भाई की सेहत को लेकर अफजाल का बड़ा दावा, प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप

उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की अचानक तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उनको देर रात बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। वहीं माफिया मुख्तार अंसारी की तबियत बिगड़ने पर उनके भाई अफजाल अंसारी ने एक बड़ा बयान दिया है। अफजाल अंसारी ने अपने भाई को लेकर चौंकाने वाला दावा किया है।

खाने में जहरीला पदार्थ मिलाकर दिया गया- अफजाल
माफिया मुख्तार के भाई और गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी ने अपने भाई के स्वास्थ्य को लेकर कहा 'कि मैं उनसे 5 मिनट के लिए मिला। वह होश में हैं। उन्होंने मुझे बताया कि उन्हें खाने में कुछ जहरीला पदार्थ मिलाकर दिया गया था। ऐसा दूसरी बार हुआ है। वहां एक सर्जन और उनके दो सहकर्मी हैं, और वे उनकी देखभाल कर रहे हैं।'

जिला और जेल प्रशासन ने मुख्तार की हालत की जानकारी नहीं दी
मुख्तार की सेहत को लेकर अफजाल ने आगे कहा 'कि अगर वे उन्हें सही इलाज देने में असमर्थ हैं, तो उन्हें अभी भी समय रहते उन्हें रेफर करना चाहिए। मैंने उनसे इस बारे में अनुरोध किया है और मुझे लगता है कि अगर डॉक्टर इलाज करने में स्वतंत्र है, तो वह अपने कर्तव्य का पालन करें।' वहीं गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी ने यह भी दावा किया कि जिला प्रशासन और जेल प्रशासन ने मुख्तार की हालत की जानकारी नहीं दी। इसके साथ अफजाल ने यह भी बताया 'कि उन्होंने मुख्तार के इलाज को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय में भी फोन किया था।'

By Super Admin | March 26, 2024 | 0 Comments

UP के बाहुबली नेता सियासी पिच से हुए गायब, मोदी-योगी राज में टूट गया सबका तिलिस्म !

चुनावों का दौर चल रहा है तो वहीं जहां कभी यूपी की सियासत में बाहुबली नेताओं का अस्सी के दशक में दबदबा रहा है और नब्बे के दशक में जिनकी तूती बोलती थी। वो बाहुबली नेता अब उत्तर प्रदेश की सियासी पिच से नदारद नजर आ रहे हैं। पश्चिमी यूपी से लेकर पूर्वांचल तक जहां एक समय बाहुबलियों की सियासी रुतबा था, लेकिन इस बार के लोकसभा चुनाव में उनका तिलिस्म टूटता नजर आ रहा है। कुछ बाहुबली नेताओं का निधन हो चुका है तो कुछ जेल की सलाखों के पीछे हैं। राजनीतिक दल भी इन नेताओं से कन्नी काट रहे हैं। जिससे इनकी राजनीतिक विरासत भी खत्म होती दिखाई दे रही है। वहीं जौनपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे बाहुबली धनंजय सिंह को मिली सजा ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। सपा ने बाबू सिंह कुशवाहा को जौनपुर से प्रत्याशी बनाकर धनंजय की पत्नी के चुनाव लड़ने की उम्मीदों का झटका दे दिया है।

मुख्तार और अतीक का सियासी साम्राज्य खत्म होने की कगार पर
मुख्तार अंसारी आज किसी पहचान का मोहताज नहीं, जिसकी पूर्वांचल में तूती बोलती थी, खासकर गाजीपुर, मऊ, बलिया और आजमगढ़ क्षेत्र में। आज मुख्तार अंसारी का निधन हो चुका है तो वहीं मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी गाजीपुर लोकसभा सीट से सपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे हैं। तो वहीं उनके करीबी अतुल राय घोसी से चुनाव जीते थे। अतुल राय आज जेल में बंद हैं और घोसी सीट से उन्हें किसी भी पार्टी ने टिकट नहीं दिया है, जिसके चलते चुनावी मैदान से पूरी तरह बाहर हो गए हैं। तो वहीं एक और बाहुबली नेता अतीक अहमद की दबंगई का आलम यह था कि प्रयागराज के इलाके में उनके मर्जी के बिना परिंदा भी पर नहीं मार सकता था। फूलपुर सीट से अतीक सांसद रहे, लेकिन पिछले साल प्रयागराज में उनकी और उनके भाई अशरफ की हत्या कर दी गई थी। अतीक के दो बेटे अभी भी जेल में बंद हैं और उनकी पत्नी फरार हैं। इसके चलते अतीक के परिवार से कोई भी सदस्य इस बार के चुनावी मैदान में नजर नहीं आ रहा है। अतीक का भी सियासी साम्राज्य खत्म होता नजर आ रहा है।

