NOIDA: आए दिन साइबर ठग के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। साइबर क्रिमिनल ठगी के लिए नई-नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं। साइबर क्रिमिनल अब एआई टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल कर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। ये ठग कैसे इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर ठगी करते हैं आइए आपको विस्तार से बताते हैं।
रिश्तेदारों की आवाज क्लोनिंग कर साइबर ठग AI टेक्नोलॉजी के जरिए ऐसे दे रहे हैं साइबर क्राइम की वारदात को अंजाम @noidapolice pic.twitter.com/AYUUbwl6d2
— Now Noida (@NowNoida) August 17, 2023
क्लोनिंग का लेते हैं सहारा
साइबर ठग आर्टिफिसिएल इंटेलीजेंस टेक्नोलॉजी के माध्यम से आपको वीडियो कॉल या फिर ऑडियो कॉल करेंगे। इस टेक्नोलॉजी से आपके किसी परिचित का चेहरा क्लोन कर लिया जाता है या फिर उसकी आवाज की क्लोनिंग कर आपके पास कॉल किया जाता है। इस दरमयान आपको कुछ भी फेक नहीं लगेगा।
रिश्तेतार बन करते हैं अर्जेंट मदद की मांग
ये ठग एआई के माध्यम से रिश्तेदार बनकर पहले कॉल करते हैं। इनकी आवाज या फिर बिल्कुल मैच करती है। जिससे लोग कन्फ्यूज हो जाते हैं। ये सामने वाले से मदद के नाम पर पैसे की मांग करते हैं। ज्यादातर लोग इनके चंगुल में आ जाते हैं और इन्हें पैसे पे कर देते हैं।
अब तक कई मामले आए सामने
अब तक इस तरह के साइबर क्राइम के कई मामले सामने आ चुके हैं। नोएडा में इस तरह के अब तक तीन से चार मामले सामने आ चुके हैं।
Noida: साइबर अपराधी ठगी करने का अलग-अलग तरीके अपना कर लोगों की कमाई हड़प ले रहे हैं। ऐसा ही कुछ मामला नोएडा में सामने आया है। यहां साइबर ठगों ने बिजली कनेक्शन काटने का डर दिखा कर लाखों रुपए एक व्यक्ति के अकाउंट से उड़ा दिए।
दरअसल नोएडा सेक्टर 39 में रहने वाले पूर्ण चंद्र जोशी ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 6 मार्च को उनके मोबाइल पर एक मैसेज आया, जिसमें बिजली बिल अपडेट करने के बात लिखी हुई थी। इसके साथ ही बिजली बिल अपडेट न होने पर कनेक्शन काटने की बात कही गई थी।
पूर्ण चंद जोशी ने बताया कि उसने जब मैसेज किए गए नंबर पर फोन किया तो जालसाज मैं थोड़ी देर में बिल अपडेट करने के बात कही और कुछ प्रक्रिया अपनाने को कहा। इसके साथ ही फोन पर बैंक से जुड़ी सारी जानकारी ले ली और फोन में एक ऐप डाऊनलोड करवाया। ऐप डाउनलोड करते ही एक एकाउन्ट से 2 लाख और दूसरे अकाउंट से 25 लाख रुपये कट गये। शिकायतकर्ता ने बताया जब वह दोबारा उस नंबर फोन किया तो बंद मिला। साइबर क्राइम थाने की प्रभारी ने बताया कि शिकायत के आधार पर जाँच शुरू कर दी है।
Digital Arrest: ये खबर पढ़कर दिमाग सन्न हो जाएगा
सबसे हाईटेक महाठगी, 8 घंटे की गिरफ्तारी और 11 लाख की वसूली
