बंगाल की सीएम ममता बनर्जी चोटिल हो गई हैं. जिसकी जानकारी टीएमसी ने अपने X हैंडल पर दी है. टीएमसी ने लिखा कि हमारी चेयरपर्सन को गंभीर चोट आई है. उनके लिए दुआ कीजिए. इसके साथ ही सीएम ममता की एक तस्वीर भी सामने आई है, जिसमें उनके माथे से खून निकलता दिख रहा है. उन्हें कोलकाता के SSKM अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है. इसके पहले सामने आया था कि सीएम ममता अपने घर पर ट्रेड मिल पर वॉक करते समय गिर गईं थीं. हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है. इसके बाद अभिषेक बनर्जी उन्हें अस्पताल ले गए. बता दें कि सीएम ममता बनर्जी इसके पहले भी हादसे का शिकार हो चुकी हैं
जनवरी 2024 में हुईं थी सड़क हादसे का शिकार
आपको बता दें कि इसी साल जनवरी में ममता बनर्जी सड़क हादसे का शिकार हो गई थीं. उस दौरान वह बर्धमान से कोलकाता वापस लौट रही थीं. सूत्रों के मुताबिक बारिश की वजह से ममता बनर्जी कार से वापस लौट रही थीं. इसी दौरान धुंध की वजह से कार के ब्रेक लगाने के दौरान ममता बनर्जी के सिर में हल्की चोट लगी. जानकारी के अनुसार ममता बनर्जी के काफिले में एक अन्य कार के आने से.ड्राइवर को अचानक ब्रेक लगानी पड़ी. जिसकी वजह से उनके सिर में चोट लगी थी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बर्धमान जिले में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने गईं थीं. पहले उन्हे हेलीकॉप्टर से वापस आना था, लेकिन मौसम खराब होने के चलते उन्हें सड़क मार्ग चुनना पड़ा था.
27 जून 2023 को भी हुईं थीं हादसे का शिकार
साल 2023 जून में भी वह एक हादसे का शिकार हो गई थीं. यह दुर्घटना 27 जून को खराब मौसम के बाद सिलीगुड़ी के पास सेवोके एयरबेस पर उनके हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग के दौरान हुई थी. इससे पश्चिम बंगाल की सीएम और TMC प्रमुख ममता बनर्जी के बाएं पैर में चोट लग गई थी. तब उनके बाएं घुटने और पीठ में चोट लगी थी.
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने 2 अप्रैल को एक बड़ा फैसला किया। दरअसल बोर्ड ने आईपीएल में दो मैचों के शेड्यूल को बदल दिया है। जिसका असर कोलकाता नाइटराइडर्स, राजस्थान रॉयल्स, गुजरात टाइटंस और दिल्ली कैपिटल्स की टीमों पर पड़ेगा। वहीं बीसीसीआई ऐसा कोई फैसला ले सकता है इस बात के संकेत पहले ही मिल गए थे कि एक मैच के शेड्यूल में बदलाव हो सकता है,लेकिन बीसीसीआई ने एक साथ दो मुकाबलों की तारीखों में बदलाव करके सबको चौंका दिया है।
4 टीमों पर पड़ेगा शेड्यूल के बदलाव का असर
पहले 17 अप्रैल को कोलकाता के ईडन गार्डन्स में कोलकाता नाइटराइडर्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच मुकाबला होने वाला था लेकिन अब यह मैच इसी मैदान पर एक दिन पहले 16 अप्रैल को होगा। इस कारण 16 तारीख को पहले से तय मैच गुजरात टाइटंस और दिल्ली कैपिटल्स के बीच अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में अब 17 तारीख को होगा।
कोलकाता पुलिस की अपील पर किया बदलाव
आईपीएल के 17वें सीजन की शुरुआत 22 मार्च को हुई थी। अब तक 14 मुकाबले आयोजित हो चुके हैं। वहीं बीसीसीआई ने जिन दो मैचों के शेड्यूल को बदला है उसका संबंध सीधे सुरक्षा से है। 17 अप्रैल को रामनवमी है, इस दिन कोलकाता में केकेआर और राजस्थान के बीच मैच होना था। रामनवमी को देखते हुए कोलकाता पुलिस ने इस दिन सुरक्षा देने से इनकार कर दिया और कोलकाता पुलिस ने आईपीएल के अधिकारियों से किसी दूसरे दिन मैच को आयोजित करने की अपील की। जिसे बीसीसीआई ने मान लिया और मुकाबले को 16 अप्रैल के दिन कराने पर सहमति बनीष इसी कारण बीसीसीआई ने 16 अप्रैल को होने वाले गुजरात और दिल्ली के मैच को एक दिन आगे बढ़ा दिया। अब यह मैच 17 अप्रैल को होगा।
