लोकसभा चुनाव को लेकर सपा ने अपने प्रत्याशियों की छठी लिस्ट जारी कर दी है। इस बार गौतमबुद्ध नगर में चुनावी रण बेहद दिलचस्प होने वाला है। क्योंकि इस बार जहां बीजेपी ने डॉ. महेश शर्मा चुनाव मैदान में उतारा है तो वहीं सपा ने भी महेश को चुनौती देने के लिए गौतमबुद्ध नगर सीट से राहुल अवाना को मैदान में उतार दिया है। फिलहाल गौतमबुद्ध नगर से केवल समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी ने ही अपना उम्मीदवार घोषित किया है।
गौतमबुद्ध नगर सीट से सपा ने बदला प्रत्याशी
हालांकि समाजवादी पार्टी ने अपनी छठी लिस्ट में चौंकाने वाला फैसला लिया, इस लिस्ट में सपा ने गौतम बुद्ध नगर सीट से अपने प्रत्याशी को बदल दिया है. इस बार सपा ने राहुल अवाना को टिकट दिया है. जिनकी युवाओं के बीच अच्छी पकड़ मानी जाती है. बता दें इससे पहले सपा ने डॉक्टर महेंद्र नागर को टिकट दिया था. अब राहुल अवाना और बीजेपी के डॉ. महेश शर्मा के बीच दिलचस्प सियासी जंग छिड़ गई है।
क्या इस बार गौतमबुद्धनगर सीट से जीतेगी सपा ?
फिलहाल अगर बात करें दोनों प्रत्याशियों की तो भाजपा ने चौथी बार अपने मौजूदा सांसद डॉ. महेश शर्मा पर ही भरोसा जताते हुए उन्हें मैदान में उतारा है। डॉ. महेश शर्मा साल 2014 और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कर चुके हैं। यदि इस बार भी वह गौतमबुद्धनगर सीट से जीतते हैं तो उनकी हैट्रिक होगी। दिल्ली से सटी यह सीट बसपा सुप्रीमो मायावती का गृहनगर भी है। कुछ वर्षों पहले तक इस सीट पर बसपा का दबदबा था लेकिन धीरे-धीरे उसका दबदबा जाता रहा। गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट 2009 में बनी थी। गठबंधन के तहत गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट सपा के खाते में थी। इस सीट पर सपा पहली बार कांग्रेस के साथ चुनाव मैदान में है। इस सीट से अभी तक एक बार भी सपा और कांग्रेस अपनी जीत दर्ज नहीं करा सकी है।
GautamBuddha Nagar: उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर में लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है. इस सीट पर तमाम राजनीतिक दल अपने-अपने दावे पेश कर रहे हैं. जहां भारतीय जनता पार्टी ने वर्तमान सांसद डॉ. महेश शर्मा पर फिर से भरोसा जताया है तो इंडिया गठबंधन में यह सीट समाजवादी पार्टी के खाते में गई है. इस सीट पर सपा ने डॉ महेंद्र नागर को टिकट दिया था. लेकिन बुधवार को सपा ने इनका टिकट काट कर उनकी जगह पर अब राहुल अवाना को अपना उम्मीदवार घोषित किया है.
डॉ. महेंद्र नागर का काटा टिकट
समाजवादी पार्टी के युवा नेता अतुल यादव के मुताबिक, समाजवादी पार्टी ने पहले गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट से डॉ महेंद्र नागर को टिकट दिया था. लेकिन युवाओं की मांग के चलते अब सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राहुल अवाना को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. जिसके बाद आज गुरुवार को जैसे ही राहुल अवाना डीएनडी फ्लाई ओवर पहुंचे तो सपा कार्यकर्ताओं द्वारा उनका जोरदार स्वागत किया गया.
कौन है राहुल अवाना?
समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार राहुल अवाना मूल रूप से नोएडा के रहने वाले है. वह किसान परिवार से आते हैं. उनका गांव सेक्टर-128 स्थित असगरपुर है. उनके बाबा ओमप्रकाश अवाना तीन योजना प्रधान रहे है. उनके पिता अजीत अवाना भी प्रधान रहे है. उन्होंने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से बीपीएड यानी बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन की पढ़ाई की है.