Noida: इंटरनेट और एआई की दुनिया में आए दिन नए-नए तरीके के फ्रॉड को भी जन्म दे रहे हैं। जैसे-जैसे नया तरीका पुराना होने लगता है, लोगों के जेब में डांका डालने के लिए साइबर अपराधी किसी नए तरीके का इजात कर ही लेते हैं। ये सिलसिला ऐसा है जो थमने का नाम नहीं ले रहा है। इन दिनों नए तरीके का साइबर फ्रॉड सामने आया है। जिसे साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्टिंग का नाम दिया है। दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई हिस्सों से हाल में ऐसी खबरें आईं कि लोग डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो गए और लुट गए। ऐसे में कई लोगों के दिमाग में ये सवाल आता है कि ये डिजिटल अरेस्ट क्या है। जिसमें लोग अपने पैसे गंवा बैठते हैं।
क्या है डिजिटल अरेस्ट का मामला
गुरुग्राम के बाद दिल्ली एनसीआर में डिजिटल अरेस्ट का पहला मामला नोएडा में आया है। नोएडा सेक्टर-34 में रहने वाली महिला जो कि प्रोफेशन से आईटी इंजीनियर है, उसके साथ डिजिटली अरेस्ट की घटना घटी है। बताया जा रहा है साइबर अपराधियों ने खुद को पुलिस और सीबीआई टीम बताकर बात करनी शुरू की। प्लानिंग साथ पीड़ित को ये बताया गया कि उसके खिलाफ शिकायत आई है कि उसके अकाउंट में कमिशन के तौर पर 20 लाख रुपये का ट्रांसफर हुआ है। जो साइबर अपराधी इस घटना को अंजाम दे रहे थे, उन्होंने बकायदे पीड़िता को वीडियो कॉलिंग पर बुलाकर 9 घंटे के लिए डिजिटल अरेस्ट करने की बात बताई। पीड़िता ने बताया साइबर अपराधी बकायदे वर्दी में दिखे। साथ ही बैकग्राउंड पर बकायदे पुलिस ऑफिस का माहौल बनाया था। अपराधियों ने धमकी देकर पीड़िता से 11 लाख रुपए ऐंठ लिये। अब युवती मामले से बाहर आई तो पुलिस को शिकायत दी। इस मामले को सुनकर पुलिस भी हैरान हैं। ये उत्तर प्रदेश का पहला डिजिटल अरेस्टिंग का मामला बताया जा रहा है।
इस तरह के साइबर अपराध होने पर ये करें
अगर कोई आपको पुलिस या फिर सीबीआई अधिकारी बनकर डिजिटल तौर पर गिरफ्तार करने की धमकी देता है, तो सबसे पहले आपको अपने परिवार के सदस्यों या दोस्तों को सूचित करना चाहिए। तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर इसकी शिकायत करानी चाहिए। इस बात से नहीं डरना चाहिए कि पुलिस आपके खिलाफ कोई एक्शन लेगी।
Uttar Pradesh: आज कल सोशल मीडिया का दौर है. आज के समय में लोगों की जिंदगी जितनी आसान हो गई है. उतना ही साइबर क्राइम भी बढ़ा है. ऐसे में उत्तर प्रदेश के 57 जिलों में साइबर थानों की शुरूआत की गई है. अब इसी लिस्ट में गाजियाबाद का भी नाम शामिल हो गया है. जी हां गाजियाबाद को भी साइबर थाना मिल गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 28 फरवरी को वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से साइबर थाने का उद्घाटन किया. अब साइबर अपराध से पीड़ित लोगों को थाने-चौकी के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे.
