New Delhi: केंद्र सरकार की ओर से आज अंतरिम बजट पेश किया गया। केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण में लोकसभा चुनाव से पहले बजट को संतुलित पेश किया। वित्त मंत्री ने सदन में बजटीय भाषण में कहा कि 2014-23 के दौरान 596 अरब डॉलर का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) आया। यह 2005-2014 के दौरान आए FDI से दोगुना था। हम विदेशी पार्टनर्स से बाइलेटरल इन्वेस्टमेंट ट्रीटी कर रहे हैं।
25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला
वित्त मंत्री ने कहा कि घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लक्षद्वीप सहित हमारे द्वीपों पर बंदरगाह कनेक्टिविटी, पर्यटन के बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के लिए विभिन्न परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। हमारी सरकार के 10 साल के कार्यकाल में करीब 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं।
जुलाई में पेश होगा पूर्ण बजट
11.8 करोड़ किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिला है। 4 करोड़ से अधिक किसानों को फसल बीमा योजना का फायदा मिला है। जुलाई 2024 में पूर्ण बजट में हमारी सरकार विकसित भारत के लक्ष्य का विस्तृत रोडमैप प्रस्तुत करेगी। पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए बहुत सारे कार्य किए गए हैं। पीएम आवास योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में 70% से अधिक घरों की मालकिन महिलाएं हैं।
3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का निर्णय
मुद्रा योजना के अंतर्गत महिलाओं को 30 करोड़ से अधिक ऋण दिए गए हैं। देश में टूरिज्म सेक्टर को प्रोत्साहन देने के लिए ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा और विदेशी निवेश को भी बढ़ावा दिया जाएगा। लखपति दीदी योजना को बढ़ावा दिया जाएगा। 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का निर्णय लिया गया है। इस योजना से महिलाओं के जीवन में बदलाव और आत्मनिर्भरता आई है।
फसलों पर NANO DAP का इस्तेमाल होगा
वित्त मंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सभी आशा वर्कर्स, आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स को भी कवर किया जाएगा।आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सभी आशा वर्कर्स, आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स को भी कवर किया जाएगा। फसलों पर NANO DAP का इस्तेमाल होगा, डेयरी विकास के क्षेत्र में अच्छा काम होगा, दुग्ध किसानों को बढ़ावा दिया जाएगा।फसलों पर NANO DAP का इस्तेमाल होगा, डेयरी विकास के क्षेत्र में अच्छा काम होगा, दुग्ध किसानों को बढ़ावा दिया जाएगा।
2 करोड़ घर ग्रामीणों क्षेत्रों में बनाए जाएंगे
वित्त मंत्री ने कहा कि जब पीएम मोदी ने 2014 में काम शुरू किया, तब देश भारी चुनौतियों का सामना कर रहा था। हमने जनता के हित में काम शुरू किया, जनता को ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर दिए हैं। देश में नई उम्मीद जागी है। हमने व्यापक विकास की बात की, हम 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास'। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत अगले 5 साल में ग्रामीण इलाकों में 2 करोड़ घर और बनाए जाएंगे।
महिलाओं को 30 करोड़ से अधिक लोन दिए
नपीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत 78 लाख स्ट्रीट वेंडरों को ऋण सहायता प्रदान की गई है, उनमें से कुल 2.3 लाख को तीसरी बार ऋण प्राप्त हुआ है। पिछले 10 वर्षों में हमारी सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए बहुत सारे कार्य किए गए हैं। पीएम आवास योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में 70% से अधिक घरों की मालकिन महिलाएं हैं। मुद्रा योजना के अंतर्गत महिलाओं को 30 करोड़ से अधिक ऋण दिए गए हैं। गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों की आवश्यकताएं, आकांक्षाएं और कल्याण… हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हमारी सरकार में 1.4 करोड़ युवाओं को स्किल इंडिया मिशन का लाभ मिला है। 7 IITs, 16 IIITs, 15 AIIMS और 7 IIMs खोले गए हैं। 11.8 करोड़ किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिला है। 4 करोड़ से अधिक किसानों को फसल बीमा योजना का फायदा मिला है।
25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकाला
हमारी सरकार के 10 साल के कार्यकाल में करीब 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं।हमारी सरकार के 10 साल के कार्यकाल में करीब 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। हमारी सरकार ने हर घर जल, बिजली, गैस, वित्तीय सेवाएं, जन-जन को बैंकिंग सुविधाओं से जोड़ने का काम किया है। खाद्यान्न की चिंताओं को दूर कर 80 करोड़ से अधिक लोगों को निशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया है। मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा किया है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आय बढ़ी है । हम लोगों को सशक्त बनाने का काम कर रहे हैं। हमने भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद को खत्म किया है। हमारी सरकार ने हर घर जल, बिजली, गैस, वित्तीय सेवाएं, जन-जन को बैंकिंग सुविधाओं से जोड़ने का काम किया है।
MSP को लेकर किसानों का आंदोलन दिन पर दिन उग्र होता जा रहा है. किसानों ने आर-पार की लड़ाई को लेकर जमकर कमर कस ली है. जिसके चलते हरियाणा और पंजाब के किसान संगठनों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर कानूनी गारंटी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने समेत अन्य मांगों को लेकर 13 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान किया है. जहां एक ओर किसानों के इस ऐलान के बाद सरकार और प्रशासन हाथ पांव फूलने लगे हैं और प्रशासन ने किसानों को रोकने के लिए प्लान भी तैयार कर लिया है. जिसके चलते हरियाणा पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी कर दी है और जनता से अपील की है कि लोग 13 फरवरी को राज्य के मुख्य मार्ग का उपयोग अति आवश्यक स्थिति में ही करें और अति आवश्यक होने पर ही पंजाब की यात्रा करें. साथ ही प्रशासन द्वारा हरियाणा से पंजाब की ओर जाने वाले सभी मुख्य मार्गों पर यातायात बाधित होने की भी संभावना जताई जा रही है .