Greater Noida West: कोलकाता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल महिला जूनियर डॉक्टर के साथ गैंगरेप और उसकी हत्या को लेकर पूरे देश में महिलाओं ने आक्रोश व्यक्त किया है। इसी कड़ी में ग्रेटर नोएडा वेस्ट में भी महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया। 15 अगस्त की रात लगभग 11:30 बजे अलग-अलग उम्र की लगभग 50 महिलाएं विरोध मार्च में भाग लेने के लिए गौर सिटी 1 में एकत्र हुईं। उनकी आवाजें गुस्से और निराशा से भरी थीं। महिलाओं ने पीड़ित के लिए न्याय और अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी और कड़ी सजा की मांग की।
क्रूरता के सामने चुप नहीं रहेंगी
गौर सिटी 1 में कल रात इकट्ठा हुई महिलाओं ने कहा कि वे ऐसी क्रूरता के सामने चुप नहीं रहेंगी। उनकी आवाज़ें, भारत भर में कई अन्य लोगों की आवाज़ों के साथ यह याद दिलाती हैं कि महिलाओं की सुरक्षा और आज़ादी की लड़ाई अभी ख़त्म नहीं हुई है। एक ऐसे देश में जो अपनी आज़ादी का जश्न मनाता है, सवाल यह है कि क्या उसकी महिलाएँ सचमुच आज़ाद हैं?
स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रही महिलाएं
मार्च में भाग लेने वाली सुधृति दत्ता ने मेडिकल छात्रा की माँ होने के नाते अपनी बेटी की सुरक्षा के लिए अपने डर को साझा किया। उन्होंने कहा कि आजादी के इतने वर्षों के बावजूद भारत में महिलाएं अभी भी वास्तव में स्वतंत्र महसूस करने के लिए संघर्ष कर रही हैं, क्योंकि उनकी सुरक्षा एक सतत चिंता बनी हुई है।
Noida: कोलकाता मेडिकल कॉलेज में रेजिडेंट महिला डॉक्टर से रेप और हत्या के बाद पूरे देश में डॉक्टर्स हड़ताल पर चल रहे हैं। इसी विरोध प्रदर्शन की आंच नोएडा में भी पहुंच चुकी हैं। नोएडा के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में डॉक्टर विरोध जताते हुए धरने पर बैठ गए हैं। हड़ताल के कारण जिम्स की ओपीडी बंद हो गई। इसकी वजह से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। हालांकि, इमरजेंसी सेवाएं चालू है।
मांगें पूरी नहीं होने तक जारी रहेगा हड़ताल
जिम्स में धरने पर बैठे डॉक्टरों ने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं न केवल चिकित्सा समुदाय की सुरक्षा को खतरे में डालती हैं। वहीं, मेडिकल क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों के मनोबल को भी गिराती हैं। जब तक दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। एक महिला डॉक्टर ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द आवश्यक कदम उठाए और चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा बढ़ाई जाए। यदि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती तो वे आगे की रणनीति पर विचार करेंगे।
मायूस होकर लौटे मरीज
डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से सुबह इलाज कराने पहुंचे सैकड़ों मरीजों निराश होकर वापस लौटना पड़ा। हालांकि, डॉक्टरों ने आश्वासन दिया कि इमरजेंसी सेवाओं में कोई भी कमी नहीं आने दी जाएगी। गंभीर मरीजों को तत्काल उपचार किया जाएगा।
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में एक बड़ा ट्रेन हादसा हो गया है। जहां पर अब-तक 15 लोगों के शव बरामद किए गए हैं, जिसमें दो लोको पायलट और एक गार्ड भी शामिल है। साथ ही 60 से ज्यादा लोग घायल है। सुबह करीब 9 बजे एक मालगाड़ी ट्रेन ने कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी। हादसे में कंचनजंगा एक्सप्रेस के 3 डिब्बे बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।
सिग्नल देख रुकी गाड़ी, पीछे से मालगाड़ी ने मारी टक्कर