लोकसभा चुनाव का रण तैयार है। सभी पार्टियों ने अपनी-अपनी बिसातें भी बिछा ली हैं। वहीं एक पार्टी ऐसी हैं जिसको या तो खुद के गहन मंथन और विचार के बाद घोषित किए उम्मीदवार पर या तो भरोसा नहीं है या फिर पार्टी के वरिष्ठ नेता ही गुटबाजी का शिकार हो गए हैं। जहां लोकसभा चुनाव की नजरों से देखा जाए तो गौतमबुद्ध नगर सीट एक अहम सीट मानी जाती है। तो वहीं दूसरी ओर सपा इस सीट को या तो हल्के में ले रही है या फिर इस सीट से पार्टी इस बार भी हार का पताका लहराना चाहती है। साफ तौर पर देखा जाए तो पार्टी में मौजूद कद्दावर नेता भी यहां से घोषित उम्मीदवार राहुल अवाना के साथ दिखाई नहीं दे रहे हैं। तो ऐसे में इसका नतीजा क्या होगा ये आप समझ ही गए होंगे।
स्वागत कार्यक्रम से नदारद रहे पार्टी के कद्दावर नेता
दरअसल सपा प्रत्याशी राहुल अवाना को अपने चुनावी अभियान की गुरुवार से ही शुरूआत करनी थी। इस कारण उन्होंने नोएडा से दिल्ली की सीमा में जाकर यू-टर्न लिया और डीएनडी टोल प्लाजा पर स्वागत का कार्यक्रम रखा। वहीं नोएडा से प्रत्याशी बनने पर बड़ी संख्या में उनके समर्थक और गाड़ियों का काफिला इस स्वागत कार्यक्रम में शामिल हुआ, लेकिन इस काफिले में सपा का एक भी वरिष्ठ और कद्दावर नेता राहुल अवाना के साथ मंच पर नहीं दिखा। देखा जाए तो राहुल की क्षेत्र और युवाओं के बीच काफी बेहतरीन पकड़ हैं लेकिन वहीं दूसरी ओर पार्टी की अपने ही प्रत्याशी से दूरी दबे शब्दों में कुछ और ही बयां कर रही है। वहीं जिस तरह से इस कार्यक्रम की पूरे क्षेत्र में चर्चा रही तो साथ ही इस बात की चर्चा खूब हो रही है कि मंच पर कोई बड़ा नेता क्यों नहीं मौजूद था।
राहुल की कैसे होगी जीत जब पार्टी ही नहीं है साथ
आपको बता दें कि पार्टी ने पहले डॉक्टर महेंद्र नागर को 16 मार्च को गौतमबुद्ध नगर सीट से प्रत्याशी घोषित किया। इसके तीन दिन बाद ही पार्टी ने अपना फैसला बदल कर नागर की जगह युवा नेता राहुल अवाना को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। वहीं अब जब इस युवा को पार्टी के सभी कद्दावर नेताओं का पूरा-पूरा सहयोग मिलना चाहिए था तो वो कोई भी नहीं था। अपने प्रत्याशी के पहले चुनावी कार्यक्रम में नोएडा के समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष आश्रय गुप्ता, नोएडा सपा के महासचिव विकास यादव, पार्टी के पुराने नेता और नोएडा सपा के पूर्व अध्यक्ष बीर सिंह यादव यहां तक कि नोएडा में सपा के टिकट पर दो बार चुनाव लड़े सुनील चौधरी भी इस कार्यक्रम से नदारद रहे। देखा जाए तो इससे साफ दिखाई दे रहा है कि पार्टी किसी गुटबाजी का शिकार है। अब देखना होगा कि पार्टी की अपने ही प्रत्याशी से इतनी बेरुखी उसे अर्श पर ले जाती है या फिर फर्श पर लाकर पटक देती है।
लोकसभा चुनाव 2024 की बिसात बिछ चुकी है। वहीं गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट पर गठबंधन से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी राहुल अवाना को पार्टी का प्रचार करना भारी पड़ गया। दरअसल राहुल अवाना के साथ आज स्वागत कार्यक्रम में 200 से अधिक कार्यकर्ता 50 से अधिक गाड़ियों के साथ डीएनडी टोल प्लाजा पहुंचे थे। जिसमें सपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ता मौजूद थे। जिसको लेकर सपा प्रत्याशी राहुल अवाना के खिलाफ फेज -1 कोतवाली में आचार संहिता का उल्लंघन करने का केस दर्ज किया गया है। आपको बता दें कि सपा द्वारा गुरुवार को जारी की गई संशोधित लिस्ट में असगरपुर गांव के राहुल अवाना को प्रत्याशी घोषित किया गया था।
