ग्रेटर नोएडा: बीटा टू थाना पुलिस ने एक कार से 35 लाख रुपए के कैश बरामद किए हैं। बताया जा रहा है चुहडपुर अंडरपास के पास एक कार सवार दंपत्ति की कार को रोककर जब चेक किया गया तो उसमें से 35 लाख रुपए कैश बरामद हुए।
संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर कार्रवाई
जानकारी के मुताबिक जांच में पुलिस को कार से कैश मिलने की जानकारी आयकर विभाग की टीम को दी गई। जिसके बाद मौके पर पहुंची आयकर विभाग की टीम ने दंपत्ति से कैश के बारे में कुछ जरुरी सवाल किये, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर कैश को जब्त कर लिया गया।
क्या है मामला?
ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर इलाके में कलेक्शन एजेंट अमन ने अपने दोस्त के साथ ही एक साजिश रच डाली. दरअसल मामला यह है कि एजेंट अमन काफी भारी कर्ज में कई सालों से डुबा हुआ था और कर्ज का बोझ इतना भारी हो गया था कि अमन उस बोझ को सहन करने में पूरी तरह असमर्थ था. अमन अपने कर्ज के बोझ को हल्का करने के अपने दोस्तों को हीं गुमराह करने की साजिश रच डाली. पुलिस जब इसकी भनक मिली तो पुलिस ने पुरी गहराई से इसकी जांच की तो कहानी में एक अलग हीं मोड़ आया.
पुलिस ने जांच के बाद क्या कहा?
अमन एजेंट जो लूट की साजिश रच रहा था वो बांगर सीमेंट की एजेंसी के लिए काम करता था. बांगर सीमेंट के एजेंसी के मालिक का नाम सुमित है. जब अमन फर्जी लूट की कहानी गढ़ रहा था तब उसने अपने मालिक सुमित को बताया की मेरे साथ कुछ लोग लूट पाट करने की कोशिश कर रहे हैं. सुमित ने इसकी सूचना पुलिस को दी तो पुलिस ने इसकी पूरी तरह से तहकीकात की और परिणाम
सामने ये आया कि अमन गलत संगतों में पड़ जाने के कारण लगभग दो लाख रूपये के कर्ज में डूब गया था. अमन अपने कर्ज को उतारने के लिए अपने गांव के तीन साथियों के साथ सौरव उर्फ कालीचरण, अनुज और दिपक के साथ मिलकर रूपयों का गबन करने की नियत से एक षड्यंत्र पारित किया. जिसके तहत इन्होंने एक फर्जी झूठी कहानी बनाई और अजात बदमाशों के लूट पाट की घटना पारित हुई. फिर ये ज्ञात हुआ कि तीन जगह से रुपयों का कलेक्शन हुआ था जिसमें एक जगह से एक लाख छियानवें हजार और एक जगह से एक लाख नब्बे हजार छह सौ रूपये थे जिसमें एक लाख नब्बे हजार पांच सौ रूपये इनके पास से बरामद हुए है जिसमें से मात्र एक सौ रुपये खर्च हुए हैं जो कि मोटरसाइकिल में पेट्रोल डलाने के लिए खर्च किए थे. इनलोगों के पास एक मोटरसाइकिल और एक मोबाइल फोन भी बरामद किया गया है. साथ हीं चारों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर न्यायलय में पेश किया जा रहा है. दरअसल अमन अपने दोस्तों के साथ अपने मालिक को हीं लूटने के फिराक में था.
चुनावी बॉन्ड स्कीम ! आप भी सोच रहे होंगे कि अब ये क्या बला है, अरे रुकिये जरा हम आपको सब कुछ बतायेंगे और विस्तार से, लेकिन पहले ये जान लेते हैं कि इन बॉन्ड को लेकर SC ने क्या फैसला सुनाया है. दरअसल लोकसभा चुनाव के ऐलान से पहले इलेक्टोरल बॉन्ड्स यानी चुनावी बॉन्ड योजना पर SC ने अवैध करार देते हुए रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा है "कि चुनावी बॉन्ड सूचना के अधिकार का उल्लंघन है और वोटर्स को पार्टियों की फंडिंग के बारे में जानने का हक है. नागरिकों को यह जानने का अधिकार है कि सरकार के पास पैसा कहां से आता है और कहां जाता है।" कोर्ट ने माना है कि गुमनाम चुनावी बांड सूचना के अधिकार और अनुच्छेद 19(1)(ए) का उल्लंघन है. इस पर CJI ने फैसला सुनाते हुए कहा कि इस बॉन्ड के अलावा भी काले धन को रोकने के दूसरे तरीके हैं. बॉन्ड की गोपनीयता 'जानने के अधिकार' के खिलाफ है। साथ ही कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि बॉन्ड खरीदने वालों की लिस्ट सार्वजनिक की जाए.