डीपी यादव और गुड्डू पंडित चुनावी पिच से बाहर
जहां एक समय पश्चिमी यूपी में डीपी यादव का सियासी दबदबा था। नोएडा के रहने वाले पूर्व मंत्री डीपी यादव बदायूं से चुनाव लड़ते रहे हैं, लेकिन बसपा और सपा ने किनारा किया तो उनकी सियासी जमीन खिसक गई। डीपी यादव इस बार अपने बेटे के लिए टिकट चाहते थे, लेकिन सपा और बीजेपी दोनों ने ही उन्हें टिकट नहीं दिया। इसी तरह गुड्डू पंडित बुलंदशहर के रहने वाले हैं, लेकिन अलीगढ़ से लेकर फतेहपुरी सीकरी तक से चुनाव लड़ चुके हैं। इस बार उन्हें किसी भी पार्टी ने प्रत्याशी नहीं बनाया है। डीपी यादव और गुड्डू पंडित दोनों ने ही पश्चिमी यूपी के बड़े बाहुबली नेताओं के रूप में पहचान बनाई थी, लेकिन इस बार चुनावी पिच से बाहर हैं.

धनंजय को टिकट की जगह मिली जेल और अमनमणि को मिला धोखा
अपहरण, रंगदारी के मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह को सात साल की सजा होने के चलते सियासी पिच से बाहर हो गए हैं। धनंजय सिंह जौनपुर सीट से चुनावी मैदान में उतरना चाहते थे, लेकिन उन्हें सजा हो गई। इसके बाद अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाने की जुगत में थे। माना जा रहा था कि सपा धनंजय की पत्नी को जौनपुर सीट से टिकट दे सकती है, लेकिन रविवार को बाबू सिंह कुशवाहा को प्रत्याशी बना दिया गया। इसके चलते धनंजय सिंह इस बार लोकसभा चुनाव मैदान में नहीं नजर आएंगे। वहीं कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में सजा काट रहे बाहुबली अमरमणि त्रिपाठी ने जेल में रहते हुए अपने भाई अजीतमणि त्रिपाठी को लोकसभा का चुनाव लड़ाया था। बेटे अमनमणि को विधायक बनवाया था, लेकिन इस बार उनके साथ खेला हो गया। अमनमणि त्रिपाठी ने कांग्रेस का दामन थामा और महाराजगंज सीट से टिकट मांग रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने उनकी जगह चौधरी बीरेंद्र को प्रत्याशी बना दिया। इसके चलते अमरमणि के परिवार से कोई भी चुनावी रण में नहीं हैं।

उमाकांत और रमाकांत खा रहे जेल की हवा
वहीं तीन बार विधायक और एक बार सांसद रहे उमाकांत यादव भी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। दरअसल जौनपुर जिले के शाहगंज रेलवे स्टेशन स्थित जीआरपी थाने के 1985 के सिपाही हत्याकांड मामले में बसपा के पूर्व सांसद उमाकांत यादव अब आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। उमाकांत ही नहीं उनके भाई रमाकांत यादव जेल में बंद हैं. चार बार के सांसद और पांच बार के विधायक बाहुबली नेता रमाकांत यादव फतेहगढ़ जेल में बंद हैं और आजमगढ़ सीट से धर्मेंद्र यादव चुनाव लड़ रहे हैं। नब्बे के बाद से पहली बार रमाकांत का परिवार चुनावी मैदान से नदारद है.

अतीक को चुनौती देने वाले करवरिया बंधु भी मैदान से नदारद
आगरा जेल में बंद ज्ञानपुर के पूर्व विधायक विजय मिश्र की सियासी तूती बोलती थी। हत्या, लूट, अपहरण, दुष्कर्म, एके-47 की बरामदगी जैसे अपराधों से नाता रहा है। चार बार विधायक रहे विजय मिश्र को वाराणसी की एक गायिका के साथ दुष्कर्म के मामले में 15 साल की सजा हो गई। इस बार के चुनावी मैदान से विजय मिश्रा बाहर हो गए हैं। इसी तरह इलाहाबाद में अतीक अहमद को सियासी चुनौती देने वाले करवरिया बंधु भी इस बार के चुनावी मैदान से नदारद हैं। अतीक के सामने कोई चुनाव लड़ने को तैयार नहीं होता था तब करवरिया बंधु ही मैदान में उतरे थे। फूलपुर के पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया व उनके छोटे भाई पूर्व विधायक उदयभान करवरिया की गिनती भी बाहुबली नेताओं में होती रही है, लेकिन इस बार कोई बड़ा नाम प्रभावी नहीं दिख रहा है।