पुलिस ने बताया कहां से मिलेगी जानकारी
हरियाणा की एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) ममता सिंह ने बताया कि ट्रैफिक की वर्तमान स्थिति जानने के लिए हमारे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म- @police_haryana, @DGPHaryana और Haryana Police फेसबुक पेज को फॉलो करें. दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे पर यातायात बाधित होने की स्थिति में चंडीगढ़ से दिल्ली जाने वाले यात्रियों को डेराबस्सी, बरवाला/रामगढ़, साहा, शाहबाद, कुरूक्षेत्र के रास्ते अथवा पंचकूला, एनएच-344 यमुनानगर इंद्री/पिपली, करनाल होते हुए दिल्ली जाने की सलाह दी गई है. इसी प्रकार, दिल्ली से चंडीगढ़ जाने वाले यात्री करनाल, इंद्री/पिपली, यमुनानगर, पंचकूला होते हुए या फिर कुरूक्षेत्र, शाहबाद, साहा, बरवाला, रामगढ़ होते हुए अपने गन्तव्य पर पहुंच सकते हैं.
हरियाणा के करीब 12 जिलों में लगी धारा 144
एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) ममता सिंह ने लोगों से किसी भी आपात परिस्थिति में डायल-112 पर संपर्क करने की अपील करते हुए कहा कि लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने, किसी भी तरह की हिंसा को रोकने और ट्रैफिक सुगम बनाने के लिए पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है. इस संबंध में सभी रेंज एडीजीपी/आईजीपी, पुलिस आयुक्त और जिलों के एसपी को दिशा-निर्देश जारी कर दिये गए हैं. प्रभावित जिलों खासकर अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, फतेहाबाद, सिरसा में ट्रैफिक डायवर्जन की व्यवस्था की गई है. वहीं राज्य के अंदर अन्य सभी मार्गों पर ट्रैफिक की स्थिति सामान्य रहेगी. हरियाणा के कम से कम 12 जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है और चंडीगढ़ से सटे पंचकूला में भी धारा 144 लागू है। जिसका आदेश पंचकूला के डीसीपी सुमेर सिंह प्रताप ने जारी किए हैं. साथ ही सार्वजनिक स्थान पर एकसाथ पांच या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध रहेगा.
13 फरवरी तक इंटरनेट सेवाएं बाधित
हरियाणा के गृह विभाग ने एक आदेश जारी कर जानकारी दी है कि अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद, सिरसा और पुलिस जिला डबवाली में 11 फरवरी सुबह 6 बजे से लेकर 13 फरवरी रात 12 बजे तक मोबाइल इंटरनेट सेवाएं, बल्क एसएमएस और डोंगल सर्विस ठप रहेंगी. पर्सनल एसएमएस, बैकिंग एसएमएस, ब्रॉडबैंड व लीज लाइंस पहले की तरह चलती रहेंगी और पैदल या ट्रैक्टर-ट्रालियों व अन्य वाहनों के साथ जलूस निकालने, प्रदर्शन करने, मार्च करने, लाठी, डंडा या हथियार लेकर चलने पर प्रतिबंध रहेगा. वहीं हरियाणा और पंजाब के करीब 23 किसान संगठनों का कहना है कि सरकार जब तक उनकी मांगों को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाती, तब तक उनका आंदोलन नहीं रुकेगा.
12 फरवरी को दूसरे दौर की बैठक
किसान संगठनों का एक प्रतिनिधिमंडल 12 फरवरी को चंडीगढ़ सेक्टर 26 स्थित महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में केंद्र सरकार के साथ दूसरे दौर की वार्ता करेगा. किसानों और सरकार के बीच पहले दौर की वार्ता 8 फरवरी को यहीं पर हुई थी. दूसरे दौर की बैठक में सरकार की तरफ से केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय मौजूद रहेंगे.
उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब समेत कई राज्यों के किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने की मांग कर दिल्ली की तरफ कूच कर रहे किसानों का आंदोलन उग्र हो गया है। किसानों के ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन में 150 से ज्यादा संगठन शामिल हैं।वहीं कुछ किसान समूह यूनिवर्सल एमएसपी के लिए एक कानून की भी मांग कर रहे हैं। यानी किसान खेती की जाने वाली प्रत्येक फसल के लिए केंद्र में सरकार द्वारा एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) तय होना चाहिए। MSP क्या है और क्यों किसान इसको लेकर अडे हुए है, आइये आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बतायेंगे
क्या है MSP ?
दरअसल MSP यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस (Minimum Support Price) या न्यूनतम समर्थन मूल्य वह दर है जिस पर सरकार किसानों से फसल खरीदती है. जो कि किसानों की उत्पादन लागत से कम से कम डेढ़ गुना अधिक होती है। केंद्र सरकार फसलों की एक न्यूनतम कीमत तय करती है. जिससे किसान को अपनी फसल की एमएसपी (MSP) के तहत निर्धारित कीमत मिलती ही मिलती है, चाहे बाजार में दाम जो भी हो. इसको और सरल शब्दों में कहें तो मान लीजिये कि किसी फसल की MSP 20 रुपये तय की गई है, और बाजार में वो फसल 15 रुपये में बिक रही है तो भी सरकार, किसानों से उस फसल कों 20 रुपये में ही खरीदेगी.
किन-किन फसलों पर मिलती है MSP
केंद्र सरकार ने साल 1966-67 में पहली बार MSP पेश किया था। ऐसा तब हुआ जब स्वतंत्रता के समय भारत को अनाज उत्पादन में बड़े घाटे का सामना करना पड़ा। तब से लगातार एमएसपी की व्यवस्था चल रही है। 60 के दशक में सरकार ने सबसे पहले गेहूं पर एमएसपी की शुरुआत की ताकि किसानों से गेहूं खरीद कर अपनी पीडीएस योजना या राशन के तहत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों में बांट सके। केंद्र सरकार हर फसल पर एमएसपी नहीं देती। वर्तमान में कुल 23 फसलों पर सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य देती है। इन फसलों को ‘अधिदिष्ट फसल’ की कैटेगरी में रखा गया है. इनमें 14 खरीफ फसलें, 6 रबी फसलें और दो अन्य वाणिज्यिक फसलें शामिल हैं. इन फसलों के अलावा गन्ने के लिये ‘उचित और लाभकारी मूल्य’ (FRP) की सिफारिश भी की जाती है.
MSP आने पर हर साल होगा 10 लाख करोड़ का खर्चा
अगर एमएसपी गारंटी कानून लाया जाता है, तो सरकार की नजर अतिरिक्त व्यय पर भी होगी जो सालाना यानी कम से कम 10 लाख करोड़ होगा। इसे दूसरी तरह से देखा जाए तो यह लगभग उस व्यय (11.11 लाख करोड़ रुपये) के बराबर है जो इस सरकार ने हाल के अंतरिम बजट में बुनियादी ढांचे के लिए अलग रखा है. स्पष्ट रूप से देखा जाये तो MSP गारंटी कानून हमारी तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था को पटरी से उतार कर रख देगा, जिसका नुकसान काफी हद तक आम जनता को झेलना पड़ेगा
लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने सबसे बड़ा मास्टर स्ट्रोक खेला है. देशभर में नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA को लागू करने का नोटिफिकेशन सरकार ने जारी कर दिया है. इसी के साथ देश में अब CAA लागू हो गया है. इसके लागू होने के बाद अब बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी. हालांकि इसके लिए 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश किया हो. बता दें हिंदुओं, जैनों, ईसाइयों, सिखों, बौद्धों और पारसियों को यहां पांच साल तक निवास करने के बाद ही भारतीय नागरिकता CAA के तहत दी जा सकती है.
सीएए कानून को दिसंबर 2019 में संसद से पारित किया गया
आपको बता दें कि सोमवार दोपहर बाद से ही सीएए कानून को लेकर कयासों का बाजार गर्म हो गया था। पहले बताया गया कि सीएए को लेकर नोटिफिकेशन आज रात किसी भी समय जारी किया जा सकता है। उससे पहले पीएम मोदी का संबोधन भी होने वाला था। लेकिन किन्हीं वजहों के चलते वह नहीं हो पाया। इसके तुरंत बाद ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीएए को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया। बता दें कि सीएए कानून को दिसंबर 2019 में संसद से पारित किया गया था। यह 2019 में बीजेपी के घोषणापत्र में भी था।
सीएए पारित होने के बाद राज्य में बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शन
11 दिसंबर, 2019 को राज्यसभा द्वारा सीएए पारित करने के बाद राज्य में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ, जिसमें आंदोलनकारियों की सुरक्षा बलों के साथ तीखी झड़पें हुई थी, जिससे प्रशासन को कई कस्बों और शहरों में कर्फ्यू लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा था. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले कहा था कि सीएए नियमों को लोकसभा चुनाव से पहले अधिसूचित और लागू किया जाएगा.
