केंद्रीय मंत्री और अमेठी सांसद स्मृति ईरानी ने गुरूवार को पति जुबिन ईरानी संग विधिविधान पूर्वक हवन पूजन के बाद अपने नए घर में गृह प्रवेश कर लिया है। इस मौके पर महाकालेश्वर उज्जैन से आए आशीष जी महाराज ने सभी विद्वान ब्राह्मणों के साथ गृह प्रवेश की पूजा संपन्न कराई गई। इस दौरान पूर्व राज्यमंत्री सुरेश पासी, जिलाधिकारी निशा अनंत, एसपी डॉ. इलमारन जी समेत भाजपा जिलाध्यक्ष और बड़ी संख्या में भाजपा नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे।
11 बिस्वा जमीन पर बना है आलीशान आवास
स्मृति ईरानी ने पहली बार 2014 में अमेठी से चुनाव लड़ा था। हालांकि, पहली बार में उन्हें हार मिली थी। इसके बाद भी उन्होंने लोकसभा क्षेत्र में आना नहीं छोड़ा और 2019 के चुनाव में जीत हासिल की। केंद्रीय मंत्री और सांसद स्मृति ईरानी ने 2021 में गौरीगंज तहसील के मेदन मवई गांव में 11 बिस्वा जमीन खरीदी थी। इसी जमीन पर सांसद का आलीशान मकान बनकर तैयार हो गया है। ऊंची बाउंड्री वॉल के पिछले हिस्से में बने आवास को बेहद खूबसूरत ढंग से बनाया गया है। आवास के एक कोने पर एक छोटा-सा मंदिर भी बनाया गया है। जबकि सामने एक लॉन बना है जिसके किनारों पर खूबसूरत और आकर्षक पौधे लगे हैं। बाहरी गेट पर भगवान श्री राम महर्षि, वाल्मीकि और हनुमान जी के चित्र बने हैं। वहीं दक्षिणी दीवार पर राम मंदिर का चित्र बना है।
अमेठी की पहली सांसद जिसने अमेठी में ही बनवाया घर
इससे पहले केंद्रीय मंत्री के द्वारा अपने निर्माणाधीन घर पर कई कार्यक्रम का आयोजन किया जा चुका है। हाल ही में अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का लाइव प्रसारण इसी नए घर पर हुआ था। जिसमें स्मृति ईरानी शामिल हुई थीं। नए आवास पर अमेठी की जनता के लिए दो बार खिचड़ी भोज का भी आयोजन किया जा चुका है। वहीं, नए आवास को लेकर भाजपा नेताओं ने बताया ’कि सांसद का घर बन गया है। इससे लोगों को उनसे मिलने में आसानी होगी और उन्हें दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा।’
Lok Sabha Election: अमेठी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने सोमवार को नामांकन दाखिल किया। इस दौरान उनके साथ मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव भी मौजूर रहे। नामांकन से पहले बीजेपी प्रत्याशी ने रोड शो कर शक्ति प्रदर्शन किया और जीत के लिए दावेदारी की। रोड शो में बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता नजर आए।
अमेठी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने सोमवार को नामांकन दाखिल किया। इस दौरान उनके साथ मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव भी मौजूर रहे। #LokSabhaPolls #LokSabhaElections2024 #LokSabhaElection2024 #LokSabhaElections2024 #LokSabhaElection #LokSabha2024… pic.twitter.com/yU3nfBLhyI
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दरअसल, स्मृति ईरानी लगातार तीसरी बार अमेठी से भाजपा की प्रत्याशी हैं। 2014 के चुनाव में राहुल गांधी ने बीजेपी की स्मृति ईरानी को हराया था, उसके बाद सत्ता पलटी और स्मृति ईरानी लगातार अमेठी में बनी रहीं। उन्होंने 2019 में कांग्रेस की इस पारंपरिक सीट पर कमल खिला दिया था।