पुलिस आयुक्त ने दी जानकारी
पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्रा ने कहा कि भले ही साइबर थाने का लोकार्पण बुधवार को हुआ हो लेकिन 27 जनवरी से साइबर थाने में टीम अपना काम कर रही है. 27 जनवरी से 27 फरवरी तक थाने में 39 मुकदमे दर्ज किया जा चुके हैं. इनमें एक करोड़ 11 लाख रुपये फ्रिज भी करा दिए गए हैं. साथ ही 8,591 अपराधियों के नंबरों को भी ब्लॉक कराया गया है।
पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्रा ने आगे कहा कि साइबर थाने के अलावा कमिश्नरेट के सभी थानों पर साइबर सेल भी बनाई गई है, जहां पांच लाख रुपये तक की ठगी के मामले सुने जाएंगे. इसके लिए 189 पुलिसकर्मियों को साइट्रेन की ट्रेनिंग दी गई है
Greater Noida: आज का वक्त पहले से काफी अलग है. आज का दौर एडवांस है. घर बैठे ही लोग एक दूसरे की मदद कर सकते है. उनसे बात कर सकते है. इतना ही नहीं अगर किसी को पैसों की जरूरत है तो एक क्लिक में पैसे भेजे जा सकते है. लेकिन कुछ लोग इसका गलत फायदा उठा रहे है और ठगी की घटना को अंजाम दे रहे है. ऐसे में पुलिस प्रशासन भी लगातार ठगों के खिलाफ अभियान चलाकर उनपर शिकंजा कस रहा है. इसी कड़ी में साइबर सेल ने एक पीड़ित को उसके 81 हजार रुपए वापस दिलवाए है.
साइबर ठगी के खिलाफ अभियान
दरअसल, पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के निर्देशन में गौतमबुद्धनगर पुलिस ने साइबर फ्रॉड के सम्बन्ध में लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है. इस दौरान लोगों को साइबर ठगी से बचाव का तरीका भी समझाया जा रहा है. इसी दौरान ग्रेटर नोएडा की साइबर सेल के पास साइबर ठगी के सम्बन्ध में एक शिकायत दर्ज कराई गई थी. जिसमें पीड़ित के 81,000 रुपए अज्ञात व्यक्ति ने फर्जी लिंक के माध्यम से ठग लिए थे और फिर उसे अलग-अगल खातों में ट्रांसफर कराया था.
पुलिस टीम की तारीफ
वही, इस मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए ग्रेटर नोएडा की साइबर सेल ने पीड़ित के 81,000 रूपये ठग से वापस दिलवाए है. साइबर सेल की ओर से की गई इस कार्रवाई से अपर पुलिस उपायुक्त ने बुके देकर पुलिस टीम की जमकर तारीफ भी की है. इसके साथ ही उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया कि विभाग लगातार साइबर ठगों पर शिंकजा कसता रहेगा.
Noida एमिटी यूनिवर्सिटी में इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज एमिटी डॉ. प्रियंका सिंह द्वारा साइबर अपराध पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कराया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि वक्ता आईपीएस प्रीति यादव एडीसीपी/डीसीपी-महिला सुरक्षा,नोएडा कमिश्नरेट रहीं। उन्होंने सामुदायिक जागरूकता और साइबर अपराध पर व्याख्यान दिया।
साइबर अपराध में एक व्यापक स्पेक्ट्रम शामिल
साइबर अपराध में डिजिटल चैनलों के माध्यम से संचालित दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों का एक व्यापक स्पेक्ट्रम शामिल है,जिसकी कोई सीमा नहीं है। पहचान की चोरी और वित्तीय धोखाधड़ी से लेकर डेटा उल्लंघनों और साइबरबुलिंग तक, प्रभाव व्यक्तिगत और आर्थिक रूप से विनाशकारी हो सकते हैं। वहीं साइबर खतरों के विभिन्न रूपों और साइबर अपराधियों द्वारा अपनाए गए तरीकों को समझकर, व्यक्ति अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए सक्रिय उपाय अपना सकते हैं। चाहे वह पासवर्ड मजबूत करना हो,फ़िशिंग ईमेल से सावधान रहना हो, या सॉफ़्टवेयर को नियमित रूप से अपडेट करना हो, छोटी-छोटी गतिविधियाँ महत्वपूर्ण अंतर ला सकती हैं।