क्या है सीएए का कानून?
सीएए या नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 भारत में नागरिकता प्राप्त करने के लिए पात्रता मानदंडों में बदलाव की बात करता है। इस कानून के तहत 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारत की नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है। यह कानून मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता प्रदान नहीं करता है। कानून नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन करता है।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ने अपनी किताबों में कई बदलाव करते हुए हाल के कुछ वर्षों में हुए संवेदशील विषयों को हटा दिया है। एनसीईआरटी ने 12वीं पॉलिटिकल साइंस की नई किताब के अध्याय 8 में शामिल अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस और 2002 के गुजरात दंगों के कुछ उदाहरण हटा दिए हैं। इसके अलावा हिंदुत्व के संदर्भ को हटाना और मणिपुर के भारत में विलय के संदर्भ में भी बदलाव किया गया है।
12वीं पॉलिटिकल साइंस से अयोध्या विध्वंस के कुछ संदर्भ हटाए गए
एनसीईआरटी ने 12वीं पॉलिटिकल साइंस की नई किताब के अध्याय 8 में शामिल अयोध्या विध्वंस के कुछ संदर्भ हटा दिए गए हैं। "राजनीतिक लामबंदी की प्रकृति के लिए राम जन्मभूमि आंदोलन और अयोध्या विध्वंस की विरासत क्या है?" इसे बदलकर "राम जन्मभूमि आंदोलन की विरासत क्या है?" कर दिया गया है। उसी अध्याय में बाबरी मस्जिद और हिंदुत्व की राजनीति के कुछ संदर्भ हटा दिए गए हैं।
पहले इस अध्याय के पैराग्राफ में लिखा था
कि "चौथा, कई घटनाओं की परिणति दिसंबर 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचे (जिसे बाबरी मस्जिद के नाम से जाना जाता है) के विध्वंस के रूप में हुई। इस घटना ने देश की राजनीति में विभिन्न बदलावों का प्रतीक और शुरुआत की और इस पर बहस तेज हो गई। भारतीय राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्षता की प्रकृति। ये घटनाक्रम भाजपा और 'हिंदुत्व' की राजनीति के उदय से जुड़े हैं। "
अब इस अध्याय को बदलकर लिखा गया है
कि "चौथा, अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर पर सदियों पुराने कानूनी और राजनीतिक विवाद ने भारत की राजनीति को प्रभावित करना शुरू कर दिया जिसने विभिन्न राजनीतिक परिवर्तनों को जन्म दिया. राम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन, केंद्रीय मुद्दा बन गया, जिसने दिशा बदल दी धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र पर चर्चा की परिणति सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के फैसले (9 नवंबर, 2019 को घोषित) के बाद अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के रूप में हुई."
राजनीति में बदलावों के कारण अपडेट किया सिलेबस
अध्यायों के बदलावों को लेकर NCERT ने कहा है कि देश की राजनीति में हाल के कुछ वर्षों में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं जिसकी वजह से सिलेबस को अपडेट किया गया है। अधिकारियों ने कहा कि बदलाव रूटीन अपडेट का हिस्सा हैं और नए पाठ्यक्रम ढांचे (एनसीएफ) के अनुसार नई किताबों के विकास से जुड़े नहीं हैं। यह बदलाव अन्य के अलावा कक्षा 11 और 12 की राजनीति साइंस की किताबों में भी किए गए हैं। NCERT की करिकुलम ड्राफ्टिंग कमेटी द्वारा तैयार किए गए बदलावों की डिटेल्स देने वाले एक डॉक्यूमेंट के अनुसार, राम जन्मभूमि आंदोलन के संदर्भों को "राजनीति में नए विकास के अनुसार" बदल दिया गया है।
11वीं कक्षा की किताबों में धर्मनिरपेक्षता के अध्याय में बदलाव
वहीं NCERT ने 11वीं कक्षा की किताबों में धर्मनिरपेक्षता पर अध्याय 8 में पहले लिखा गया था कि "2002 में गुजरात में गोधरा के बाद हुए दंगों के दौरान 1,000 से अधिक लोगों का नरसंहार किया गया था, जिनमें ज्यादातर मुस्लिम थे." इसे बदलकर "2002 में गुजरात में गोधरा के बाद हुए दंगों के दौरान 1,000 से अधिक लोग मारे गए थे" कर दिया गया है। वहीं इस बदलाव के पीछे NCERT ने तर्क दिया है कि "किसी भी दंगे में सभी समुदायों के लोगों को नुकसान होता है। यह सिर्फ एक समुदाय नहीं हो सकता।"