स्मृति ईरानी ने नामांकन दाखिल करने के बाद कहा कि इन पांच वर्षों में हमें अमेठी लोकसभा में सेवा का मौका मिला। इन 5 सालों में हमने पीएम मोदी के दिशा निर्देश में 1 लाख 14 हजार घर बनते देखा। चार लाख परिवारों को जीवन पहली बार शौचालय मिला। पहली बार अमेठी में 3 लाख 50 हजार घरों में नल से जल आया। डेढ़ लाख से अधिक परिवारों को विद्युत का कनेक्शन मिला। 4 लाख से ज्यादा किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मन निधि मिल रही है। यह वह अमेठी है, जिसमें पहली बार अमेठी के इतिहास में किसानों के लिए खाद की रैक उतारी गई।
बता दें, तीसरे चरण में यूपी की 10 लोकसभा सीटों पर सात मई को वोटिंग है। इन दस सीटों पर 100 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर है। उत्तर प्रदेश में तीसरे चरण का मतदान 10 जिलों में संपन्न होना है। इनमें आगरा, फिरोजाबाद, हाथरस, फतेहपुर सीकरी, मैनपुरी, एटा, संभल, बरेली, आंवला और बदायूं सीट शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्री और भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी लगातार तीसरी बार अमेठी लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरी हैं। भाजपा प्रत्याशी स्मृति जुबिन ईरानी ने आज अमेठी से नामांकन दाखिल कर दिया है। जिसके बाद हर ओर उनकी संपत्ति को लेकर चर्चा हो रही है। चुनावी मैदान में उतरीं स्मृति जुबिन ईरानी करोड़पति हैं। उनके पति जुबिन इरानी भी धनवान हैं। उन्होंने नामांकन पत्र में अपनी व पति की कुल संपत्ति का खुलासा किया है। अमेठी से बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी 4.14 करोड़ रुपए की मालकिन हैं। हलफनामे के अनुसार स्मृति के पास 1.36 करोड़ रुपए की चल संपत्ति और 2.78 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति है। वहीं उनके पति जुबिन ईरानी के पास 2.25 करोड़ रुपए की चल और 2.89 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति है।
चुनावी मैदान में उतरीं स्मृति जुबिन ईरानी हैं करोड़पति
स्मृति ईरानी के पास कुल संपत्ति आठ करोड़ 75 लाख 24 हजार 296 रुपये दिखाई है। उनके पति की कुल संपत्ति आठ करोड 81 लाख 77 हजार 790 रुपये है। स्मृति के पति पर कोई कर्ज भी नहीं है। पिछले पांच सालों में स्मृति व उनके पति की संपत्ति भी बढ़ी है। पांच सालों में उनकी संपत्ति चार करोड़ चार लाख 22 हजार 348 रुपये बढ़ी है। जबकि उनके पति की संपत्ति में चार करोड़ 14 लाख 19 हजार 976 रुपये का इजाफा हुआ है। वहीं भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी कर्जदार भी हैं। उन्होंने नामांकन के दौरान दाखिल किए अपने हलफनामा में इसका खुलासा किया है। उनके ऊपर एचडीएफसी बैंक का 16 लाख 55 हजार 830 रुपये ऋण है। जबकि 2019 में दाखिल हलफनामे में उनके ऊपर कोई भी कर्ज नहीं था। इस बार उन्हें खुद को कर्जदार दिखाया है। चल संपत्ति के रूप में स्मृति के पास नकद 5 लाख रुपए और बैंक अकाउंट में 26 लाख रुपए जमा हैं। इसके अतिरिक्त उनके पास 9 लाख रुपए का सोना, 6.84 लाख रुपए की डायमंड ज्वैलरी और 3.5 लाख रुपए के चांदी और रत्नों के गहने हैं। अचल संपत्ति की बात करें तो स्मृति ईरानी के पास 7 एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि और अन्य जमीन है।
साल दर साल संपत्ति में हो रहा इजाफा
