एक ओर जहां किसानों का MSP से लेकर तमाम मुद्दे को लेकर प्रदर्शन जारी है तो वहीं दूसरी ओर अब ग्रेटर नोएडा में भी किसानों ने हल्लाबोल दिया है, साथ ही 23 फरवरी के लिए बड़ा ऐलान भी किया है. जिसको लेकर शासन-प्रशासन के भी हाथ पांव फूल गए है. बता दें पिछले कई दिनों से हरियाणा-पंजाब के किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे है. वहीं हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है. इस बीच ग्रेटर नोएडा में किसानों ने एक बड़ी महापंचायत का आयोजन किया जिसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई साथ ही दिल्ली कूच की रणनीति बनाई गई.
160 गांवों के किसान होंगे शामिल
बता दें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर सैकड़ों किसानों की चल रही महापंचायत में शासन-प्रशासन द्वारा की जा रही लापरवाही के मुद्दे की गूंज सुनाई दी. इस महापंचायत में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई. किसान नेता सुखबीर खलीफा के नेतृत्व में आयोजित बैठक में किसानों ने बड़ी रणनीति बनाई. साथ ही प्रशासन पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए 23 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान किया है. किसान नेता सुखबीर खलीफा के नेतृत्व में 160 गांवों के किसान इस दिल्ली कूच में शामिल होंगे. जिसको लेकर प्रशासन की मुश्किलें बढ़ी हुई है.
इन मांगों लेकर प्रदर्शन
रिपोर्ट्स के मुताबिक किसान नेता ने जिला प्रशासन पर किसानों को लगातार गुमराह करने का आरोप लगाय, किसानों ने एक सुर में आवाज मिलाते हुए कहा कि प्रशासन ने 18 फरवरी तक 10% आबादी प्लाट नए कानून को लागू करने एवं आबादी नियमावली में संशोधन करने के संबंध में हाई पावर कमेटी के गठन करने का आश्वासन दिया था, लेकिन उस पर कोई फैसला नहीं लिया गया. एसीपी के माध्यम से 18 फरवरी को कमिश्नर द्वारा सूचना पहुंचाई गई कि तीन दिन का वक्त और लगेगा मांगे गए वक्त पर पंचायत में विचार किया और तीन दिन का वक्त देते हुए 23 तारीख से किसानों के दिल्ली कूच का ऐलान किया गया है
नोएडा: जहां एक ओर किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करने की योजना बना रहे हैं। तो वहीं दूसरी ओर सरकार किसानों की समस्याओं के समाधान ढूंढने में जुटी है। कल मोदी कैबिनेट ने गन्ना किसानों के लिए एक राहत की खबर दी तो आज सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने जनपद के करीब 150 गांव के किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए उत्तर प्रदेश के राजस्व परिषद के अध्यक्ष की अध्यक्षता में एक 3 सदस्य उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई है। यह उच्च स्तरीय कमेटी उत्तर प्रदेश के नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण के क्षेत्र में किसानों की लंबित मांगों के समाधान का तरीका सुझाएगी। समिति एक महीने के अंदर उत्तर प्रदेश सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप देगी।
किसानों की समस्याओं को लेकर समिति का गठन
दरअसल उत्तर प्रदेश के नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में किसान अपनी समस्याओं को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश सरकार की ओर से समिति गठित की गई है। समिति में राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष, मंडलायुक्त मेरठ और जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर शामिल होंगे। समिति के सदस्यों को नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी की ओर से सहयोग प्रदान किया जाएगा।
समिति में मंडलायुक्त, जिलाधिकारी सदस्य होंगे
जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया है कि जनपद गौतमबुद्ध नगर में नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण एवं ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र के किसानों की समस्याओं पर विचार विमर्श करने और उन पर विचार कर समाधान के लिए अपनी सुविचारित आख्या उपलब्ध कराने के लिए अध्यक्ष, राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश की अध्यक्षता में समिति का गठन मुख्यमंत्री के निर्देश पर किया गया है। समिति में मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारी सदस्य होंगे।
योजना प्रभावित किसानों की मांगों का निस्तारण
नोएडा और ग्रेटर नोएडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी समिति को आवश्यक सहयोग प्रदान करेंगे। समिति की ओर से निर्धारित समय सीमा में प्रदेश सरकार के समक्ष आख्या प्रस्तुत करनी होगी। जिलाधिकारी ने बताया कि एनटीपीसी दादरी परियोजना से प्रभावित किसानों की मांगों के निस्तारण के लिए एनटीपीसी की उच्च स्तरीय समिति प्रभावित किसान व हितबद्ध व्यक्तियों से वार्ता कर समाधान सुनिश्चित कराएगी, जिसकी अध्यक्षता निदेशक एचआर एनटीपीसी नई दिल्ली डीके पटेल करेंगे।
Yamuna Expressway Industrial Development Authority (YEIDA) : कहते हैं कि भ्रष्टाचारी डरपोक होते हैं, लेकिन यमुना प्राधिकरण का रिश्वतखोर बेखौफ अंदाज में वसूली करता है। उसके वसूली के अंदाज ने आम लोगों को परेशान कर रखा है। यमुना प्राधिकरण के इस घूसखोर पर गंभीर आरोप लगे हैं। यमुना प्राधिकरण में तैनात एक सीनियर मैनेजर बड़े-बड़े नेताओं की धौंस जमाकर आम लोगों की गाढ़ी कमाई को जबरन छिनैती पर उतारू है। ताज्जुब ये है कि घूसखोर ने अलग-अलग काम के रेट कार्ड बना रखे हैं। मजबूर लोगों से घूस की रकम ऐंठने के लिए ₹100, ₹200 के हिसाब से वसूली की जा रही है।
क्या हैं आरोप?
यमुना प्राधिकरण के अंदर अब भ्रष्टाचार चरम सीमा पर देखने को मिल रहा है। आवंटियों से अपने प्लॉट को ट्रांसफर करने के लिए या अन्य कामों के लिए टेबल दर टेबल पैसे की डिमांड की जाती है। हर टेबल का पैसा फिक्स होने के साथ-साथ भी लोगों को इधर-उधर भगाया जाता है।आवंटी ने बताया कि हर टेबल पर कहीं ₹200 तो कहीं ₹100 फिक्स किए हुए हैं। आवंटियों को अपना काम करने के लिए प्रत्येक टेबल पर कहीं ₹100 तो कहीं ₹200 पर मीटर के हिसाब से देने पड़ते हैं। एक आवंटी ने परेशान होकर अधिकारियों से जब अपनी बात रखी तो उसे लताड़कर कर भगा दिया गया, आवंटी ने कहा कि प्राधिकरण के अंदर प्रत्येक टेबल पर पैसे देने की एक जबरिया वसूली बन चुकी है।
घूस नहीं देने पर होता ऐसा हाल
एक आवंटी ने ये भी आरोप लगाया की लोगों से जबरिया वसूली से पैसा लिया जाता है। आंवटी ने कहा कि कि प्राधिकरण के अंदर यदि एक दिन कोई आवंटी पैसा देने से डिले हो जाता है तो उसका प्लॉट या उसका भूखंड कैंसिल कर दिया जाता है। जबकि यही बात प्राधिकरण के लिए भी लागू होनी चाहिए प्राधिकरण के अंदर डेढ़ साल से अपना रिफंड करने के लिए घूम रहे आवंटी ने बताया कि मुझे रिफंड के डेढ़ करोड़ रुपये के लिए डेढ़ साल में भी नहीं वापस मिल पाए हैं। आवंटी का आरोप है कि इस तरह के दोहरे मापदंड से वह काफी परेशान है। आवंटी ने बताया कि उच्च अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी इन वसूली कर्ताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है।
नहीं होती कोई भी सुनवाई
