Greater Noida: प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सख्त रुख अपनाया है। प्रदूषण बोर्ड ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण फैलाने के 9 मामले में 19 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बिसरख में जस्ट क्वालिटी कंक्रीट आरएमसी प्लांट पर 7.05 लाख का जुर्माना लगाने के साथ ही प्लांट बंद करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, नोएडा के आठ संस्थानों पर 12.60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
इन संस्थानों पर लगाया गया जुर्माना
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी उत्कर्ष शर्मा ने बताया कि नोएडा प्राधिकरण के दो ठेकेदारों पर सेक्टर-64 में पार्क की बाउंड्रीवाल के निर्माण, सेक्टर-67 में हल्दीराम के सामने नाला निर्माण में प्रदूषण फैलाने पर जुर्माना लगाया गया है। वहीं, सेक्टर-128 में महागुन मैनोरिएल ग्रुप हाउसिंग, जेएमसी प्रोजेक्ट के कल्पतरू विस्टा प्रोजेक्ट पर भी जुर्माना लगाया गया है। इसी तरह सेक्टर-65 में भूखंड सी-108, सेक्टर-40 में ई-24, सेक्टर-64 में बी-120, सेक्टर-67 में बी-127 भूखंड पर भी बिल्डिंग मेटेरियल खुले में छोड़ने पर जुर्माना लगाया गया है।
नोएडा प्राधिकरण ने भी लगाया जुर्माना
इसके अलावा नोएडा प्राधिकरण ने भी प्रदूषण फैलाने वालों पर भी कार्रवाई की है। प्राधिकरण ने 6 संस्थानों के खिलाफ 3.40 लाख रुपये जुर्माना लगाया है। इसके अलावा अलग-अलग इलाकों में पानी का छिड़काव भी नोएडा प्राधिकरण ने कराया। सड़कों की मैकेनिकल स्वीपिंग, मलबा उठाने, 18 टैंकर्स से पेड़ों को धोने का काम भी किया गया। 38 एंटी स्मॉग गन का उपयोग कर हवा में मौजूद धूल के कणों को भी हटाने के लिए किया जा रहा है।
Noida: दीपावली से पहले इस बार भी नोएडा और ग्रेटर नोएडा समेत दिल्ली एनसीआर में रहने वाले लोगों के सांसों पर प्रदूषण का ग्रहण लगने लगा है। ग्रैप सिस्टम लागू होने के बाद भी ग्रेटर नोएडा और नोएडा की हवा काफी प्रदूषित हो गई है। रविवार को पहली बार दोनों शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक रेड जोन में 300 के पार पहुंच गया है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण विभाग के अधिकारियों का दावा है कि वायु प्रदूषण हवा थमने और पराली के धुएं की वजह से बढ़ा है। अधिकारियों के मुताबिक तीन दिनों तक वायु प्रदूषण से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। इस दौरान ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 400 के पार पहुंचने की आशंका जताई है।
ग्रेनो वेस्ट में भी वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा
बता दें कि रविवार की सुबह नोएडा में लोगों की नींद हवा में घुले प्रदूषण के साथ खुली। पूरे शहर में दोपहर तक धूल और धुएं की परत की छाई रही। दोपहर बाद हवा चलने पर मामूली राहत मिली। शाम पांच बजे सेक्टर-116 में एक्यूआई 361 रिकॉर्ड हुआ। वहीं सेक्टर-62 में भी एक्यूआई 300 रिकॉर्ड हुआ। वहीं, ग्रेनो के नॉलेज पार्क तीन और ग्रेनो वेस्ट के नॉलेज पार्क 5 में लगी वायु प्रदूषण मॉनिटरिंग स्टेशन में रविवार को ग्रेनो का एक्यूआई 363 और ग्रेनो वेस्ट का एक्यूआई 344 था।
सड़कों पर उड़ रही धूल जगह-जगह जल रहा कूड़ा
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी हिदायत के बाद भी ग्रेटर नोएडा में ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। जिसकी वजह से सड़कों पर धूल उड़ रही है।जगह-जगह कूड़ा जलाया जा रहा है। धूल उड़ने वाली जगहों पर पानी का छिड़काव भी नहीं किया जा रहा है।
