ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का बड़ा फैसला, वेंडिंग जोन में एससी-एसटी, महिलाओं व दिव्यांगों को मिलेगा आरक्षण

Greater Noida: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से निर्मित होने वाले वेंडिंग जोन में प्लेटफॉर्मों को आवंटित करने में एससी-एसटी, महिलाओं व दिव्यांगों को आरक्षण मिलेगा। 124 गांवों के भूमिहीन किसानों व मजदूरों को ध्यान में रखते हुए प्राधिकरण ने यह पॉलिसी लागू कर दी है। बता दें कि प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने ओएसडी संतोष कुमार के साथ अर्बन सर्विसेज विभाग की समीक्षा कर प्लेटफॉर्मों को आवंटित करने में एससी-एसटी, महिलाओं व दिव्यांगों को आरक्षण देने के निर्देश दिए थे। इस पर अर्बन सर्विस विभाग ने अमल शुरू कर दिया है।


33 फीसदी मिलेगा आरक्षण


प्राधिकरण के ओएसडी संतोष कुमार ने बताया कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के परियोजना विभाग की तरफ से सेक्टर अल्फा वन, बीटा वन व टू और सेक्टर-36 में वेंडिंग जोन बनाए गए हैं। भविष्य में कई और वेंडिंग जोन बनाए जाने हैं। प्राधिकरण के अधीन 124 गांवों के भूमिहीन किसानों व मजदूरों की आर्थिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन वेंडिंग जोन में 33 प्रतिशत का आरक्षण दिए जाने का निर्णय लिया है। इस 33 प्रतिशत में से 50 प्रतिशत प्लेटफॉर्म महिलाओं को, 21 प्रतिशत एससी-एसटी एवं 5 प्रतिशत दिव्यांगों को आवंटित किये जाएंगे।

50 प्रतिशत प्लेटफॉर्म महिलाओं को मिलेगा


ओएसडी संतोष कुमार ने बताया कि 67 प्रतिशत ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण एरिया में कार्य कर रहे पथ विक्रेताओं को आवंटित किए जाएंगे। इसमें से भी 50 प्रतिशत प्लेटफॉर्म महिलाओं को, 21 प्रतिशत आरक्षित एवं 5 प्रतिशत दिव्यांगों को दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि वेंडिंग जोन में स्थान आवंटित करने के बाद सभी पथ विक्रेताओं को प्रति माह 1 से 5 तारीख तक ऑनलाइन माध्यम से मासिक शुल्क जमा करना होगा। ओएसडी ने बताया कि जिन पथ विक्रेताओं को पूर्व में प्लेटफॉर्म आवंटित कर दिए गए हैं, उन सभी को शीघ्र ही स्थान उपलब्ध कराने की तैयारी है।

अवैध प्रचार-प्रसार सामग्री हटाने के लिए गठित होगी टास्क फोर्स


वहीं, ओएसडी संतोष कुमार ने बताया कि सभी प्रकार के अवैध प्रचार-प्रसार सामग्री हटाने के लिये जल्द ही टास्क फॉर्स का गठन किया जाएगा। पूर्व में जिन संस्थाओं, अस्पतालों व बिल्डरों को अवैध यूनिपोल लगाने पर प्राधिकरण के अर्बन सर्विसेज विभाग की तरफ से नोटिस जारी किये गये हैं, लेकिन उन लोगों ने जमा नहीं कराए हैं. अब प्राधिकरण उनको दोबारा नोटिस जारी करेगा। इसके साथ ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से एडवरटाइजिंग की नई पॉलिसी बनायी जा रही है। शहर में 6 स्थानों पर एलईडी के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जा रहा है। कई और जगहों पर एलईडी लगाकर प्रचार-प्रसार करने की योजना है।

By Super Admin | October 20, 2023 | 0 Comments

नारी शक्ति वंदन सम्मेलन में बोले विधायक धीरेंद्र सिंह, अब बहन-बेटियों पर किसी में हाथ उठाने की हिम्मत नहीं


