Noida: सेक्टर 137 फेलिक्स अस्पताल की ओर से शुक्रवार को विश्व हृदय दिवस पर वॉकथॉन का आयोजन किया गया। जिसमें सोसाइटी में रहने वाले लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लेकर दिल को स्वस्थ रहने के प्रति जागरूकता का संकल्प लिया । सुबह 6 बजे से शुरू हुए इस कार्यक्रम में भाग लेने वालों को अस्पताल के तरफ से टीशर्ट के साथ-साथ नाश्ता भी वितरित किया गया।
फेलिक्स अस्पताल के चेयरमैन डॉ. डी.के गुप्ता ने कहा कि तनाव, नशा, और खराब जीवन शैली से लोगों को दिल की बीमारी हो रही है। अब हार्ट अटैक ने आयु सीमा का बैरियर भी तोड़ दिया है। 30 से 40 वर्ष के लोगों में हार्ट अटैक की शिकायत बढ़ गई है। जिस में व्यायाम करते, नाचते-गाते, चलते हुए अचानक मौत होने के कई मामले इन दिनों तेज़ी से सामने आ रहे हैं। खड़े-खड़े व्यक्ति मौत के मुंह में समा रहा है। लोगों के दिल कमज़ोर हो रहे हैं। दिल पर दबाव अधिक होते ही सांस फूलने लगती है। थोड़ा भी उत्साह वह झेल नहीं पा रहे। खड़े-खड़े हृदयगति रुक जा रही है। खासतौर से युवाओं में ऐसे मामले बढ़े हैं।
2 साल में हार्ट अटैक के मामले बढ़े
डॉ. डी.के गुप्ता ने कहा कि हृदय को स्वस्थ रखने की महत्ता के प्रति समाज को जागरूक रखने के लिए ही हर वर्ष 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस का आयोजन किया जाता है। बीते 2 साल में हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं। मरीजों की मृत्यु तक हो रही है। ज़रूरी है कि युवा जिम जाने से पहले अपने हृदय का चेकअप अवश्य करा लें। हार्ट अटैक की बीमारी पहले 50 से 70 वर्ष की अविधि में होती थी। लेकिन कोविड-19 के बाद से ट्रेंड बदला है। अब 100 मरीजों में से आधे मरीज 30 से 50 वर्ष की आयु वाले पहुंच रहे हैं। जांच में किसी का हृदय बीमार होता है, किसी के हृदय की मांसपेशियों में दिक्कत होती है, किसी के ब्लॉकेज हैं। शेष मरीज 50 वर्ष की आयु के ऊपर वाले आते हैं।
हृदय संबंधी परेशानियां होने पर तुरंत कराएं जांच
डॉ. डी.के गुप्ता ने कहा कि कोविड के बाद से अधिकांश मरीजों के एचएस-सीआरपी में बड़ा बदलाव देखा जा रहा है। यह भी हार्ट अटैक का बहुत बड़ा कारण माना जा रहा है। हार्ट अटैक के पीछे - स्मोकिंग, व्यस्त जीवन शैली के कारण अनियमित आहार, जंक फूड खाना, या अधिक मसालेदार भोजन दिल के दौरे का प्रमुख कारण हैं । हृदय संबंधी परेशानियां होने पर मरीजों को शुरुआत में ही संकेत मिलने लगते हैं। जिन्हें लंबे समय तक वह नजरंदाज करते हैं। बीपी का घटना-बढ़ना, सांस फूलना, छाती में दर्द, पल्स का कम ज्यादा होना, चक्कर आने जैसे लक्षणों को लोग गंभीरता से नहीं लेते। हृदय कमजोर होता जाता है। पंपिंग भी कम होने लगती है। किसी तीव्र गतिविधि के दौरान हृदय पर जोर पड़ता है और एकाएक व्यक्ति की मौत हो जाती है।
हैवी वर्कआउट और वेट लिफ्टिंग खतरनाक
डॉ. डी.के गुप्ता ने कहा कि युवाओं में कठोर मांसपेशियों युक्त बॉडी बनाने का क्रेज़ बहुत तेजी से उफान मार रहा है। वह घंटों जिम में कसरत कर रहे हैं। साथ ही कीटो डाइट भी उनकी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गई है। यही दोनों चीजें उनके दिल की मुश्किलें बढ़ा रही हैं। मसल्स बनाने का जुनून लेकर कड़ी कसरत करने वाले युवाओं में अचानक हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं। हैवी वर्कआउट एवं वेट लिफ्टिंग से दिल की मांसपेशियों का मोटा होना खतरनाक साबित हो रहा है और शरीर पर लगातार नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। धमनियों में खून का प्रवाह रुकने से अचानक हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं। जिम जाने के साथ स्टेराइड युक्त प्रोटीन का सेवन इसका मुख्य कारण है।
ये हैं कमजोर दिल के लक्षण
सांस लेने में दिक्कत, जल्दी थकना, सांस फूलना, सीने में दर्द, जलन, सिर घूमना, पेट और सीने में एक साथ दर्द होना, बीपी बढ़ना / घटना.