Noida: गौतमबुद्ध नगर के किसानों को बड़ी कामयाबी मिली है। भारतीय किसान यूनियन की मांग पर बोर्ड बैठक में नोएडा प्राधिकरण द्वारा किसानों को 10% आवासीय भूखंड दिए जाने का प्रस्ताव पास करके शासन को भेज दिया गया है। बता दें कि लंबे समय से भारतीय किसान यूनियन इस लड़ाई को लड़ रही थी। प्रस्ताव पास होने पर किसानों ने खुशी जताई।
प्राधिकरण के सीईओ को दिया धन्यवाद
बोर्ड बैठक से प्रस्ताव पास किए जाने पर शुक्रवारकी सुबह 10 बजे भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधिमंडल ने नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम को पगड़ी पहनाकर एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर अभिनंदन एवं धन्यवाद दिया।
8 अक्टूबर की बैठक में अन्य मुद्दों पर होगी चर्चा
नोएडा प्राधिकरण द्वारा लिये गए इस बड़े निर्णय से ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के किसानों को 10% आवासीय प्लॉट दिए जाने का रास्ता लगभग साफ गया है। भारतीय किसान यूनियन की आठ अक्टूबर को नोएडा प्राधिकरण से होने वाली अधिकृत वार्ता में भी अन्य मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
Lucknow: लोकसभा चुनाव को देखते हुए यूपी बोर्ड की परीक्षाएं फरवरी के दूसरे सप्ताह में कराने की तैयारी माध्यमिक परिषद ने की है। उत्तर प्रदेश बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने वर्ष 2024 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा कराने के लिए केंद्रों संभावित सूची जारी कर दी है। इसको जनपदीय समिति के विचार के लिए भेजा गया था। इस बार 7864 परीक्षा केंद्र बनाए जाने की तैयारी है। जोकि पिछले वर्ष की तुलना में 889 कम हैं। पिछले वर्ष 8753 केंद्र बने थे।
निगरानी बढ़ाने के लिए परीक्षा केंद्र घटाए गए
यूपी बोर्ड ने केंद्र घटाकर परीक्षा के दौरान निगरानी बढ़ाकर नकल रोकने की तैयारी की है। बोर्ड ने इंटरमीडिएट की प्रायोगिक परीक्षा की तिथि घोषित करने के बाद लिखित परीक्षा केंद्रों की संभावित सूची तैयार कर संदेश दिया है कि नकलविहीन परीक्षा की तैयारी कर ली गई है। इस बार 1017 राजकीय, 3537 अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) एवं 3310 वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों की केंद्र 1 सूची जनपदीय समिति को भेजी गई है। पिछले वर्ष 540 राजकीय, 3523 एडेड और 4690 वित्तविहीन विद्यालयों को केंद्र बनाया गया था। इस बार परीक्षा केंद्र बनाए जा रहे राजकीय विद्यालयों की संख्या दोगुने के करीब है। जबकि केंद्र के रूप में वित्तविहीन विद्यालयों की संख्या 1380 घट गई है। बोर्ड के सचिव का कहना है कि अधिक केंद्र होने पर प्रभावी निगरानी के अधिक व्यवस्था जुटानी पड़ती है। केंद्र कम होने पर शासन की मंशा के अनुरूप कड़ी निगरानी कराई जा सकेगी।
Pryagraj: यूपी बोर्ड की दसवीं और 12वीं की 2024 की बोर्ड परीक्षाएं इस बार 22 फरवरी से एक साथ शुरू होंगी। यूपी बोर्ड ने गुरुवार को बोर्ड परीक्षाओं को लेकर कार्यक्रम जारी कर दिया है। परीक्षाएं 9 मार्च तक संचालित की जाएगी। यूपी बोर्ड की तरफ से परीक्षा को लेकर तैयारियां तेजी से पूरी की जा रही हैं।
यूपी बोर्ड परीक्षा का कार्यक्रम जारी करते हुए बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने बताया कि इस बार की बोर्ड परीक्षाएं 12 कार्य दिवसों में आयोजित की जाएगी। दसवीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा दोनों पालियों में होगी। पहली पाली की परीक्षा सुबह साढ़े आठ बजे से शुरू होकर 11.45 तक संचालित होगी। जबकि दूसरी पाली की बोर्ड परीक्षा दोपहर दो बजे से शाम सवा पांच बजे तक आयोजित होगी।
