में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के पौत्र और भदोही लोकसभा सीट से टीएमसी प्रत्याशी ललितेशपति त्रिपाठी के पिता राजेशपति त्रिपाठी ने इंडिया गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया है। साथ ही उन्होंने अपने चचेरे भाई सोमेश पति त्रिपाठी के भाजपा में शामिल होने के निर्णय को भी गलत करार दिया है। बड़ी बात कहते हुए उन्होंने कहा कि वो उम्मीद कर रहे हैं कि चुनाव खत्म होने के बाद वो अपनी भूल सुधार लेंगें।
भारत जोड़ो यात्रा से पार्टी में भरी नई ऊर्जा
उन्होंने कांग्रेस और राहुल गांधी पर काफी बातचीत की। भारत जोड़ों यात्रा के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि ‘राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस में नयी उर्जा का संचार हुआ’।
कांग्रेस कमजोर होगी तो देश कमजोर होगा
राजेशपति त्रिपाठी ने औरंगाबाद हाउस को यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी की विचारधारा का गढ़ बताते हुए कहा कि ‘पंडित जी का कहना था कि कांग्रेस कमजोर होगी, तो देश कमजोर होगा। औरंगाबाद हाउस आज भी पंडित जी की विचारधारा पर कायम हैं’।
उन्होंने अपने चचेरे भाई सोमेश पति त्रिपाठी के भाजपा ज्वाइन करने पर कहा कि यह उनसे भूल हुई है और चुनाव बाद पूरी उम्मीद है कि वो अपनी भूल को सुधार कर वापस आ जाएंगे। आगे उन्होंने कहा कि पंडित कमलापति त्रिपाठी के परिवार का हर सदस्य उनकी विचारधारा से प्रभावित है, इसमें किसी प्रकार का कोई संशय नहीं है। राजेशपति त्रिपाठी ने ये भी बताया कि 5वें चरण के मतदान के बाद टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी भदोही में ललितेश पति त्रिपाठी के चुनाव प्रचार के लिए आएंगी।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में इंडि गठबंधन की एक जनसभा होनी थी, जिसमें अखिलेश यादव और राहुल गांधी दोनों जनसभा को संबोधित करने वाले थे। लेकिन प्रयागराज की इस संयुक्त जनसभा में बवाल हो गया। पुलिस ने धक्का-मुक्की रोकने की कोशिश की, लेकिन भीड़ बेकाबू हो गई। अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की, लेकिन भीड़ लगातार बेकाबू होती गई, जिसके बाद दोनों नेता बिना भाषण के वहां से चले गए।
राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने की शांत रहने की अपील
प्रयागराज में राहुल गांधी और अखिलेश यादव की संयुक्त रैली में बवाल हुआ। राहुल गांधी और अखिलेश यादव के मंच पर पहुंचते ही समर्थक सुरक्षा घेरा तोड़कर उनकी तरफ बढ़ने लगे। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। पुलिस ने लाठी चलाई, तो वहां भगदड़ जैसे हालत हो गए। जानकारी के मुताबिक, कई लोग चोटिल भी हो गए हैं।
अखिलेश यादव ने समर्थकों से शांत रहने की अपील की। अखिलेश के साथ राहुल ने भी हाथ उठाकर लोगों से शांत रहने की अपील की। करीब 15 मिनट तक भीड़ बेकाबू रही। जब दोनों नेताओं की समर्थकों ने नहीं सुनी, तो सपा के पूर्व मंत्री श्रीप्रकाश राय उर्फ लल्लन राय ने मंच संभाला और समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की।
नहीं हुआ दोनों नेताओं का भाषण
भीड़ ने जब किसी की बात नहीं मानी, तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव नाराज होकर वहां से चले गए। मंच पर मौजूद नेताओं ने अखिलेश को रोकने की कोशिश की। लेकिन वो नहीं रुके, साथ ही राहुल गांधी भी वहां से चले गए। दोनों नेता बिना रैली को संबोधित किए ही मंच छोड़कर हेलिकॉप्टर पर पहुंच गए और वहां से रवाना हो गए।
कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में पहुंचे थे प्रयागराज
अखिलेश यादव और राहुल गांधी, प्रयागराज में कांग्रेस प्रत्याशी उज्जवल रमण सिंह के लिए प्रचार करने के लिए पहुंचे थे। आपको बता दें, प्रयागराज से भाजपा ने केसरीनाथ त्रिपाठी के बेटे नीरज त्रिपाठी को उतारा है।
लोकसभा चुनाव 2024 की अंतिम चरण की वोटिंग आज यानी शानिवार को हो रही है। वहीं आखिरी चरण के मतदान के बीच इंडिया गठबंधन के प्रमुख नेताओं की एक बैठक भी शुरु हो चुकी है। ये बैठक दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के घर पर बुलाई है। बैठक में शामिल होने के लिए विभिन्न दलों के नेता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के घर पहुंच गए हैं। माना जा रहा है कि बैठक में इस बात पर चर्चा होगी कि चुनाव के बाद इंडी गठबंधन की क्या रणनीति होनी चाहिए।
इंडिया गठबंधन की मीटिंग में पहुंचे प्रमुख नेता
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के घर पर बुलाई गई इंडिया गठबंधन की मिटिंग में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल, पंजाब सीएम भगवंत मान और राघव चड्ढा और आप नेता संजय सिंह, तेजस्वी यादव और अखिलेश यादव पहुंच चुके हैं। इसी के साथ ही झारखंड के सीएम चंपई सोरेन और जेएमएम महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य, एनसीपी-एससीपी प्रमुख शरद पवार, नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला इंडिया गठबंधन की बैठक के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर पहुंचे गए हैं।
अखिलेश यादव बोले ‘जनता की तरफ कर पीठ..’
सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी इंडिया गठबंधन की मीटिंग के लिए दिल्ली पहुंच चुके हैं। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बीजेपी के 400 पार के नारे पर भी बात की और पीएम मोदी की ओर निशाना साधते हुए कहा कि, सच तो ये है कि जो समंदर की ओर मुंह करके बैठे हैं, उन्होंने जनता से मुंह मोड़ लिया है...वो 140 से आगे नहीं जाएंगे।''
ममता बनर्जी और महबूबा मुफ्ती शामिल नहीं
इस मीटिंग में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नहीं आएंगी। ममता बनर्जी के अलावा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी इंडिया गठबंधन की इस बैठक से अनुपस्थित हैं। हालांकि उनकी जगह उनकी पार्टी के वरिष्ठ सदस्य बैठक में उनका प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। माना जा रही है कि देश में चल रहे अंतिम चरण के चुनाव के लिए पश्चिम बंगाल की कई सीटों पर मतदान हो रहा है। जिसकी वजह से ममता बनर्जी दिल्ली नहीं आ रही हैं। तो वहीं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती भी बैठक में शामिल नहीं होंगी। उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की दिल्ली में होने वाली बैठक में उनके निजी कारणों से शामिल होने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं संभवत: नहीं जाऊं क्योंकि मेरी मां की आंख की सर्जरी हुई है।