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर क्या बदलाव हुए
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर पहले की पाठ्यपुस्तक में लिखा था कि "भारत का दावा है कि यह क्षेत्र अवैध कब्जे में है। पाकिस्तान इस क्षेत्र को आज़ाद पाकिस्तान के रूप में वर्णित करता है". बदले हुए संस्करण में कहा गया है, "हालांकि, यह भारतीय क्षेत्र है जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है और इसे पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर (POJK) कहा जाता है।" बदलाव के पीछे एनसीईआरटी का तर्क यह है कि "जो बदलाव लाया गया है वह जम्मू-कश्मीर के संबंध में भारत सरकार की ताजा स्थिति से पूरी तरह मेल खाता है"
मणिपुर पर किताबों में पहले क्या था और अब क्या है
मणिपुर पर, पहले कहा गया था कि "भारत सरकार मणिपुर की लोकप्रिय निर्वाचित विधानसभा से परामर्श किए बिना, सितंबर 1949 में विलय समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए महाराजा पर दबाव डालने में सफल रही। इससे मणिपुर में बहुत गुस्सा और आक्रोश पैदा हुआ, जिसके परिणाम उसका अहसास अभी भी किया जा रहा है." बदले हुए संस्करण में कहा गया है कि "भारत सरकार सितंबर 1949 में महाराजा को विलय समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए मनाने में सफल रही."
अन्य कक्षाओं के लिए किताबों में कोई बदलाव नहीं
NCERT ने पिछले सप्ताह सीबीएसई स्कूलों को जानकारी दी थी कि कक्षा 3 और 6 के लिए नई किताबें तैयार की जा रही है, जबकि एनसीएफ के अनुसार अन्य कक्षाओं के लिए किताबों में कोई बदलाव नहीं होगा। हालांकि बदलावों की सीरीज अब उन किताबों में पेश की जाएगी जो अभी बाजार में नहीं आई हैं, जबकि नया सत्र शुरू हो चुका है।
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने सोमवार को प्रदेश के सभी 75 जिलों में एक साथ मीडिया के माध्यम से सरकार की उपलब्धियों को जनता के सामने रखा है। पार्टी ने इसे ''कॉरपोरेट बॉम्बिंग'' का नाम दिया है। पार्टी ने इसके लिए सभी बड़े नेताओं को मैदान में उतारा है। इसी कड़ी में नोएडा में केंद्रीय राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने प्रेस वार्ता का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार के 10 साल के कार्यकाल का लेखा-जोखा रखा।
केंद्रीय राज्य मंत्री बीएल वर्मा की प्रेस वार्ता
केंद्रीय राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने कहा कि, भारतीय जनता पार्टी ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। ये मोदी की गारंटी है, जिसे हर हाल में पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज देश में विकास हो रहा है, गांव की सड़कों को शहरों से जोड़ा जा रहा है, गांव के लोगों को मोदी सरकार में रोजगार मिल रहा है। पिछले दस सालों में एयरपोर्ट बने हैं, कई नई रेलो को लाया गया है,जिससे जनता का सफर अब और भी ज्यादा आसान हो गया है।
मोदी सरकार के गिनाएं कामकाज
केंद्रीय राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने कहा कि साल 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने जो वादे किए थे। उन सभी वादों पर बीजेपी खरी उतरी है। हमने वादा किया था कि, भगवान श्री राम का मंदिर बनेगा, जोकि आज बनकर तैयार हो गया है। जबकि विपक्ष ने हमेशा मंदिर निर्माण का विरोध किया। उन्होंने कहा कि जब से जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटी है। वहां के लोगों के हाथों में पत्थर नहीं बल्कि कलम और कंप्यूटर होते हैं। पहले वहां दंगे होते थे, लेकिन आज शांति है। देश की सीमाओं पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम है। आज किसी पर भी हिम्मत नहीं है कि देश की तरफ कोई आंख उठाकर भी देख सके।
विपक्ष पर साधा निशाना