10वीं की बोर्ड परीक्षा में पहले दिन यानी 22 फरवरी को पहली पाली में हिंदी और प्रारंभिक हिंदी विषय की परीक्षा होगी, जबकि दूसरी पाली में वाणिज्य विषय की परीक्षा आयोजित की जाएगी। वहीं इंटरमीडिएट में पहली पाली में सैन्य विज्ञान और दूसरी पाली में हिंदी व सामान्य हिंदी विषय की परीक्षा पहले दिन आयोजित होगी।
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों के 117 प्रोजेक्ट में करीब 75 हजार फ्लैट खरीदारों को आशियाना दिलाने के मकसद से प्राधिकरण बोर्ड ने मंगलवार को बहुत अहम फैसला लिया है। औद्योेगिक विकास आयुक्त व नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता मेें मंगलवार को आयोजित 133वीं बोर्ड बैठक में अमिताभ कांत समिति की सिफारिशें लागू करने पर शासन से जारी शासनादेश को अंगीकृत करने पर मुहर लग गई है। इससे बिल्डर परियोजनाओं को पूरा करने के लिए शून्यकाल का लाभ, बकाया जमा करने के लिए समयावधि, मोर्टगेज परमिशन, प्रचलित एफएआर को क्रय करने, परियोजना पूरी करने के लिए समय वृद्धि का लाभ मिल सकेगा, जबकि फ्लैट खरीदारों को तीन माह में रजिस्ट्री, अतिरिक्त पैसा नहीं देने समेत कई लाभ मिलेंगे। हालांकि शर्तों का उल्लंघन करने पर बिल्डरों को लाभ नहीं मिल सकेगा।
तीनों प्राधिकरणों के सीईओ की मौजूदगी में लगी मुहर
इस बोर्ड बैठक में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार व नोएडा के सीईओ डॉ एम लोकेश समेत तीनों प्राधिकरणों व बोर्ड के अन्य सदस्यों की मौजूदगी में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। दरअसल, नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों के आधार पर उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से शासनादेश जारी किए गए। इन सिफारिशों को लागू करने के लिए नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 26 दिसंबर को आयोजित बोर्ड बैठक मेें प्रस्ताव रखे गए। फ्लैट खरीदारों को घर दिलाने के मकसद से प्राधिकरण चेयरमैन व बोर्ड के अन्य सभी सदस्यों ने इसे अंगीकृत करने पर तत्काल सहमति दे दी।
पूरा करने के लिए बिल्डरों को राहत
अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिहाज से कई राहत का ऐलान किया गया है। कोरोना महामारी के तहत बिल्डरों को 01 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक शून्य काल का लाभ दिया जाएगा। ओखला बर्ड सेंचुरी के 10 किलोमीटर के दायरे में एनजीटी के आदेशों के क्रम में 14 अगस्त 2013 से 19 अगस्त 2015 तक जीरो पीरियड का लाभ मिलेगा। यह केस टू केस पर लागू होगा। शून्यकाल का लाभ लेने के बाद बकाया धनराशि का 25 प्रतिशत 60 दिनों के भीतर जमा करना होगा। शेष 75 प्रतिशत पैसा साधारण ब्याज के साथ तीन साल में जमा करना होगा। अब को-डेवलपर को परियोजना पूरी करने की अनुमति मिल सकेगी। प्राधिकरण की बकाया धनराशि देने की जिम्मेदारी दोनों की होगी। परियोजना की अनुपयुक्त भूमि को आंशिक सरेंडर करने की अनुमति होगी।
