एक बार फिर बीजेपी सांसद और एक्ट्रेस कंगना रनौत के विवादित बयान के बाद सियासी संग्राम छिड़ गया है. हालांकि कंगना ने अपने विवादित बयान पर वीडियो जारी करके सफाई दी और अपने बयान वापस ले लिये. मगर कांग्रेस नेता हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच कंगना का बयान को एक मुद्दा बनाकर बीजेपी पर हमला बोल रहे हैं. वहीं बीजेपी नेताओं ने भी कंगना के बयान से पल्ला झाड़ लिया है. जिसके बाद से कंगना रनौत अलग थलग पड़ गई हैं लेकिन चुनावी माहौल में यह बयान इतनी जल्दी शांत होता दिखाई नहीं दे रहा है.
दीपेंद्र हुड्डा ने कंगना के बयान की कड़ी निंदा की
वहीं एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए दीपेंद्र हुड्डा ने कंगना के बयान की कड़ी निंदा की और बीजेपी पर निशाना साधा. दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनेगी और कोई ताकत नहीं जो 3 काले कानूनों को फिर से लागू करा सके. इसके अलावा दीपेंद्र हुड्डा ने दावा किया है कि हरियाणा में बहुमत से हुड्डा साहब के नेतृत्व में सरकार बनेगी.
कांग्रेस के साथ ही अन्य विपक्षी दल भी बोल रहे हमला
वहीं कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा से पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रवक्ता सु्प्रिया श्रीनेत ने भी कंगना के बयान को लेकर बीजेपी को घेर चुके हैं. जहां मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि बीजेपी को 750 किसानों के शहीद होने के बाद भी अपराधबोध नहीं हो रहा? आखिर क्यों तीनों काले कानूनों को फिर से लागू करने की बात हो रही है? इस तरह के बयान का कांग्रेस पार्टी कड़ा विरोध करती है. वहीं सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि बीजेपी को इसका जवाब हरियाणा की जनता देगी. कांग्रेस के अलावा अन्य विपक्षी दलों ने भी कंगना के बयान को लेकर बीजेपी पर हमला बोल दिया है. आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सीधे प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि कंगना के बयान पर प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए.
सहयोगी दल भी कर रहे कंगना के बयान का विरोध
बीजेपी सांसद कंगना रनौत के बयान से बीजेपी ने अपना पल्ला झाड़ लिया है. पार्टी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि कंगना का बयान पार्टी का अधिकृत बयान नहीं है. यह कंगना का निजी बयान है. इससे बीजेपी का कोई लेना-देना नहीं है. बीजेपी के सहयोगी दलों जेडीयू और एलजेपी ने भी कंगना के बयान पर ऐतराज जताया है. चिराग पासवान ने कहा कि ये उनका निजी बयान हो सकता है. एनडीए सरकार में इस कानून को फिर से लागू करने का ऐसा कोई विचार नहीं है. जेडीयू नेता केसी त्यागी ने तो इस बयान को अपमान बता दिया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी को कंगना के खिलाफ कड़े एक्शन लेने चाहिए.
चुनाव आयोग ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जम्मू कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। जम्मू कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव सिर्फ 14 दिन में सपंन्न कराए जाएंगे, तो हरियाणा में एक अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। चुनाव परिणाम 4 अक्टूबर को आएंगे।
सिर्फ 14 दिन में संपन्न होंगे जम्मू-कश्मीर चुनाव
चुनाव आयोग की शुक्रवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के तीन चरणों के मतदान होंगे। जिसमें पहले चरण का मतदान 18 सितंबर, दूसरे चरण का मतदान 25 सितंबर और तीसरे चरण का मतदान एक अक्टूबर को होगा। चुनाव का रिजल्ट 4 अक्टूबर को जारी किया जाएगा।
20 अगस्त को जारी की जाएगी मतदाताओं की लिस्ट
इसी के साथ ही मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये भी बताया कि जम्मू कश्मीर के निवासी यहां की तस्वीर बदलना चाहते हैं। जम्मू कश्मीर के लोगों ने हिंसा को नकारा है। अब 20 अगस्त को मतदाता लिस्ट जारी होगी। चुनाव के लिए यहां के लोगों में ललक दिखाई दी है।
आखिरी बार साल 2014 चुनाव के क्या रहे थे नतीजे?