सड़क सुरक्षा का ध्यान रखने की छात्रों को दी जानकारी
कार्यक्रम में यातायात उपनिरीक्षक राजेश कुमार यादव और उनकी टीम ने स्ट्रीट प्ले के माध्यम से यातायात नियम प्रदर्शित किये। छात्रों को सीट बेल्ट, ट्रैफिक सिग्नल का सम्मान करने, गति सीमा का ध्यान रखने, पैदल यात्रियों की सुरक्षा का ध्यान रखने की जानकारी दी गई।
साइबर क्राइम के मामले दिन पर दिन तेजी के साथ बढ़ रहे हैं। कभी रिवॉर्ड तो कभी टिप देकर शेयर मार्केट में करोड़ो के लाभ की बात कहकर ऑनलाइन ठगी की जा रही है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां पर शेयर बाजार में निवेश करने पर करोड़ों का मुनाफा होने की बात कहकर साइबर जालसाजों ने नोएडा के एक व्यक्ति से 9 करोड़ 9 लाख रुपये की ठगी कर ली। पहले अपराधियों ने ऐप डाउनलोड कराया और फिर ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया। ठगी की जानकारी होने के बाद पीड़ित ने मामले की शिकायत साइबर क्राइम थाने में की है।
13 बार में ट्रांसफर की 9 करोड़ 9 लाख रकम
राजीव बोथरा नाम के व्यक्ति ने पुलिस को साइबर क्राइम की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि ठगों ने पीड़ित से कुल 13 बार में रकम ट्रांसफर कराई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये ऑनलाइन ठगी किसी एक व्यक्ति के साथ शेयर ट्रेडिंग में यह शहर में अब तक की सबसे बड़ी साइबर ठगी बताई जा रही है। साइबर थाने में यह मामला दर्ज कर पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
व्हाट्सएप ग्रुप में ऐड करके हुई थी शुरुआत
रजत बोथरा ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया है कि 28 अप्रैल को उन्हें एक व्हाट्सएप ग्रुप में ऐड किया गया। उस ग्रुप में शेयर ट्रेडिंग के मुनाफे के बारे में बताया जाता था और एक लिंक भेजा गया, जिस पर क्लिक करने और कई स्टेप्स फॉलो करने के बाद उनके मोबाइल में एक ऐप डाउनलोड हो गया। ऐप का नाम जीएफएसएल सिक्योरिटी ऑफिशियल स्टॉक सी 80 था।
पैसे नहीं हुए विड्रा तब हुआ शक
मुनाफे की बात सुनकर राजीव बोथरा ने अपने खाते से 9.09 करोड़ ट्रांसफर किए थे। उन्होंने बताया कि राजीव ने ये रकम कुल तेरह बार में ट्रांसफर की, ट्रांसफर के दौरान राजीव ने कई बार बीच में ही पैसे को विथड्रॉ करने की कोशिश की, लेकिन पैसा नहीं निकल पाया। जिस ऐप के जरिए राजीव ने ये इन्वेस्टमेंट की वो एप्लीकेशन पैसे निकालने की अनुमति नहीं दे रहा था। इसके बाद राजीव को साइबर क्राइम का शक हुआ, लेकिन तब तक वो ठगी का शिकार हो चुके थे।
पुलिस कर रही जांच
पीड़ित राजीव ने 29 मई को एनसीआरपी पोर्टल पर घटना की शिकायत भी दर्ज कराई थी। मामले के काफी बड़े होने को लेकर पुलिस ने उन्हें बुलाकर एफआईआर दर्ज कराई। मौजूदा जानकारी के मुताबिक, फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है और कोशिश की जा रही है कि उन सभी बैंक अकाउंट को फ्रीज किया जाए जिसमें यह पैसा ट्रांसफर हुआ है।
