प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिनों के यूएई दौरे पर रहेंगे. वो इसके लिए वहां पहुंच भी चुके है. जहां उनका भव्य तरीके से स्वागत भी किया गया. साल 2014 में पीएम बनने के बाद से उनकी संयुक्त अरब अमीरात की सातवीं यात्रा है. इस दौरान पीएम की भेंट यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से होगी।जिस दौरान दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को नई धार देने की कोशिश करेंगे. आधिकारिक सूत्रों की मानें तो “दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी, आपसी हित से जुड़े क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर गहरी और विस्तृत बातचीत की जाएगी.” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात राष्ट्रपति के अलावा यूएई के उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री से भी तय है. पीएम दुबई में विश्व सरकार शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे और फिर एक भाषण देंगे. दुबई के बाद पीएम का कार्यक्रम अबू धाबी का है. जहां वे अबू धाबी के पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन करेंगे. यहीं उनका एक और कार्यक्रम भारतीय समुदाय को संबोधित करने का भी है.
भारत-UAE के संबंधों को मिलेगी मजबूती
भारत-यूएई संबंध राजनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक बुनियादों पर टिके हुए हैं. भारत-यूएई की निकटता का सबसे मजबूत आधार द्विपक्षीय व्यापार है. 2020-23 के आधिकारिक आंकड़ों पर गौर करें तो इस दौरान भारत-यूएई के बीच लगभग 85 बिलियन अमेरिकी डॉलर का व्यापार हुआ. साथ ही भारत के लिए यूएई इसलिए भी जरूरी है क्योंकि साल 2022-23 के दौरान भारत में FDI निवेश करने वाले टॉप 4 देशों में शामिल रहा. UAE में भारतीय समुदाय के तकरीबन 35 लाख लोग रहते हैं, जो कि भारतीय समुदाय का सबसे बड़ा प्रवासी समूह है. दोनों देशों के बीच फरवरी 2022 में एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) पर दस्तखत हुआ। इसको संबंधों में मील का पत्थर माना जाता है.
इंदिरा के बाद पहले PM जिसका UAE से खास रिश्ता
भारत और यूएई संबंधों का एक मजबूत आधार साल 1976 में तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने रखा. इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री रहते हुए मई, 1981 में यूएई गईं. उसके बाद कोई भी प्रधानमंत्री अगले तकरीबन साढ़े तीन दशकों तक यूएई नहीं गया. जिसके बाद पीएम मोदी ने अपने दस साल के कार्यकाल में कुल 7 बार यूएई को तरजीह दी है. पीएम मोदी की यात्रा यूएई के अलावा कतर को भी कवर करेगी क्योंकि कतर ने अभी हाल ही में 8 भारतीयों की सजा माफ की है.
अयोध्या के राम मंदिर का भव्य उद्घाटन और प्रभु श्री राम के दर्शन तो हम सभी ने किये हैं लेकिन अब सभी भारतीयों की नजरें अबू धाबी में बने BAPS हिन्दू मंदिर पर टिकी हुई हैं जिसका उद्घाटन खुद हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 फरवरी को अबू धाबी में करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी UAE की दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर हैं जहां वे 'Alhan Modi' को सम्बोधित करेंगे साथ ही अबू धाबी में बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) हिंदू मंदिर का उद्घाटन करेंगे.
UAE का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में यह सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है जिसके दुनियाभर के हिंदुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थस्थल बनने की उम्मीद है. दुबई-अबू धाबी शेख जायेद हाइवे पर अल रहबा के समीप बना बीएपीएस हिंदू मंदिर करीब 27 एकड़ जमीन पर बनाया गया है. इस मंदिर का निर्माण कार्य 2019 से चल रहा था। इस मंदिर के लिए जमीन संयुक्त अरब अमीरात सरकार ने दान की है. संयुक्त अरब अमीरात में तीन अन्य हिंदू मंदिर भी हैं जो दुबई में स्थित हैं. पत्थर की वास्तुकला के साथ एक बड़े इलाके में फैला BAPS मंदिर खाड़ी क्षेत्र में सबसे बड़ा मंदिर होगा। इसे बनाने में करीब 700 करोड़ रुपये का खर्च आया है.