प्राधिकरण सरेंडर की गई भूमि के लिए पहले से भुगतान की गई राशि को बिल्डर के बकाए के साथ समायोजित करेंगे। प्राधिकरण का बकाया पैसा न देने पर आंशिक भाग का आवंटन रद्द कर सकेगा। बकाया राशि का सत्यापन एक स्वतंत्र सीए करेगा। इस पॉलिसी से लाभान्वित परियोजना के बायर्स से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। सभी नियमों को पूरा करने के बाद प्रचलित दर पर अतिरिक्त एफएआर दिया जा सकेगा। परियोजना को पूरा करने के लिए समय विस्तार शुल्क के बिना अधिकतम तीन वर्ष मिलेगा। कुल ड्यूज के सापेक्ष 25 धनराशि जमा करने पर पीटीएम की अनुमति दी जाएगी। बकाया भुगतान अधिकतम तीन साल में जमा करना होगा।
खरीदारों को मालिकाना हक मिलेगा
सौ करोड़ रुपये तक के बकाये की राशि एक वर्ष के अंदर जमा की जाएगी। 500 करोड़ रुपये तक की राशि दो वर्षों में तथा इससे अधिक धनराशि तीन वर्ष में अदा करनी होगी। ड्यूज का 25 फीसदी धनराशि जमा करने के लिए 60 दिन का समय मिलेगा। औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने कहा कि सरकार की इस पहल से खरीदारों को बड़ी राहत मिलेगी। सभी बने हुए फ्लैट की ओसी-सीसी हो जाएगी। फ्लैटों में रहने वाले खरीदारों के नाम जल्द रजिस्ट्री हो जाएगी। इससे खरीदारों को मालिकाना हक मिलेगा।
ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों पर समिति की सिफारिशें लागू
प्राधिकरणों के ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों पर समिति की सिफारिशें लागू होंगी। ग्रुप हाउसिंग में यदि वाणिज्यिक हिस्सा है तो उसमें भी लागू होगा। टाउनशिप डेवलपमेंट प्रोजेक्ट भी इसके दायरे में रहेंगे। ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट अगर एनसीएलटी अथवा कोर्ट में हैं तो वह इस पैकेज का लाभ तभी ले सकते हैं, जब वह अपना केस वापस लेंगे, लेकिन स्पोर्ट्स सिटी परियोजना के ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट, रिक्रिएशन एंटरटेनमेंट पार्क योजना में शामिल ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों पर ये सिफारिशें लागू नहीं होंगी। इसके अलावा व्यावसायिक, संस्थागत और औद्योगिक परियोजनाओं में ये सिफारिशें मान्य नहीं होंगी। बैठक में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ मेधा रूपम, अमनदीप डुली, एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव, अन्नपूर्णा गर्ग, आशुतोष द्विवेदी, एसीईओ सुनील कुमार सिंह, यीडा की एसीईओ श्रुति समेत सभी वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद रहे।
20 हजार वर्ग मीटर तक के औद्योगिक भूखंडों के रेट बढ़ाने पर सहमति
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने 20 हजार वर्ग मीटर तक के भूखंडों की दरों में औसतन 12 फीसदी वृद्धि को मंजूरी दे दी है। 1000 वर्ग मीटर तक के सभी श्रेणी के भूखंडों की कीमत 29238 रुपये प्रति वर्ग मीटर करने पर सहमति बन गई है। इसी तरह 1001 वर्ग मीटर से लेकर 20,000 वर्ग मीटर तक सभी श्रेणी के भूखंडों की कीमत 23975 रुपये प्रति वर्ग मीटर कर दी गई है। शेष आकार वाले भूखंडों की श्रेणी और कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
ग्रुप हाउसिंग प्रोेजेक्टों में विजिटर्स पार्किंग अनिवार्य
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों में विजिटर्स पार्किंग 5% अनिवार्य करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। एकल भवनों में भी सिंगल पार्किंग जरूरी है। इससे सोसाइटियों में विजिटर्स की पार्किंग को लेकर होने वाले विवाद हल हो जाएंगे। यह व्यवस्था नए और पुराने, सभी प्रोजेक्टों पर लागू होंगे। इस प्रावधान पर जन सामान्य से आपत्ति/सुझाव मांगे जाएंगे। उसके बाद अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
औद्योगिक, आईटी व संस्थागत इकाइयों को बोर्ड से राहत