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव आखिरी बार साल 2014 में हुए थे। उस समय कुल 87 सीटों में से पीडीपी ने 28 सीटें, बीजेपी ने 25 सीटें, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 15 सीटें और कांग्रेस ने 12 सीटें अपने नाम की थीं। जिसके बाद बीजेपी और पीडीपी ने मिलकर सरकार बनाई और मुफ्ती मोहम्मद सईद जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री बनी थीं। लेकिन साल 2016 जनवरी में मुफ्ती मोहम्मद सईद का स्वर्गवास हो गया, इसके बाद यहां चार महीने तक राज्यपाल शासन लागू था। फिर मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी महबूबा मुफ्ती नई मुख्यमंत्री बनीं। लेकिन 19 जून 2018 को बीजेपी पीडीपी के साथ गठबंधन से अलग हो गई। जिसके बाद फिर से राज्यपाल शासन लागू हो गया और अभी तक जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन ही लागू है।
हर राजनीतिक पार्टी को बागी नेताओं से अक्सर निपटना पड़ता ही है. हाल फिलहाल हरियाणा विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी कांग्रेस को बागियों की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है. जहां भाजपा के 19 बागी 15 निर्वाचन क्षेत्रों में तो वहीं कांग्रेस के 29 बागी 20 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ रहे हैं. इसमें दिलचस्प बात ये है कि कांग्रेस 7 निर्वाचन क्षेत्रों में 12 असंतुष्टों को मनाने में सफल रही है. भाजपा के बागियों ने भी छह निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के अनुरोध पर अपना नामांकन वापस ले लिया. यहां तक कि कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा और सीएम नायब सिंह सैनी असंतुष्टों से पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में अपना नामांकन वापस लेने अपील करते तक देखे गए.
बीजेपी के 19 बागियों ने वरिष्ठ नेताओं की अपील की अनसुना
वहीं 19 बागियों ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं द्वारा की गई अपील को अनसुना कर दिया. जो कि 15 निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी के उम्मीदवारों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. प्रमुख उद्योगपति सावित्री जिंदल का नाम भाजपा के असंतुष्टों में एक हैं. जिन्हें पार्टी ने हिसार विधानसभा क्षेत्र से टिकट देने से इनकार कर दिया था. बता दें कि जिंदल और गौतम सरदाना पार्टी उम्मीदवार डॉ. कमल गुप्ता के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं अन्य भाजपा बागी जिनके पार्टी को नुकसान पहुंचाने की उम्मीद है. उनमें रानिया से रणजीत सिंह, तोशाम से शशि रंजन परमार, गन्नौर से देवेन्द्र कादयान, पृथला से नयन पाल रावत और दीपक डागर, लाडवा से संदीप गर्ग, भिवानी से प्रिया असीजा, रेवाडी से प्रशांत सन्नी, सफीदों से बच्चन सिंह और जसवीर देशवाल, बेरी से अमित, महम से राधा अहलावत, झज्जर से सतबीर सिंह, पूंडरी से दिनेश कौशिक, कलायत से विनोद निर्मल और आनंद राणा और इसराना से सत्यवान शेरा का नाम शामिल है.
कांग्रेस में बागियों की संख्या बीजेपी के मुकाबले ज्यादा
वहीं कांग्रेस पार्टी में बीजेपी की तुलना में ज्यादा बागी हैं. जिनमें से 29 बागी पार्टी प्रत्याशियों को 20 विधानसभा क्षेत्रों में चुनौती दे रहे है. जिनमें पृथला से नीटू मान, पटौदी से सुधीर चौधरी, कोसली से मनोज, कलायत से सतविंदर, अनीता ढुल, दीपक और सुमित, गुहाला से नरेश धांडे और डालूराम, गोहाना से हर्ष छिकारा, जींद से प्रदीप गिल, झज्जर से संजीत, उचाना कला से वीरेंद्र घोघड़िया और दिलबाग सांडिल, बहादुरगढ़ से राजेश जून, बरवाला से संजना सातरोड, पानीपत (शहरी) से रोहिता रेवड़ी, पानीपत (ग्रामीण) से विजय जैन, भिवानी से अभिजीत और नीलम अग्रवाल, बड़ौदा से कपूर नरवाल, भवानीखेड़ा से सतबीर रतेरा, तिगांव से ललित नागर, बल्लभगढ़ से शारदा राठौड़, अंबाला कैंट से चित्रा सरवारा, पुंडरी से रणधीर गोलन, सज्जन ढुल, सतबीर और सुनीता बतान का नाम शामिल है. बता दें कि 48 असंतुष्टों सहित कुल 1031 उम्मीदवार इस बार के चुनाव में मैदान में हैं.
