Noida: अथॉरिटी में तैनात लेखपाल मनोज सिंघल को लेकर किसानों ने मोर्चा खोल दिया है। रिश्वत लेने का वीडियो और ऑडियो वायरल होने के बाद भी कार्रवाई नहीं करने से नाराज किसानों ने प्राधिकरण के स्वागत कक्ष को बंद कर दिया। किसान लगातार लेखपाल मनोज सिंघल पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। मनोज सिंघल पर आरोप है कि उसने किसानों से रिश्वत लेने के बाद भी उनका काम नहीं करवाया, जिसका किसान ने वीडियो भी बना लिया था। आरोप है कि लेखपाल ने किसान से काम करवाने के एवज में रिश्वत ली थी। जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है।
अब क्या है किसानों की मांग
किसानों का आरोप है कि लेखपाल मनोज सिंघल बिना रिश्वत लिए उनका काम नहीं करवाता। अब किसानों की मांग है कि लेखपाल मनोज सिंघल को बर्खास्त किया जाए। सेक्टर-6 स्थित नोएडा प्राधिकरण के दफ्तर पर भारतीय किसान यूनियन मंच के नेतृत्व में किसानों का प्रदर्शन चल रहा है। आपको बता दें इससे पहले भी किसान संगठन ने इस लेखपाल के खिलाफ प्राधिकरण के सीईओ को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी।
लेखपाल का वीडियो हुआ था वायरल
लेखपाल का जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, उसमें दावा किया गया है कि उसने काम करवाने के एवज में 50 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी। इस वीडियो में लेखपाल मनोज सिंघल जेब में पैसे रखते भी दिखाई दे रहा है। लेखपाल पर आरोप है कि उसने रिश्वत लेने के बाद भी काम नहीं करवाया।
किसानों के आरोप- ‘रिश्वतखोर है लेखपाल’
शुक्रवार को ऑडियो वायरल करने वाले निठारी गांव के निवासी विनोद अंबावत ने नोएडा अथॉरिटी के सीईओ लोकेश एम से शिकायत दी है। दूसरे किसानों ने भी अलग-अलग माध्यम से सीईओ को पत्र लिखा है। किसानों के आरोप हैं कि लेखपाल मनोज सिंघल पैसे लेने के बाद भी उनके काम नहीं करवा रहा है। किसानों का आरोप है कि लेखपाल ने प्राधिकरण के सीईओ की छवि खराब करने का काम किया है। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
Noida: अखिल भारतीय किसान सभा गौतम बुद्ध नगर इकाई की जिला कमेटी के पदाधिकारियों ने सर्वोत्तम बिल्डर के के खिलाफ रामगढ़ गांव में चल रहे धरना-प्रदर्शन में पहुंचकर समर्थन दिया। आरोप है कि 23 नवंबर को सर्वोत्तम बिल्डर के बाउंसरों ने किसानों ने की जमीन पर जबरन कब्जा करने की कोशिश की थी। धरनारत किसानों ने विरोध किया तो उनके साथ मारपीट कर दी गई। जिससे कई किसान घायल हो गए। जबकि पुलिस ने दो किसानों के बीच का झगड़ा बनाकर किसानों पर ही 307 आईपीसी में एफआईआर दर्ज कर दी। इससे किसानों में रोष है। जिसको लेकर शुक्रवार को बड़ी संख्या में धरना स्थल पर किसानों ने सर्वोत्तम बिल्डर के विरुद्ध नारे लगाकर प्रदर्शन किया।
नये अधिग्रहण कानून का उल्लंघन का रहा सर्वोत्तम बिल्डर
किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ रुपेश वर्मा ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि अंसल को 2005 में 2500 एकड़ में टाउनशिप बनाने का लाइसेंस दिया था। जिसे अंसल बिल्डर कभी भी कार्य रूप नहीं दे सका। किसानों का असल बिल्डर के साथ 2013 में 10% आबादी प्लाट, 64 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजे का समझौता हुआ था। जिसका पालन भी अंसल बिल्डर ने नहीं किया। अब अंसल बिल्डर के प्रोजेक्ट को सर्वोत्तम बिल्डर ने खरीदा है। ऐसे में उसकी लायबिलिटी भी सर्वोत्तम बिल्डर को पूरी करनी है। अन्यथा किसानों को अपनी जमीन पर कब्जा नहीं देना चाहिए। रुपेश वर्मा ने कहा कि नये अधिग्रहण कानून में भी किसानों के हक को अच्छी तरह परिभाषित किया गया है, जिनका बिल्डर सरासर उल्लंघन कर रहा है।
किसान सभा किसानों के साथ
किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि किसानों के हक की लड़ाई वाजिब है। किसान सभा किसानों के साथ खड़ी है। किसान सभा के उपाध्यक्ष गवरी मुखिया, अजब सिंह नेताजी, दुष्यंत सेन, सचिन भाटी, सुरेंद्र भाटी, सुरेश यादव, विजय यादव, मोहित यादव, सुशांत भाटी प्रशांत भाटी ने धरने को संबोधित किया।
Noida: भारतीय किसान परिषद के तत्वाधान में किसानों का धरना छठे दिन भी नोएडा प्राधिकरण पर जारी रहा। शुक्रवार को किसानों ने धरने की शुरुआत हवन-पूजन से किया। करीब 12:30 बजे प्राधिकरण अधिकारियों की तरफ से सीईओ वार्ता का प्रस्ताव आया। जिसको स्वीकार करते हुए वार्ता के लिए किसानों का प्रतिनिधिमंडल गया। काफी देर वार्ता हुई, लेकिन वही ढाक के तीन पात साबित हुई । बैठक में किसी भी बात पर सहमति नहीं बन पाई।
समस्या का समाधान होने तक जारी रहेगा धरना
प्राधिकरण के अधिकारी व पुलिस प्रशासन लगातार समिति के अध्यक्ष सुखबीर खलीफा पर दबाव बनाता रहा कि कुछ समय दीजिए और हम आपके कार्य करेंगे। लेकिन खलीफा ने स्पष्ट शब्दों में फिर कहा कि हम पिछले 5 सालों से लगातार आपको समय ही तो देते आ रहे हैं। लेकिन अब तक आपने क्या किया है, हम धरने पर बैठे हैं आप किसानों का काम कीजिए। जब तक समस्या का समाधान नहीं हो जाएगा किसान यहां से हटने वाले नहीं है। दिन रात का धारना जारी रहेगा।।
Noida: दादरी एनटीपीसी से प्रभावित 24 गावों के किसान और महिलाएं तीन दिन से सेक्टर 24 स्थित एनटीपीसी मुख्यालय के बाहर धरने पर बैठे हैं। कड़ाके की ठंड में दिन-रात टेंट के नीचे बैठी 15 महिलाओं की अचानक तबीयत बिगड़ गई। सभी महिलाओं को तत्काल सेक्टर 39 जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां सभी की हालत स्थिर बताई जा रही है।
तीन दिनों से धरने पर बैठे हैं किसान
बता दें कि समान मुआवजा, स्थानीय लोगों के लिए समान रोजगार की मांग को लेकर किसानों ने एनटीपीसी भवन के बाहर 18 दिसंबर को डेरा डाला था। मांगों को लेकर अधिकारियों और किसानों के बीच कई घंटे तक बैठक चली लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। इसके बाद किसानों के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं एनटीसीपी के बाहर टेंट लगाकर धरने पर बैठे हैं।
अब तक 40 महिलाओं की बिगडी तबीयत
रजाई और कंबल कम होने और खुले आसमान में सोने पर ठंड लगने से महिलाओं की लगातार तबीयत बिगड़ रही है। अबतक 40 महिलाओं को अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है। एनटीपीसी के बाहर किसान जमीन अधिग्रहण केस मामले में सामान मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
Greater Noida: बिजली विभाग की मनमानी को लेकर किसानों ने मोर्चा खोल दिया है। ग्रेटर नोएडा के तुगलपुर में स्थित NPCL दफ्तर पर महापंचायत करने के लिए बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर-ट्राली लेकर पहुंचे हैं। किसानों की महापंचायत को देखते हुए भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया है। NPCL तुगलपुर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस कर्मी तैनात हैं। वहीं, बड़ी संख्या में ट्रैक्टर-ट्राली और किसानों के पहुंचने से परी चौक के आसपास भीषण जाम लग गया, जिससे राहगीरों को परेशानी हुई।
बिजली बिल माफ नहीं करने तक आंदोलन की चेतावनी
किसान एकता संघ के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि एनपीसीएल लगातार बदमाशियां कर रहा है। ग्रामीणों को गलत तरीके से बिल भेजे जाते हैं और वसूले जाते हैं। किसानों की मांग है उनके बिजली के बिल माफ़ किए जाए। क्योंकि एनपीसीएल ने इन बिलों को गलत तरीके से भेजा है। जब तक बिजली विभाग उनकी मांगे नहीं पूरी करेगा तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। किसान विरोध प्रदर्शन के बाद एनपीसीएल दफ्तर पर महापंचायत कर रहे हैं।
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