आखिर है क्या चुनावी बॉन्ड ?
चुनावी बॉन्ड राजनीतिक दलों को चंदा देने का एक वित्तीय जरिया है. यह एक वचन पत्र की तरह है जिसे भारत का कोई भी नागरिक या कंपनी SBI की चुनिंदा शाखाओं से खरीद सकता है और अपनी पसंद के किसी भी राजनीतिक दल को गुमनाम तरीके से दान कर सकता है. चुनावी बॉन्ड को ऐसा कोई भी दाता खरीद सकता है, जिसके पास एक ऐसा बैंक खाता है और जिसकी केवाईसी की जानकारियां उपलब्ध हैं. बॉन्ड में भुगतानकर्ता का नाम नहीं होता है. ये बॉन्ड SBI की 29 शाखाओं को जारी करने और भुनाने के लिए अधिकृत किया गया था, और ये बॉन्ड 1,000 रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये में से किसी भी मूल्य के चुनावी बॉन्ड खरीदे जा सकते हैं. ये शाखाएं नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, गांधीनगर, चंडीगढ़, पटना, रांची, गुवाहाटी, भोपाल, जयपुर और बेंगलुरु की थीं. चुनावी बॉन्ड्स की अवधि केवल 15 दिनों की होती है, इसमें व्यक्ति, कॉरपोरेट और संस्थाएं बॉन्ड खरीदकर राजनीतिक दलों को चंदे के रूप में देती थीं और राजनीतिक दल इस बॉन्ड को बैंक में भुनाकर रकम हासिल करते थे.
कब और क्यों चुनावी बॉन्ड जारी किया गया?
2017 में केंद्र सरकार ने चुनावी बॉन्ड स्कीम को फाइनेंस बिल के जरिए संसद में पेश किया. संसद से पास होने के बाद 29 जनवरी 2018 को इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया. इसके जरिए राजनीतिक दलों को चंदा मिलता है. यह बॉन्ड साल में चार बार जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर में जारी किए जाते थे. इसके लिए ग्राहक बैंक की शाखा में या वेबसाइट से भी ऑनलाइन इसे खरीद सकता था.
चुनावी बॉन्ड योजना पर क्यों छिड़ा विवाद?
बॉन्ड को लेकर कांग्रेस नेता जया ठाकुर, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स समेत 4 लोगों ने याचिकाएं दाखिल की. याचिकाकर्ताओं का कहना था कि चुनावी बॉन्ड के जरिए गुपचुप फंडिंग पारदर्शिता को प्रभावित करती है और यह सूचना के अधिकार का भी उल्लंघन है. उनका कहना था कि इसमें शेल कंपनियों की तरफ से भी दान की अनुमति दे दी गई है. चुनावी बॉन्ड पर सुनवाई पिछले साल 31 अक्टूबर को शुरू हुई थी,. इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच में जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने की.