आवंटी ने बताया कि पहले भी मैं उच्च अधिकारियों को इन सबके खिलाफ एप्लीकेशन दे चुका हूं मगर इन पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं होती है ऐसे अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई की जाए। ट्रांसपेरेंसी के नाम पर यमुना प्राधिकरण में घर भ्रष्टाचार के खिलाफ अधिकारी मौन रहते हैं। जबकि इस बात पर सीईओ यमुना प्राधिकरण का कहना है कि आवंटी की शिकायत के बाद ऐसे अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी
यमुना प्राधिकरण CEO मामले से अनजान
NOWNOIDA की टीम ने प्राधिकरण में चल रहे अवैध वसूली के गोरखधंधे पर जब यमुना प्राधिकरण के सीईओ से जानकारी ली तो उन्होंने खुद को इस मामले से अनजान बताया। हालांकि सीईओ अरुण वीर सिंह ने शिकायतकर्ता से अपील की है कि वो घूसखोर कर्मचारी की जानकारी प्राधिकरण को उपलब्ध कराएं। जिसके बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस में मामला दर्ज करके रिश्वतखोर पर एक्शन होगा।
शिकायतकर्ता को सता रहा डर
लेकिन सीईओ साहब को कौन बताए कि आम आदमी पुलिस कचहरी से किस कदर खौफ खाता है। अपने काम के लिए रोज-रोज प्राधिकरण के चक्कर लगाने वाले आम आदमी एक नई मुसीबत को दावत देने से कतरता है। कायदे से तो प्राधिकरण में बैठे घूसखोरों का इलाज प्राधिकरण को ही करना होगा। वरना एक दिन आएगा जब भ्रष्टाचार की दीमक पूरी व्यवस्था को चट कर जाएगा।
ग्रेटर नोएडा: अथॉरिटी ने फिर एक बार अवैध प्लाटिंग करने वालों को सबक सीखाया. प्रशासन ने सुनपुरा गांव में अधिसूचित एरिया की जमीन पर अतिक्रमण के खिलाफ बुलडोजर चलाया. इस दौरान करीब 2.30 लाख वर्ग मीटर जमीन को अतिक्रमणकारियों से छुड़वाया गया. मार्केट में इस जमीन की कीमत तकरीबन 460 करोड़ बताई जा रही है
अथॉरिटी के CEO के निर्देश पर कार्रवाई
बता दें ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के CEO एनजी रवि कुमार ने अधिसूचित एरिया में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं, जिसके चलते परियोजना विभाग अतिक्रमण हटाने की लगातार कार्रवाई कर रहा है. इसी क्रम में सुनपुरा गांव में कुछ कालोनाइजर अधिसूचित एरिया (खसरा नंबर-403, 405, 406, 407, 408, 410, 411, 438, 444, 401, 434, 435, 442 व 430 आदि) में बाउंड्री बनाकर अवैध प्लॉटिंग कर रहे थे. अथॉरिटी की तरफ से नोटिस जारी की गई, लेकिन कोई असर नहीं हुआ, जिसके चलते प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक राजेश कुमार के नेतृत्व में वर्क सर्किल दो की टीम ने जोरदार कार्रवाई की. इस टीम में उनके साथ मैनेजर स्वतंत्र वर्मा और सहायक प्रबंधक राजीव मोटला व अन्य स्टाफ भी शामिल रहे.
करीब 3 घंटे चली प्रशासन की कार्रवाई
बता दें अथॉरिटी के सुरक्षा कर्मियों और स्थानीय थाना पुलिस की मौजूदगी में टीम ने खसरा नंबरों की लगभग 2.30 लाख वर्ग मीटर जमीन को कब्जा मुक्त कराई. खसरा नंबर- 407 व 434 की जमीन पर आंषिक रूप से अतिक्रमण हटाया गया है. इस कार्रवाई में 7 बुल्डोजरों का इस्तेमाल किया गया. करीब 3 घंटे तक कार्रवाई चली.
ACEO अन्नपूर्णा गर्ग ने दी कड़ी चेतावनी
इस दौरान ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की ACEO अन्नपूर्णा गर्ग ने चेतावनी दी है कि अथॉरिटी की अधिसूचित एरिया में जमीन कब्जाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने परियोजना विभाग के सभी वर्क सर्किल प्रभारियों को अपने एरिया में जमीन पर अतिक्रमण रोकने के लिए कड़ी नजर रखने और अतिक्रमण की सूचना मिलते ही कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.वहीं सीईओ एनजी रवि कुमार ने कहा है कि ग्रेटर नोएडा के अधिसूचित एरिया में किसी भी व्यक्ति को अवैध निर्माण करने की इजाजत नहीं है. ग्रेटर नोएडा में कहीं भी जमीन खरीदने से पहले प्राधिकरण से संपर्क कर पूरी जानकारी जरूर प्राप्त कर लें.