कंचनजंगा एक्सप्रेस अगरतला से पश्चिम बंगाल के सियालदह जा रही थी। एक्सप्रेस ट्रेन सिलीगुड़ी के रंगापानी स्टेशन के पास रुइधासा में रेड सिग्नल की वजह से रुकी हुई थी। इसी दौरान पीछे से आ रही मालगाड़ी ने टक्कर मार दी। अभी ये बताया जा रहा है कि मालगाड़ी के पायलट ने सिग्नल को अनदेखा किया, जिसकी वजह से ये बड़ी दुर्घटना हुई है।
जारी है रेस्क्यू ऑफरेशन
कंचनजंगा एक्सप्रेस और मालगाड़ी की टक्कर बेहद भीषण थी। इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि मालगाड़ी के इंजन पर एक्सप्रेस ट्रेन का एक डिब्बा हवा में लटक रहा है। अन्य दो डिब्बे पटरी से उतर गए। रेस्क्यू ऑपरेशन में NDRF और SDRF समेत रेलवे और बंगाल के अधिकारी भी लगे हुए हैं। नॉर्थ-ईस्ट फ्रंटियर रेलवे के CPRO सब्यसाची दे ने कहा- जिस ट्रैक पर हादसा हुआ है, उसे रात तक चालू कर दिया जाएगा। डाउन कंचनजंगा एक्सप्रेस भी रात में चलेगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव दिल्ली से दार्जिलिंग के लिए रवाना हो गए हैं।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और सीएम ममता बनर्जी ने जताया दुख
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घटना को लेकर ट्वीट किया और लिखा- नॉर्थ-ईस्ट फ्रंटीयर (NFR) जोन में हादसा दुखद है। रेस्क्यू ऑपरेशन युद्ध स्तर पर जारी है। रेलवे, NDRF और SDRF मिलकर काम कर रहे हैं। घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।
ममता बनर्जी ने भी एक्स पर लिखा कि, अभी अभी दार्जिलिंग जिले के फांसीदेवा क्षेत्र में एक दुखद रेल दुर्घटना की खबर सुनकर स्तब्ध हूं। अभी और जानकारी की प्रतीक्षा की जा रही है। कंचनजंगा एक्सप्रेस मालगाड़ी से टकरा गई। सहायता के लिए डीएम, एसपी, डॉक्टरों, एम्बुलेंस और आपदा टीमों को घटनास्थल पर भेजा गया है। युद्धस्तर पर बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है।
आपको बता दें, कंचनजंगा एक्सप्रेस एक डेली ट्रेन है। यह बंगाल को पूर्वोत्तर के शहरों सिलचर और अगरतला से जोड़ती है। यह मार्ग चिकन नेक कॉरिडोर में है, जो पूर्वोत्तर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है। एक्सीडेंट की वजह से कई ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। कंचनजंगा एक्सप्रेस का इस्तेमाल अक्सर पर्यटक दार्जिलिंग की यात्रा के लिए करते हैं।
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर के रेप और हत्या को लेकर पूरे देश में आक्रोश है. कोलकाता के साथ ही जगह-जगह इस घटना के विरोध में प्रदर्शन किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में आईएमए ग्रेटर नोएडा के आह्वान पर शनिवार सुबह छह बजे से शहर के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी और आइपीडी सेवाएं बंद रहेंगी. इस दौरान 24 घंटे के लिए ये सेवाएं बंद की जाएंगी. वहीं इस दौरान सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं ही संचालित रहेंगी.
चिकित्सा समुदाय से विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील
इस विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य पीड़ित के लिए त्वरित न्याय, देशभर में चिकित्सा पेशेवरों के लिए सख्त सुरक्षा उपाय और सुरक्षात्मक नीतियों के तत्काल कार्यान्वयन की मांग करना है. आईएमए ग्रेनो अध्यक्ष डॉ. विनीत त्यागी और सचिव सेक्रेटरी डॉ. अभिसार कटियार ने बताया कि चिकित्सा समुदाय से इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की गई है. उन्होंने बताया कि शनिवार देर शाम कैंडल मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन भी किया जाएगा. राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भी ओपीडी और आइपीडी सेवाएं बंद रहेंगी.