हरियाणा के रेवाड़ी में शुक्रवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक बार फिर कांग्रेस और राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला. शाह ने कहा कि हरियाणा में जब कांग्रेस की सरकार थी तब कट, कमीशन और करप्शन का बोलबाला था. डीलर, दलाल और दामादों का राज चला करता था. बीजेपी सरकार में ना डीलर बचे, ना ही दलाल बचे, दामाद का तो सवाल ही पैदा नहीं होता है. इसके बाद शाह ने आगे कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने अग्निवीर योजना को लेकर लोगों के बीच भ्रम फैलाने का काम किया है. आज अगर देश की सीमाएं सुरक्षित हैं, जम्मू-कश्मीर सुरक्षित है, तो इसमें हरियाणा के जवानों का बलिदान, वीरता और शौर्य शामिल है.
कांग्रेस एमएसपी को लेकर किसानों से बोल रही झूठ- शाह
एमएसपी को लेकर शाह ने सांसद राहुल गांधी पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि राहुल को किसी ने कह दिया, कि MSP बोलने से वोट मिल जाएंगे. क्या राहुल MSP का फुलफॉर्म जानते हैं? खरीफ और रबी की फसल कौन सी होती है, क्या राहुल को मालूम है? कांग्रेस की जो सरकारें देश भर में चल रही हैं. वे किसानों से MSP के नाम पर झूठ बोल रही हैं. हरियाणा की बीजेपी सरकार किसानों से 24 फसलें MSP पर खरीद रही है. हरियाणा में कांग्रेस के नेता एक बात बता दें कि देश में आपकी कौन सी सरकार MSP पर 24 फसल खरीदती है?
अमेरिका में दिए बयानों को लेकर राहुल गांधी को घेरा
अमेरिका में राहुल गांधी के बयान को लेकर अमित शाह ने कहा कि राहुल विदेश जाकर कहते हैं, कि हम ST-SC-OBC समुदाय का आरक्षण समाप्त कर देंगे. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में वो हम पर आरोप लगा रहे थे, कि हम आरक्षण समाप्त करने वाले हैं लेकिन अब अमेरिका जाकर खुद अंग्रेजी में बोलकर आए है, कि आरक्षण समाप्त कर देंगे.
"कांग्रेस 40 सालों तक वन रैंक-वन पेंशन लागू नहीं कर सकी"
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में चुनाव प्रचार की शुरुआत हरियाणा से ही की थी. तब पीएम मोदी ने वादा किया था कि हम सेना के जवानों की वन रैंक-वन पेंशन की मांग को पूरा करेंगे. 40 सालों से हमारे सेना के जवान इस मांग को कर रहे थे. 40 सालों तक कांग्रेस वन रैंक-वन पेंशन योजना लागू नहीं कर पाई, अब जबकि मोदी जी को सेवा का मौका मिला है तो मोदी जी ने वन रैंक-वन पेंशन को लागू करके दिखा दिया. इसी के साथ अमित शाह ने ये भी बताया कि एक महीने पहले वन रैंक-वन पेंशन का तीसरा वर्जन भी लागू कर दिया गया है.
