साइबर क्राइम से सावधान, अब AI टेक्नोलॉजी से ठगी

NOIDA: आए दिन साइबर ठग के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। साइबर क्रिमिनल ठगी के लिए नई-नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं। साइबर क्रिमिनल अब एआई टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल कर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। ये ठग कैसे इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर ठगी करते हैं आइए आपको विस्तार से बताते हैं।

क्लोनिंग का लेते हैं सहारा

साइबर ठग आर्टिफिसिएल इंटेलीजेंस टेक्नोलॉजी के माध्यम से आपको वीडियो कॉल या फिर ऑडियो कॉल करेंगे। इस टेक्नोलॉजी से आपके किसी परिचित का चेहरा क्लोन कर लिया जाता है या फिर उसकी आवाज की क्लोनिंग कर आपके पास कॉल किया जाता है। इस दरमयान आपको कुछ भी फेक नहीं लगेगा।

रिश्तेतार बन करते हैं अर्जेंट मदद की मांग

ये ठग एआई के माध्यम से रिश्तेदार बनकर पहले कॉल करते हैं। इनकी आवाज या फिर बिल्कुल मैच करती है। जिससे लोग कन्फ्यूज हो जाते हैं। ये सामने वाले से मदद के नाम पर पैसे की मांग करते हैं। ज्यादातर लोग इनके चंगुल में आ जाते हैं और इन्हें पैसे पे कर देते हैं।

अब तक कई मामले आए सामने

अब तक इस तरह के साइबर क्राइम के कई मामले सामने आ चुके हैं। नोएडा में इस तरह के अब तक तीन से चार मामले सामने आ चुके हैं।

By Super Admin | August 16, 2023 | 0 Comments

नोएडा में 13 बार में ट्रांसफर कराए 9 करोड़ 9 लाख, व्हाट्सएप ग्रुप में एड करने से हुई थी शुरुआत

साइबर क्राइम के मामले दिन पर दिन तेजी के साथ बढ़ रहे हैं। कभी रिवॉर्ड तो कभी टिप देकर शेयर मार्केट में करोड़ो के लाभ की बात कहकर ऑनलाइन ठगी की जा रही है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां पर शेयर बाजार में निवेश करने पर करोड़ों का मुनाफा होने की बात कहकर साइबर जालसाजों ने नोएडा के एक व्यक्ति से 9 करोड़ 9 लाख रुपये की ठगी कर ली। पहले अपराधियों ने ऐप डाउनलोड कराया और फिर ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया। ठगी की जानकारी होने के बाद पीड़ित ने मामले की शिकायत साइबर क्राइम थाने में की है।

13 बार में ट्रांसफर की 9 करोड़ 9 लाख रकम

राजीव बोथरा नाम के व्यक्ति ने पुलिस को साइबर क्राइम की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि ठगों ने पीड़ित से कुल 13 बार में रकम ट्रांसफर कराई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये ऑनलाइन ठगी किसी एक व्यक्ति के साथ शेयर ट्रेडिंग में यह शहर में अब तक की सबसे बड़ी साइबर ठगी बताई जा रही है। साइबर थाने में यह मामला दर्ज कर पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

व्हाट्सएप ग्रुप में ऐड करके हुई थी शुरुआत

रजत बोथरा ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया है कि 28 अप्रैल को उन्हें एक व्हाट्सएप ग्रुप में ऐड किया गया। उस ग्रुप में शेयर ट्रेडिंग के मुनाफे के बारे में बताया जाता था और एक लिंक भेजा गया, जिस पर क्लिक करने और कई स्टेप्स फॉलो करने के बाद उनके मोबाइल में एक ऐप डाउनलोड हो गया। ऐप का नाम जीएफएसएल सिक्योरिटी ऑफिशियल स्टॉक सी 80 था।

पैसे नहीं हुए विड्रा तब हुआ शक

मुनाफे की बात सुनकर राजीव बोथरा ने अपने खाते से 9.09 करोड़ ट्रांसफर किए थे। उन्होंने बताया कि राजीव ने ये रकम कुल तेरह बार में ट्रांसफर की, ट्रांसफर के दौरान राजीव ने कई बार बीच में ही पैसे को विथड्रॉ करने की कोशिश की, लेकिन पैसा नहीं निकल पाया। जिस ऐप के जरिए राजीव ने ये इन्वेस्टमेंट की वो एप्लीकेशन पैसे निकालने की अनुमति नहीं दे रहा था। इसके बाद राजीव को साइबर क्राइम का शक हुआ, लेकिन तब तक वो ठगी का शिकार हो चुके थे।

पुलिस कर रही जांच

पीड़ित राजीव ने 29 मई को एनसीआरपी पोर्टल पर घटना की शिकायत भी दर्ज कराई थी। मामले के काफी बड़े होने को लेकर पुलिस ने उन्हें बुलाकर एफआईआर दर्ज कराई। मौजूदा जानकारी के मुताबिक, फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है और कोशिश की जा रही है कि उन सभी बैंक अकाउंट को फ्रीज किया जाए जिसमें यह पैसा ट्रांसफर हुआ है।

By Super Admin | June 02, 2024 | 0 Comments

नोएडा साइबर क्राइम पुलिस ने शेयर ट्रेडिंग के नाम पर साढ़े 48 लाख ठगने वाले दो शातिरों को किया गिरफ्तार