इन बातों का रखें ख़ास ध्यान
प्रतिदिन व्यायाम और योग करें, तनाव मुक्त रहें, रेशेदार भोजन करें, फास्ट फूड और तैलीय भोजन खाने से बचें, कोलेस्ट्रॉल, बीपी, शुगर, वेट नियंत्रित रखें, सिगरेट, तंबाकू और अल्कोहल का प्रयोग बिल्कुल न करें, हर 6 माह के अंतराल पर हार्ट से संबंधित जरूरी जांच कराते रहें ।
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा में MCA की छात्रा की हार्टअटैक से मौत हो गई। अलीगढ़ की रहने वाली 22 वर्षीय छात्रा गलगोटिया कॉलेज में MCA के प्रथम साल में पढ़ाई कर रही थी।
जानकारी के मुताबिक मंगलवार को थाना नॉलेज पार्क पर कैलाश हॉस्पिटल से मेमो के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई कि क्लीन ब्रिज हॉस्टल में रहने वाली एक मुस्कान शर्मा निवासी अलीगढ़ को हार्ट अटैक आया है।
हार्ट अटैक आने के बाद हॉस्टल के प्रशासन ने छात्रा को अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां पर उसकी मृत्यु हो गई। वहीं, मृतका मुस्कान के परिजनों के द्वारा बताया गया था कि पहले भी इसको हार्ट अटैक आ चुका था। इससे पहले मृतका की हार्ट सर्जरी भी हुई थी। पुलिस द्वारा मौके पर पहुंचकर पंचायतनामा भरकर अग्रिम वैधानिक कार्रवाई की जा चुकी है।
Noida: इस समय बच्चे और युवाओं की हार्ट अटैक से लगातार मौत हो रही है। इसी कड़ी में नोएडा में क्रिकेट खेलते समय एक युवक की हार्ट अटैक से मौत हो गई। रविवार को यह घटना सेक्टर-135 स्थित क्रिकेट ग्राउंड में हुई। एक्सप्रेसवे कोतवाली पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर जांच शुरू कर दी है।
उत्तराखंड का मूल निवासी था मृतक
पुलिस के मुताबिक, उत्तराखंड निवासी विकास (36) परिवार के साथ दिल्ली में रहते थे। विकास नोएडा की एक कंपनी में इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे। रविवार को विकास अपने साथियों के साथ सेक्टर-135 स्थित क्रिकेट ग्राउंड में क्रिकेट मैच खेल रहे थे।
अस्पताल पहुंचने से पहले हो गई थी मौत
विकास बैटिंग करते समय रन लेने के लिए दौड़े। तभी अचानक बेहोश होकर नीचे गिर गए। मौजूद साथियों ने विकास को नजदीक के जेपी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। अस्पताल के चिकित्सकों ने हार्ट अटैक से इंजीनियर की मौत की आशंका जताई है।
पुलिस को पीएम रिपोर्ट का इंतजार
प्राथमिक जांच में पता चला है कि कोविड काल में विकास कोविड से संक्रमित हुए थे। कोतवाली एक्सप्रेसवे थाना पुलिस ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद मौत के असली कारणों का पता चलेगा।
'भाईयो और बहनों...' रेडियो पर जब ये आवाज गूंजती तो सब ध्यान से सुनने लगते थे, लेकिन अब ये आवाज सदा के लिए थम गई है, क्योंकि आवाज के जादूगर अमीन सयानी ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। उन्होंने 91 साल की उम्र में अंतिम सांस ली।
तीन दशकों तक गूंजती थी रोज आवाज