सातवें और अंतिम चरण के मतदान के साथ ही लोकसभा चुनाव 2024 की मतदान प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है। शाम छह बजे तक मतदान हुआ। उसके बाद शाम करीब साढ़े छह बजे से ही एग्जिट पोल जारी होने शुरू हो गए। लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे। नतीजों से पहले आज शाम को अलग-अलग मीडिया चैनलों और सर्वे एजेंसियों की तरफ से एग्जिट पोल जारी किए। देश में किस पार्टी की सरकार बन सकती है? किस पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं? इसके लिए किस पोल में क्या अनुमान लगाए गए? विस्तार से जानिए
राजस्थान के एग्जिट पोल
टाइम्स नाउ के अनुसार, भाजपा राजस्थान में 18 सीटें जीत सकती है। वहीं कांग्रेस 7 सीटों पर जीत सकती है। जबकि इंडिया टीवी के अनुसार भाजपा को 21-23, इंडी गठबंधन 2-4 और अन्य को शून्य सीटें मिल सकती हैं।
एबीपी सी वोटर एग्जिट पोल के मध्य प्रदेश के नतीजे
एबीपी सी वोटर के मुताबिक मध्य प्रदेश में एनडीए 26-28, इंडी गठबंधन 1-3 और अन्य को शून्य सीटें मिल सकती हैं। वहीं न्यूज 24 टूडेज चाणक्य के अनुसार, मध्य प्रदेश में भाजपा सभी 29 सीटें जीत सकती है। कांग्रेस यहां खाता भी खोलती नहीं दिख रही है।
महाराष्ट्र में एनडीए को 30 के करीब सीटें मिल सकती हैं
रिपब्लिक पीएमएआरक्यूवाई के अनुसार, महाराष्ट्र में एनडीए -29, इंडी- 17 सीटें जीत सकती है। वहीं रिपब्लिक मैट्रिज के अनुसार, एनडीए को 30-36, इंडी गठबंधन को 13-19 सीटें मिल सकती हैं।
इंडिया टीवी के एग्जिट पोल में एमपी में भाजपा को 28-29 सीटें
इंडिया टीवी के अनुसार, मध्य प्रदेश में भाजपा 28-29 सीटें जीत सकती है और कांग्रेस सिर्फ 0-1 सीटों पर जीत सकती है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ की 11 सीटों में से भाजपा 10-11 सीटों पर कब्जा कर सकती है। वहीं कांग्रेस को 0-1 सीटों पर ही संतुष्ट होना पड़ सकता है।
यूपी में एनडीए को बहुमत
रिपब्लिक मैट्रिज के अनुसार, यूपी में एनडीए को 69-74 सीटें, इंडी गठबंधन को 6-11 सीटें मिलने का अनुमान है।
बिहार में ऐसा रह सकता है सीटों का हाल
इंडिया टुडे एक्सिस माई इंडिया के अनुसार, बिहार में भाजपा को 13-15 सीटें, जेडीयू 9-11, लोजपा 5, राजद 6-7, कांग्रेस 1-2, अन्य 0-2 सीटें जीत सकते हैं। बिहार में इंडी गठबंधन 7-10, एनडीए 29-33 सीटें जीत सकता है।
एबीपी-सी वोटर के एग्जिट पोल के राज्यों के नतीजे
एबीपी-सी वोटर के एग्जिट पोल के अनुसार, आंध्र प्रदेश में 21-25 सीटें एनडीए जीत सकती है। तेलंगाना में भाजपा 7-9 सीटें, कांग्रेस 7-9, एआईएमआईएम 0-1 सीटें जीत सकती है। वहीं कर्नाटक में एनडीए 23-25, इंडी गठबंधन 3-5, अन्य शून्य सीटें जीत सकते हैं।
न्यूज 24-टुडेज चाणक्य के एग्जिट पोल के नतीजे
न्यूज24- टुडेज चाणक्य के एग्जिट पोल के अनुसार, छत्तीसगढ़ में सभी 11 सीटें भाजपा को मिल सकती हैं। उत्तराखंड में सभी पांचों सीटें भाजपा को मिल सकती हैं। गुजरात में भी 26 सीटों पर भाजपा कब्जा कर सकती है। तीनों ही राज्यों में कांग्रेस का खाता खुलता नहीं दिख रहा है।