साल 2014 की बात करें तो तब स्मृति के पास 4 करोड़ 14 लाख 98 हजार 621 रुपये की चल-अचल संपत्ति थी। वहीं साल 2014 में स्मृति के बैंक अकाउंट में 35 लाख 49 हजार 460 रुपये थे। 2014 के लोकसभा चुनाव के नामांकन पत्र ने स्मृति और उनके पति कर्जदार थे उन पर 70 हजार तो उनके पति जुबिन ईरानी पर 1.75 करोड़ रुपये का कर्ज था। वहीं साल 2019 में स्मृति की संपत्ति बढ़कर चार करोड़ 71 लाख 1 हजार 948 रुपये हो गई है। वहीं स्मृति के पति जुबिन ईरानी के पास 4 करोड़ 67 लाख 57 हजार 814 रुपये थे। स्मृति के बेटे और बेटी भी लखपति थे। 2019 में स्मृति ईरानी के बैंक में 89 लाख 77 हजार 40 रुपये थे। पति जुबिन के पास बैंक बैलेंस में 01 करोड़ 26 लाख 21 हजार 827 रुपये थे। साल 2019 में स्मृति ने कोई कर्ज नहीं होने की बात कही थी।
साल 2024 में 2019 के मुकाबले दुगुनी हुई संपत्ति
स्मृति ईरानी के हलफनामे से साफ है कि पांच सालों में उनकी संपत्ति में पूरे 4 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है। यानी कि उनकी संपत्ति दोगुनी हो गई है। साल 2019 में उनकी संपत्ति में मात्र 56 लाख का ही इजाफा हुआ था। देखा जाए तो आम आदमी की संपत्ति में भी पांच सालों में इतना इजाफा नहीं होता जितना कि राजनेताओं की संपत्ति में।
लोकसभा चुनाव 2024 के 5वें चरण की वोटिंग 20 मई को होनी है। इस चरण में कई दिग्गजों की किस्मत का फैसला होना है। साथ ही कई कद्दावर नेताओं के सामने अपने गढ़ को बचाए रखने की भी चुनौती है। जिसको लेकर सभी दल जोर-शोर से चुनाव प्रचार में जुटे हैं। पांचवें चरण में देश के 8 राज्यों की 49 सीटों पर चुनाव है, जिसमें उत्तर प्रदेश की 14 लोकसभा सीट शामिल हैं। इस चरण में 695 उम्मीदवार मैदान में है, जिसमें 82 महिलाएं और 613 पुरुष कैंडिटेट शामिल हैं। इस चरण में राहुल गांधी से लेकर स्मृति ईरानी, राजनाथ सिंह, पीयूष गोयल, रोहिणी आचार्य और चिराग पासवान जैसे दिग्गज नेताओं की अग्निपरीक्षा होने के साथ-साथ बीजेपी, कांग्रेस और टीएमसी जैसे राजनीतिक दलों का कड़ा इम्तिहान भी है। बता दें कि पांचवें फेज की जिन सीटों पर चुनाव है, उन सीटों पर 2014 और 2019 में बीजेपी ने अपना एकछत्र राज कायम रखा है।
पांचवां फेज बीजेपी के लिए भी अहम
पांचवें चरण में देश के 8 राज्यों की 49 सीटों पर चुनाव है। जिसमें उत्तर प्रदेश की 14 लोकसभा सीट शामिल हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र की 13 सीट, पश्चिम बंगाल की 7 सीट, बिहार की पांच सीट, ओडिशा की पांच सीट, झारखंड की 3 सीट, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की 1-1 सीट शामिल हैं। इस चरण में राजनीतिक दलों के साथ-साथ गांधी परिवार के सियासी वारिस माने जाने वाले राहुल गांधी की भी परीक्षा होनी है। इसके अलावा लालू परिवार से पासवान और शिंदे परिवार सहित कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। 2019 के चुनाव की बात करें तो इन 49 सीटों में से बीजेपी 40 सीटों पर लड़कर 32 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। जबकि कांग्रेस सिर्फ एक सीट ही जीत सकी थी। इसके अलावा जेडीयू के एक, एलजेपी एक, शिवसेना 7, बीजेडी एक, नेशनल कॉफ्रेंस एक और टीएमसी चार सीटें जीतने में सफल रही थी। बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए 41 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। जबकि यूपीए सिर्फ दो सीटें ही जीत सकी थी और अन्य को पांच सीटें मिली थी।