2017 में PM मोदी ने रखी थी मंदिर की आधारशिला
2015 में प्रधानमंत्री मोदी की संयुक्त अरब अमीरात यात्रा के दौरान अबू धाबी ने दुबई-अबू धाबी राजमार्ग पर मंदिर परियोजना के लिए 17 एकड़ से ज्यादा भूमि आवंटित की थी. मंदिर की आधारशिला साल 2017 में पीएम मोदी ने ही रखी थी. अबू धाबी में बने इस भव्य हिंदू मंदिर का निर्माण 2019 में शुरू हुआ था जिसके साल 2022 में पूरा होने की संभावना थी लेकिन कोरोना की महामारी के कारण मंदिर निर्माण कार्य में देरी काफी हुई लेकिन अब यह मंदिर बनकर तैयार हो गया है.
भारतीय कारीगरों ने किया मंदिर का निर्माण
बता दें कि इस भव्य मंदिर का निर्माण भारतीय कारीगरों ने किया है। ये कारीगर पारंपरिक हिंदू मंदिर वास्तुकला में माहिर हैं. मंदिर का निर्माण हाथ से नक्काशीदार संगमरमर और बलुआ पत्थर से किया गया है। यह हिंदू मंदिर एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. पश्चिम एशिया में यह सबसे बड़ा मंदिर होगा. तकरीबन 700 करोड़ रुपये से बना यह मंदिर बहुत सावधानी से डिजाइन किया गया है. इसमें देश के प्रत्येक अमीरात का प्रतिनिधित्व करने वाली सात मीनारें हैं.
PM मोदी ने किया ये ट्वीट
अबू धाबी में हिन्दू प्रवासियों को सम्बोधित करने से पहले PM मोदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा "कि हमें अपने प्रवासी भारतीयों और दुनिया के साथ भारत के जुडाव को गहरा करने के उनके प्रयासों पर गर्व है, आज शाम में 'अहलान मोदी' कार्यक्रम में UAE के भारतीय प्रवासियों के बीच शामिल होने के लिए उत्सुक हूं!"
Mathura: एक ओर जहां लोग हिंदू-मुस्लिम और मंदिर-मस्जिद की बात कर रहे हैं। समुदाय विशेष के लोगों को भड़काकर देश में उपद्रव करना चाहते हैं। वहीं दूसरी ओर हिंदू मुस्लिम एकता की मिशाल पेश करते हुए अकील सहारनपुरी मथुरा सहित पूरे बृज का भ्रमण कर रहे हैं। अकील सहारनपुरी ना सिर्फ भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा, कृष्ण क्रीड़ा स्थली वृंदावन और पालन भूमि गोकुल सहित पूरे बृज का भ्रमण करेंगे, बल्कि कृष्ण की लीलाओं का अध्यन भी करेंगे।
हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल
अकील सहारनपुरी कृष्ण लीलाओं के अध्यन के साथ समाज में एक छाप भी छोड़ने का काम करेंगे। पिछले लंबे समय से अकील सहारनपुरी हिन्दू-मुस्लिम एकता का अलख जगाते हुए जगह-जगह लोगों को दोनों धर्मों के प्रति सचेत करने का काम कर रहे हैं। हिंदू मुस्लिम भाई-चारे और सद्भावना के लिए भी लोगों को एक कर मिलाने में लगे हैं। अकील सहारनपुरी ये दावा है कि वो पिछले 25 सालों से भी अधिक समय से हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने हिंदू मुस्लिम की कई बातों को सुलझाया है।
मंदिरों में करेंगे दर्शन
अकील सहारनपुरी भगवान कृष्ण की खोज में मथुरा पहुंचे हैं। जहां वो मथुरा वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर, श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर, गोकुल मंदिर, गोवर्धन पर्वत परिक्रमा राधा रानी मंदिर बरसाना सहित सभी प्रमुख मंदिरों में दर्शन भी करेंगे। इस दौरान उन्होंने दोनों धर्म के लोगों को एक साथ रहने का सलाह भी दिया। मथुरा में बीजेपी के अल्पसंख्यक संवाद कार्यक्रम में भी अकील सहारनपुरी ने भाग लिया। उन्होंने इस दौरान दोनों धर्म के लोगों से एक-दूसरे से विवाद नहीं करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमारी पद्धति अलग-अलग हो सकती है, लोगों हम दोनों धर्म और कर्म को मानने वाले लोग हैं। दोनों धर्मों में अगर सबसे बड़ी समानता है तो वो है मानवता की।
