इस बार दिलचस्प हुई "चौधराहट" की जंग, बीजेपी या सपा कौन दिखाएगा दम ?

मुजफ्फरनगर में मुस्लिम मतदाताओं का एक अहम हिस्सा है। देखा जाए तो एक समय था जब यहां मुस्लिम प्रत्याशियों की तूती बोलती थी। वहीं आज मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर एक भी मुस्लिम प्रत्याशी ने नामांकन नहीं किया है। इस सीट पर अलग-अलग समय में मुस्लिम प्रत्याशी जीतते रहे, लेकिन आज के हालात में न तो काई राजनीतिक दल और न ही कोई नेता निर्दलीय ही चुनाव लड़ना चाहता है। वहीं पहले चरण के तहत होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए मुजफ्फरनगर सीट पर नामांकन प्रक्रिया समाप्त हो गई है और सपा, बसपा और भाजपा सहित 11 प्रत्याशी मैदान में रह गए हैं। जिनमें एक भी मुस्लिम नहीं है।

किसी पार्टी ने नहीं खड़ा किया मुस्लिम प्रत्याशी
देखा जाए तो सबसे ज्यादा आश्चर्य की बात यह है कि किसी भी राजनीतिक दल ने मुस्लिम प्रत्याशी को खड़ा ही नहीं किया है। वहीं किसी मुस्लिम ने निर्दलीय भी चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं जताई। ये हालात तब हैं जब 18 लाख से अधिक मतदाताओं वाले मुजफ्फरनगर लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिम वोटर की संख्या छह लाख से अधिक मानी जाती है। मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से भाजपा ने डॉ. संजीव बालियान, सपा ने हरेन्द्र मलिक और बसपा ने दारा सिंह प्रजापति को प्रत्याशी बनाया है।

जिले की दोनों सीटों पर तीन बार दो-दो मुस्लिम नेता चुनाव जीते
मुजफ्फरनगर में कभी एक के बाद एक मुस्लिम नेता अलग-अलग पार्टियों से सांसद बने। यहां मुस्लिम राजनीति इतनी हावी रही कि जिले की दोनों यानी मुजफ्फरनगर और कैराना लोकसभा सीट (वर्तमान में शामली जनपद) पर तीन बार दो-दो मुस्लिम नेता चुनाव जीते। पहली बार 1967 में मुजफ्फरनगर से लताफत अली खां और कैराना से गय्यूर अली खां चुनाव जीते। दोनों मामा-भांजे थे। 1999 में मुजफ्फरनगर से सईदुज्जमा और कैराना से अमीर आलम खां चुनाव जीते। 2009 में मुजफ्फरनगर से कादिर राना और कैराना से तबस्सुम हसन चुनाव जीतीं।

लगातार 15 सालों तक रहा मुस्लिम सांसदों का बोलबाला
मुजफ्फरनगर सीट पर मुस्लिम प्रत्याशी की जीत की शुरुआत 1967 में सीपीआई के टिकट पर लताफत अली खां ने की और कांग्रेस के ब्रह्म स्वरूप को हराया। 1977 में लोकदल के सईद मुर्तजा ने कांग्रेस के वरुण सिंह को हराया। 1980 में जनता दल (एस) के गय्यूर अली खां ने कांग्रेस के नजर मोहम्मद को हराया। 1989 में कश्मीर से आए मुफ्ती मोहम्मद सईद ने जनता दल के टिकट पर कांग्रेस के आनंद प्रकाश त्यागी को हराया। सईद केंद्र की वीपी सिंह सरकार में गृहमंत्री बने। वहीं साल 1999 में कांग्रेस के सईदुज्जमां ने भाजपा के सोहनवीर सिंह को हराया। 2004 में सपा के मुनव्वर हसन ने भाजपा के ठाकुर अमरपाल सिंह को हराया। 2009 में बसपा के कादिर राना ने रालोद की अनुराधा चौधरी को हराया। यह सीट मुस्लिम राजनीति के लिए इतनी मुफीद साबित हुई कि 1999 से 2014 तक लगातार 15 साल तक यहां मुस्लिम सांसद रहे।