लोकसभा चुनावों के छठे चरण की वोटिंग 25 मई को होनी है। इस फेज में उत्तर प्रदेश में जिन 14 सीटों पर मतदान होगा वहां का मुकाबला काफी दिलचस्प है। देखा जाए तो इस चरण की आधी सीटें ऐसी हैं जानकारों के हाथों के भी तोते उड़े हुए हुए हैं। बड़े-बड़े राजनीतिक विश्लेषक भी पसोपेश में पड़ गए हैं कि किस जाति का वोट किस प्रत्याशी को मिलेगा। इस चरण में सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, इलाहाबाद, फूलपुर, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संतकबीरनगर, लालगंज, जौनपुर,मछलीशहर, भदोही और आजमगढ़ में वोटिंग होनी है। राजा भैया और धनंजय सिंह के हनक और रुतबे की तो परीक्षा होगी ही भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी की रणनीति की अग्निपरीक्षा भी इस चरण में हो जाएगी। इस फेज में बीजेपी की दिग्गज लीडर मेनका गांधी, जगदंबिका पाल, दिनेश लाल यादव निरहुआ, कृपाशंकर सिंह की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है।
बीजेपी के कितने काम आएंगे धनंजय सिंह
जौनपुर और मछलीशहर का चुनाव बीजेपी के लिए फंसा हुआ है। माफिया से पॉलिटिशियन बने धनंजय सिंह का इलाके में बहुत दबदबा है। केवल राजपूत ही नहीं, दूसरी जातियों के वोट भी उन्हें ही मिलते हैं। हालांकि पिछले कई चुनाव वो हार चुके हैं पर अपने सर्किल के वोट उन्हें हर हाल में मिलते ही हैं। इसलिए जौनपुर और मछली शहर में अगर बीजेपी जीतती है तो उसमें उनकी बड़ी भूमिका हो सकती है और अगर हारती है तो कहा जाएगा कि उनका जादू नहीं चला। जौनपुर लोकसभा सीट पर एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच मुकाबला है। एनडीए की तरफ से बीजेपी ने पूर्व मंत्री कृपाशंकर सिंह को उम्मीदवार बनाया है। जबकि समाजवादी पार्टी ने पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को मैदान में उतारा है। इस सीट पर बीएसपी ने पहले धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी को टिकट दिया था। बाद में श्रीकला रेड्डी चुनाव से हट गईं। ये क्यों हुआ, इसके लिए अलग-अलग दावें हैं। फिलहाल जिस तरह धनंजय सिंह बीजेपी का खुलकर समर्थन कर रहे हैं उसने सबके आंखों की पट्टियां खोल दी हैं। वहीं मछली शहर में बीजेपी ने मौजूदा सांसद बीपी सरोज को उम्मीदवार बनाया है। बीपी सरोज के पास जीत की हैट्रिक बनाने का मौका है। सरोज पिछले 10 साल से सांसद हैं साल 2019 आम चुनाव में सरोज को सिर्फ 181 वोटों से जीत मिली थी। समाजवादी पार्टी ने 3 बार सांसद रहे तूफानी सरोज की 26 साल की बेटी प्रिया सरोज पर भरोसा जताया है। जाहिर है कि इस बार बीजेपी के लिए यहां का चुनाव आसान नहीं है.
राजा भैया की नारजगी क्या पड़ेगी बीजेपी को भारी
छठवें चरण के चुनाव आने तक भारतीय जनता पार्टी के लिए के लिए एक बुरी खबर यह हो गई कि कुंडा विधायक और जनसत्ता दल के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया बीजेपी से नाराज हो चले हैं। हालांकि उन्होंने कहा था कि वो किसी भी दल के साथ नहीं रहेंगे। पर जिस तरह उन्होंने उत्तर प्रदेश में एंटीइनकंबेंसी की बात की और जिस तरह केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने बयानबाजी की है उससे तो यही लगता है कि वो बीजेपी के खिलाफ मैदान में उतर चुके हैं। इसके साथ ही सपा के समर्थन में भी राजा भैया दिख रहे हैं। फिलहाल इस चरण की कम से कम 4 सीटों पर प्रतापगढ़ , श्रावस्ती, भदोही और इलाहाबाद में उनका प्रभाव है। देखा जाए तो इन सीटों पर उनके एक इशारे पर कई हजार वोट प्रभावित हो सकते हैं।
क्या काम करेगा अखिलेश का पीडीए फॉर्मूला