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने निवेश व रोजगार को ध्यान में रखते हुए अब तक कंप्लीशन व फंक्शनल सर्टिफिकेट न ले पाने वाली औद्योगिक, आईटी व आईटीईएस को बडी राहत दे दी है। इन इकाइयों को कंप्लीशन सर्टिफिकेट व फंक्शनल सर्टिफिकेट प्राप्त करनेे के लिए 31 दिसंबर 2024 तक का समय दे दिया है। इसका लाभ लेने के लिए इन इकाइयों को निर्धारित शुल्क देना होगा। बोर्ड ने संस्थागत इकाइयों को भी बड़ी राहत दे दी है। अब तक पंजीकरण न करा पाने वाली इकाइयों को सशुल्क 31 दिसंबर 2024 तक का समय दे दिया है। इसी तरह मानचित्र स्वीकृति व कंप्लीशन के लिए सशुल्क 31 दिसंबर 2025 तक का समय दिया गया है।
बकाया जल मूल्य पर ओटीएस योजना
ग्रेेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने पानी के बकायेदारों को भी बड़ी राहत दे दी है। बोर्ड ने 31 मार्च 2024 तक की लंबित देय जल मूल्य धनराशि पर कार्यालय आदेश जारी होने की तिथि से 31 जनवरी 2024 तक डिफॉल्ट धनराशि जमा करने पर कुल ब्याज में 40 फीसदी छूट मिलेगी। इसी तरह 01 फरवरी से 29 फरवरी तक जमा करने पर 30 फीसदी और एक मार्च से 31 मार्च 2024 तक जमा करने पर 20 फीसदी की छूट मिलेगी। प्राधिकरण का पानी के बकायेदारों पर करीब 34 करोड़ रुपये बकाया हैें।
सभी सेक्टरों में गंगाजल पहुंचाने के निर्देश
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने गंगाजल परियोजना की भी समीक्षा की। चेयरमैन ने इस परियोजना पर तेजी से काम करते हुए सभी सेक्टरों तक शीघ्र गंगाजल पहुंचाने के निर्देश दिए। अब तक करीब 40 सेक्टरों में गंगाजल पहुंच चुका है।
आवसीय योजना 2010 के 231 आवंटियों को राहत
सेक्टर जीटा टू में आरपीएस 02 आवसीय योजना 2010 के 231 आवंटियों की तरफ से जमा धनराशि को वापस किए जाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। लंबे समय से इंतजार कर रहे इस योजना के आवंटियों को बड़ी राहत मिल जाएगी।
आवासीय संपत्तियों के कार्यपूर्ति प्रमाणपत्रों के नियमों मेें ढील
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने एकल आवासीय भवनों के लिए कंपनशनेट ग्राउंड पर कार्यपूर्ति प्रमाणपत्रों के नियमों मेें राहत देने का निर्णय लिया है। मूल आवंटी की मृत्यु होने पर उनके वारिसानों ने कार्यपूर्ति की प्रक्रिया को पूरी नहीं की। इसी तरह मूल आवंटी की तरफ से कार्यपूर्ति के लिए आवेदन करने के पश्चात गंभीर बीमारी होने के कारण प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। सेना या फिर अर्द्धसैनिक बलों के कार्यरत अधिकारी या कर्मचारी संवेदनशील जगहों पर ड्यूटी के चलते कार्यपूर्ति प्रमाणपत्र नहीं ले सके। ऐसे सभी प्रकरणों में आवेदकों से आवेदन की तिथि के बाद समय विस्तरण सर्टिफिकेट नहीं लिया जाएगा।
तीनों प्राधिकरणों की एसओपी जल्द
नोएडा-ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण की एसओपी जल्द बनाने की योजना है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने मैसर्स सार्क एसोसिएट्स को तीनों प्राधिकरणों की नीतियों, नियम और विनिमय में समरूपता लाने की जिम्मेदारी दी है। इससे आवंटियों को बहुत सुविधा हो जाएगी।
प्राधिकरण व सीआरआरआई के मध्य एमओयू जल्द
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने केंद्रीय अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बीच एमओयू करने के लिए सहमति दे दी है। सीआरआरआई ग्रेटर नोएडा में आधुनिक तकनीक के जरिए सड़कों के निर्माण में और पारदर्शिता तथा गुणवत्ता बढ़ाने, वेस्ट मैटेरियल से बनी टाइल्स का फुटपाथ बनवाने, सड़कों का थर्ड पार्टी के रूप में असिस्मेंट करने, ट्रैफिक की प्लानिंग आदि में प्राधिकरण का सहयोग करेगा।