कार्यक्रम के कारण आम जनता को हुई दिक्कतें
वहीं स्वागत कार्यक्रम में पहुंचे सपा पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने अपने वाहनों को डीएनडी पर खड़ा कर दिया। जिससे वहां जाम की स्थिति पैदा हो गई। जिस पर कई लोगों ने डीएनडी पर आड़े तिरछे खड़े वाहनों, जाम की फोटो और वीडियो इंटरनेट मीडिया पर शेयर करते हुए इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए कार्रवाई की मांग की थी। वहीं दिल्ली से नोएडा आने वाले लोगों को ट्रैफिक जाम में फंसना पड़ा था।
आचार संहिता उल्लंघन का आरोप
वहीं कोतवाली में तैनात उपनिरीक्षक बृजेश कुमार ने सपा प्रत्याशी राहुल अवाना सहित 28 लोगों के खिलाफ आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया है। आपको बता दें कि 200 कार्यकर्ता 50 से अधिक गाड़ियों से टोल प्लाजा पर पहुंचे थे जिससे जाम की स्थिति पैदा हो गई।
लोकसभा चुनावों को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। पार्टियों ने गहन मंथन और विचार के बाद उम्मीदवार भी घोषित कर दिए हैं। जो कि अपनी-अपनी पार्टी को जीत दिलाने के लिए इस युद्ध में उतर भी पड़े हैं। वहीं अगर हम सपा की बात करें तो ऐसा लगता है कि लोकसभा चुनाव की सबसे अहम गौतमबुद्ध नगर सीट को लेकर पार्टी में अभी भी संशय बना हुआ है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो ये कहना गलत नहीं होगा कि सपा प्रत्याशी राहुल अवाना का टिकट गौतमबुद्ध नगर सीट से कट सकता है। जिसकी वजह साफ है कि प्रत्याशी के पहले चुनावी अभियान की शुरूआत में डीएनडी टोल प्लाजा पर एक भी पार्टी का कद्दावर नेता नजर नहीं आया। तो इसे पार्टी की बेरुखी कहा जाए, गुटबाजी कहा जाए या फिर ये माना जाए कि सपा एक बार फिर अपनी लिस्ट संशोधित कर सकती है।
क्या राहुल को नहीं मिलेगा पार्टी का साथ
कहते हैं सत्ता की गद्दी पर वो ही बैठता है। जिसके साथ जनता और पार्टी दोनों का साथ हो, लेकिन सपा प्रत्याशी राहुल अवाना को देखकर ऐसा लगता है कि उनके पास जनता का साथ तो है, मगर शायद पार्टी के वरिष्ठ और कद्दावर नेताओं की आंखों में तिनके की तरह चुभ रहे हैं। जिसका कारण हैं कि सपा प्रत्याशी राहुल अवाना के पहले चुनावी अभियान में कोई भी बड़ा नेता मौजूद नहीं था, या प्रत्याशी बनने की खुशी में राहुल अवाना फूले नहीं समाए और जल्दबाजी में प्रत्याशी बनने के अगले ही दिन इसका जलसा शुरू कर दिया। ऐसे में अगर राहुल का टिकट कट जाए तो कोई बड़ी बात नहीं है, मगर टिकट कटने के बाद क्या दूसरी पार्टियां इस बात को अपने चुनावी प्रचार में नहीं उठाएंगी कि पार्टी में गुटबाजी हो रही है। बार-बार एक ही सीट से प्रत्याशी बदला जा रहा है।
क्या डूब जाएगी राहुल की भी नैया
आपको बता दें कि पार्टी ने पहले डॉक्टर महेंद्र नागर को 16 मार्च को गौतमबुद्ध नगर सीट से प्रत्याशी घोषित किया। इसके तीन दिन बाद ही पार्टी ने अपना फैसला बदल कर नागर की जगह युवा नेता राहुल अवाना को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। वहीं अब जब इस युवा को पार्टी के सभी कद्दावर नेताओं का पूरा-पूरा सहयोग मिलना चाहिए था तो वो कोई भी नहीं था। अपने प्रत्याशी के पहले चुनावी कार्यक्रम में नोएडा के समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष आश्रय गुप्ता, नोएडा सपा के महासचिव विकास यादव, पार्टी के पुराने नेता और नोएडा सपा के पूर्व अध्यक्ष बीर सिंह यादव यहां तक कि नोएडा में सपा के टिकट पर दो बार चुनाव लड़े सुनील चौधरी भी इस कार्यक्रम से नदारद रहे।