वो दौर जब मनोरंजन के बहुत कम हुआ करते थे तो लोग मन बहलाने के लिए रेडियो के ही भरोसे रहते थे और उनके एंटरटेनमेंट का जिम्मा आवाज के जादूगर अमीन सयानी के सिर होता था। 50 से 80 के दशक का सबसे हिट रेडियो प्रोग्राम 'बिनाका गीतमाला' उनकी आवाज के बिना तो कोई सोच भी नहीं सकता। अपने इस प्रोग्राम की ब्रॉकास्टिंग के दौरान अमीन सयानी ने कई दिग्गज कलाकारों के इंटरव्यू लिए और उनकी फिल्मों और गानों को प्रमोट किया। लेकिन अपने ही जिगरी दोस्त किशोर कुमार का इंटरव्यू लेने में उन्हें सालों लग गए। इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने किशोर की किसी फिल्म और गाने तक को प्रमोट नहीं किया।
मन में सिंगर बनने की थी इच्छा थी
अमीन ने अपनी इस ख्वाहिश का जिक्र इंडस्ट्री के महान कलाकार रहे किशोर कुमार से भी किया था। अमीन की पहली पत्नी रूमा गुहा की फर्स्ट कजिन ने उन्हें किशोर दा से मिलवाया था। ये 50 के दशक से भी पहले की बात है। तब अमीन सिंगर बनना चाहते थे।
8 साल तक अमीन और किशोर दा नहीं मिले
अमीन ने एक इंटरव्यू में बताया था ’कि एक बार किशोर दा ने उन्हें मिलने बुलाया था और अमीन वहां अपनी बड़ी सी रिकॉर्डिंग मशीन को लेकर पहुंच गए, लेकिन प्रोड्यूसर ने मुझे गेट पर ही रोक दिया। उन्होंने बहुत ही हिचकते हुए मुझे बताया कि ''किशोर ने मुझे कॉल कर के कहा कि वो मेरी फिल्म की शूटिंग के लिए स्टूडियो पर तभी आएंगे जब मैं आकर चला जाऊंगा।'' मुझे इतना गुस्सा आया कि खून सवार हो गया था। मैं इतना दुखी था, टूटा हुआ महसूस कर रहा था। फिर मैंने तय कर लिया कि मैं उनसे कभी इंटरव्यू के लिए नहीं कहूंगा। मैंने उनसे मिलना बंद कर दिया। इस बात को 8 साल बीत गए थे।’
19,000 जिंगल्स के लिए अमीन ने दी थी आवाज
अमीन सयानी ने नाम पर 54,000 से ज्यादा रेडियो कार्यक्रम प्रोड्यूस/ वॉयसओवर करने का रिकॉर्ड दर्ज है। उन्होंने तकरीबन 19,000 जिंगल्स के लिए आवाज दी है, इसके लिए अमीन का नाम लिम्का बुक्स ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है। वो रेडियो सीलोन, विविध भारती से लेकर ऑल इंडिया रेडियो तक के लिए प्रोग्राम कर चुके हैं। अमीन की शुरुआत अंग्रेजी प्रेजेंटर से हुई थी, लेकिन फिर बाद में उन्होंने हिंदी में दक्षता हासिल की और खूब नाम कमाया.
बांदा जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मौत हो गई है। मुख्तार को जेल में हार्ट अटैक आने ने बाद मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। हालत गंभीर होने के बाद उसे पहले आईसीयू में फिर सीसीयू में भर्ती कराया गया था। वहीं मुख्तार अंसारी की मौत से जुड़ी खबर आने के बाद मऊ और गाज़ीपुर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। आपको बता दें कि जेल में बेहोश होने के बाद मुख्तार अंसारी को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 9 डॉक्टरों की टीम लगातार उसकी सेहत पर नजर बनाए हुई थी लेकिन उनकी सेहत में कोई सुधार नहीं हो रहा था।
मुख्तार अंसारी को रात करीब नौ बजे दिल का दौरा पड़ा
मुख्तार अंसारी को रात करीब नौ बजे दिल का दौरा पड़ा था और वो बेहोश हो गया था. इसके बाद उसे आनन-फानन में तुरंत मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. ये खबर आने के बाद मुख्तार का परिवार गाजीपुर से बांदा के लिए निकल गया है. मामले की गंभीरता को देखते बांदा जेल की भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सिंह ने दावा किया है कि मुख्तार अंसारी से किसी को भी मिलने नहीं दिया जा रहा था.