2013 के सांप्रदायिक दंगे के बाद मुस्लिम राजनीति में आया अंतर
मुजफ्फरनगर जिले में 2013 में हुए सांप्रदायिक दंगे के बाद मुस्लिम राजनीति में काफी अंतर आ गया है। 2014 के लोकसभा चुनाव में कादिर राना मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन हार गए। 2017 विधानसभा चुनाव में एक भी मुस्लिम विधानसभा चुनाव नहीं जीता। यही हाल 2022 में भी रहा। वर्ष 2022 के चुनाव में सपा-रालोद गठबंधन ने जिले की छह में से एक भी सीट पर मुस्लिम को टिकट नहीं दिया। शायद सभी राजनीतिक पार्टियों को समझ आ गया है कि कभी जहां पर मुस्लिम प्रत्याशियों की तूती बोलती थी अब वहां मुस्लिम प्रत्याशी को खड़ा करना पार्टी की हार का सबब बनेगा।

By Super Admin | April 11, 2024 | 0 Comments

मुजफ्फरनगर में झूठी शान में चूर पिता ने बेटी की गला रेतकर कर दी हत्या, पुलिस के सामने गर्व से किया गुनाह कबूल

पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर जनपद से एक शर्मशार कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां पिता ने ही बेटी की गला रेतकर हत्या कर दी और पुलिस के आने पर अपने गुनाह को गुरुर के साथ कबूल किया। गुनहगार ने बेटी को बस इसलिये गला रेतकर मौत के घाट उतार दिया, क्योंकि वो अपने प्रेमी से फोन पर बात करती हुई पकड़ी गयी थी। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौक़े पर पहुंची और शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया है। वहीं, पुलिस मामले की जांच मे जुटी है कि बाप ने घटनास्थल पर पहुंच कर पूरे घटना क्रम का कबूलनामा कर दिया। पुलिस ने आरोपी बाप को आलाक़त्ल छुरी के साथ मौक़े से गिरफ्तार कर लिया है और पूरे मामले की जांच मे जुट गयी है।

फोन पर कर रही थी प्रेमी से बात, तो गला रेतकर कर दी हत्या

दरअसल, मामला नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के कुकड़ा गांव का है। जहां गुरुवार की सुबह शाहिद नाम शख्स ( पिता) ने अपनी बेटी शहनुमा को गला रेतकर मौत के घाट उतार दिया और मौक़े से फरार हो गया। बेटी का कसूर केवल इतना था कि वो अपने प्रेमी से फोन पर बात करती थी। जो बाप को गवारा नहीं था। बार बार मना करने के बाद भी जब वह नहीं मानी, तो बाप ने इज्जत के खातिर उसे मौत के घाट उतार दिया।

हत्या के हुआ था फरार, फिर पुलिस के सामने आकर बताया घटनाक्रम

जब पुलिस को घटना की सूचना मिली। तो पुलिस मौके पर पहुंची और युवती के शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया। पुलिस अधिकारी जब मामले की जांच कर रहे थे, तभी आरोपी बाप शाहिद पुलिस के सामने पहुंच गया और पूरे घटनाक्रम को विस्तार से बताया। पुलिस ने आरोपी बाप को तत्काल छुरी के साथ गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच मे जुट गयी है।

By Super Admin | May 16, 2024 | 0 Comments

यूपी पुलिस का फरमान, कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाली दुकानों पर दुकानदार लिखें अपना नाम, जानिए इसके पीछे की वजह

सावन माह में 22 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा से पहले यूपी पुलिस ने एक ऐसा फरमान जारी कर दिया है, जिससे मुसलिम समाज में आक्रोश फैल गया है। इसके साथ ही विपक्ष भी विरोध पर उतर आया है। दरअसल, मुज्जफरनगर के एसपी ने कांवड़ मार्ग की सभी दुकानों पर मालिकों का नाम लिखने का आदेश जारी किया है। एसपी ने सभी दुकानदारों को निर्देश दिया था कि वो अपनी-अपनी दुकानों पर प्रोपराइटर या फिर काम करने वालों का नाम जरूर लिखें, जिससे कांवड़ियों में किसी प्रकार का कोई कंफ्यूजन न हो।