Greater Noida: गेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने मंगलवार को बैठक में किसानों के लिए राहत का पिटारा खोल दिया है। प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट व उच्च न्यायालयों के आदेशों से संबंधित अधिसूचनाओं के समस्त किसानों को 10 फीसदी विकसित आबादी भूखंड भी दिए जाने के प्रस्ताव पर बोर्ड ने सहमति दे दी है। अब इसे शासन के पास भेजा जाएगा। वहां से अनुमोदन के उपरांत इसे लागू किया जाएगा। किसानों की लंबे समय से चली आ रही मांग को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
किसान लंबे समय से कर रहे थे मांग
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार की तरफ से चेयरमैन मनोज कुमार सिंह के समक्ष इस प्रस्ताव को रखा गया, जिस पर चेयरमैन ने इसे तत्काल स्वीकार कर लिया। अब इस पर अनुमोदन के लिए शासन को भेजा जाएगा। वहां से अप्रूवल के बाद किसानों को अधिग्रहित जमीन का 10 फीसदी (अधिकतम 2500 वर्ग मीटर) मिल सकेगा। इससे लंबे समय से किसानों की लंबित मांग पूरी हो जाएगी। पात्र किसानों को आरक्षण पत्र जारी किए जाएंगे। विकसित भूखंड का आवंटन शीघ्र भूमि अर्जित कर दिया जाएगा।
किसानों को देना होग शपथ पत्र
अगर किसी पात्र किसान ने अवैध कब्जा कर रखा है तो उसे स्वेच्छा से अवैध कब्जा हटा लेने के बाद ही भूमि का आवंटन किया जाएगा। किसानों को शपथ पत्र देना होगा कि उनके पास आरक्षित या आवंटित भूखंड 2500 वर्ग मीटर से अधिक नहीं है। इस बाबत किसान की तरफ से अगर कोई याचिका या फिर विशेष अनुज्ञा अपील की गई है तो उसे वापस लिया जाएगा। बोर्ड ने इस प्रस्ताव को शासन को भेजने के निर्देश दिए हैं।
वेंडिंग जोन में किसानों को 33 फीसदी आरक्षण
किसानों की दूसरी मांग पर प्राधिकरण बोर्ड ने आपसी सहमति से भूमि विक्रय करने वाले किसानों को नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत परियोजना प्रभावित मानकर उन्हें भूमि अर्जन पुनर्वासन और पुर्नव्यवस्थापन के हिसाब से उचित मुआवजा और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 (नये भूमि अधिग्रहण कानून) के तहत लाभ दिए जाने पर सकारात्मक फैसले के लिए शासन के पास भेजने पर हरी झंडी दे दी है। किसानों की तीसरी मांग के रूप में प्राधिकरण बोर्ड ने वेंडिंग जोन में किसानों को 33 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव को भी स्वीकार कर लिया है। इसके अलावा किसानों की ही मांग पर प्राधिकरण बोर्ड ने लीज बैक के 533 में से शासन से अनुमोदित 296 पात्र किसानों को लीज बैक करने के प्रस्ताव पर सहमति दे दी है। जल्द ही पात्र किसान लीज बैक करा सकेंगे। इन फैसलों से बड़ी संख्या में किसानों को लाभ मिल सकेगा।
Greater Noida: यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के किसानों को जल्द ही नए साल का तोहफा दे सकता है। जमीन अधिग्रहण से प्रभावित यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के किसानों को नए साल में 10 फीसदी आबादी भूखंड देने का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। बता दें कि अभी सात फीसदी आबादी भूखंड का लाभ दिया जाता है। इसके अलावा नोएडा एयरपोर्ट के पास आवासीय योजना लांच की जाएगी। बिल्डर-खरीदार मामले में जारी किए गए शासनादेश को अमल में लाते हुए 20 से अधिक प्रस्ताव 10 जनवरी को होने वाली बोर्ड बैठक में रखे जाएंगे।