Noida: लोकसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता लागू होने के बाद पुलिस और प्रशासन अलर्ट मोड पर है। इसी कड़ी में थाना सेक्टर 58 पुलिस एवं एसएसटी टीम सोमवार को चेकिंग के दौरान एनआईबी कट सैक्टर 62 से 4 लाख 97 हजार 500 रूपये ईको स्पोर्ट बरामद किया है। यह कार गाजियाबाद निवासी माखनजीत सिंह अरौडा का है। बरामद पैसे के सम्बन्ध में आयकर विभाग को सूचित कर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।
शराब तस्करों से 17 पेटी शराब बरामद
इसी तरह थाना कासना पुलिस द्वारा लोकल इंटेलिजेंस एवं गोपनीय सूचना के आधार पर सोमवार देर रात शराब तस्कर सन्दीप, लवकुश को ग्राम चीरसी से घंघोला आने वाले रास्ते से गिरफ्तार किया गया है। इनके कब्जे 17 पेटी शराब और कार बरामद हुई है। इसके अलावा थाना कासना पुलिस ने लोकल इंटेलिजेंस एवं गोपनीय सूचना के आधार पर नशीले पदार्थ की तस्करी करने वाले जुगेन्द्र उर्फ छोटे को डाढा गोलचक्कर के पास से गिरफ्तार किया है। आरोपी के कब्जे से 14.67 ग्राम स्मैक की पुड़िया बरामद हुई है।
Greater Noida: लोकसभा चुनाव को लेकर गौतमबुद्ध नगर में पुलिस की चप्पे-चप्पे पर तैनात है। वोटिंग से पहले लगातार सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में कासना पुलिस और एफएसटी टीम ने तीन गाड़ियों से अलग-अलग 11 लाख 90 हजार रुपए बरामद किया है।
दिल्ली की गाड़ी में मिले 10 लाख रुपये कैश
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को चेकिंग के दौरान एफएसटी टीम तृतीय और थाना कासना पुलिस बल ने डाढा गोल चक्कर पर 3 वाहनों को रोका. गाड़ी सं. डीएल 14 सीएच 0001 की चेकिंग की गई तो 500- 500 के कुल 2000 हजार नोट कुल 10 लाख रूपये बरामद हुए। यह गाड़ी प्रीतपुरा दिल्ली निवासी राजन यादव चला रहा था।
पैसे जब्त कर आयकर विभाग को किया सूचित
इसी तरह गाड़ी नंबर डीएल 3 सीसीएम 1785 में 500-500 के 200 नोट 1 लाख रुपये बरामद हुए। यह गाड़ी नई दिल्ली निवासी सहदेव सिंह की थी। वहीं, तीसरी गाड़ी नंबर यूपी 16 डीएफ 7473 में 500-500 के 100 नोट कुल 50 हजार व 200-200 के 200 नोट कुल 40 हजार रूपये बरामद किये गये है। यह गाड़ी ग्राम कासना निवासी विजय चपराणा की थी। बरामद धनराशि के सम्बन्ध में आयकर विभाग को सूचित कर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।
Noida: लोकसभा चुनाव को लेकर जिले में आचार संहिता लागू है। निर्वाचन आयोग के निर्देश पर लगातार चुनाव को निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराने के लिए टीमों का गठन किया गया है। पुलिस के साथ सर्विलांस की टीमें लगातार विभिन्न गतिविधियों पर नजर बनाए हैं।
धूममानिकपुर फ्लाईओवर के नीचे पुलिस ने पकड़ा
इसी कड़ी में पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर लक्ष्मी सिंह के निर्देशानुसार चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। शनिवार को एफएसटी टीम 162 दादरी और थाना बादलपुर पुलिस द्वारा चेकिंग के दौरान धूममानिकपुर फ्लाईओवर के नीचे से गाड़ी में 3 लाख 80 हजार रुपये बरामद हुए हैं। यह पैसे मुज्जफनगर के रहने वाले कार मालिक बिलाल के हैं। जिसे कब्जे में टीम ने ले लिया है। यह राशि निर्वाचन आयोग के मानक से अधिक हैं। इसके साथ ही इतनी बड़ी मात्रा में नकदी ले जाने के संबंध में कोई दस्तावेज भी प्रस्तुत नहीं कर सका। बरामद धनराशि के सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।
Lucknow: लोकसभा चुनाव के दौरान यूपी में चुनाव आयोग की सख्ती का असर साफ दिख रहा है। उत्तर प्रदेश में अवैध शराब और नकदी की जब्ती संबंधी आयोग के निर्देशों का कड़ाई से पालन हो रहा है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि आबकारी, आयकर, पुलिस, नार्कोटिक्स विभाग और अन्य प्रवर्तन एजेंसियों ने 1 मार्च से 5 अप्रैल तक कुल 113.26 करोड़ रुपये कीमत की शराब, ड्रग, बहुमूल्य धातुएं, मुफ्त उपहार और नकदी जब्त की।