छठे चरण में जिन उत्तर प्रदेश की जिन सीटों पर मतदान हो रहा है करीब हर सीट पर पिछड़ी जातियों के वोट प्रभावी है। कई सीट ऐसी हैं जहां अल्पसंख्यक, यादव और अन्य पिछड़ी जातियों के वोट का बड़ा हिस्सा है। आजमगढ़ में अखिलेश का यादव और मुस्लिम समीकरण कितना काम करता है, यह देखने लायक होगा। आजमगढ़ से बीजेपी की ओर से भोजपुरी स्टार निरहुआ और अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव का मुकाबला है। यह सीट समाजवादी पार्टी का गढ़ रही है। पिछली बार उपचुनाव में निरहुआ ने बीजेपी के टिकट पर यह सीट समाजवादी पार्टी से छीन ली थी। सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, इलाहाबाद, फूलपुर, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संतकबीरनगर, लालगंज, जौनपुर, मछलीशहर, भदोही और आजमगढ़ सभी सीटों पर पिछड़ी जातियों की अहम भूमिका है। यही कारण है कि इस चरण का चुनाव अखिलेश के पीडीए फार्मूले की अग्निपरीक्षा होगा ।
बीजेपी की सहयोगी पार्टियों की प्रतिष्ठा और भविष्य दोनों दांव पर
छठे चरण में जिन सीटों चुनाव है उन पर बीजेपी की सहयोगी पार्टियों की प्रतिष्ठा और भविष्य दोनों दांव पर है। सुभासपा, निषाद पार्टी और अपना दल के मुखिया अपनी जाति के वोटों को दिलाने के नाम पर ही सत्ता सुख भोग रहे हैं। सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री हैं। इसी तरह अपना दल की मुखिया अनुप्रिया पटेल केंद्र में मंत्री हैं और उनके पति आशीष पटेल उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री पद को सुशोभित कर रहे हैं। गोरखपुर से इलाहाबाद तक राजभर, निषाद और पटेल जातियों की उपस्थिति इन सभी सीटों पर निर्णायक हैं। मेनका गांधी की सुल्तानपुर में हार जीत निषाद और पटेल वोटों की बड़ी भूमिका होगी। यही कारण रहा है कि मेनका गांधी के नामांकन में संजय निषाद और आशीष पटेल दोनों की मौजूदगी सुनिश्चित की गई थी।
क्या काम करेगा भदोही और डुमरियागंज में ब्राह्मण कार्ड
भदोही और डुमरियागंज में पूर्वाचल के दो जाने-माने ब्राह्मण परिवारों के वंशजों को टिकट मिला है। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री पंडित कमलापति त्रिपाठी के बेटे ललितेश त्रिपाठी और गोरखपुर के माफिया टर्न पॉलिटिशियन हरिशंकर तिवारी के बेटे भीष्म शंकर तिवारी की प्रतिष्ठा दांव पर है। कमालपति त्रिपाठी और हरिशंकर तिवारी का नाम उन ब्राह्मण नेताओं में शामिल है जिनके प्रति इस समुदाय में आज भी बहुत सम्मान है। वहीं इनके वंशजों को टिकट बीजेपी से नहीं मिला है। आज की तारीख में ब्राह्मण बीजेपी के हार्डकोर वोटर हैं। ललितेश को टिकट टीएमसी से मिला है जिसे इंडिया गठबंधन का सपोर्ट है। तो भीष्मशंकर तिवारी उर्फ कुशल तिवारी को टिकट समाजवादी पार्टी ने दिया है। अब देखना यह होगा कि इन दोनों प्रत्य़ाशियों को ब्राह्मण वोट करते हैं या नहीं। भदोही लोकसभा सीट से बीजेपी ने मौजूदा सांसद रमेश चंद बिंद का टिकट काट दिया है। उनकी जगह विनोद कुमार बिंद को उम्मीदवार बनाया है इसी तरह डुमरियागंज लोकसभा सीट पर बीजेपी की तरफ से जगदंबिका पाल को फिर से चुनावी मैदान में उतारा गया है। जगदंबिका पाल पिछले 15 साल से इस सीट से सांसद हैं। जबकि समाजवादी पार्टी ने भीष्म शंकर तिवारी इस सीट से पहली बार उम्मीदवार हैं। भीष्म शंकर तिवारी इसके पहले संतकबीर नगर से 2 बार सांसद रहे हैं।
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