कोर्ट में जहर देने को लेकर दिया जा चुका प्रार्थना पत्र
इससे पहले मंगलवार को रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. उसे स्टूल सिस्टम की परेशानी हो थी. रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में उसे 14 घंटे तक आईसीयू में रखकर इलाज किया गया था. बता दें कि मुख्तार ने कुछ दिन पहले ही कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया था कि उसे धीमा जहर दिया जा रहा है.
लोकसभा चुनाव की वोटिंग में चंद दिनों का ही वक्त बचा था कि इस बीच एक ऐसी बुरी खबर सामने आई जिसने हर किसी को हैरान कर दिया है. दरअसल मध्य प्रदेश की बैतूल लोकसभा सीट से बसपा प्रत्याशी की हार्ट अटैक से मौत हो गई है. इस वजह से इस सीट पर अभी मतदान नहीं होगा. बैतूल कलेक्टर ने इस संबंध में निर्वाचन आयोग को रिपोर्ट भेज दी है. कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने बताया कि बसपा प्रत्याशी अशोक भलावी की मौत के संबंध में निर्वाचन आयोग को रिपोर्ट भेज दी है. जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा-52 के तहत 26 अप्रैल को होने वाली मतदान प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया है. निर्वाचन आयोग के निर्देश पर अगला फैसला लिया जाएगा.
सोहागपुर गांव के रहने वाले थे अशोक भलावी
बता दें कि दोपहर में अशोक भलावी के सीने में दर्द उठा था. इसके बाद परिजन इलाज के लिए उन्हें अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था. सोहागपुर गांव निवासी अशोक का गुरुवार को उनके गांव में अंतिम संस्कार होगा.
अब चार चरणों में एमपी की 28 सीटों पर वोटिंग होगी
एमपी में 29 सीटें हैं. इन पर 4 चरण में वोटिंग होनी है. पहले चरण (19 अप्रैल) में सीधी, जबलपुर, शहडोल, बालाघाट, छिंदवाड़ा और मंडला लोकसभा सीट पर वोटिंग होगी. 26 अप्रैल को दूसरे चरण में दमोह, टीकमगढ़, रीवा, होशंगाबाद, खजुराहो, सतना के साथ ही बैतूल में मतदान होना था. मगर, अशोक की मौत के बाद इस सीट पर अभी चुनाव नहीं होगा.
आज के समय में ऐसा कोई भी शख्स नहीं है जो अपनी सेहत को लेकर फिक्रमंद ना हो। वहीं कोरोना वायरस के बाद से तो लोग अपनी सेहत को लेकर सचेत रहते हैं। ऐसे में कोई आपसे कह दें कि उस समय आपने जो वैक्सीन लगवाई। उससे आपको कोई नया रोग घेर सकता है। तो आप क्या करेंगे। जाहिर है आपके पैरों तले की जमीन भी खिसक जाएगी। जिस वैक्सीन को लगवाने के लिए इतनी लंबी लाइनों में लगे। वो वैक्सीन ही हमारी सेहत बिगाड़ रही है। जी हां कुछ ऐसा ही हुआ जब से ब्रिटेन से एक ऐसी खबर आई है। दरअसल यहां की फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया है कि उसकी कोविड वैक्सीन से ऐसा दुर्लभ साइड इफेक्ट हो सकता है, जिससे ब्रेन स्ट्रोक या कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ता है। वहीं भारत में यह वैक्सीन कोविशील्ड के नाम से करोड़ों लोगों को लगी थी और कंपनी के खुलासे के बाद लोग चिंता में हैं।
कैसे हुआ इस जानलेवा खतरे का खुलासा
दरअसल ब्रिटेन के जेमी स्कॉट नामक शख्स ने यहां की कोर्ट में एस्ट्राजेनेका के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। इसमें उन्होंने बताया कि एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन लगवाने के बाद वह थ्रोम्बोसिस विथ थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) का शिकार हो गए हैं। जिससे उनके शरीर में खून के थक्के जमे और स्थायी ब्रेन डैमेज हो गया। स्कॉट मुकदमा दायर करने वाले एकमात्र व्यक्ति नहीं है। हाईकोर्ट में ऐसे कुल 51 मामले दायर किए गए हैं, जिन्होंने 10.46 अरब रुपये मुआवजा मांगा है।