बीजेपी को चुनौती देना आसान नहीं
लोकसभा के तीन चुनाव से बीजेपी की सीटें जिस तरह बढ़ी है, उससे साफ जाहिर है कि कैसे इन सीटों पर उसे चुनौती देना आसान नहीं है। 2019 के चुनाव में बीजेपी ने जिन 40 सीट पर चुनाव लड़ी थी, उसमें से 30 सीट पर उसे 40 फीसदी से भी ज्यादा वोट मिले थे और 9 सीटों पर उसे 30 से 40 फीसदी के बीच वोट शेयर था। कांग्रेस को सिर्फ 3 सीट पर ही 40 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे, जिनमें से एक सीट ही जीत सकी थी। कांग्रेस को 17 सीटों पर 10 फीसदी से कम वोट मिला था। कांग्रेस 36 सीट पर चुनाव लड़ी थी जबकि बीजेपी 40 सीट पर चुनावी मैदान में थी।
5वें चरण का रण बीजेपी और कांग्रेस के लिए काफी रोचक
पांचवें चरण में 12 सीटें ऐसी हैं, जिस पर पिछले तीन चुनाव से एक ही पार्टी को जीत मिल रही है। इसके चलते इन सीटों को उस दल के मजबूत गढ़ के तौर पर देखा जा रहा है। बीजेपी के पास 5, टीएमसपी के 3, बीजेडी के पास 2, शिवसेना-कांग्रेस के पास एक-एक सीट है। ओडिशा में बीजेपी के सामने अस्का और कंधमाल को बचाए रखने की चुनौती है। महाराष्ट्र में गढ़ माने जाने बीजेपी धुले और डिंडोरी और शिवसेना का गढ़ कल्याण शामिल हैं। बीजेपी के मिशन में झारखंड की हज़ारीबाग सीट शामिल है। पश्चिम बंगाल के हावड़ा, श्रीरामपुर और उलुबेरिया क्षेत्र टीएमसी के मजबूत गढ़ के तौर पर जाने जाते हैं। उत्तर प्रदेश में लखनऊ बीजेपी और रायबरेली सीट कांग्रेस के दुर्ग के तौर पर जानी जाती है। बिहार की मधुबनी सीट बीजेपी लगातार अपने नाम कर रखी है। इस तरह बीजेपी पांचवें चरण में मजबूत स्थिति में थी, लेकिन इस बार की चुनावी लड़ाई अलग तरीके की है। बीजेपी के लिए अपनी सीटें बचाए रखनी की चुनौती है जबकि कांग्रेस के पास खोने के लिए कुछ नहीं है। इस तरह कांग्रेस और बीजेपी के पांचवें चरण का चुनाव काफी रोचक माना जा रहा है।
क्या इंडी गठबंधन कर पाएगा बीजेपी के किले में सेंधमारी?
उत्तर प्रदेश की 14 लोकसभा सीट तो बिहार की पांच सीटों पर 20 मई को मतदान है। यूपी की 14 में से 13 सीटें बीजेपी जीतने में कामयाब रही थी जबकि कांग्रेस 1 सीट ही जीत सकी थी। बिहार की जिन पांच सीट पर चुनाव है, उन सभी को एनडीए ने जीती थी। जेडीयू और एलजेपी एक-एक सीट और बीजेपी तीन सीटें जीतने में सफल रही। पांचवें चरण में झारखंड की जिन तीन सीट पर चुनाव हो रहे हैं, उन सभी पर बीजेपी का कब्जा है। इसी तरह महाराष्ट्र की जिन 13 सीटों पर चुनाव हैं, उनमें से सात सीटें शिवसेना जीतने में कामयाब रही थी और बीजेपी 6 सीटें जीतने में सफल रही। एनडीए ने पूरी तरह से विपक्ष का सफाया कर दिया था। वहीं पश्चिम बंगाल की जिन सात सीटों पर चुनाव है, उनमें से चार सीटें टीएमसी जीतने में कामयाब रही थी जबकि बीजेपी 3 सीटें ही जीत सकी थी। पिछली बार की तरह इस बार भी कांटे की फाइट मानी जा रही है। इसके अलावा ओडिशा के पांच लोकसभा सीटों पर पांचवे चरण में चुनाव है। इन पांच से तीन सीटें बीजेपी जीतने में सफल रही थी जबकि दो सीट बीजेडी ही जीत सकी थी। इस बार बिहार से लेकर महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में विपक्ष एकजुट होकर चुनावी मैदान में है। इस बार ये देखना दिलचस्प होगा कि जैसे तीन चुनावों से बीजेपी को बढ़त मिल रही है, वो इस बार भी कायम रहती है या फिर इंडी गठबंधन बीजेपी को नुकसान पहुंचाने में कामयाब हो पाता है।