Greater Noida: कस्बा जेवर में स्थित संस्कार बैंक्वेट हॉल में रविवार को आयोजित नारी शक्ति वंदन सम्मेलन में उत्तर प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष गीता शाक्य मुख्य अतिथि, राज्यसभा सांसद सुरेंद्र सिंह नगर और जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह मौजूद रहे। तीनों लोगों ने दीप प्रज्ज्वलित कर सम्मेलन का शुभारंभ किया।


महिला आरक्षण विधेयक सबसे बड़ा सम्मान


सम्मेलन में गीता शाक्य ने उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि "नारी शक्ति वंदन अधिनियम महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की दिशा तय करेगा। यह अधिनियम महिलाओं के लिए सबसे बड़ा सम्मान है। आज जीवन के हर क्षेत्र में महिलाएं पुरुषों के साथ न केवल कंधे से कंधे मिलाकर काम कर रही हैं, बल्कि सेना और अंतरिक्ष विज्ञान जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय सफलताएं प्राप्त करते हुए, आसमान की बुलंदियां छू रही है।"

2017 से पहले जेवर में कोई शिक्षण संस्थान नहीं था


जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने कहा कि "सन 2017 से लेकर आज तक हमारी बहन बेटियों की तरफ अब हाथ उठाने की हिम्मत किसी में नहीं है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है कि हमारे देश की महिलाएं बढ़ते हुए, राष्ट्र की तरक्की में अपनी भूमिका का निर्वहन करें। इस जेवर में 2017 से पहले बहन-बेटियों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए कोई शिक्षण संस्थान नहीं था। लेकिन आज जेवर में तीन-तीन डिग्री कॉलेजों की स्थापना होने जा रहा है, जिसमें से एक में पढ़ाई शुरू हो गई है। इन तीन डिग्री कॉलेजों में दो डिग्री कॉलेज महिला डिग्री कॉलेज है।"

पूरी दुनिया के लोग जेवर में आएंगे


विधायक धीरेंद्र सिंह ने आगे कहा कि "अब वह दिन दूर नहीं है, जब पूरी दुनिया जेवर में आएगी और जेवर के हर घर को रोजगार मिलेगा। जेवर में बनने वाला अपरैल पार्क में महिलाओं को 70 प्रतिशत रोजगार मिलेगा। अब यह क्षेत्र खुशहाली की तरफ अग्रसर है, जहां हर घर में रोशनी होगी और हर हाथ को रोजगार मिलेगा। पीएम मोदी द्वारा लाया गया महिला आरक्षण विधेयक देश में महिलाओं को अधिकाधिक नेतृत्व करने के अवसर को बढ़ावा देगा।"


लगातार महिलाओं के हित में निर्णय लिए जा रहे


भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव तथा राज्यसभा सांसद श्री सुरेंद्र सिंह नगर ने कहा कि "तत्कालीन केंद्र सरकार ने महिला आरक्षण बिल को लोकसभा और राज्यसभा में पारित नहीं होने दिया। सन 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद लगातार महिलाओं के हित में अनेकों निर्णय लिए गए। नई संसद और नए सत्र में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण विधायक पारित हुआ।"


स्वयं सहायता की महिलाओं को किया सम्मानित


भारतीय जनता पार्टी गौतमबुद्धनगर के जिला अध्यक्ष गजेंद्र सिंह मावी और गीता शाक्य ने जेवर ब्लॉक की स्वयं सहायता समूह के चार कलस्टरों की तीन-तीन महिलाओं को शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं के साथ मुख्य अतिथि श्रीमती गीता शाक्य जी, जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह और सुरेंद्र सिंह नागर, जिला अध्यक्ष गजेंद्र मावी व महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष रजनी तोमर ने भोजन किया। नारी शक्ति वंदन सम्मेलन का संचालन श्रीमती सोनिया कोचर, प्रियंका शर्मा एवं श्री सुशील शर्मा जी ने संयुक्त रूप से किया। इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी गौतमबुद्धनगर महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष श्रीमती रजनी तोमर, ब्लॉक प्रमुख दादरी श्री विजेंद्र भाटी, ब्लॉक प्रमुख जेवर श्रीमती मुन्नी देवी पहाड़िया, महामंत्री मल्लिका रॉय, मंजू शर्मा, लक्ष्मी शर्मा, वर्षा चौहान, पूजा शर्मा आदि मौजूद रही।