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने उम्मीदवारों का पहली सूची जारी कर दी है। कांग्रेस की सूची में कुल 31 नामों को शामिल किया गया हैं। इसमें हुड्डा समेत कई दिग्गजों के नाम शामिल हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को गढ़ी सांपला-किलोई से उम्मीदवार बनाया गया है।
विनेश फोगाट को जुलाना से मिला टिकट
महिला पहलवान विनेश फोगाट को जुलाना से टिकट दिया गया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के खिलाफ कांग्रेस ने मेव सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं कालका सीट से प्रदीप चौधरी, नरायणगढ़ सीट से शैली चौधरी, सधौरा से रेनू बाला, रादौर से बिशन लाल सैनी, लाडवा से मेवा सिंह, शाहबाद से राम करन, निलोखेड़ी से धरम पाल गोंदार को टिकट दिया गया है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में सपा अपने प्रत्याशी उतारेगी या फिर कांग्रेस उसे कुछ सीटें देगी इन कयासों के बीच अखिलेश यादव ने एक ट्वीट किया है। इस ट्वीट से इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि सपा संभवतः यहां से अपने प्रत्याशी न उतारे। अखिलेश ने X पोस्ट पर लिखा कि ‘हरियाणा चुनाव में ‘INDI ALLIANCE’ की एकजुटता नया इतिहास लिखने में सक्षम है। हमने कई बार कहा है और एक बार फिर दोहरा रहे हैं व आगे भी दोहरायेंगे कि ‘बात सीट की नहीं जीत की है’।
भाजपा की नकारात्मक, साम्प्रदायिक, विभाजनकारी राजनीति
अखिलेश ने लिखा है कि हरियाणा के विकास व सौहार्द की विरोधी ‘भाजपा की नकारात्मक, साम्प्रदायिक, विभाजनकारी राजनीति’ को हराने में ‘इंडिया एलायंस’ की जो भी पार्टी सक्षम होगी। हम उसके साथ अपने संगठन और समर्थकों की शक्ति को जोड़ देंगे। बात दो-चार सीटों पर प्रत्याशी उतारने की नहीं है, बात तो जनता के दुख-दर्द को समझते हुए उनको भाजपा की जोड़-तोड़ की भ्रष्टाचारी सियासत से मुक्ति दिलाने की है। साथ ही हरियाणा के सच्चे विकास और जनता के कल्याण की है। पिछले 10 सालों में भाजपा ने हरियाणा के विकास को बीसों साल पीछे धकेल दिया है।
हरियाणा विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस ने शुक्रवार को पहली लिस्ट जारी की. इस लिस्ट के जारी होते ही पार्टी में इस्तीफे का दौर शुरू हो गया या फिर ये समझ लें कि पार्टी के नेता बगावत पर उतर आए. उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी होने के 24 घंटे के अंदर ही दो नेताओं ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. दोनों नेताओं के पार्टी छोड़ने का कारण बस इतना था कि हरियाणा विधानसभा चुनावों के उम्मीदवारों की सूची में उनका नाम नहीं था.
राजेश जून ने कांग्रेस पर लगाया धोखा देने का आरोप
इस्तीफा देने वाले नेताओं में पहला नाम कांग्रेस के सीनियर नेता कपूर सिंह नरवाल का तो दूसरा नाम राजेश जून का है. इस्तीफा देने के बाद कपूर सिंह नरवाल ने अपने सर्मथको की बैठक बुलाई. वह बरौदा सीट से वर्तमान विधायक इंदु राज नरवाल को दुबारा टिकट मिलने से नाराज है. अब ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि वह निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं. हालांकि उन्होंने कहा है कि अपने सर्मथकों से मिल कर उनकी राय लेने के बाद ही आगे की रणनीति तय करेंगे. वहीं बहादुरगढ़ से राजेंद्र सिंह जून को टिकट मिलने से नाराज राजेश जून ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर धोखा देने का आरोप लगाया. उनका कहना है कि वह निर्दलीय चुनाव लडे़ंगे और कांग्रेस उम्मीदवार से डबल वोट लेकर विधायक बनेंगे.
पहली लिस्ट जारी होते ही उठने लगे बगावती सुर
कांग्रेस हाईकमान ने हरियाणा में अपने वर्तमान 29 विधायकों में से 28 विधायकों पर भरोसा जताते हुए उनको दोबारा से चुनावी मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने पानीपत जिले की इसराना (आरक्षित) सीट पर भी उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया. जिसके बाद कांग्रेस की पहली लिस्ट में 32 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया गया है. 32वें उम्मीदवार के तौर पर पार्टी ने सिटिंग विधायक बलबीर सिंह को टिकट दिया है. पहली लिस्ट जारी होने के बाद से ही पार्टी में बगावत के सुर उठने लगे हैं. टिकट न मिलने की वजह से पार्टी के कई बड़े नेताओं ने नाराजगी जाहिर की है.
हरियाणा में इन दिनों चुनाव की आंधी है। तमाम राजनैतिक पार्टियां हरियाणा में चुनाव प्रचार कर रही हैं। Now Noida भी लगातार चुनाव कवरेज कर रहा है। इसी क्रम में नॉव नोएडा की टीम हरियाणा के पानीपत की मंडी पहुंची। जहां पर किसान धान की मिल रही कम कीमत को लेकर परेशान हैं। जब उसके चुनाव को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने साफ शब्दों में अपनी बात कही....