ग्रेटर नोएडा के जीएल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट में मैकेनिकल इंजीनियरिंग और इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट ने Indian Standards Bureau के पहले चैप्टर कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसमें कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के तौर पर मौजूद होंडा इंडिया पावर लिमिटेड ग्रेटर नोएडा के क्वालिटी कंट्रोल इंचार्ज तारिख महमूद और ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड ब्रांच के स्टैंडर्ड प्रोमोशन ऑफिसर अमरदीप जायसवाल ने भाग लिया. इस दौरान दोनों ने Indian Standards Bureau के अलग-अलग मानकों की जानकारी दी और उनकी जरूरतों के बारे में बताया. जानकारी के मुताबिक उन्होंने कहा कि भारत का National Standards Body है जिसे BIS Act 2016 के तहत Standardization of Goods, Marking and Quality Certification की एक्टिविटीज के हार्मोनियस डेवलेपमेंट के लिए स्टैबलिश किया गया है. BIS ट्रेसबिलिटी प्रदान करता रहा है और नेशनल इकोनॉमी को कई तरीकों से प्रॉफिट, सेफ्टी और Reliable Quality वाले सामान उपलब्ध कराता है.
वाइस चेयरमैन पंकज अग्रवाल ने की सराहना
अमरदीप जयसवाल ने बताया कि इन मानकों के द्वारा कंजूमर्स को हेल्थ इशू के खतरों को कम करना, निर्यात और आयात विकल्प को बढ़ावा देना, मानकीकरण, प्रमाणीकरण और परीक्षण के माध्यम से किस्मों के प्रसार आदि पर नियंत्रण करना है. जीएल बजाज शिक्षण संस्थान के वाइस चेयरमैन पंकज अग्रवाल ने इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा इस तरह की कार्यशाला उपभोगता के लिए काफी उपयोगी है.
कॉलेज के सभी टीचर्स मौजूद रहे
बता दें कॉलेज के निदेशक मानस कुमार मिश्रा ने अतिथियों का स्वागत किया और प्रतिभागियो से इस कार्यशाला के माध्यम से अधिक से अधिक लाभ उठाने का आह्वान किया. सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख पीसी वशिष्ठ ने इस कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत अभीभाषण से की और मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख वी.आर. मिश्रा ने इस कार्यशाला का धन्यवाद ज्ञापन दिया. मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के सलाहकार आकाश निगम और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सलाहकार संदीप कुमार सिंह ने इस कार्यशाला को कोर्डिनेट किया. इस दौरान विभाग के सभी टीचर्स उपस्थित रहे.
ग्रेटर नोएडा से इस वक्त की सबसे बड़ी खबर सामने आई है, कारोबारी के बेटे की हत्या के मामले में पुलिस और SWAT टीम को बड़ी सफलता मिली है, पुलिस ने मुठभेड़ में आरोपियों को धर दबोचा है, एक आरोपी कुणाल जो की नाबालिग का दोस्त था वो पुलिस मुठभेड़ में घायल हुआ है, जबकि उसका साथी हिमांशु को भी थाना बीटा-2 पुलिस ने गिरफ्तार किया है. वहीं आरोपियों में एक शख्स मनोज भी शामिल है जो मृतक के परिवार का रिश्तेदार बताया जा रहा है, पुलिस के मुताबिक आरोपी मनोज मृतक के परिवार का करीबी है, जिसका पैसों के लेनदेन को लेकर विवाद चल रहा था और उसकी नजर होटल पर थी जिसको लेकर व्यापारी के बेटे कुणाल की हत्या की साजिश रची गई है.