आवासीय भूखंडों योजना प्रस्ताव भी रखा जाएगा
अधिकारियों का कहना है कि बोर्ड बैठक में रखे जाने वाले प्रस्तावों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। किसानों को 10 फीसदी भूखंड देने के फैसले पर बोर्ड की मुहर लगने के बाद शासन को भेजा जाएगा। इसके साथ ही एयरपोर्ट के पास सेक्टर-5 में 2000 आवासीय भूखंडों की योजना से संबंधित प्रस्ताव भी बैठक में रखा जाएगा। जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव पहले ही जिला प्रशासन को भेजा चुका है। इस योजना में 60 व 90 वर्गमीटर के भूखंड होंगे। पूर्व की योजना में 120 वर्गमीटर व उससे ऊपर के साइज के भूखंड शामिल थे।
8 सौ रुपये प्रति वर्गमीटर जमीन को भुगतान होगा
बता दें कि नोएडा एयरपोर्ट के चरण एक के फेज-1 के लिए खरीदी गई गांव कुरैब की 16. 3920 हेक्टेयर जमीन से संबंधित किसानों को 800 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से का भुगतान किया जाएगा। ये प्रस्ताव बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। वहीं, 18 अक्तूबर को बोली में रेखा के स्थान पर रेखा शर्मा नाम पुकारे जाने पर आवेदक ने आपत्ति दर्ज कराई गई थी। इसके निराकरण के लिए यह मुद्दा बोर्ड बैठक में रखा जाएगा।
Greater Noida: यमुना प्राधिकरण की 79वीं बैठक सोमवार को संपन्न हुई। जिसमें चेयरमैन अनिल सागर, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन एनजी रवि, नोएडा प्राधिकरण के ACEO सतीश पाल के अलावा हाथरस, अलीगढ़, मथुरा के एसडीएम और सिटी मजिस्ट्रेट ने हिस्सा लिया। यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरूणवीर सिंह ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस वीत्तीय वर्ष में 285.61 करोड़ रुपये अधिक रहा। पिछले वित्तीय वर्ष में प्राधिकरण को कुल 1784 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था। जबकि साल 2023-24 में कुल 5107 करोड़ 75 लाख रुपये का राजस्व प्राधिकरण ने हासिल किया है।
किसानों को लेकर फैसले
डॉ अरूणवीर सिंह ने बताया कि जिन किसानों ने साल 2014 के बाद जमीन खरीदी है, चाहे वो बाहर के लोग ही क्यों ना हों, उन सभी को 7 प्रतिशत का प्लाट दिया जाता था। लेकिन प्राधिकरण के स्थापना से पहले से जिनका नाम था उनको लाभ नहीं दिया जाता था। लेकिन अब 24 अप्रैल 2001 से पहले भी जिनका नाम खतौनी में है, उन्हें अब 7 प्रतिशत प्लाट का लाभ दिया जाएगा। सीईओ ने बताया पहले मूल किसान लाभ से वंचित रह जाते थे, लेकिन अब उन्हें भी प्राधिकरण लाभ देने जा रहा है।
इंटरचेंज से प्रभावित किसानों को मिलेगा प्लाट
यमुना एक्सप्रेस-वे और इस्टर्न पैरीफैरल एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक की समस्या को खत्म करने के लिए जंक्शन बिन्दू पर 4 लूप, 4 रैंप के साथ 4 अतिरिक्त रैंप बनाए जाने का निर्णय लिया गया है। यमुना एक्सप्रेस-वे से ईस्टर्न पैरीफेरल के रास्ते से कुंडली, सोनीपत, मेरठ, मानेसर जाने के लिए इंटरचेंज का निर्माण किया जाना है। इंटरचेंज वाले रास्ते पर आने वाले जगनपुर और अफजलपुर के किसानों के लिए प्लाट देने का फैसला लिया गया है। प्रभावित किसानों को 7 प्रतिशत भूखंड दिये जाने का फैसला लिया गया है। डॉ अरूणवीर सिंह ने बताया कि इसमें करीब 360 किसान प्रभावित हुए हैं, जिन्हें प्राधिकरण ने प्लाट देने का फैसला लिया है।
हेरीटेज कॉरिडोर के लिए सहमति