By Super Admin | October 30, 2023 | 0 Comments

संसद में PM मोदी ने कांग्रेस को खूब सुनाया, राहुल के 'OBC कार्ड' की निकाल दी सारी हवा !

Delhi: पिछले काफी समय से देश में राहुल गांधी OBC फैक्टर को लेकर सवाल उठाते रहते है लेकिन अबकी बार PM मोदी ने राहुल को ऐसा जवाब दिया है जिसकी उम्मीद शायद उन्होंने कभी नहीं की होगी. दरअसल PM मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दिया. इस दौरान राज्यसभा में PM मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने देश के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित नेहरु का जिक्र करते हुए उनकी लिखी एक चिट्ठी को पढ़ा. राज्यसभा को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा कि एक बार नेहरू जी ने एक चिट्ठी लिखी थी और ये उस समय देश के मुख्यमंत्रियों को लिखी गई चिट्ठी है. मैं इसका अनुवाद पढ़ रहा हूं. 'मैं किसी भी आरक्षण को पसंद नहीं करता और खासकर नौकरी में आरक्षण तो कतई नहीं. मैं ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ हूं, जो अकुशलता को बढ़ावा दे और दोयम दर्जे की तरफ ले जाए. ये पंडित नेहरू की मुख्यमंत्रियों को लिखी चिट्ठी है.'

'जन्मजात आरक्षण के विरोधी हैं'

PM मोदी ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि इसलिए मैं कहता हूं कि कांग्रेस जन्मजात आरक्षण के विरोधी हैं. उनके इस बयान के बाद राज्यसभा में शोरगुल भी दिखा. PM ने इसके आगे अपनी बात को रखते हुए कहा कि नेहरू कहते थे कि अगर एससी-एसटी-ओबीसी को नौकरियों में आरक्षण मिला तो सरकारी कामकाज का स्तर गिर जाएगा. आज ये लोग . गिना रहे हैं कि कौन सी जाति के कितने अफसर हैं. जो आंकड़ें गिनाते हैं ना, उसका मूल यहां हैं. उस समय इन लोगों ने इसे रोक दिया था. अगर उस समय सरकार में भर्ती हुई होती और वो प्रमोशन करते-करते आगे बढ़ते तो आज यहां पर पहुंचते.

कब लिखी थी पंडित नेहरु ने ये चिट्ठी ?

27 जून 1961 को नेहरू द्वारा देश के मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी गई थी. जिसका जिक्र PM मोदी ने राज्यसभा में किया. इस चिट्ठी में नेहरू ने पिछड़े समूहों को जाति के आधार पर नौकरियों में आरक्षण की पैरवी ना कर उन्हें अच्छी शिक्षा देकर सशक्त करने पर जोर दिया था.

बाबा साहेब आंबेडकर का अपमान किया

इसके बाद PM मोदी ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के मुंह से सामाजिक न्याय की बात अच्छी नहीं लगती. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ओबीसी को कभी भी पूर्ण आरक्षण नहीं दिया इसलिए उन्हें सामाजिक न्याय पर ज्ञान नहीं देना चाहिए. जनरल कैटेगरी के गरीबों को कभी आरक्षण नहीं दिया. इन्होंने कभी बाबा साहेब आंबेडकर को भारत रत्न के योग्य नहीं समझा. अब ये लोग सामाजिक न्याय का पाठ पढ़ा रहे हैं. जिनकी नेता के तौर पर कोई गारंटी नहीं है, वे मोदी की गारंटी पर सवाल उठा रहे हैं.