मुजफ्फरनगर में 240 किमी कांवड़ मार्ग
गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा का करीब 240 किलोमीटर का रूट पड़ता है। कावड़ मेले के दौरान शिव भक्त कावड़िए हरिद्वार हर की पौड़ी से गंगाजल उठाकर मुजफ्फरनगर से होते हुए अपने-अपने गंतव्य की ओर जाते हैं। इसी जिले से होते हुए कांवड़िए हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और यूपी के अलग-अलग जिलों में जाते हैं। इसी को लेकर एसएसपी ने निर्देश दिया था। पुलिस के निर्देश के बाद दुकानदारों ने अपने-अपने नाम के साथ किस चीज की दुकान है, उसका नाम लिखकर पोस्टर लगाने शुरू कर दिए हैं। किसी ने ठेले पर आरिफ आम वाला तो किसी ने निसार फल वाला की पर्ची लिखकर टांग ली है।

मुजफ्फरनगर के एसएसपी का आदेश
मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक सिंह ने बुधवार को कहा था कि जिले में 240 किलोमीटर का कांवड़ मार्ग है तो इसमें जितनी भी खाने-पीने की दुकानें हैं। होटल, ढाबे या ठेले से कांवड़ियां अपनी खाद्य सामग्री खरीद सकते हैं। उन सबको निर्देश दिए गए हैं कि अपने प्रोपराइटर या काम करने वालों के नाम जरूर लिखें। ताकि किसी प्रकार का कोई कंफ्यूजन किसी भी कावड़िया के अंदर ना रहे और ऐसी स्थिति न बने, जिससे कहीं कोई आरोप-प्रत्यारोप हो और बाद में कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो।


औवैसी ने फरमान को बताया हिटलरशाही
एसएसपी के इस निर्देश को लेकर AIMIM चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी भड़क उठे हैं. उन्होंने 'X' पर लिखा, " उत्तर प्रदेश पुलिस के आदेश के अनुसार अब हर खाने वाली दुकान या ठेले के मालिक को अपना नाम बोर्ड पर लगाना होगा ताकि कोई कांवड़िया गलती से मुसलमान की दुकान से कुछ न खरीद ले. इसे दक्षिण अफ्रीका में अपारथाइड कहा जाता था और हिटलर की जर्मनी में इसका नाम 'Judenboycott' था."

ऐसे आदेश सामाजिक अपराधः अखिलेश
वहीं, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विरोध जताते हुए एक्स पर लिखा है कि … और जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा? माननीय न्यायालय स्वत: संज्ञान ले और ऐसे प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जाँच करवाकर, उचित दंडात्मक कार्रवाई करे। ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं।

By Super Admin | July 18, 2024 | 0 Comments

कांवड़ यात्रा को लेकर मुजफ्फरनगर के बाद गौतमबुद्ध नगर DM का बड़ा फैसला, बंद किये क्लास 1 से 12th तक के स्कूल

पवित्र सावन मास की कांवड़ यात्रा को लेकर मुजफ्फरनगर के बाद गौतमबुद्ध नगर डीएम ने बड़ा फैसला लिया है. डीएम मनीष कुमार वर्मा ने कांवड़ यात्रा के चलते 2 अगस्त तक स्थानीय अवकाश घोषित कर दिया है. इस दौरान जिले के कक्षा 1 से लेकर 12 तक के सभी बोर्डों के सभी स्कूल बंद रहेंगे. वहीं आदेश का उल्लंघन किए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

शिवरात्रि जलाभिषेक के चलते 2 अगस्त तक छुट्टी घोषित
डीएम मनीष कुमार वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि पहले सावन मास की शिवरात्रि जलाभिषेक के चलते 2 अगस्त तक छुट्टी घोषित की गई है. इस दौरान यातायात संबंधी निर्देश यथावत रहेंगे. कांवड़ यात्रा के गुजरने के दौरान ट्रैफिक पुलिसकर्मी यातायात रोककर कांवड़ियों को रास्ता दिखाएंगे. ट्रैफिक से जुड़ी किसी भी प्रकार की असुविधा होने पर लोग हेल्पलाइन नंबर 9971009001, व्हाट्सएप नंबर 7065100100 और ट्विटर हैंडल @noidatraffic पर संपर्क कर सकते हैं.

By Super Admin | July 29, 2024 | 0 Comments

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