हरिशंकर तिवारी के बेटे भीम शंकर को मिला चुनावी में उतरने का मौका
पूर्वांचल में एक समय बाहुबली नेता के तौर पर उभरे हरिशंकर तिवारी का दबदबा था। इस बार के चुनाव में हरिशंकर तिवारी के बेटे भीम शंकर तिवारी को डुमरियागंज सीट से सपा ने प्रत्याशी बनाया है। इसके अलावा पूर्वांचल में कोई दूसरा बाहुबली नेता के परिवार से कोई नजर नहीं आ रहा है। बुंदेलखंड में डकैत ददुआ उर्फ शिव कुमार पटेल की सियासी तूती बोलती थी। मिर्जापुर से उनके भाई बाल कुमार पटेल सांसद रह चुके हैं। इसके बाद बांदा सीट से भी चुनाव लड़े, लेकिन इस बार चुनावी मैदान में नहीं नजर आ रहे हैं। वहीं हमीरपुर के कुरारा गांव के रहने वाले अशोक चंदेल बाहुबल के दम पर चार बार विधायक और एक बार सांसद रहे। अशोक चंदेल इस समय एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या के मामले में आगरा जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं, जिसके चलते चुनावी मैदान में नहीं हैं। ऐसे ही फर्रुखाबाद के इंस्पेक्टर हत्याकांड मामले में मथुरा जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे माफिया अनुपम दुबे भी चुनावी रण से दूर हैं। बीजेपी के कद्दावर नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड में पूर्व विधायक विजय सिंह छह वर्षों से जेल में बंद हैं। विजय सिंह का दमखम कमजोर पड़ चुका है।

बृजेश सिंह के परिवार से भी किसी को टिकट नहीं
उन्नाव के बाहुबली कुलदीप सेंगर जेल में बंद हैं जबकि एक समय उनकी तूती बोलती थी। इसी तरह प्रतापगढ़ जिले में रघुराज प्रताप सिंह का तूती बोला करती थी, उनके रिश्ते में भाई अक्षय प्रताप सिंह सांसद रह चुके हैं। इस बार चुनावी मैदान में नहीं उतरे। इसी तरह बृजभूषण शरण का अपना गोंडा, कैसरगंज में दबदबा है, लेकिन बीजेपी ने अभी तक उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया है। इसी क्षेत्र में बाहुबली और तीन बार के सांसद रिजवान जहीर जेल में बंद हैं, जिसके चलते चुनावी मैदान से बाहर हैं। माफिया बृजेश सिंह का पूर्वांचल में अपना दबदबा है, लेकिन इस बार उनके परिवार के किसी को टिकट नहीं मिला है। ऐसे में चुनावी मैदान से पूरी तरह बाहर हैं।

क्या बाहुबली नेताओं का टूट गया तिलिस्म
देखा जाए तो एक तरह से सभी पार्टियों ने एक समय अपना रुतबा रखने वाले बाहुबलियों से कन्नी काट ली है। अब देखना होगा कि एक समय अपना दबदबा कायम करने वाले बाहुबली क्या फिर से एक बार उठ खड़े होते हैं या फिर जैसी हवा बह रही है उसी ओर चल पड़ेंगे। क्या कभी कायम रहा गुंडाराज अब अपना दम तोड़ देगा। ये तो समय आने पर पता ही चल जाएगा कि कौन कितने पानी में है।

By Super Admin | April 15, 2024 | 0 Comments

सियासी राह पर उतरीं मुख्तार अंसारी की भतीजी नुसरत, शिव मंदिर में टेका माथा, क्या लड़ेंगी चुनाव?