विवादों को बैठकर सुलझाने की सलाह
अकील सहारनपुरी ने कहा कि अभी दोनों धर्मों के बीच कुछ जगहों को लेकर विवाद है, जिसमें काशी और मथुरा शामिल है। उन्होंने कहा कि दोनों धर्म के गुरुओं को बैठकर इसका हल निकालना चाहिए। इस मौके पर अकील सहारनपुरी का लोगों ने माला और पटका पहनाकर स्वागत किया। साथ ही उन्हें स्मृति चिन्ह भी सम्मान के रूप में भेंट किया गया।
अगर आपको कोई शख्स रोजमर्रा के दिनों में गाली दे तो जाहिर सी बात है आप भड़क उठेंगे। वहीं अगर कोई आपको किसी त्योहार पर गाली दे तो शायद आप उसकी पिटाई ही कर दें मगर एक जगह ऐसी भी है जहां त्योहार पर गाली देने का रिवाज है। जी हां पीलीभीत के शेरपुर गांव में होली के दिन हिन्दू अपने मुस्लिम भाईयों को रंग लगाने के बाद गाली देते हैं, लेकिन मुसलमान इससे नाराज नहीं होते हैं, बल्कि उल्टा हंस कर होली की बधाई देते हैं। वहीं मुसलमानों को रंग लगाने और गाली देने के बाद हिंदुओं को बदले में नजराना भी मिलता है।
पीढ़ियां बदल गईं, लेकिन रिवाज आज भी कायम
पूरनपुर तहसील की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत का रुतबा रखने वाला ये शेरपुर गांव नवाबों का रहा है, जिसे नवाबों का गांव भी कहा जाता है जो कि कस्बा पूरनपुर से सटा है। यहां के बुजुर्गों का कहना है "कि होली का ये रिवाज नवाबी दौर से ही चला आ रहा है। पीढ़ियां बदल गईं, लेकिन रिवाज आज भी कायम है।" गांव की आबादी करीब 45 हजार के आसपास है। इनमें लगभग दो हजार ही हिंदू हैं। खास-बात ये है कि इस गांव मे कभी भी सांप्रदायिक तनाव की समस्या नहीं आती है और होली पर हिंदू समुदाय के लोग हुड़दंग करते हैं, लेकिन कोई इसका बुरा नहीं मानता।
कैसे होती है होली की शुरूआत?
होली त्योहार में इस गांव का ये रिवाज बिल्कुल हटकर है। होली के दिन रंग-गुलाल से सराबोर हुरियारों की टोलियां गांव की गलियों में निकल पड़ती हैं। धमाल करते हुए टोलियां नवाब साहब की कोठी के सामने पहुंच जाती है। इसके बाद तो होली के गीतों के बीच ही गालियों की बौछार होने लगती है। इसी दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग सामने आ जाते हैं तो गालियों का क्रम और तेज हो जाता है। ऐसे में हिंदू भाइयों की गालियों पर कोई मुसलमान नाराज नहीं होता, बल्कि हंसते हुए हुरियारों को बतौर नजराना कुछ रुपए देकर उन्हें विदा करते हैं। ये कार्यक्रम कई घंटों तक चलता है। हुरियारे मुस्लिम परिवारों के घरों के बाहर यही सब दोहराते हुए फगुआ वसूलने के बाद ही वहां से हटते हैं। मुस्लिम बाहुल आबादी वाले इस गांव में सैकड़ों हिंदू परिवार भी रहते हैं। जब होली आती है तो हिंदू ही नहीं बल्कि मुस्लिम भी उत्साहित हो जाते हैं। मुस्लिम समुदाय के लोग होलिका की तैयारी में सहयोग से कभी पीछे नहीं हटते।
Pryagraj: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 498 ए को स्पष्ट करते हुए कहा है कि पति के खिलाफ 'दूसरी पत्नी' घरेलू हिंसा का केस नहीं कर सकती है। इसके लिए पहले शादी वैध होनी चाहिए। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 498 ए को स्पष्ट करते हुए कहा है कि पति के खिलाफ 'दूसरी पत्नी' घरेलू हिंसा का केस नहीं कर सकती है। कोर्ट का मानना है कि इसके लिए पहले दोनों की शादी वैध होनी चाहिए। हालांकि दहेज मांगने पर उस अधिनियम के तहत केस हो सकता है।
दहेज के लिए विवाह आवश्यक नहीं