केंद्रीय राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले दस सालों में चार करोड़ गरीब परिवारों के पक्के घर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनकर तैयार हुए है। सरकार फिर से सत्ता में आती है तो तीन करोड़ और पक्के घर गरीब परिवारों को दिए जाएंगे। पिछले दस सालों में मोदी सरकार में एक करोड़ लखपति दीदी बनी है। आने वाले समय में देश में तीन करोड़ लखपति दीदी और बन जाएंगी। विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले गांवों में कुछ काम नहीं हुआ। लेकिन मोदी सरकार में आज चारों तरफ विकास ही विकास हो रहा है।
गौतमबुद्ध नगर से बीजेपी प्रत्याशी डॉ. महेश शर्मा लगातार लोगों के साथ जनसंपर्क अभियान और रैलियां कर रहे हैं। इसी के तहत डॉ. महेश शर्मा ने सिकन्दराबाद विधानसभा में आयोजित जन संपर्क कार्यक्रम में हिस्सा लिया। वहीं भौखेंडा, तिलबेगमपुर, तिलडेरी, सिकन्दराबाद कार्यालय में शामिल होकर अपने क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के साथ बात की और लोगों से अधिक से अधिक संख्या में मतदान करने की अपील भी की।
पूरे विश्व में मोदी जी के कारण भारत का डंका बज रहा है-डॉ. महेश शर्मा
वहीं सिकन्दराबाद के ग्राम भौखेंडा में ग्रामवासियों को संबोधित करते हुए डॉ. महेश शर्मा ने कहा 'कि इस देश में मिसाइलमैन के रूप में हमारे देश के राष्ट्रपति साहब का भी बहुत बड़ा योगदान है। इतिहास के पन्नों में लिखा है कि इस देश का मिसाइलमैन कौन था जब उन्होंने अपना मकान खाली किया, तो उसमें मुझे भी रहने का सौभाग्य मिला 10 अकबर रोड, क्या शख्सियत थी उनकी, क्या ईमानदारी थी उनकी और क्या सादगी थी कि 8 कमरों का मकान था लेकिन एक कमरे में ही रहते थे। बाकी दो कमरों में आसपास के कर्मचारियों के बच्चों को पढ़ाते थे। एक राष्ट्रपति वो भी तो मुसलमान थे जिनका पूरा देश ही नहीं पूरा वर्ल्ड पूजा करता है। आज पूरे विश्व में मोदी जी के कारण भारत का डंका बज रहा है। 140 करोड़ देशवासियों को जब मोदी जी कहते है कि ये मेरा परिवार है तो फर्क कैसे हो सकता है। आज मोदी जी के नेतृत्व में यूपी में 42 लाख गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास गरीबों मिले हैं। जिसमें केवल 24 लाख मकान हमारे मुसलमान भाईयों को मिले है। आज ही घोषणा की है कि 70 साल के उपर आयु वालों को आयुष्मान कार्ड के तहत 5 लाख का इलाज सभी वर्गों को मुफ्त मिलेगा।' इसके साथ ही डॉ. महेश शर्मा ने जेवर विधानसभा के ग्राम लड़पुरा में जनसभा भी की। वहीं बिलासपुर नगर में प्रबुद्ध व्यापारियों के साथ बैठक की और सभी को कमल के फूल का बटन दबाकर अधिक से अधिक संख्या में मतदान करने की अपील की।
कार्यक्रम में मौजूद रहे कार्यकर्ता
इस दौरान सिकन्दराबाद विधायक लक्ष्मीराज, दीपक दुल्हेरा, बबली भाटी, ठा. महिपाल सिंह, मोमीन कुरैशी, सुमित शर्मा, चाहत प्रधान, राकीब, मांगेराम, निर्मल प्रधान, राहुल पंडित, दिनेश भाटी, सोनू बीडीसी, नरेन्द्र भाटी, विरेन्द्र भाटी, योगेन्द्र भाटी, लखन भाटी, वेदपाल भाटी, अजीत प्रधान, मगन भाटी, लोकमन प्रधान, अनिल पंडित, राजेश शर्मा, नवीन डाढा, ओमवीर चौहान, सुरेन्द्र चौहान, गौरव शर्मा, कुलदीप शर्मा, कुलदीप शर्मा, निकुंज शर्मा समेत काफी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।
वक्फ संशोधन बिल को लेकर संयुक्त संसदीय समिति को करीब 84 लाख सुझाव ईमेल के जरिए मिले है. इसके अलावा 70 बॉक्स लिखित सुझाव भी मिले हैं. वहीं इस बिल को लेकर सुझाव देने की समय सीमा सोमवार रात को समाप्त होने वाली है. समिति की अगली बैठक 19-20 सितंबर को होने वाली है. संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि समिति ने किसी तरह का क्यू आर कोड जारी नहीं किया है. सूत्रों के अनुसार जेपीसी मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई, बैंगलुरु, अहमदाबाद के साथ-साथ देश के अलग-अलग कई शहरों का दौरा करेगी. वहां जाकर स्टेक होल्डर्स से बिल के बारे में सुझाव लिए जाएंगे. बता दें कि केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड की शक्तियों को लेकर वक्फ संशोधन बिल संसद में पेश किया था. इसके बाद बिल को संयुक्त संसदीय समिति के पास भेज दिया गया.