20.87 करोड़ कैश किया गया जब्त
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि 20.87 करोड़ रुपये नकद, 28.92 करोड़ रुपये कीमत की 851755.96 लीटर शराब, 44.32 करोड़ रुपये की ड्रग्स, 17.78 करोड़ रुपये कीमत की बहुमूल्य धातुएं और 1.37 करोड़ रुपये कीमत की अन्य सामग्री जब्त की ग है। उन्होंने बताया कि 5 अप्रैल को हरदोई में 17.33 लाख रुपये मूल्य की 1400 ग्राम ड्रग पकड़ी गई।
478 लाइसेंसी शस्त्र जब्त
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि सघन जांच के लिए 513 अंतर्राज्यीय चेक पोस्ट और 1843 चेक पोस्ट राज्य के भीतर संचालित हैं। रिणवा ने बताया कि प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद पुलिस, आयकर, आबकारी, नार्कोटिक्स एवं अन्य विभागों द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। 16 मार्च से अबतक अपराधिक व्यक्तियों के 478 लाइसेंसी शस्त्र जब्त किए गए और 3910 लाइसेंसी शस्त्र निरस्त कर जमा कराए गए।
Agra: आयकर विभाग ने आगरा के तीन जूता कारोबारियों के ठिकानों पर शनिवार को छापा मारा। व्यापारियों के दुकान, घर समेत अन्य ठिकानों पर एक साथ आयकर विभाग की टीम पहुंचने से अन्य व्यापारियों में हड़कंप में म गया है। बताया जा रहा कि अभी तक छापेमारी में 60 करोड़ रुपये बरामद हए हैं।
सूत्रों के अनुसार, आयकर विभाग की टीमों ने एक साथ एमजी रोड स्थित वीके शूज, ढाकरान स्थित मंशु फुटवियर और हींग की मंडी स्थित हरमिलाप फुटवियर पर कार्यवाही शुरू की ।जूता इकाइयों के कार्यालयों व अन्य परिसरों में टीमें दस्तावेजों की जांच कर रही है। आय से अधिक संपत्ति की सूचना पर यह कार्रवाई आयकर विभाग कर रहा है। टीमें फाइलें और इलेक्ट्रोनिक डिवाइस भी चेक कर रही हैं । आयकर विभाग की इस कार्रवाई को लेकर जूता कारोबारियों में हड़कंप मचा है । कारोबारी एक-दूसरे से ले एक्शन की जानकारीरहे हैं ।
गाजियाबाद के साहिबाबाद के एटीएम मशीनों में कैश लोडिंग और अनलोडिंग का काम करने वाले दो कस्टोडियन ने जालसाज़ी कर कंपनी को 35 लाख 72 हजार 500 का नुकसान पहुंचा दिया है। जिसके बाद कंपनी के सहायक प्रबंधक ने आरोपी कस्टोडियन के खिलाफ फेज तीन थाने में केस दर्ज कराया है। केस दर्ज होने के बाद से आरोपियों ने मोबाइल बंद कर लिया है। दोनों कस्टोडियन की तलाश में पुलिस की दो टीमें गठित कर दी गई हैं।
ATM में कैश डालने वालों ने ही किया 36 लाख का गबन
सीएमएस इन्फोसिस्टम लिमिटेड कंपनी के सहायक प्रबंधक देवेंद्र सिंह रावत ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनकी कंपनी विभिन्न बैंकों का पैसा उनके निर्देशों के अनुसार एटीएम मशीनों में जमा करने का कार्य करती है। इसको करने के लिए कंपनी में एजेंट के रूप में कस्टोडियन की नियुक्ति की जाती है। साहिबाबाद ब्रांच के अंतर्गत 39 एटीएम के रूटों पर कंपनी द्वारा एटीएम बूथ में पैसे डालने का काम किया जाता है।
दो महीने पहले ही हुई थी ज्वाइनिंग
जानकारी के मुताबिक, हर रूट पर कंपनी के दो कस्टोडियन रहते हैं, जिनकी जिम्मेदारी इंडेंट के अनुसार बैंक व सीएमएस कंपनी के वाल्ट से कैश लेकर एटीएम मशीनों में कैश लोड करने और कैश को बैंक व कंपनी के वाल्ट में जमा कराना होता है। कस्टोडियन विकास कुमार उर्फ बंटी तथा मोहम्मद आकिब की ड्यूटी नोएडा के रूट नंबर 11 पर थी। दोनों कस्टोडियन जून 2024 से नियुक्त थे। उनके पास संबंधित एटीएम के वाल्ट को खोलने के लिए गोपनीय पासवर्ड, एडमिन कार्ड तथा रूट की चाबी थी। बिना कस्टोडियन के किसी भी हालत में किसी भी एटीएम के वाल्ट को खोला नहीं जा सकता है।
नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा को इस तरह करें प्रसन्न, माता देंगी सुरक्षा का आशीर्वाद!
October 05, 2024