मृतक के परिवार ने लगाए थे आरोप
आपको बता दें ढाबा संचालक कृष्ण कुमार शर्मा का आरोप लगााया था कि बीटा- 2 पुलिस की लापरवाही से बेटे कुणाल की जान गई. वो शुरू से ही अनहोनी की आशंका जताते रहे थे. लेकिन पुलिस ने उनकी नहीं सुनी. समय रहते पुलिस कार्रवाई करती तो बेटे की जान बच सकती थी. उन्होंने ये भी कहा था कि हत्या का दोष पुलिस पर है. वो पुलिस को कभी माफ नहीं करेंगे, बता दें पुलिस की इस मामले को लेकर जिले में काफी छवि खराब हुई लेकिन पुलिस ने भी अपनी कार्रवाई में कोई कसर नहीं छोड़ी और आरोपियों को गिरफ्तार कर धर दबोचा है,
नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में 1700 लोगों को अपने फ्लैट्स का मालिकाना हक मिल पाएगा। अमिताभ कांत समिति की सिफारियों को स्वीकार करते हुए 22 बिल्डरों ने 245 करोड़ रुपये नोएडा प्राधिकरण कार्यालय में जमा कर दिए। जिसके बाद प्राधिकरण की ओर से इन फ्लैटों की रजिस्ट्री कराई जाएगी। शहर में अब तक 650 फ्लैटों की रजिस्ट्री हो चुकी है।
22 बिल्डरों ने 25% रकम जमा की, हो सकेगी 1700 रजिस्ट्री
नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि 22 बिल्डरों ने कुल बकाया रकम का 25 प्रतिशत जमा कर दिया है। इस राशि के आधार पर 1700 रजिस्ट्री हो सकती है। वहीं, आठ बिल्डरों ने कुल बकाये के 25 प्रतिशत राशि का कुछ हिस्सा जमा किया है। लिहाजा इनकी रजिस्ट्री की गणना अब तक नहीं की गई है। जब इनकी ओर से 25 प्रतिशत राशि जमा करा दी जाएगी, तब रजिस्ट्री की संभावना वाले यूनिट की गणना की जाएगी। नोएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि रजिस्ट्री विभाग के अनुसार अब तक करीब 650 रजिस्ट्री हो चुकी है।
अब 12 बिल्डरों पर 1696 करोड़ रुपये बकाया
नोएडा प्राधिकरण के बकायेदार बिल्डरों में से 12 बिल्डर न तो धनराशि जमा कराने की सहमति दे रहे हैं और न ही रकम जमा करा रहे हैं। इन पर करीब 1696 करोड़ रुपये बकाया हैं। उनके साथ प्राधिकरण के अधिकारी अनेक बार बैठक कर चुके हैं, लेकिन उनका सकारात्मक जवाब नहीं मिला। इन बिल्डरों को सात मई को प्राधिकरण ने नोटिस भेजा है। नोटिस में बकाया जमा नहीं कराने पर आवंटन निरस्त करने और संपत्ति अटैच करने को कहा गया है।
बिल्डरों को नहीं दिया जा सकता समय!
नोएडा के 15 बड़े बिल्डरों ने धनराशि जमा कराने के लिए जुलाई तक का समय मांगा है। अगर ये 15 बिल्डर रकम जमा करा देते हैं तो बड़ी संख्या में रजिस्ट्री का काम शुरू होने की उम्मीद है। इनकी ओर से पिछली बैठक में दो माह का समय मांगा गया था। हालांकि, प्राधिकरण की ओर से उनको अतिरिक्त समय नहीं दिया गया है। प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि 12 मई को अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों को लागू किए हुए तीन माह हो गए। यह दिए गए समय से एक माह अतिरिक्त है। ऐसे में वरिष्ठ अधिकारियों की मंजूरी के बिना बिल्डरों को समय नहीं दिया जा सकता है।
अब इन 12 बिल्डरों को नोटिस जारी
सेक्टर-50 का टीजीबी इंफ्रास्ट्रक्चर
सेक्टर-137 का एमपीजी रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड
सेक्टर-121 का रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड
सेक्टर-77 का सिविटेक डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड
सेक्टर-61 का मनीषा कीबी प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड
सेक्टर-118 का आईवीआर प्राइम
सेक्टर-78 का एसोटेक
सेक्टर-44 का एसोटेक कांट्रेक्टर्स लिमिटेड
सेक्टर-120 का आरजी रेजिडेंसी प्राइवेट लिमिटेड
सेक्टर-75 का गार्डेनिया इंडिया लिमिटेड
सेक्टर-75 का फ्यूटेक शेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड
सेक्टर-77 का एवीपी बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा की इकोविलेज-2 सोसाइटी में पानी संक्रमण की वजह से सैंकड़ों बच्चों समेत तमाम लोग बीमार हो गए हैं। ग्रेटर नोएडा की सोसाइटी में अचानक इतनी तादात में बीमार हुए लोगों की खबर ने प्रशासन को हिला कर रख दिया। शनिवार को समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष सुधीर भाटी भी सोसाइटी के लोगों से मिलने पहुंचे।
समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष ने की निवासियों से मुलाकात
इकोविलेज-2 सोसाइटी में लोगों के बीमार होने की खबर मिलने के बाद समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष सुधीर भाटी सोसाइटी के निवासियों से मिलने पहुंचे। जहां उन्होंने लोगों से बात की और उनकी मांगे भी जानी।
पीने के पानी के व्यवस्था की उठाई मांग
समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष सुधीर भाटी की इकोविलेज-2 सोसाइटी पहुंचे, जहां उन्होंने स्थिती का जायदा लिया और मीडिया से बातचीत की। साथ ही निवासियों द्वारा रोज पीने का पानी खरीदने को लेकर भी मांग उठाई।
मुझे दो दिन पहले ही इस मुद्दे के बारे में पता चला। इस सोसाइटी में करीब 2500 फ्लैट हैं और लगभग साढ़े 7 हजार की आबादी यहां रहती है। संक्रमण की वजह से लगभग हर का कोई बच्चा या कोई व्यक्ति बीमार है। सोसाइटी के आस-पास के सभी हॉस्पिटल बुक हैं। यहां के स्थानीय नेता इस मुददे को दबाना चाहते हैं। हम अब हॉस्पिटल जा रहे हैं, हम पुलिस प्रशासन और अधिकारियों से मांग करना चाहते हैं कि जब तक स्थिती सामान् न हो, बाहर से पानी आना चाहिए। निवासी बाहर से खरीदकर पानी पी रहे हैं। वहीं, लोगों के बिल हॉस्पिटल में बन गए हैं, उसकी व्यवस्था होनी चाहिए।
.................................सुधीर भाटी ( जिला अध्यक्ष , समाजवादी पार्टी )
नोएडा: अफगानिस्तान क्रिकेट टीम 9 से 13 सितंबर तक ग्रेटर नोएडा में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने इकलौते टेस्ट के लिए तैयार है। न्यूजीलैंड और अफगानिस्तान के बीच ये मैच विजय सिंह पथिक स्टेडियम में खेला जाना है। इस दौरान अफगानिस्तान टीम ने सूरजपुर कस्बे में स्थित मस्जिद में नमाज पढ़ी।
अफगानिस्तान टीम ने सूरजपुर की मस्जिद में पढ़ी नमाज
अफगानिस्तान क्रिकेट टीम ने शुक्रवार को सूरजपुर कस्बे में स्थित मस्जिद में नमाज पढ़ी। इस दौरान खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर स्थानीय पुलिस पूरी तरह से चौकन्नी रही। अफगानिस्तान टीम बस के आगे-पीछे पुलिस का घेरा रहा और साथ ही मस्जिद में एंट्री के समय जवानों ने बैरिकेडिंग भी की। इस दौरान भारी पुलिस बल मस्जिद के पास मौजूद रहा।
अभ्यास शिविर को लेकर खिलाड़ियों ने कही बड़ी बात
द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, खिलाड़ियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। गुरुवार को दिल्ली एनसीआर में भारी बारिश की वजह से अफगानिस्तान के खिलाड़ियों को तैयारी का सही अवसर नहीं मिला। रिपोर्ट में कहा गया है कि अभ्यास पिच पर पानी भरा हुआ था और ग्राउंड स्टाफ ने मैदान को सुखाने के लिए दो टेबल फैन का इस्तेमाल किया। रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि 30-यार्ड सर्कल की सुरक्षा के लिए कोई सुपर-सॉपर या कवर नहीं हैं। अफगानिस्तान के गेंदबाजी कोच हामिद हसन को कम नमी के साथ 10 गज की जगह खोजने में परेशानी हुई।
कप्तान ने पानी को लेकर कसा तंज
अफगानिस्तान के कप्तान हशमतुल्लाह शाहिदी ने सुविधाओं पर तंज कसते हुए कहा कि 'हमें अपना स्विम गियर लाना चाहिए था। हम यहां किसी भी तरह से नहीं खेल पाएंगे। तैरने के लिए यह अच्छी जगह है।' कप्तान ने फिर अधिकारियों से हिंदी में कहा, 'सर हम लोगों को आदत है, लेकिन न्यूजीलैंड वालों को क्या जवाब दोगे।'
पैसे बचाने के तरीके: चाहकर भी नहीं कर पाते हैं धन की बचत, तो ये टिप्स आपके काम की हैं
December 17, 2022