लोकसभा चुनाव में पहली बार माफिया मुख्तार अंसारी की भतीजी और सांसद व सपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी की बेटी नुसरत भी चुनाव प्रचार में उतर गई है। नुसरत ने आदर्श बाजार के शिवमंदिर में पूजा अर्चना की और शिव चर्चा में भाग लिया। इससे उन अटकलों को हवा मिल गई है कि नुसरत चुनाव लड़ सकती हैं।

अफजाल चुनाव लड़ पाएंगे या नहीं, 2 मई को आएगा फैसला

बता दें कि गैंगस्टर मामले में सांसद के खिलाफ हाईकोर्ट में सुनवाई की दो मई को ताऱीख लगने के मात्र पांच दिन पहले बेटी के चुनाव मैदान मेंं उतरने से जनपद का सियासी पारा चढ़ गया है। नुसरत के आने के बाद तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। अफजाल अंसारी की बेटी नुसरत ने अचानक चुनाव मैदान में उतरकर सभी को चौंका दिया है। बता दें कि हाईकोर्ट में अफजाल अंसारी की सजा पर सुनवाई होनी है। अगर हाईकोर्ट सजा रद्द नहीं करता है तो अफजाल चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। ऐसे में सपा के टिकट पर बेटी नुसरत चुनाव लड़ सकती हैं। इसलिए वह पहले से ही मैदान में उतर गई हैं।

घर-घर जाकर कर रही संपर्क

नुसरत महिला टोली के साथ सोमवार को पवाहारी बाबा वार्ड के आदर्श बाजार में घूमीं। सबसे पहले सदर विधायक जैकिशन साहू से मुलाकात की। इसके बाद महिलाओं के साथ घर-घर जनसंपर्क किया। सपा के जिला कार्यालय पर महिलाओं के साथ बैठकर चुनाव की रणनीति तैयार की।

By Super Admin | April 30, 2024 | 0 Comments

सपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी का मोदी सरकार पर जुबानी हमला, किए चौंकाने वाले दावे, जानें क्या कुछ कहा गाजीपुर सांसद ने

अफजाल अंसारी ने गैंगस्‍टर मामले में मिली सजा को रद्द करने के लिए अपील दाखिल की है। गाजीपुर से सपा प्रत्‍याशी की इस अपील पर सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन आज भी सुनवाई टल गई। अब 21 मई को इस मामले में बहस होगी। वहीं गाजीपुर सांसद और सपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी से NOW NOIDA ने खास बातचीत की। पेश हैं इस बातचीत के कुछ अंश-

"जनता के मुद्दों पर सरकार पूरी तरह फेल"
सपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि जनता से जो वादा किया था कि सरकार बन जाएगी तो महंगाई खत्म कर देंगे। दो करोड़ बेरोजगारों को हर साल काम देंगे। देश से भ्रष्टाचार, घूसखोरी और बेइमानी खत्म कर देंगे। लेकिन इन मुद्दों पर सरकार पूरी तरह फेल हो गई। बेरोजगार नौजवानों की देश में एक फौज खड़ी है। 10 साल पहले जिनके पास डिग्री थी अब तो बेचारे की उम्र भी नहीं रह गई कि वो नौकरी के लिए आवेदन भी कर सके। महंगाई इस कदर बढ़ गई है कि 400 का सिलेंडर 1200 में बिक रहा है। पेट्रोल 100 रुपये और डीजल 90 रुपये की वजह से हर चीज महंगी हो गई है। किसानों की आमदनी दुगुना करने की बात कही गई थी आज किसानों की दुर्दशा ये हो गई है कि 50 किलो की यूरिया की बोरी से 10 किलो मोदी सरकार ने कम करा दिया। जिसपर किसान अवाक है। किसानों का खेत पहले 400 रुपये में एक बीघा खेत जुत जाता था आज खेत की जुताई 1000 रुपये लग रही है। दवाएं महंगी हो गई हैं। बच्चों की फीस बढ़ गई है। ये ही हमारे चुनाव के मुद्दे हैं। इन मुद्दों को लेकर हम जनता के बीच जा रहे हैं।

बीजेपी देश में तानाशाही लाना चाहती- अफजाल
गाजीपुर सांसद और सपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी के कई सांसदों ने और जिम्मेदार नेताओं ने सार्वजनिक मंचों पर बयान दिया है कि अगर हमारी सरकार बन गई, 400 सीट मिल गईं तो हम संविधान को हटा कर नया संविधान बना लेंगे। जाहिर सी बात है कि संविधान में ही लोकतंत्र की व्यवस्था है और जब संविधान नहीं होगा तो लोकतंत्र की व्यवस्था कहां बचेगी। ये लोग देश में तानाशाही लाना चाहते हैं और जनता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के संविधान को अपना सबसे पवित्र ग्रंथ मानती है।