इस बार धान की मिल रही कम कीमत!
पानीपत की मंडी में मुनीम सोभन चंद्र ने बताया कि धान का मौजूदा रेट 2500 से 2900 तक चल रहा है। जबकि पिछले साल ये कीमत 3500 तक थी। इस साल जो सबसे बेहतर धान है, उसकी कीमत 3100 मिल रही है। इस बार धान की पैदावार भी कम हुई है।
किसानों पर है तीन तरफा मार
किसान इस बार तीन तरफा मार को झेल रहा है। एक तरफ फसल की पैदावार कम हुई, तो दूसरी ओर रेट कम मिल रहा है और तीसरी तरफ से बारिश ने कहर बरसाया है। किसानों को इससे काफी नुकसान हुआ है। मुनीम सोभन चंद्र से जब नॉव नोएडा ने सवाल किया कि कम पैदावार के बाद भी कीमत कम क्यों है? तो उन्होंने बताया कि कम पैदावार हुई है, लेकिन इसी के साथ ही इसकी बिक्री भी कम हो रही है।
MSP को लेकर क्या बोला किसान
पानीपत में किसान संदीप की धान की कोई खरीददार नहीं है। जब इसका कारण पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि ये धान काला पड़ गया है। बारिश की वजह से धान काला पड़ा है। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर एमएसपी होती, तो वो निश्चिंत होते कि उनका धान बिक जाएगा।
हरियाणा में है कांग्रेस की आंधी!
चुनावी सफर पर निकली Now Noida की टीम से तमाम किसानों के कहा कि इस बार सभी कांग्रेस के पक्ष में हैं। मौजूदा सरकार के कुछ लोगों की अलग नीतियां है, इसलिए चुनाव में कांग्रेस की आंधी देखने को मिलेगी। नीरज ने बात करते हुए कहा कि इस बार कांग्रेस को एक तरफा सपोर्ट मिल रहा है। साथ ही अन्य किसानों ने भी कांग्रेस की जीत की बात कही है। साथ ही स्थानीय विधायक धर्मसिह के सपोर्ट में भी किसान नजर आए। किसानों का कहना है कि नाम के नाम पर नहीं काम के नाम पर इस बार वोट होंगे और इस बार हरियाणा में कांग्रेस की आंधी देखने को मिलेगी। नॉव नोएडा लगातार चुनावी इलाकों को कवरेज कर रहा है। ग्राउंट रिपोर्ट के लिए नॉव नोएडा के साथ जुड़े रहें। आपको बता दें, हरियाणा में 5 अक्तूबर को वोट डाले जाएंगे और 8 अक्टूबर को वोटों की गिनती होगी।
हरियाणा विधानसभा चुनाव के मतदान में अब बस दो ही दिन शेष बचे हैं. वहीं हरियाणा में मतदान से पहले राज्य की 90 सीटों पर लड़ रही आम आदमी पार्टी को तगड़ा झटका लगा है. दरअसल फरीदाबाद के बाद अब करनाल के नीलोखेड़ी सीट से मैदान में उतरे आप कैंडिडेट ने मैदान छोड़ दिया है. आम आदमी पार्टी के करनाल की नीलोखेड़ी सीट से उम्मीदवार अमर सिंह ने बुधवार को पार्टी छोड़ दी. जिसके बाद अमर सिंह कांग्रेस में शामिल हो गए. बता दें कि हरियाणा में गुरुवार यानी 3 अक्तूबर को चुनाव प्रचार खत्म हो जाएगा और 5 अक्तूबर को मतदाता अपने मतों का प्रयोग करेंगे.
कांग्रेस के विशेष प्रभारी बाजवा की मौजूदगी में ली सदस्यता
कांग्रेस की तरफ से नियुक्त किए विशेष प्रभारी प्रताप सिंह बाजवा की मौजूदगी में अमर सिंह ने सदस्यता ग्रहण की. वोटिंग के महज दो दिन पहले आप कैंडिडेट के पार्टी छोड़ने से आप को तगड़ा झटका लगा है. कांग्रेस में अमर सिंह के शामिल होने के मौके पर बाजवा ने उनका स्वागत करते हुए कहा कि सिख समुदाय के अधिकांश लोगों ने अमर सिंह से अपील की थी, कि वे उन्हें वोट देना चाहते हैं. जिसके चलते अब अमर सिंह बीजेपी को किसान विरोधी, दलित विरोधी, पिछड़ा वर्ग विरोधी और जवान विरोधी होने का सबक सिखाना चाहते हैं. बता दें कि करनाल की नीलोखेड़ी सीट पर आम आदमी पार्टी ने अमर सिंह को अपना उम्मीदवार घोषित किया था.