राहुल लगातार उठाते है आरक्षण की बात

आए दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी देश में जातिगत जनगणना की मांग करते रहते है. राहुल ने कुछ समय पहले ही कहा था कि लोगों को पता चलना चाहिए है कि किसकी कितनी आबादी है. इसके आगे कहा कि 90 अफसरों में से सिर्फ 3 ओबीसी समाज से आते हैं. वहीं भारत जोड़ो न्याय यात्रा जब रांची पहुंची तो एक रैली करते हुए वादा किया था कि केंद्र में ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार बनने पर जाति आधारित जनगणना होगी. साथ ही हम आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटा देंगे. उन्होंने इस दौरान PM मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि जब जाति आधारित जनगणना की मांग उठी और ओबीसी, दलितों और आदिवासियों को अधिकार देने का समय आया तो प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई जाति नहीं है, लेकिन जब वोट लेने का समय आता है तो वो कहते हैं कि वो ओबीसी हैं.

By Super Admin | February 07, 2024 | 0 Comments

भारत बंद का कई राज्यों में दिखा असर ; देश के कई राज्यों में दलित संगठनों ने किया प्रदर्शन

दलित और आदिवासी संगठनों ने आरक्षण मुद्दे को लेकर बुधवार को 'भारत बंद' का आह्वान किया है। नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स’ (एनएसीडीएओआर) ने विभिन्न मुद्दों को लेकर भारत बंद का आह्वान किया है। इसमें सबसे अहम अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए न्याय और समानता की मांग हैं। भारत बंद का असर के देश कई हिस्सों में यूपी से लेकर अन्य राज्यों में दिखने लगा है। भारत बंद का समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, आरजेडी, चिराग पासवान की पार्टी ने बंद को समर्थन दिया है. भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद, भारत आदिवासी पार्टी, साथ ही कांग्रेस समेत कुछ पार्टियों के नेता भी समर्थन में हैं.

बसपा ने किया समर्थन
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) के आरक्षण में क्रीमी लेयर पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को लेकर बुधवार को किए गए 'भारत बंद' के आह्वान का समर्थन किया है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट में कहा, " "बसपा भारत बंद के आह्वान का समर्थन करती है, क्योंकि भाजपा, कांग्रेस और अन्य पार्टियों के आरक्षण विरोधी षड्यंत्र तथा इसे निष्प्रभावी बनाकर अंततः खत्म करने की मिलीभगत के कारण एक अगस्त 2024 को एससी-एसटी के उपवर्गीकरण में क्रीमी लेयर से संबंधित उच्चतम न्यायालय के निर्णय के खिलाफ दोनों समुदायों में भारी रोष व आक्रोश है।"

आरक्षण की रक्षा के लिए जन-आंदोलन एक सकारात्मक प्रयासः अखिलेश
वहीं, अखिलेश यादव ने भी समर्थन करते हुए एक्स पोस्ट लिखा है कि ‘आरक्षण की रक्षा के लिए जन-आंदोलन एक सकारात्मक प्रयास है। ये शोषित-वंचित के बीच चेतना का नया संचार करेगा और आरक्षण से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ के ख़िलाफ़ जन शक्ति का एक कवच साबित होगा। शांतिपूर्ण आंदोलन लोकतांत्रिक अधिकार होता है। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी ने पहले ही आगाह किया था कि संविधान तभी कारगर साबित होगा जब उसको लागू करनेवालों की मंशा सही होगी। सत्तासीन सरकारें ही जब धोखाधड़ी, घपलों-घोटालों से संविधान और संविधान द्वारा दिये गये अधिकारों के साथ खिलवाड़ करेंगी तो जनता को सड़कों पर उतरना ही होगा। जन-आंदोलन बेलगाम सरकार पर लगाम लगाते हैं।‘