नोएडा साइबर क्राइम पुलिस ने शेयर ट्रेडिंग के नाम पर साढ़े 48 लाख रुपए की ठगी करने वाले दो शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। साथ ही मोबाइल फोन और 3 लाख 25 हजार कैश भी बरामद किया है।

शेयर ट्रेडिंग के नाम पर ठगे 48 लाख 50 हजार

बीते 14 अप्रैल को पीड़ित ने साइबर क्राइम पुलिस के पास शेयर ट्रेडिंग के नाम पर 48 लाख 50 हजार रुपयों की ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसके बाद साइबर क्राइम पुलिस टीम ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस व तकनीकी की मदद से दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान ऋषभ मिश्रा और धीरज पोरवाल के तौर पर हुई है। उन्हें नोएडा से गिरफ्तार है। अभियुक्तों के कब्जे से घटना में प्रयुक्त एक मोबाइल फोन बरामद किया गया है। साथ ही 3 लाख 25 हजार रूपये भी फ्रीज कराये गये है।

By Super Admin | June 19, 2024 | 0 Comments

साइबर क्राइम पुलिस ने 9 करोड़ का गबन करने वाले दो अभियुक्तों को किया गिरफ्तार, करोड़ों की क्रिप्टो करेंसी की फ्रीज

नोएडा सेक्टर-36 साइबर थाना ने व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर शेयर टेडिंग के नाम पर मुनाफे के नाम पर गबन करने वाले दो अभियुक्तो को सूरजपुर कासना रोड, ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार किया गया है।

व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर करते थे शिकार

बीती 31 मई को नोएडा सेक्टर 4 निवासी एक पीड़ित ने साइबर ठगी होने के संबंध में थाना साइबर क्राइम रिपोर्ट किया था। जिसमें पीड़ित ने अभियुक्तों द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप में ऐड करके शेयर ट्रेडिंग मे मुनाफे की बात कही था और करीब 9 करोड़ रुपयों की ठगी की थी। इस मामले में साइबर पुलिस ने अकरम उर्फ सैम (28) और सुशील कुमार (45) को गिरफ्तार किया है।

अभियुक्त ने खोला पूरा प्रोसेस

पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, अभियुक्त अकरम उर्फ सैम ने पूछताछ के दौरान बताया कि ‘मैने ऑनलाइन जॉब सर्च करना शुरू किया, तो मेरा संपर्क शान से हुआ, जो मुझे व्हाट्सएप के माध्यम से वॉयस कॉल व चैट करता व मेरी कम्पनी पर आता-जाता रहता था। मैं इसके साथ सिलाई कढ़ाई का व्यापार भी करता था। तभी मेरी पहचान सुशील श्रीवास्तव से हुई, जिसने मुझसे कहा कि अपना बैंक खाता मुझे दे दो, उसमे कुछ गैमिंग प्लेटफार्म का पैसा आयेगा। जिसका 1 प्रतिशत आपको प्राप्त होगा’।

‘तब मैनें अपने कुछ बैंक खाते की यूजरआईडी पासवर्ड/लॉगिन आईडी पासवर्ड सुशील से प्राप्त कर शान को उपलब्ध कराये थे। मैने ट्रान्जेक्शन के दौरान आये सभी ओटीपी ऐप के माध्यम से शान को भेजे थे। शान से एक बैंक खाते के एवज मे मुझे 2 लाख रुपये प्राप्त होते है। इस प्रकार मुझे लाखो रुपये क्रिप्टोकरेन्सी के रुप मे कमीशन के रुप मे शान ने दिये। यह कमीशन मुझे C98, KUCOIN APP, BINANCE APP, MEXC APP, TRUST WALLET, COIN DCX, BIT BNS, CRYPTO-COM आदि के माध्यम से प्राप्त हुआ। WHATSAPP GROUP CRYPTO TRADERS में एड टाइगर को USDT भेजकर 20,000 रुपये यूपीआई के माध्यम से प्राप्त किये थे तथा शान को भी मैने USDT देकर 45,000 रुपये प्राप्त किये थे। शेष रुपये मेरे उपरोक्त वॉलेट में क्रिप्टो करेन्सी के रुप मे बेलैंस है। अभियुक्त से बरामद दस्तावेज व डिवाइस मैने साइबर फ्रांड करने में तथा साइबर फ्रांड से पैसा प्राप्त करने में प्रयोग किया गया है’।

अन्य की तलाश जारी

पुलिस ने शुरुआती जांच के अन्य की गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है। साथ ही विवेचना में प्रकाश में आये खातो में विभिन्न राज्यो में NCRP PORTAL पर 26 शिकायत दर्ज पायी गयी है।

ये सामान हुआ बरामद

दोनों अभियुक्तों के पास से 21 चैक बुक,25 चैक, 7 पासबुक, क्यू आर कोड (आईसीआईसीआई बैंक), 2 आधार क्यू आर कोड, 3 मोबाइल फोन, 1 टैबलेट, 1 लैपटॉप  , 1 जीएसटी फार्म, एस0ई0 इन्वेस्टमेन्ट आवेदन की छायाप्रति, फ्रीज़ धनराशि 1 करोड़ 64 लाख (विभिन्न बैंक खातों में) और 6 लाख 99 हजार रूपये की क्रिप्टो करेंसी फ्रीज (विभिन्न प्लेट फार्म में) में मिले हैं।

By Super Admin | June 13, 2024 | 0 Comments

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