नोएडा साइबर क्राइम पुलिस ने शेयर ट्रेडिंग के नाम पर साढ़े 48 लाख रुपए की ठगी करने वाले दो शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। साथ ही मोबाइल फोन और 3 लाख 25 हजार कैश भी बरामद किया है।
शेयर ट्रेडिंग के नाम पर ठगे 48 लाख 50 हजार
बीते 14 अप्रैल को पीड़ित ने साइबर क्राइम पुलिस के पास शेयर ट्रेडिंग के नाम पर 48 लाख 50 हजार रुपयों की ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसके बाद साइबर क्राइम पुलिस टीम ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस व तकनीकी की मदद से दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान ऋषभ मिश्रा और धीरज पोरवाल के तौर पर हुई है। उन्हें नोएडा से गिरफ्तार है। अभियुक्तों के कब्जे से घटना में प्रयुक्त एक मोबाइल फोन बरामद किया गया है। साथ ही 3 लाख 25 हजार रूपये भी फ्रीज कराये गये है।
नोएडा सेक्टर-36 साइबर थाना ने व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर शेयर टेडिंग के नाम पर मुनाफे के नाम पर गबन करने वाले दो अभियुक्तो को सूरजपुर कासना रोड, ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार किया गया है।
व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर करते थे शिकार
बीती 31 मई को नोएडा सेक्टर 4 निवासी एक पीड़ित ने साइबर ठगी होने के संबंध में थाना साइबर क्राइम रिपोर्ट किया था। जिसमें पीड़ित ने अभियुक्तों द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप में ऐड करके शेयर ट्रेडिंग मे मुनाफे की बात कही था और करीब 9 करोड़ रुपयों की ठगी की थी। इस मामले में साइबर पुलिस ने अकरम उर्फ सैम (28) और सुशील कुमार (45) को गिरफ्तार किया है।
अभियुक्त ने खोला पूरा प्रोसेस
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, अभियुक्त अकरम उर्फ सैम ने पूछताछ के दौरान बताया कि ‘मैने ऑनलाइन जॉब सर्च करना शुरू किया, तो मेरा संपर्क शान से हुआ, जो मुझे व्हाट्सएप के माध्यम से वॉयस कॉल व चैट करता व मेरी कम्पनी पर आता-जाता रहता था। मैं इसके साथ सिलाई कढ़ाई का व्यापार भी करता था। तभी मेरी पहचान सुशील श्रीवास्तव से हुई, जिसने मुझसे कहा कि अपना बैंक खाता मुझे दे दो, उसमे कुछ गैमिंग प्लेटफार्म का पैसा आयेगा। जिसका 1 प्रतिशत आपको प्राप्त होगा’।
‘तब मैनें अपने कुछ बैंक खाते की यूजरआईडी पासवर्ड/लॉगिन आईडी पासवर्ड सुशील से प्राप्त कर शान को उपलब्ध कराये थे। मैने ट्रान्जेक्शन के दौरान आये सभी ओटीपी ऐप के माध्यम से शान को भेजे थे। शान से एक बैंक खाते के एवज मे मुझे 2 लाख रुपये प्राप्त होते है। इस प्रकार मुझे लाखो रुपये क्रिप्टोकरेन्सी के रुप मे कमीशन के रुप मे शान ने दिये। यह कमीशन मुझे C98, KUCOIN APP, BINANCE APP, MEXC APP, TRUST WALLET, COIN DCX, BIT BNS, CRYPTO-COM आदि के माध्यम से प्राप्त हुआ। WHATSAPP GROUP CRYPTO TRADERS में एड टाइगर को USDT भेजकर 20,000 रुपये यूपीआई के माध्यम से प्राप्त किये थे तथा शान को भी मैने USDT देकर 45,000 रुपये प्राप्त किये थे। शेष रुपये मेरे उपरोक्त वॉलेट में क्रिप्टो करेन्सी के रुप मे बेलैंस है। अभियुक्त से बरामद दस्तावेज व डिवाइस मैने साइबर फ्रांड करने में तथा साइबर फ्रांड से पैसा प्राप्त करने में प्रयोग किया गया है’।
अन्य की तलाश जारी