आगरा में उपवर्गीकरण आरक्षण को लेकर जोरदार प्रदर्शन
आगरा में आरक्षण के विरोध में हजारों की संख्या में दलित हाथों में नीला झंडा लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, भारत बंद को लेकर पुलिस हाई अलर्ट मोड पर है। आरक्षण को लेकर पूर्व में सन 2018 2 अप्रैल को दलितों ने चक्का जाम किया था। आगरा में जगह-जगह आरक्षण बचाओ को लेकर दलितों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने जबरन बंद कराई दुकान।  धनौली नारीपुरा से हजारों की संख्या में दलित समाज के लोगों ने जुलूस निकाला।

कोटे के भीतर कोटे को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन ने मांगों की एक सूची जारी की है। जिसमें अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए न्याय और समानता की मांग की है। संगठन SC, ST और OBC के लिए आरक्षण पर संसद के एक नए अधिनियम के अधिनियमन की भी मांग कर रहा है, जिसे संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करके संरक्षित किया जाएगा. SC/ST/OBC कर्मचारियों के जाति-आधारित डेटा को तत्काल जारी करने की भी मांग की है। इसके अलावा समाज के सभी वर्गों से न्यायिक अधिकारियों और न्यायाधीशों की भर्ती के लिए एक भारतीय न्यायिक सेवा की स्थापना की भी मांग की जा रही है। केंद्र और राज्य सरकार के विभागों के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में सभी बैकलॉग रिक्तियों को भरने का आह्वान किया है।

By Super Admin | August 21, 2024 | 0 Comments

आज भारत बंद क्यों है, कौन सी पार्टियां कर रही हैं सपोर्ट और किन सेवाओं पर नहीं होगा असर, जानिए सबकुछ...

सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए अनुसूचित जाति व जनजाति आरक्षण में क्रीमीलेयर पर के खिलाफ विभिन्न संगठनों ने बुधवार (21 अगस्त) को 'भारत बंद' का आह्वान किया है। इसका बहुजन समाजवादी पार्टी सुप्रीमो, भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद भारत आदिवासी पार्टी मोहन लात रोत का समर्थन कर रहे हैं। साथ ही कांग्रेस समेत कुछ पार्टियों के नेता भी समर्थन में दिख रहे हैं। अब सवाल उठता है कि आखिर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया, ऐसा कौन सा फैसला है, जिसके खिलाफ दलित संगठन देशभर में भारत बंद का ऐलान कर विरोध कर रहे है। साथ ही इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दौरान क्‍या-क्‍या खुला रहेगा और क्या बंद रहेगा?

सुप्रीम कोर्ट के किस फैसले का हो रहा है विरोध?

माननीय सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर को लेकर एक फैसला सुनाते समय कहा था कि 

''सभी एससी और एसटी जातियां- जनजातियां एक समान वर्ग नहीं हैं। कुछ जातियां ज्यादा पिछड़ी हो सकती हैं। उदाहरण के लिए - सीवर की सफाई और बुनकर का काम करने वाले। ये दोनों जातियां एससी में आती हैं, लेकिन इस जाति के लोग बाकियों से अधिक पिछड़े रहते हैं। इन लोगों के उत्थान के लिए राज्‍य सरकारें एससी-एसटी आरक्षण का वर्गीकरण (सब-क्लासिफिकेशन) कर अलग से कोटा निर्धारित कर सकती है। ऐसा करना संविधान के आर्टिकल-341 के खिलाफ नहीं है।''

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला याचिकाओं पर सुनवाई में सुनाया था, जिन याचिकाओं में कहा गया था कि एससी और एसटी के आरक्षण का फायदा उनमें शामिल कुछ ही जातियों को मिला है। इससे कई जातियां पीछे रह गई हैं। उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए कोटे में कोटा होना चाहिए। इस दलील के आड़े 2004 का फैसला आ रहा था, जिसमें कहा गया था कि अनुसूचित जातियों का वर्गीकरण कर सकते हैं।

भारत बंद वालों की क्या है मांग?

जानकारी के मुताबिक, भारत बंद बुलाने वाले दलित संगठनों की साफ शब्दों में मांग हैं कि सुप्रीम कोर्ट, कोटे में कोटा वाले फैसले को वापस ले ले या फिर पुनर्विचार करे। 

भारत बंद के दौरान क्‍या बंद रहेगा?