Lucknow: लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्य ने लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस कर सपा और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। तेजस्वी सूर्य ने कहा कि दक्षिण भारत सहित पूरे देश में भारतीय जनता पार्टी की ऐतिहासिक जीत होगी। तेलंगना, कर्नाटक को छोड़कर बाकी सभी जगह कांग्रेस पार्टी चुनाव छोड़कर भाग चुकी है।
परिवार को बचाने के लिए चुनाव लड़ रहा विपक्ष
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के प्रत्याशी चुनाव छोड़कर भाग रहे हैं, जिसकी शुरुआत राहुल गांधी से ही हो गई है। राहुल गांधी स्मृति ईरानी से लड़ने की क्षमता नहीं रखते हैं। मजबूरी की वजह से भी रायबरेली से चुनाव लड़ रहे हैं। एक ओर जनता यानी मोदी का परिवार चुनाव लड़ रही है। दूसरी और कश्मीर से कन्याकुमारी तक कुछ राजनीतिक परिवार अपने परिवार को बचाने के लिए चुनाव में भाग ले रहे हैं।
हस्बैंड और वाइफ नहीं जाएंगे दिल्ली
तेजस्वी सूर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भी राहुल गांधी और अखिलेश यादव केवल अपने परिवार की सीट को बचाने के लिए लगे हुए हैं. इस बार पूरी समाजवादी पार्टी हस्बैंड और वाइफ को जिताने में लगी हुई हैं. जनता ने यह तय कर लिया है कि हस्बैंड और वाइफ दिल्ली नहीं जाएंगे, दोनों लखनऊ में ही रहेंगे।
प्रियंका गांधी के रोजगार पर सवाल भ्रामक
तेजस्वी ने कहा कि प्रियंका वाड्रा रोज बेरोजगारी पर मोदी सरकार पर सवाल उठा रही हैं. वे आरोप लगा रही हैं. उत्तर प्रदेश में आज भयंकर बेरोजगारी है. पिछले 10 साल में देश में ऐतिहासिक तौर पर रोजगार सृजित हुए हैं. शहरी बेरोजगारी 6% से घटकर 3% हो गई है. स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे कम बेरोजगारी इस समय है।
उत्तर रेलवे ने लखनऊ डिवीजन के 8 रेलवे स्टेशनों के नाम बदले दिए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने रेलवे मंत्री को पत्र लिखककर अमेठी के रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने की मांग की थी। जिसके बाद उत्तर रेलवे अमेठी जिले में पड़ने वाले स्टेशनों के नाम बदले हैं। इनमें से कुछ स्टेशन शहीदों तो कुछ धार्मिक स्थलों के नाम रखे गए हैं।
फुर्सतगंज बना तपेश्वर धाम
फुर्सतगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर तपेश्वर धाम, वारिसगंज हाल्ट स्टेशन का नाम अमर शहीद भाले सुल्तान, अकबरगंज स्टेशन का नाम मां अहोरवा भवानी धाम, निहालगढ़ स्टेशन का नाम अब महाराजा बिजली पासी होगा। इसी तरह बनी रेलवे स्टेशन का नाम स्वामी परमहंस, मिश्रौली स्टेशन का नाम मां कालिकन धाम, जायस स्टेशन का नाम गुरु गोरखनाथ धाम और कासिमपुर हाल्ट स्टेशन का नाम जायस सिटी होगा।
स्मृति ईरानी ने की थी पहल
बता दें कि पिछले साल पूर्व केंद्रीय मंत्री और अमेठी सांसद स्मृति ईरानी ने गृह मंत्री और रेल मंत्री को पत्र लिखकर आठ रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने का अनुरोध किया था। जिनमें मिश्रौली, जायस, बनी, कासिमपुर हॉल्ट, फुरसतगंज, मिसरौली, निहालगढ़, अकबरगंज और वारिसगंज रेलवे स्टेशन शामिल थे। पूर्व सांसद के इस प्रयास को जनता ने भी खूब सराहा था। स्मृति ईरानी की पहल के बाद अब स्टेशनों के नाम बदले गए हैं।
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