"मोदी सरकार 100 फीसदी जा रही है"
अफजाल अंसारी ने मोदी सरकार को लेकर चौंकाने वाले दावे करते हुए कहा कि बीजेपी का सपना है 400 के पार। पांच राउंड का चुनाव हो गया है। उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है इस चुनाव के बाद ये तस्वीर साफ हो जाएगी कि मोदी सरकार 100 फीसदी जा रही है। 200 के नीचे मोदी रहेंगे, उनका पूरा गठबंधन 200 के नीचे रहेगा। सरकार इंडिया गठबंधन की बनने जा रही है। इंडिया गठबंधन के मेनिफेस्टो में साफ तौर पर कहा गया है कि 4 जून को यदि बहुमत मिलता है तो 15 अगस्त से पहले देश में 30 लाख रिक्त पदों पर बेरोजगार नौजवानों की भर्ती की जाएगी।

By Super Admin | May 20, 2024 | 0 Comments

अफजाल अंसारी को इलाहाबाद कोर्ट से मिली राहत, 4 साल की सजा हुई रद्द

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अफजाल अंसारी को गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 4 साल की सजा सुनाई थी, जिसे इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। आपको बता दें, कृष्णानंद राय हत्याकांड में दर्ज हुए गैंगस्टर केस में अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा दी गई थी।

29 तारीख को हुआ था अपराध, 29 को ही आया फैसला

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 29 नवंबर 2005 को कृष्णानंद राय की हत्या की गई थी, जिसमें अफजाल अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में केस किया गया था। जिसके बाद गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्टने 29 अप्रैल 2023 को कृष्णानंद राय की हत्या मामले में अफजाल अंसारी को सजा दी थी। जिसे 29 जुलाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है।

लोकसभा 2024 चुनाव में दर्ज की थी जीत

इलाहाबाद हाईकोर्ट के गाजीपुर कोर्ट के फैसले को पलटने के बाद अब अफजाल अंसारी की संसद की सदस्यता बनी रहेगी। लोकसभा चुनाव 2024 में अफजाल अंसारी ने गाजीपुर से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और उसे जीता भी था। आपको बता दें, साल 2004 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर अफजाल अंसारी पहली बार गाजीपुर से सांसद चुने गए थे।

कृष्णानंद राय के शरीर से निकली थीं 60 से ज्यादा गोलियां !

साल 2002 में बीजेपी ने कृष्‍णानंद राय को मोहम्‍दाबाद सीट से टिकट दिया था। 29 नवंबर 2005 को करीब 400 राउंड गोलियां बरसाकर भाजपा विधायक कृष्‍णांनद राय के साथ 7 लोगों की हत्या कर दी गई थी। जानकारी के मुताबिक, 29 नवंबर 2005 को कृष्णानंद राय को एक क्रिकेट मैच का उद्घाटन करने जाना था, जिसके लिए वो हल्की बारिश की वजह से बुलेटप्रूफ गाड़ी के बिना सामान्य गाड़ी से निकल गए। जब शाम को वो लौट रहे थे, तब घेरकर एके-47 से अंधाधुंध फायरिंग करके कृष्‍णांनद राय के साथ 7 लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस गोलीबारी में कृष्णानंद राय के शरीर से 60 से ज्यादा गोलियां मिली थी।

By Super Admin | July 29, 2024 | 0 Comments

अफजाल अंसारी और उनकी बेटी नुसरत अंसारी ने दाखिल किया नामांकन पत्र, बेटी ने भरे दो नामांकन

एक बड़ी खबर गाजीपुर से है। जहां सपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी ने आज नामांकन पत्र दाखिल किया है। इस दौरान अफजाल अंसारी की बेटी नुसरत अंसारी ने भी सपा प्रत्याशी के रुप मे नामांकन पत्र दाखिल किया है। अफजाल अंसारी की बेटी नुसरत अंसारी दो नामांकन पत्र दाखिल किये हैं। नुसरत अंसारी ने सपा के वैकल्पिक प्रत्याशी के रुप मे नामांकन पत्र दाखिल किया। साथ ही नुसरत अंसारी ने निर्दलीय प्रत्याशी के रुप मे भी नामांकन पत्र जमा किया।