जानकारी के मुताबिक, देशव्यापी इस विरोध प्रदर्शन में रिपोर्ट लिखने तक किसी भी राज्‍य सरकार ने आधिकारिक तौर पर दिशा-निर्देश नहीं दिए हैं। हालांकि, पूरे देश में पुलिस-प्रशासन अलर्ट पर है। लेकिन ये कहा जा सकता है कि भारत बंद के दौरान सार्वजनिक परिवहन सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। साथ ही विवाद खड़ा होने की स्थिती को देखते हुए कुछ जगहों पर निजी दफ्तर बंद किए जा सकते हैं।

भारत बंद का नहीं रहेगा इन सेवाओं पर असर

भारत बंद के दौरान अस्पताल और एंबुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाओं पर कोई असर नहीं होगा। साथ ही बैंक दफ्तर और सरकारी कार्यालय बंद रखने संबंधी अभी तक कोई आदेश सरकार की तरफ से नहीं आया है।

By Super Admin | August 21, 2024 | 0 Comments

केंद्र सरकार पर बरसे मल्लिकार्जुन खड़गे, कहा-संसद के जरिए 'क्रीमी लेयर' फैसले को कर देना चाहिए था रद्द

आरक्षण के मुद्दे पर देश में जारी रार के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। खड़गे ने कहा,  क्रीमी लेयर लाकर आप किसे लाभ पहुंचाना चाहते हैं? क्रीमी लेयर (अवधारणा) लाकर आप एक तरफ अछूतों को नकार रहे हैं और उन लोगों को दे रहे हैं जिन्होंने हजारों सालों से विशेषाधिकारों का आनंद लिया है। मैं इसकी निंदा करता हूं। उन्होंने कहा कि सात न्यायाधीशों की तरफ से उठाया गया क्रीमी लेयर का मुद्दा दर्शाता है कि उन्होंने एससी और एसटी के बारे में गंभीरता से नहीं सोचा है।

जब तक छुआ-छूत, तब तक आरक्षण जरूरी
खड़गे ने कहा, जब तक छुआ-छूत रहेगी, तब तक आरक्षण होना चाहिए और रहेगा। हम इसके लिए लड़ेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष ने भाजपा पर आरक्षण खत्म करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। खड़गे ने कहा कि सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों का निजीकरण कर दिया है और बहुत सारी रिक्तियां हैं, लेकिन वे भर्ती नहीं कर रहे हैं। एससी और एसटी को नौकरी नहीं मिल पा रही है। कोई भी एससी उच्च-स्तरीय पदों पर नहीं है। एससी और एसटी को क्रीमी लेयर में वर्गीकृत करके दबाने की कोशिश कर रहे हैं।

By Super Admin | August 11, 2024 | 0 Comments

राहुल गांधी के आरक्षण बयान पर भड़कीं बसपा सुप्रीमों मायावती, बोलीं 'शीर्ष सूची में मुझे दिखाएं आदिवासी, दलित और OBC नाम'

बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने राहुल गांधी को आड़े हाथ लिया। उन्होंने अमेरिका में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरक्षण को लेकर दिए गए बयान पर निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस आरक्षण खत्म करने के षडयंत्र में है।

'इनके नाटक से सचेत रहें' : मायवती

https://twitter.com/Mayawati/status/1833376930256830767

बसपा सुप्रीमों मायावती ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर सिलसिलेवार पोस्ट किए। जिसमें उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के नाटक से सतर्क रहने की जरूरत है।  मायावती ने लिखा- 'केंद्र में काफी लंबे समय तक सत्ता में रहते हुए कांग्रेस पार्टी की सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लागू नहीं किया और ना ही देश में जातीय जनगणना कराने वाली यह पार्टी अब इसकी आड़ में सत्ता में आने के सपने देख रही है। इनके इस नाटक से सचेत रहें, जो आगे कभी भी जातीय जनगणना नहीं करा पाएगी'।

राहुल गांधी ने क्या कहा था?