पुलिस ने शुरुआती जांच के अन्य की गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है। साथ ही विवेचना में प्रकाश में आये खातो में विभिन्न राज्यो में NCRP PORTAL पर 26 शिकायत दर्ज पायी गयी है।
ये सामान हुआ बरामद
दोनों अभियुक्तों के पास से 21 चैक बुक,25 चैक, 7 पासबुक, क्यू आर कोड (आईसीआईसीआई बैंक), 2 आधार क्यू आर कोड, 3 मोबाइल फोन, 1 टैबलेट, 1 लैपटॉप , 1 जीएसटी फार्म, एस0ई0 इन्वेस्टमेन्ट आवेदन की छायाप्रति, फ्रीज़ धनराशि 1 करोड़ 64 लाख (विभिन्न बैंक खातों में) और 6 लाख 99 हजार रूपये की क्रिप्टो करेंसी फ्रीज (विभिन्न प्लेट फार्म में) में मिले हैं।
नोएडा में डिजिटल अरेस्टिंग के मामले रुकने का नाम ही नहीं ले रहे है आए दिन ठंग किसी ना किसी को आपना शिकार बनाते रहते है। ताजा मामला नोएडा से देखने को मिला है जहां एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर महिला को 3 घंटे डिजिटल अरेस्टिंग कर 20 लाख रुपये ठंग लिए इस मामले में पीड़िता ने पुलिस से शिकायत की है। वही पुलिस ने मामला दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
Noida News : नोएडा में साइबर ठगों ने एक महिला को यह डर दिखाकर 20 लाख रुपये ठग लिए कि ईरान को भेजे गए पार्सल में ड्रग्स और अन्य आपत्तिजनक सामान होंगे। महिला पेशे से आईटी इंजीनियर है, जिसने लोन लेकर ठगों के खाते में पैसे ट्रांसफर किए और करीब साढ़े तीन घंटे तक महिला को डिजिटल हिरासत में रखा। उनके पति ने रविवार को साइबर क्राइम थाने में अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। पुलिस उस खाते की जांच कर रही है जिसमें धोखाधड़ी का पैसा ट्रांसफर किया गया था।
ईरानी कूरियर बताकर किया गिरफ्तार…
पुलिस को दी शिकायत में सेक्टर-82 निवासी मनोज कुमार ने बताया कि उनकी पत्नी आईटी इंजीनियर हैं। फिलहाल वह घर से काम कर रही हैं। हाल ही में दोपहर करीब 3:30 बजे उसकी पत्नी घर पर अकेली थी, तभी उसके मोबाइल फोन पर एक अनजान नंबर से कॉल आई। फोन करने वाले ने खुद को फेडेक्स इंटरनेशनल कूरियर सर्विस का कर्मचारी बताया। उन्होंने यह भी कहा कि कूरियर एक महिला के नाम पर ईरान जा रहा था। इसमें ड्रग्स और अन्य आपत्तिजनक वस्तुएं हैं। महिला को अधिक जानकारी के लिए मोबाइल पर एक बटन दबाने को कहा गया। ऐसा करते ही कॉल मुंबई साइबर क्राइम के आरोपी अधिकारियों के पास चली जाती है।
20 लाख रुपए का तत्काल लोन लिया…
महिला को जेल भेजने की धमकी देकर एक निजी बैंक से 20 लाख रुपये का लोन लेने के लिए कहा गया। आरोपी पुलिस अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि जांच के बाद पूरी रकम उसके खाते में वापस कर दी जाएगी। जेल जाने से बचने के लिए डरी हुई महिला ने तुरंत 20 लाख रुपये का लोन लिया और जालसाज द्वारा दिए गए खाते में पैसे भेज दिए। पैसे ट्रांसफर होने के दस मिनट बाद जालसाजों ने महिला से संपर्क बंद कर दिया।
घर के अंदर डिजिटल तरीके से कैद किया…
महिला को बताया गया कि इस संबंध में उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इसके तुरंत बाद, जालसाज स्काइप कॉल के जरिए महिला से जुड़ते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे के डर से गुंडों ने उसे इस घटना को किसी और के साथ साझा न करने की हिदायत दी। साथ ही महिला को घर के अंदर डिजिटल तरीके से कैद किया गया।
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