चार बैठकों के बाद जनता से समिति ने मांगे थे सुझाव
राजधानी लखनऊ पिछले हफ्ते में जुमे की नमाज के दौरान लोगों ने बिल का विरोध किया था. तब ईदगाह स्थित मस्जिद में मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने वक्फ की कमियों के बारे में दी जानकारी दी और खामियों को गिनाया था. तब कुछ नमाजियों ने क्यूआर कोड के जरिए विरोध दर्ज कराने की बात कही थी. जिस पर अब जेपीसी का कहना है कि उसने इसके लिए कोई क्यूआर कोड जारी नहीं किया है. अब जेपीसी इस बिल पर अलग-अलग स्टेक होल्डर और विशेष लोगों से बात कर उनकी राय ले रही है. जेपीसी की चार बैठकें हो चुकी हैं. इन बैठकों के बाद आम जनता से वक्फ संशोधन बिल को लेकर सुझाव मांगे गए थे.
समिति की पांचवीं बैठक 19 सितंबर को
समिति की पांचवीं बैठक 19 सितंबर को होनी है. जिसमें मुस्लिम समाज की राय और चिंताओं को जानने के लिए पटना के चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. फैजान मुस्तफा, पसमांदा मुस्लिम समाज के प्रमुख लोगों को भी बुलाया गया है. इसके अलावा इस बैठक में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रमुख लोग भी शामिल होंगे. वहीं संयुक्त संसदीय समिति की छठवीं बैठक 20 सितंबर को होनी है. इस बैठक के लिए ऑल इंडिया सज्जदानशीन काउंसिल, अजमेर के प्रमुख चिश्तियों, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के प्रमुख लोगों और भारत फर्स्ट, दिल्ली संगठन के लोगों को बुलाया गया है. पिछले हफ्ते लोकसभा सांसद तारिक अनवर की अगुवाई वाली ‘ऑल इंडिया कौमी तंजीम’ ने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर जेपीसी के सामने अपनी आपत्ति जताते हुए कहा था कि विधेयक का मकसद वक्फ बोर्डों को कमजोर कर मुस्लिम समुदाय के धार्मिक मामलों में दखल देना है. संगठन ने विधेयक के 20 बिंदुओं पर आपत्तियां दर्ज कराई थीं. बता दें कि संगठन ने जेपीसी के सामने वक्फ बोर्ड में कलेक्टर राज का भी विरोध किया था.
मोदी सरकार 18 सितंबर 2024 को एनपीएस वात्सल्य योजना लॉन्च करने वाली है. इसकी घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केन्द्रीय बजट 2024-25 में कर दी थी. वित्त मंत्रालय ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि लॉन्च इवेंट में स्कूली बच्चे भी शामिल होंगे. इस अवसर पर वित्त मंत्री एनपीएस वात्सल्य की सदस्यता लेने के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की शुरुआत करेंगी और योजना ब्रोशर भी जारी करेंगी. साथ ही नए नाबालिग ग्राहकों को परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर कार्ड डिस्ट्रिब्यूट करेंगी. बता दें कि एनपीएस वात्सल्य कार्यक्रम पूरे देश में लगभग 75 स्थानों पर एक साथ आयोजित किया जाएगा.
क्या है एनपीएस वात्सल्य योजना?
एनपीएस वात्सल्य मोदी सरकार की एक ऐसी योजना है जिसे बच्चों के वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने के लिए लाया गया है. वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा था कि इस पेंशन योजना में माता-पिता और अभिभावक अंशदान करेंगे और बच्चे के वयस्क होने पर इस योजना को सहज रूप से एक सामान्य एनपीएस खाते में बदला जा सकेगा. एनपीएस वात्सल्य लचीला योगदान और निवेश का विकल्प प्रदान करता है. जिससे माता-पिता बच्चे के नाम पर सालाना 1,000 रुपये तक का निवेश कर सकते हैं. यह योजना पेंशन फंड विनियामक और विकास प्राधिकरण के तहत चलाई जानी है.
कई फायदों का खजाना है एनपीएस-वात्सल्य योजना
एनपीएस-वात्सल्य योजना एक वित्तीय निवेश है. जिसे माता-पिता/अभिभावक अपने नाबालिग बच्चों की ओर से कर सकते हैं. जो उन्हें तब तक वित्तीय सहायता प्रदान करने का एक सार्थक तरीका है. जब तक कि वे स्वयं कमाई और निवेश करना शुरू नहीं कर देते. इसके अलावा इस योजना के कई अन्य फायदे भी हैं. जो इस प्रकार हैं-
कम उम्र में किया गया निवेश चक्रवृद्धि ब्याज का लाभ उठाकर समय पर पर्याप्त वृद्धि की अनुमति देता है.