सपा ने पहले ही अफजाल अंसारी को घोषित कर रखा है अपना प्रत्याशी

गौरतलब है कि अफजाल अंसारी को सपा ने पहले ही अपना प्रत्याशी घोषित कर रखा है। लेकिन अफजाल पर चल रहे केस के चलते उनकी बेटी नुसरत ने भी नामांकन किया है। गैंगस्टर केस में मिली सजा के खिलाफ हाईकोर्ट मे अफजाल अंसारी ने अपील कर रखी है। जिसकी आज सुनवाई थी। जिस पर कोर्ट अगली तारीख 20 मई लगी है। आगामी 20 मई को हाईकोर्ट इस मामले मे सुनवाई करेगी। अफजाल अंसारी को गैंगस्टर मामले मे निचली अदालत ने 4 साल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था। अफजाल को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली थी। सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर रोक लगायी थी,और अफजाल अंसारी को जमानत दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को अफजाल की सजा के मामले को 30 जून तक निस्तरित करने का आदेश दे रखा है।

अफजाल अंसारी के बेटी ने भरे दो नामांकन पत्र

फिलहाल, आज अफजाल अंसारी ने गाजीपुर लोक सभा सीट से चुनाव लड़ने के लिये सपा प्रत्याशी के रुप मे नामांकन किया। उनके नामांकन के मौके पर सपा के विधायक ओम प्रकाश सिंह,वीरेंद्र यादव और जै किशुन साहू मौजूद रहे।जबकि इसी दौरान अफजाल की बेटी नुसरत ने भी अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। नुसरत ने एक नामांकन पत्र सपा प्रत्याशी जबकि दूसरा निर्दलीय रुप से जमा किया है। नुसरत के साथ सपा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।लेकिन इस दौरान नुसरत अंसारी ने मीडिया से दूरी बनाये रखी।

By Super Admin | May 13, 2024 | 0 Comments

… तो क्या इस बार अंसारी परिवार की 'शहजादी' ठोक रही चुनावी ताल, खोल दिये अफ़ज़ाल अंसारी ने पत्ते

अफजाल अंसारी का इस बार चुनाव लड़ने का सपना शायद सपना ही रहने वाला है। जी हां आप ठीक समझ रहे हैं। माफिया मुख्तार अंसारी के भाई और गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी को तगड़ा झटका लगा है। दरअसल सांसद अफजाल अंसारी के मामले में सोमवार को करीब तीन घंटे सुनवाई हुई, जो कि पूरी नहीं हो सकी है। वहीं अब अगली सुनवाई 20 मई को होगी। इसी बीच मुख्तार के बेटे उमर अंसारी का बड़ा बयान सामने आया है। जिसने सियासत में हलचल मचा दी है।

"बाबा चुनाव नहीं लड़े तो नुसरत लड़ेंगी"
उमर अंसारी ने कहा है कि हमारे बाबा अफजाल अंसारी नामांकन कर रहे हैं। हमारी बड़ी बहन नुसरत वैकल्पिक रुप से नामांकन कर रही है। अगर कानूनी वजहों से बाबा चुनाव नहीं लड़ पाए तो बहन नुसरत चुनाव लड़ेंगी। हाईकोर्ट में अफजाल अंसारी के केस की सुनवाई चल रही है। हमें उम्मीद है कि हमारे साथ इंसाफ होगा। बता दें कि अफजाल गाजीपुर से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े रहे हैं। गैंगस्टर मामले में अफजाल को कोर्ट ने 4 साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट के इस फैसले को उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट चुनौती दी है।

20 मई को होगी अगली सुनवाई
सासंद अफजाल अंसारी के गैंगस्टर मामले में आज हाईकोर्ट में करीब 3 घंटे तक सुनवाई हुई। हाईकोर्ट इस मामले में अब 20 मई को आगे की सुनवाई करेगा। आज की सुनवाई में अफजाल की तरफ से दलीलें पेश की गईं। अंसारी की तरफ से कहा गया कि बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय के जिस मर्डर केस के आधार पर उनके खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है, उसमें वो पहले ही बरी हो चुके हैं। अंसारी की तरफ से आगे कहा गया कि अगर मूल मुकदमे में बरी हो गए हैं तो उस आधार पर लगे गैंगस्टर के केस में उन्हें सजा नहीं दी जा सकती है। हाईकोर्ट से सजा को रद्द किए जाने की गुहार लगाई गई। हालांकि, सोमवार की सुनवाई में अफजाल अंसारी का पक्ष पूरा नहीं हो सका। 20 मई को होने वाली सुनवाई में सबसे पहले अफजाल अंसारी के वकील अपनी बची हुई दलीलें पूरी करेंगे। इसके बाद यूपी सरकार और कृष्णानंद राय के परिवार का पक्ष रखा जाएगा।

By Super Admin | May 13, 2024 | 0 Comments

Hot Categories

2
2
1