एस्ट्राजेनेका ने फरवरी में हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया
ब्रिटिश अखबार द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, एस्ट्राजेनेका ने फरवरी में हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया। जिसमें उसने स्वीकार किया कि उसकी वैक्सीन से TTS हो सकता है। उसने कहा कि वह TTS के मामलों से चिंतित है, लेकिन ऐसा बेहद दुर्लभ मामलों में ही होता है और तमाम अध्ययनों में उसकी वैक्सीन उचित मानकों पर खरी उतरी है। कंपनी ने वैक्सीन की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे 60 लाख लोगों की जान बची।
TTS बीमारी में दिल और दिमाग तक खून नहीं पहुंचता
TTS एक गंभीर बीमारी है, जिसमें एक तरफ शरीर में खून के थक्के बनने लगते हैं, वहीं दूसरी तरफ शरीर में प्लेटलेट्स की कमी हो जाती है। खून के थक्के रक्त वाहिकाओं में जमकर खून के प्रवाह को प्रभावित करते हैं, जिससे दिल और दिमाग जैसे अहम अंगों तक खून नहीं पहुंच पाता। दिमाग तक खून नहीं पहुंचने पर ब्रेन स्ट्रोक और दिल तक खून नहीं पहुंचने पर हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट से मौत हो सकती है।
एस्ट्राजेनेका के कबूलनामे से भारतीयों की बढ़ी चिंता ?
दरअसल भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का 'कोविशील्ड' नाम से निर्माण किया था। देश में करोड़ों लोगों को यह वैक्सीन लगाई गई थी। इसके साथ ही अफ्रीका समेत दुनियाभर के गरीब देशों में भी सबसे ज्यादा इस वैक्सीन का इस्तेमाल किया गया है। ऐसे में यह वैक्सीन लगवाने वाले लोगों में चिंता बढ़ गई है कि क्या वे भी TTS से ग्रसित हो सकते हैं और क्या उन्हें हार्ट अटैक आ सकता है।
कोरोना महामारी के बाद भारत में बढ़ गए हैं हार्ट अटैक के मामले
कोरोना वायरस महामारी के बाद भारत में हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं और नाचते-खेलते लोगों के साइलेंट हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट से मरने के वीडियो सामने आए हैं। लोगों ने इन मामलों को कोविड वैक्सीन से जोड़ा था और कहा था कि लोग कोविड वैक्सीन के कारण मर रहे हैं। हालांकि, सरकार ने इससे इनकार किया था। अब एस्ट्राजेनेका के कबूलनामे ने लोगों के इस डर को एक आधार देकर बढ़ा दिया है। कोविशील्ड वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के जेनर इंस्टीट्यूट और एस्ट्राजेनेका ने मिलकर विकसित किया है। यह कोरोना वायरस महामारी के दौरान आने वाली सबसे पहली वैक्सीनों में से एक थी। इस वैक्सीन को चिंपैजी में साधारण जुकाम करने वाले निष्क्रिय एडिनोवायरस पर कोरोना वायरस की स्पाइक प्रोटीन लगाकर बनाया गया है। कोविशील्ड दो खुराकों वाली वैक्सीन है, यानि ये 2 खुराकों के बाद कोरोना वायरस के संक्रमण के खिलाफ इम्युनिटी पैदा करती है।
गर्मियों में शरीर को ठंडक पहुंचाने के लिए अगर आप भी कोल्ड ड्रिंक जैसे मीठे पेय का सेवन करते हैं तो सावधान हो जाइए, ये शरीर के लिए कई प्रकार से हानिकारक हो सकते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ तमाम अध्ययनों में मीठे पेय से होने वाले दुष्प्रभावों को लेकर सावधान करते रहे हैं। इसी से संबंधित एक हालिया अध्ययन में वैज्ञानिकों ने बताया कि जो लोग हफ्ते में दो बार भी मीठे पेय का सेवन करते हैं और नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते हैं, उनमें हृदय रोग विकसित होने की आशंका लगभग 50% अधिक होती है।