बीजेपी-कांग्रेस के बीच है कड़ा मुकाबला
करनाल जिले में आने वाली इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है. कांग्रेस ने पिछली बार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीते धर्म पाल गोंदर को टिकट दिया है. जबकि बीजेपी ने भगवान दास कबीरपंथी को मैदान में उतारा है. पिछली बार गोंदर ने यह सीट निर्दलीय कैंडिडेट के तौर पर जीत ली थी. तब गोंदर ने कबीरपंथी को 2222 वोटों से शिकस्त दी थी.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन दिनों लगातार चुनावी प्रचार में व्यस्त हैं। इस दौरान वो जमकर विरोधियों पर निशाना साध रहे हैं। हरियाणा में 5 अक्टूबर को चुनाव होने हैं, गुरुवार को यहां आखिरी चुनाव प्रचार का दिन है। इसी के मद्देनजर सीएम योगी 3 अक्टूबर यानी गुरुवार को शाहबाद विधानसभा में जनसभा को संबोधित करने पहुंचे। यहां सीएम योगी ने राहुल गांधी को लेकर कहा कि राहुल गांधी 'खटाखट-खटाखट' कहने आते थे, आज वो मैदान छोड़कर पहले ही 'सफा-चट' हो चुके हैं।
सीएम योगी ने राहुल गांधी पर साधा निशाना
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर जुबानी हमला करते हुए कहा कि ‘कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के दौरान देश की जनता से कहा था कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो संविधान समाप्त कर देगी, आरक्षण समाप्त कर देंगे। उन्होंने जनता से झूठ बोला था’।
सीएम योगी ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा था कि ‘उन्होंने कहा था कि हम चुनाव के बाद हर गरीब एक लाख रुपये खटाखट-खटाखट देंगे, लेकिन जो राहुल गांधी खटाखट लेकर आते थे वो पहले ही मैदान छोड़कर सफाचट हो गए हैं। कहा कि, समाज को जाति के नाम पर, धर्म के नाम पर, मजहब के नाम पर बांटना कांग्रेस के डीएनए का पार्ट है जिससे देश को कमजोर किया जा सके’।
हरियाणा में कांवड़ यात्रा को लेकर सीएम योगी की बड़ी बात
सीएम योगी ने इस दौरान कांवड यात्रा का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जब साल 2017 में यहां पर भाजपा की सरकार नहीं थी, तब घटें और शंख तक बजाने में परेशानी होती थी। लेकिन उत्तर प्रदेश कांवड यात्रा धूमधाम से निकलेगी।
सीएम योगी ने कहा कि साल 2017 के पहले जब तक भाजपा की सरकार नहीं थी तब कांवड़ यात्रा नहीं निकलने दी जाती थी। जिनको कांवड़ यात्रा से परेशानी होती है वो अपने घरों में रहें, लेकिन कोई कांवड़ यात्रा में बाधा उत्पन्न करेगा, तो उस पर कार्रवाई करेंगे। जिनको घंटे और शंख से परेशानी होती है, वो अपने कान बंद कर लें। कांवड़ यात्रा में डीजे भी बजेगा, घंटा-घड़ियाल भी बजेगा. और धूमधाम से यूपी में कांवड़ यात्रा निकलेगी।
हरियाणा में 5 अक्टूबर को होंगे चुनाव
आपको बता दें, हरियाणा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां लगातार चुनाव प्रचार कर रही हैं। 3 अक्टूबर चुनाव प्रचार के लिए आखिरी दिन था। अब 5 अक्टूबर को हरियाणा में चुनाव होंगे। साथ ही 8 अक्टूबर को वोटों की गिनती की जाएगी। मौजूदा स्थिती को देखकर कांग्रेस और बीजेपी में टक्कर की बात की जा रही है, लेकिन असली रिजल्ट 8 को पता चलेगा।
नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा को इस तरह करें प्रसन्न, माता देंगी सुरक्षा का आशीर्वाद!
October 05, 2024