घटना के बाद से पूरे देश के डॉक्टरों में नाराजगी
बता दें कोलकाता के आर के जी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी. इस घटना के बाद से ही पूरे देश के डॉक्टरों में नाराजगी है. कोलकाता के डॉक्टरों ने शुक्रवार को हड़ताल की घोषणा की और देश के सभी डॉक्टरों से हड़ताल में शामिल होने का आग्रह किया था. जिसके बाद हड़ताल कर काला दिवस मनाने की घोषणा की गई थी. डॉक्टर द्वारा मांग की जा रही है कि केंद्रीय सुरक्षा कानून लागू हो, कार्यस्थल पर डॉक्टर को हिंसा से बचने के लिए कानून बने. साथ ही इस घटना में शामिल आरोपियों को जल्द से जल्द कड़ी सजा मिले.
कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। शनिवार को नोएडा में इंडियन मेडिकल असोसिएशन (IMA) के छात्र-छात्राओं ने डॉक्टरों ने साथ मिलकर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में डॉक्टरों ने मांग रखी कि मेडिकल क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं और छात्राओं को बेहतर सुरक्षा प्रदान की जाए। साथ ही विरोध प्रदर्शन के दौरान डॉक्टर्स की तरफ से ये बात साफ की गई कि किसी प्रकार की इमरजेंसी सुविधा में कोई चूक नहीं हो रही है।
कोलकाता महिला डॉक्टर रेप को लेकर नोएडा में डॉक्टर्स का प्रदर्शन
कोलकाता में महिला डॉक्टर संग रेप और हत्या मामले के विरोध में शनिवार को नोएडा के निजी और सरकारी हॉस्पिटल हड़ताल पर हैं। इंडियन मेडिकल असोसिएशन के आव्हान के बाद डॉक्टर की टीम ने विरोध प्रदर्शन किया है। इस दौरान डॉक्टर्स ने जोर-जोर से नारे लगाए। हाथ में पोस्टर लेकर महिला डॉक्टर्स ने सख्त नियम और सख्त सजा की मांग की। मौजूदा लोगों ने मोबाइल फोन की टॉर्च जलाकर भी अपना विरोध जाहिर किया।
विरोध प्रदर्शन से मरीजों को हो रही दिक्कत
इस प्रदर्शन के चलते नोएडा में सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल्स में मरीजों को ईलाज न मिलने की वजह से परेशानी उठानी पड़ रही है। हालांकि डॉक्टर महेश शर्मा ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि इमरजेंसी में आने वाले किसी भी रोगी के ईलाज में किसी भी प्रकार की चूक नहीं हो रही है।
‘भविष्य में न हो घटना, इसलिए बनें सख्त नियम’
सांसद नोएडा डॉक्टर महेश शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि इंडियन मेडिकल असोसिएशन के आव्हान पर ये विरोध प्रदर्शन हो रहा है। साथ ही उन्होंने आगे कहा कि ‘आजादी के 75 वर्ष के बाद एक ऐसे मेडिकल कॉलेज में, जिस कॉलेज की अपनी एक पहचान रही है। कहीं न कहीं चूक हुई, जिसकी वजह से ये वीभत्स घटना हुई है। सरकार से मांग करते है सख्त से सख्त सजा मिले। भविष्य को लेकर ऐसे कानून बनाएं जाएं, ताकि ऐसी घटना न हो’।
भविष्य के लिए नियमों की मांग
प्रदर्शन में शामिल डॉक्टर्स की मांग है कि सुरक्षा की दृष्टि से नियमों को सख्त किया जाए, खासकर महिला डॉक्टर्स की सुरक्षा के लिए। साथ ही कोलकाता में हुई निर्दयी घटना के ऊपर सख्त से सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।
ग्रेनो के नॉलेज पार्क के शारदा अस्पताल में कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के रेप और हत्या के मामले को लेकर डॉक्टरों में आक्रोश है। मामले को लेकर डॉक्टरों ने शनिवार को विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की अगुवाई में रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन एमबीबीएस के इंटर्नशिप डॉक्टरों और छात्रों के साथ मिलकर शांतिपूर्वक पैदल मार्च निकाला। इस दौरान लगभग 300 डॉक्टर समेत छात्र मौजूद रहे।