क्या इस बार गौतमबुद्ध नगर से हारेगी सपा
देखा जाए तो इससे साफ दिखाई दे रहा है कि पार्टी किसी गुटबाजी का शिकार है। अब देखना होगा कि पार्टी की अपने ही प्रत्याशी से इतनी बेरुखी उसे अर्श पर ले जाती है या फिर फर्श पर लाकर पटक देती है। वहीं अगर एक बार फिर गौतमबुद्ध नगर सीट से प्रत्याशी बदला गया तो प्रत्याशी की तो हंसी उड़ेगी ही साथ ही पार्टी की अनबन और गुटबाजी भी सरे बाजार आ जाएगी। जिससे पार्टी की भी हंसी उड़ेगी। इन सब बातों के बाद एक और बड़ा सवाल ये खड़ा हो जाएगा कि जिस पार्टी को अपने ही प्रत्याशी पर भरोसा नहीं है, जनता भला उस पर कैसे भरोसा करेगी।
गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट सपा के लिए गले की हड्डी बन गई है। सपा के कद्दावर नेताओं ने इस सीट पर एक बार फिर से अपना फैसला बदल कर वापस महेंद्र नागर को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा में समाजवादी पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी डॉ महेंद्र नागर व INDIA गठबंधन की संयुक्त प्रेस वार्ता में मजबूती से लोकसभा चुनाव लड़कर जीत दर्ज करने का दावा किया गया।
डॉक्टर महेंद्र नागर दोबारा प्रत्याशी घोषित
दरअसल गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी और इंडिया गठबंधन ने पहले डॉक्टर महेंद्र नागर को प्रत्याशी घोषित किया था। जिसके बाद समाजवादी पार्टी ने डॉ. महेंद्र नागर की जगह राहुल अवाना को प्रत्याशी घोषित कर दिया। राहुल अवाना की घोषणा के बाद जिले के शीर्ष नेताओं ने लखनऊ में राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से प्रत्याशी बदलने की गुहार लगाई। लगभग एक सप्ताह तक चली तनातनी के बाद अब कहीं जाकर असमंजस की स्थिति खत्म हो गयी है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट से डॉक्टर महेंद्र नागर को दोबारा प्रत्याशी घोषित कर दिया है। शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा में हुई प्रेस वार्ता में डॉक्टर महेंद्र नागर के साथ पहले टिकट घोषित हो चुके प्रत्याशी राहुल अवाना भी मौजूद रहे। जहां पर दोनों ने राष्ट्रीय नेतृत्व के फैसले का सम्मान करते हुए मिलकर चुनाव लड़ने की घोषणा की है।
"पार्टी में प्रत्याशी बदले जाने को लेकर अब कोई मतभेद नहीं"
इस दौरान सपा प्रत्याशी डॉ. महेंद्र नागर ने कहा 'कि पार्टी में प्रत्याशी बदले जाने को लेकर अब कोई मतभेद नहीं है। पूरी पार्टी और इंडिया गठबंधन एक साथ लोकसभा चुनाव में पूरी ताकत के साथ जीत दर्ज करेगा।' उन्होंने कहा 'कि गौतम बुद्ध नगर में भाजपा की सरकार में किसानों की समस्याओं को हल नहीं किया जा रहा है। गौतम बुद्ध नगर में तीनों प्राधिकरण और एनटीपीसी पर किसान कई सालों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया है। इसके साथ ही महिला सुरक्षा, बेरोजगारी और किसानों की फसल को नुकसान पहुंचाने वाले छुट्टा लवारिस जानवर को लेकर सरकार ने अभी तक कोई स्थायी समाधान नहीं किया है।'
महेंद्र सिंह नागर 1999 से राजनीति में सक्रिय
महेंद्र सिंह नागर एक योग्य डॉक्टर हैं और 1999 से राजनीति में सक्रिय हैं. कांग्रेस पार्टी से राजनीतिक पारी की शुरुआत करने वाले नागर 2022 में सपा में शामिल हो गए थे. वह जमीनी स्तर से जुड़े नेता रहे हैं. महेंद्र नागर ने 2006 से 2016 तक गौतमबुद्ध नगर में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष के रूप में काम किया था. वह मिलख लाच्छि गांव के रहने वाले हैं और गुर्जर समाज से आते हैं.
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