https://twitter.com/Mayawati/status/1833376853488521221

राहुल गांधी ने अमेरिका में जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में सवालों का जवाब देते हुए कहा था कि 'कांग्रेस आरक्षण खत्म करने के बारे में तब सोचेगी, जब देश में निष्पक्षता होगी। फिलहाल देश में ऐसी स्थितियां नहीं हैं'।

https://twitter.com/Mayawati/status/1833376855610790117

जिसपर मायावती ने राहुल गांधी को आड़े हाथ लिया और लिखा कि 'जब आप वित्तीय आंकड़ें देखते हैं, तो पता चलता है कि आदिवासियों को 100 रुपये में से 10 पैसे मिलते हैं, दलितों को 100 रुपये में से 5 रुपए मिलते हैं और ओबीसी को भी लगभग इतनी ही धनराशि मिलती है। लेकिन वास्तविकता यह है कि उन्हें भागीदारी नहीं मिल रही है। समस्या यह है कि देश के 90 फीसदी लोगों को समान अवसर नहीं मिल रहे हैं। देश के हर एक बिजनेस लीडर की सूची देखे। मुझे आदिवासी, दलित का नाम दिखाए। मुझे ओबीसी का नाम दिखाएं।मुझे लगता है कि शीर्ष 200 में से एक ओबीसी है'।

By Super Admin | September 10, 2024 | 0 Comments

सुप्रीम कोर्ट ने दी आरक्षण के अंदर आरक्षण की इजाजत

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में कहा है कि आरक्षण के लिए एससी और एसटी वर्गों के अंदर भी उपश्रेणियां बनाई जा सकती हैं. जानिए क्या असर होगा सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की संवैधानिक पीठ के सामने सवाल था कि राज्य सरकारों के पास आरक्षण के लिए अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्गों में उप-श्रेणियां बनाने की शक्ति है या नहीं.

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस बीआर गवई, विक्रम नाथ, बेला त्रिवेदी, पंकज मित्तल, मनोज मिसरा और सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने बहुमत से निर्णय दिया कि राज्यों के पास यह शक्ति है. इस फैसले ने सुप्रीम कोर्ट के ही 2005 के फैसलेको पलट दिया है. दरअसल कई राज्यों में एससी और एसटी वर्गों में विशेष जातियों के लिए कोटे के अंदर कोटा देने की व्यवस्था है.

आरक्षण केवल पहली पीढ़ी को मिले
अनुसूचित जाति को मिलने वाले 15 फीसदी आरक्षण में भी सब-कोटे को सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मंजूरी दी। अदालत ने 6-1 के बहुमत से फैसला देते हुए कहा कि राज्यों को एससी आरक्षण में भी जातीय आधार पर उसके वर्गीकरण का आधार है। यह आरक्षण उन जातियों के लिए अलग से वर्गीकृत किया जा सकता है, जो पिछड़ी रह गई हों और उनसे ज्यादा भेदभाव किया जा रहा हो। यही नहीं सुनवाई के दौरान जस्टिस पंकज मिथल ने कहा कि किसी भी कैटिगरी में पहली पीढ़ी को ही आरक्षण मिलना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एससी और एसटी में आरक्षण का वर्गीकरण करना उचित विचार है।

जस्टिस पंकज मिथल ने कहा कि इस बात की समीक्षा होनी चाहिए कि आरक्षण मिलने के बाद दूसरी पीढ़ी सामान्य वर्ग के स्तर पर आ गई है या नहीं। यदि ऐसी स्थिति आ जाए तो फिर एक पीढ़ी के बाद आरक्षण नहीं मिलना चाहिए। इस अहम केस की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग में समरूपता नहीं है। इसमें भी विभिन्नताएं हैं। हालांकि 7 जजों की बेंच में अकेले जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की राय अलग थी। उनका कहना था कि अनुसूचित जाति वर्ग को जाति नहीं बल्कि क्लास के आधार पर आरक्षण मिलता है।

By Super Admin | August 02, 2024 | 0 Comments