घटना हमारे समाज के लिए निराशाजनक- डॉ. विश्वानी
शारदा अस्पताल के आरडीए रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ. विश्वानी ने कहा कि पैदल मार्च कर विरोध जताने का हमारा उद्देश्य पीड़ित को जल्द से जल्द न्याय दिलाना है। साथ ही भारत में डॉक्टरों के लिए सख्त सुरक्षा नियम और नीतियों को तत्काल कार्यान्वयन की मांग करना है। यह घटना हमारे समाज के लिए निराशाजनक बात है। जहां डॉक्टरों को भगवान माना जाता है और उसके साथ ऐसी घटना हो जाती है। यह मानवता के खिलाफ किया गया अपराध है। यह काम करने वाली जगहों पर महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे से जुड़ा है। डॉक्टर और नर्स इस बात से चिंतित हैं कि वो अस्पताल में सुरक्षित नहीं हैं, उनके परिवार के लोग भी चिंतित हैं।
"महिलाओं के साथ हो रहे अन्याय पर सबको आवाज उठानी होगी"
शारदा अस्पताल के (आरडीए) रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन की उपाध्यक्ष ने बताया कि पैदल मार्च के दौरान ओपीडी सेवा बंद रही। अस्पताल में मरीजों को कोई परेशानी न हो इसके लिए इमरजेंसी और रेडियोलॉजी सेवाएं संचालित रही। इसके लिए हमने अलग से डॉक्टरों की टीम बनाई है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ जो अन्याय हो रहा है हम सबको एक साथ होकर आवाज उठानी होगी। देश भर के सभी अस्पतालों को हवाई अड्डों की तरह सुरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाना चाहिए, ताकि डॉक्टर बिना किसी डर के काम कर सकें।
प्रदर्शन में मौजूद रहे डॉक्टर्स
इस दौरान अस्पताल के एमएस राममूर्ति शर्मा, हेड इंटरनल मेडिसिन एके गड़पायले, स्त्री रोग विभाग डॉ. समता गुप्ता, डॉ. अर्चना मेहता,डॉ. रुचि श्रीवास्तव , नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. जेएल गोयल, रेडियोलॉजी विभाग के हेड डॉ. विशाल गुप्ता, सर्जरी विभाग के डॉ. विक्रम चौहान, डॉ. भूमेश त्यागी, डॉ. श्रेय श्रीवास्तव , समेत अन्य विभागों के एचओडी मौजूद रहे।
ग्रेटर नोएडा में कोलकाता कांड को लेकर डॉक्टरों में काफी आक्रोश है. इस घटना के विरोध में डॉक्टरों कैंडल मार्च निकाला. ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर डॉक्टरों ने मार्च निकाला है. डॉक्टरों की मांग है कि पीड़ित को न्याय और हत्यारे को फांसी की सजा दी जाए. डॉक्टरों का ये मार्च दादरी में रेलवे रोड से लेकर मुख्य तिराहे तक निकाला गया.
बलात्कार हुआ है सजा मिले, मौत मिले, बात खतम- डॉक्टर
डॉक्टर दुर्वेश रावल ने कहा कि लोग कहते हैं कि लड़कियों को छोटे कपड़ नहीं पहनने चाहिए. डॉक्टर ने गाउन पहना था, ओटी ड्रेस पहनी थी या एप्रेन पहना था जो भी पहना था. बलात्कार तो फिर भी हुआ ना. क्यूं कहते हैं लोग लड़कियों को छोटे कपड़े नहीं पहनने चाहिए. लड़कियों को रात में नहीं निकलना चाहिए. दिन में बलात्कार हुआ अब उसकी क्या गलती है. लड़कियां कहीं भी सेफ नहीं है. चाहें वो डॉक्टर हों, नॉर्मल लड़की हो या कोई भी हो. इसलिए ऐसे लोगों को कोई हक नहीं बनता लड़कियों पर उंगली उठाने का जो आज इस जगह नहीं खड़े हुए हैं. क्यों होगी जांच, बलात्कार हुआ है सजा मिले, मौत मिले, बात खतम. कोई सीबीआई जांच नहीं कुछ नहीं होना चाहिए.