इन पेय पदार्थों से होता है नुकसान
अध्ययनकर्ताओं ने बताया बाजार में आसानी से उपलब्ध सोडा, मीठे पेय और स्पोर्ट्स ड्रिंक्स जैसे ऐडेड शुगर वाले पेय आपके स्वास्थ्य को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकते हैं, भले ही आप इसका सीमित मात्रा में ही क्यों न सेवन करते हों। मसलन अगर आपकी भी अक्सर कोल्ड ड्रिंक्स और स्पोर्ट्स ड्रिंक्स पीने की आदत है तो सावधान हो जाइए, आप गंभीर और जानलेवा स्वास्थ्य समस्याओं के शिकार हो सकते हैं।
देश की राजधानी दिल्ली में रामलीला में एक्टिंग के दौरान ही कलाकार को हार्ट अटैक आ गया, जिससे उनकी मौत हो गई। इस मामले में हड़कंप मच गया है। इस तरह के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। अब दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इस पर कोविड वैक्सीन को लेकर सवाल उठाया है।
रामलीला के ‘राम’ का हार्ट अटैक
दिल्ली के शाहदरा में रामलीला में शनिवार रात कलाकार की हार्ट अटैक से मौत का मामला सामने आया है। मंच पर कलाकार को हार्ट अटैक आ गया। जिससे उसकी मौत हो गई। नवरात्रि के अवसर पर दिल्ली के शाहदरा में रामलीला का मंचन चल रहा है। तभी रामलीला में भगवान राम का रोल अदा रहे कलाकार के सीने में अचानक दर्द उठा, इस पर उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
हार्ट अटैक से हुई 45 साल के कलाकार की मौत
रामलीला का भाग रहे कलाकार की मौत से हड़कंप मच गया है। मृतक की पहचान सुशील कौशिक (45) पुत्र लेफ्टिनेंट एसके कौशिक के तौर पर हुई है। सुशील शिव खंड विश्वकर्मा नगर इलाके में रहते थे और पेशे से प्रॉपर्टी डीलर थे। सुशील कौशिक भगवान राम के भक्त बताए जा रहे हैं, वो रामलीला में भगवान राम का रोल निभाते थे।
वायरल हो रहा वीडियो
हार्ट अटैक के दौरान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि राम की भूमिका में कलाकार शानदार अभिनय कर रहा है। डायलॉग पर तालियां बज रही हैं। लेकिन तभी कलाकार के सीने में दर्द होने लगता है। वो दर्द न संभलने पर बैक स्टेज पर जाते हैं। बताया जा रहा है कि बैक स्टेज में दर्द से करहाते कलाकार लोगों ने आनन-फानन में हॉस्पिटल पहुंचाया। जहां पर डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित किया। पुलिस का कहना है कि कलाकार को मंच पर ही हार्ट अटैक आया है और जब उन्हें अस्पताल ले जाया गया, तो डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
लगातार सामने आ रहे हैं मामले
अचानक हार्ट अटैक के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इसी साल हरियाणा के भिवानी में रामलीला में भगवान हनुमान की भूमिका निभा रहे 62 साल के व्यक्ति की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। वहीं साल 2022 अक्टूबर में उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में रावण की भूमिका निभा रहे एक्टर की मंच पर ही गिरकर मौत हो गई थी।
ये चर्चा आम है कि कारोना की वैक्सीन के बाद भारत में लगातार ऐसे मामले आ रहे है जहां नौजवान लोग चलते फिरते हार्ट अटैक से मर रहे हैं।
पैसे बचाने के तरीके: चाहकर भी नहीं कर पाते हैं धन की बचत, तो ये टिप्स आपके काम की हैं
December 17, 2022ठंड से ठिठुरा उत्तर भारत, पहाड़ों पर बर्फबारी ने बढ़ाई मुश्किलें, UP में रेड अलर्ट
January 04, 2023