बच्चे के पास रिटायर होने पर पर्याप्त उम्र तक एक बड़ा रिटायरमेंट फंड होगा.
कम उम्र में बच्चों में बचत की आदतों को बढ़ावा मिलेगा.
लंबी अवधि के लिए बजट के महत्व को समझने में बच्चों की सहायता होगी.
जब बच्चा 18 साल की उम्र तक पहुंचेगा तो खाते को आसानी से नियमित एनपीएस खाते में बदला जा सकेगा.
NPS में योगदान को कुछ आयकर प्रावधानों के तहत टैक्स कटौती योग्य होने की अनुमति देते हैं.
रिटायरमेंट पर कॉर्पस का एक हिस्सा टैक्स-मुक्त निकाला जा सकता है.
लोकसभा चुनाव 2024 में जनता किसको अर्श पर बिठाने वाली है। इसका जवाब तो सबको 4 जून को मिल ही जाएगा, लेकिन क्या आपको पता है कि अगर बीजेपी का परचम लहराया तो शेयर बाजार भी छलांग लगा सकता है। दरअसल शेयर मार्केट में इस बात की उम्मीद जताई जा रही है कि अगर मोदी सरकार फिर से सत्ता में आई तो कई शेयरों में तेजी देखने को मिल सकती है। वहीं ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए ने ऐसे 54 स्टॉक्स की पहचान की है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र में तीसरी बार सरकार बनने पर रॉकेट बन जाएंगे। खास बात यह है कि इनमें करीब 50 फीसदी स्टॉक्स सरकारी कंपनियों के हैं। इस लिस्ट में पूंजीगत खर्च और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी कंपनियों के ज्यादा शेयर हैं। सीएलएसए ने इन शेयरों को 'मोदी स्टॉक्स' नाम दिया है।
सरकार बनने की उम्मीद में चढ़ रहे हैं मोदी स्टॉक्स
इन 54 मोदी स्टॉक्स में तीसरी बार एनडीए की सरकार बनने की उम्मीद से पिछले कुछ समय से तेजी दिख रही है। पिछले छह महीनों में मार्केट में प्री-इलेक्शन रैली दिखी है। इस दौरान मोदी स्टॉक्स के 90 फीसदी शेयरों का रिटर्न निफ्टी से ज्यादा रहा है। ब्रोकरेज फर्म ने कहा है कि इन स्टॉक्स में तेजी का ट्रेंड जारी रहने की उम्मीद है। खासकर अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी बार सरकार बनती है तो ये स्टॉक्स रॉकेट बन जाएंगे।
पिछले दो लोकसभा चुनावों से दिख रहा ट्रेंड
मोदी स्टॉक्स की इस सूची में L&T, NTPC, NHPC, PFC, ONGC, IGL और Mahanagar Gas शामिल हैं। ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि इन कंपनियों को सरकार की मौजूदा पॉलिसी जारी रहने का फायदा मिलेगा। हालांकि, CLSA ने यह भी कहा है कि चुनावों से पहले दिख रही तेजी जून-जुलाई के अंत तक सुस्त पड़ सकती है। उसने यह भी कहा है कि सरकारी कंपनियों के स्टॉक्स में पूर्ण बजट पेश होने से पहले तेजी जारी रहेगी। CLSA ने कहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद निवेशकों का सामना 'सच' से होगा। पिछले दो लोकसभा चुनावों में इस तरह का ट्रेंड देखने को मिला है। तब चुनावों के नतीजों के बाद सरकारी कंपनियों के शेयरों में तेजी देखने को मिली थी। ब्रोकरेज फर्म ने यह भी कहा है कि FY25 की दूसरी छमाही में बैंकों में अच्छा रिस्क-रिवॉर्ड रेशियो दिख रहा है। इसकी वजह इंडियन इको नॉमी की ग्रोथ स्टोरी है। ग्रोथ स्टोरी की वजह से जिन बैंकिंग शेयरों में तेजी दिख सकती है, उनमें HDFC Bank, ICICI Bank, Axis Bank और IndusInd Bank शामिल हैं।
इन शेयरों में भी उछाल की संभावना
अमेरिका में इस साल इंटरेस्ट रेट में कमी की उम्मीद से बैंकों के स्टॉक्स का प्रदर्शन अच्छा रहा है। इधर, इंडिया में प्राइवेट बैंकों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। सीएलएसए ने कहा है कि मोदी स्टॉक्स के अलावा Ashok Leyland, UltraTech और L&T में तेजी की उम्मीद है। बजाज फाइनेंस, मैक्सफाइनेंशिनें यल्स, Zomato और DMart के स्टॉक्स अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। ब्रोकरेज फर्म ने Bharti Airtel, Indus Tower ओर Reliance Industries को अपनी पहली पसंद बताया है।
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December 17, 2022