ऐसे बलात्कारियों को फांसी की सजा दी जाए- डॉक्टर
डॉक्टर प्रमित तोंगड़ ने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारे देश में कहीं भी किसी भी अस्पताल में डॉक्टरों को पूरी सेफ्टी मिले. जैसा आज कोलकाता में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुआ है. ऐसा आगे कभी ना हो. सरकार इसके खिलाफ ऐसे कड़े से कड़े कदम उठाए कि हर डॉक्टर चाहें वो मेल हो या फीमेल सबको सेफ्टी मिले. साथ ही ऐसे बलात्कारियों को फांसी की सजा दी जाए. वहीं डॉक्टर रविंद्र नागर का कहना है कि बलात्कारियों को फांसी दो. कोलकाता में जो घटना घटित हुई है उसके कारण डॉक्टर आज सेफ नहीं हैं. जो लोगों की सेफ्टी करते हैं वो खुद आज सेफ नहीं हैं.
कोलकाता रेप मर्डर केस को लेकर देश भर में गुस्सा देखने को मिल रहा है। कई क्रिकेटर्स ने इस मामले में पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। सूर्यकुमार यादव ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट करके कोलकाता रेप और मर्डर केस पर प्रतिक्रिया दी है। सूर्यकुमार यादव ने सोशल मीडिया पर बच्चों को शिक्षित करने की सलाह दी है।
सूर्यकुमार यादव ने कोलकाता केस पर किया पोस्ट
भारतीय क्रिकेट के नए टी-20 कप्तान सूर्यकुमार यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर कोलकाता केस रिएक्शन दिया। उन्होंने पहले लिखा, ''अपनी बेटियों की सुरक्षा करें।'' सूर्या ने इस लाइन को काटा। इसके बाद लिखा, ''अपने बेटों को शिक्षित करें। अपने भाइयों, अपने पिता, अपने पति और अपने दोस्तों को शिक्षित करें।''
मोहम्मद सिराज और श्रेयस अय्यर ने जाहिर किया था गुस्सा
सूर्यकुमार यादव से पहले तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने भी कोलकाता केस पर रिएक्शन दिया था और अपना गुस्सा जाहिर किया था। मोहम्मद सिराज ने देश के अलग-अलग हिस्सों में महिलाओं के दुष्कर्म पर समाचार रिपोर्टों की सुर्खियों का एक कोलाज साझा किया और फिर लिखा "इस बार आपके पास क्या बहाना है या क्या यह अभी भी उसकी गलती है, क्योंकि पुरुष तो पुरुष ही रहेंगे, है ना?"
हरभजन सिंह ने लिखा लेटर
महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के मामले पर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व स्पिनर हरभजन सिंह ने भी अपनी आवाज़ उठाई और सीएम ममता बनर्जी और राज्यपाल को पत्र लिखा। हरभजन सिंह ने लिखा "कोलकाता रेप और हत्या की पीड़िता को न्याय में देरी पर गहरी पीड़ा के साथ, जिसने हमारी अंतरात्मा को झकझोर रख दिया, मैंने पश्चिम बंगाल की माननीय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और माननीय राज्यपाल को यह आग्राह करते हुए लिखा कि तेजी से और निर्णायक तरीके से काम किया जाए।"
आगे हरभजन सिंह ने लिखा, "महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान से समझौता नहीं किया जा सकता। इस जघन्य अपराध के अपराधियों को कानून की पूरी सजा का सामना करना होगा और सजा उदाहरण बनाने वाली होनी चाहिए। सिर्फ इसी तरह हम अपने सिस्टम में विश्वास बहाल करना शुरू कर सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि ऐसी घटना दोबारा न हो और हम एक ऐसा समाज बनाएं जहां हर महिला सुरक्षित और संरक्षित महसूस करे। हमें खुद से पूछना चाहिए- अगर अभी नहीं तो कब? मुझे लगता है, अब एक्शन का समय आ गया है।"
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