राया हेरीटेज कॉरिडोर के डीपीआर को प्राधिकरण ने सहमति दे दी है। ये कॉरिडोर 753 एकड़ पर 1220 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होना है। इसके अलावा यमुना प्राधिकरण के चार प्रशासनिक कार्यालय और चार जोनल कार्यालय के अलावा स्टॉप हाउसिंग को बनाए जाने की भी प्राधिकरण ने सहमति दे दी है। साथ ही 2041 का यमुना प्राधिकरण का मास्टर प्लान भी अप्रूव हो गया है। मास्टर प्लान में 1 हजार 50 हेक्टेयर जमीन को जोड़ दिया गया है। इसके अलावा जीरो पीरियड की सुविधा पहले ग्रुप हाउसिंग, औद्योगिक और संस्थागत को दिया गया था, अब इसका फायदा आवासीय प्लाट में भी मिलने जा रहा है।
मेंटिनेंस डीविजन बनाए जाने का फैसला
प्राधिकरण ने एक मेंटिनेंस डिविजन बनाए जाने का फैसला लिया है। डॉ अरूणवीर सिंह ने बताया कि पुराने सेक्टरों में मेंटिनेंस का काम अब मेंटिनेंस विभाग देखने जा रहा है। इसमें नए अधिकारियों की तैनाती की जाएगी, जो सेक्टरों में होने वाले मेंटिनेंस के काम को देखेंगे। इसके अलावा औद्योगिक सेक्टर में ग्रीन बेल्ट की सुविधा उद्यमियों को दी जाएगी। इसके लिए प्राधिकरण नई डीड भी बनाएगा।
Greater Noida: यमुना प्राधिकरण के 79वीं बोर्ड बैठक सोमवार को हुई। इस बोर्ड बैठक में मास्टर प्लान 2041 प्रस्तुत की गई। मास्टर प्लान में प्राधिकरण के अधिसूचित कुल 1149 गांव शामिल किए गए हैं। फेज एक में शामिल गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर में नए सेक्टर नियोजित किए गए हैं। बोर्ड ने नए सेक्टरों के लिए जमीन अधिगृहीत करने के निर्देश दिए हैं। प्राधिकरण ने मथुरा में 753 एकड़ में 1220 करोड़ रुपये की लागत से हेरिटेज सिटी बनाएगा। इसकी संशोधित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को प्राधिकरण बोर्ड ने सोमवार को अपनी स्वीकृति दे दी। पीपीपी मॉडल पर विकसित होने वाली परियोजना के विकासकर्ता चयन के लिए प्रस्ताव निविदा मूल्यांकन समिति को भेजा गया है।
क्या-क्या होंगे हेरीटेज सेंटर में
एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर थीम आधारित हेरिटेज सेंटर बनेंगे। इसके अलावा योग वेलनेस सेंटर, कन्वेंशन सेंटर, होटल, स्थानीय कला और कलाकारों के लिए हाट बनाए जाएंगे। प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि हेरिटेज सिटी परियोजना का क्षेत्रफल बढ़ने से फेज दो का मास्टर प्लान संशोधित किया जा रहा है। हेरिटेज सिटी राया अर्बन सेंटर का हिस्सा होगी। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे, यमुना एक्सप्रेस-वे को यमुना नदी से जोड़ेगा। यमुना नदी पर बृज विकास तीर्थ परिषद पुल का निर्माण करा रहा है। एक्सप्रेस-वे इससे जुड़ जाएगा। अन्य प्रस्तावित मार्गों से भी इसे जोड़ा जाएगा। यमुना एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर डेढ़-डेढ़ किमी के दायरे में कुल 10,500 हेक्टेयर में शहर विकसित किया जाएगा। इसमें चार विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) विकसित होंगे। इन चारों एसईजेड में इलेक्ट्रानिक्स आधारित उद्योग समेत आवासीय, संस्थागत, कामर्शियल के अलावा अन्य गतिविधियां होंगी। यमुना प्राधिकरण में गौतमबुद्ध नगर के अलावा बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, आगरा जिले के 1149 गांव अधिसूचित हैं।
फिनटेक हब के लिए डीपीआर रिपोर्ट तैयार
यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने फिनटेक हब के लिए डीपीआर रिपोर्ट तैयार कर ली है। इसके लिए पांच आवेदन आए हैं, जिन्हें अप्रुवल मिल गया है।
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October 05, 2024