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि दहेज के लिए विवाह आवश्यक नहीं है। किसी पुरुष महिला ने शादी तय की है तो भी दहेज अधिनियम में केस दर्ज हो सकता है। न्यायमूर्ति न्यायाधीश अरुण कुमार देशवाल ने धारा 498-ए, 323, 504, 506 और धारा 3/4 के तहत दर्ज मामले के संबंध में आरोप पत्र की पूरी कार्यवाही के साथ-साथ समन आदेश को चुनौती देने वाली पति और उसके परिवार के सदस्यों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है।
Aligrah: जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। सासनी गेट क्षेत्र में हिन्दू युवक ने मुस्लिम के साथ की मारपीट की है। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि कलावा पहनकर कबाड़ का काम करने पर कारोबारी की पिटाई कर रहा है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
फर्जी अधिकारी बनकर लोगों से ठगी करता है आरोपी
पुलिस के मुताबिक, मुस्लिम कारोबारी के साथ मारपीट करने वाले आरोपी हिन्दू युवक पर चौथ वसूली जैसे कई केस दर्ज हैं। आरोपी ठगी के लिए कभी पत्रकार तो कभी क्राइम ब्रांच का अधिकारी बन कर लोगों से वसूली करता है। इसके पहले मिठाई कारोबारी ने आरोपी पर रंगदारी मांगने का मुकदमा दर्ज कराया था। आरोपी हिन्दू युवक के ऑडियो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। बताया जाता है कि आरोपी विधायक व क्राइम ब्रांच अधिकारी बनकर मोटी रकम व्यापारियों से वसूलता है। फिलहाल सासनी गेट पुलिस मामले की जांच कर रही है।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को पश्चिम त्रिपुरा के बराकथल में सिद्धेश्वरी मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए. इस दौरान सीएम योगी ने विशाल जनसभा को संबोधित भी किया. इस दौरान सीएम योगी ने कांग्रेस के साथ ही पाकिस्तान पर भी निशाना साधा.
केवल मुरली से काम नहीं चलेगा, सुदर्शन चक्र भी जरूरी- सीएम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'जब भगवान श्रीकृष्ण की स्मृति हमारे सामने आती है तो भगवान श्रीकृष्ण के एक हाथ में मुरली है तो दूसरे हाथ में सुदर्शन भी तो है. केवल मुरली से काम नहीं चलेगा बल्कि सुरक्षा के लिए सुदर्शन भी आवश्यक है.' उन्होंने कहा 'सुदर्शन जब आपके सामने होगा तो फिर किसी श्री श्री शांतिकाली महाराज को अपना बलिदान नहीं देना होगा.'
'पाकिस्तान जब तक धरती पर है ये मानवता के लिए कैंसर'
सीएम योगी ने आगे कहा कि '1947 से पहले वो कौन लोग थे जो भारत के विभाजन का पक्षधर बनकर मुस्लिम लीग की मंशा और कांग्रेस की सत्ता लोलुपता के चक्कर में पड़कर भारत के दुर्भाग्यपूर्ण विभाजन के लिए जिम्मेदार बने. ऐसे लोगों के बारे में सही जानकारी देने की आवश्यकता है. अगर उस समय का कांग्रेस नेतृत्व और जोगिंदर नाथ मंडल मिलकर मुस्लिम लीग की मंशा पर पानी फेर देते तो कभी भी ये पाकिस्तान जैसा नासूर नहीं बनता.' योगी ने आगे कहा कि 'पाकिस्तान एक नासूर है जब तक इसका ऑपरेशन नहीं होगा तब तक इस कैंसर की समस्या का समाधान नहीं होने वाला है. आज पाक अधिकृत कश्मीर में पाकिस्तान से अलग होकर भारत में मिलने की मांग शुरू हो गई है. बलूचिस्तान में पाकिस्तान से अलग होने की मांग खड़ी हो गई है. पाकिस्तान जब तक इस धरती पर है ये मानवता के लिए कैंसर बना रहेगा. इसका इलाज समय रहते दुनिया की ताकतों को मिलकर करना होगा और सबसे ज्यादा सतर्क भारत के लोगों को रहना होगा.'
कांवड़ यात्रा से पहले दुकानों और ठेलों पर नेम प्लेट लगाने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी थी. वहीं इस अभियान हवा देने वाले मुज़फ्फरनगर के बघरा ब्लॉक के योग साधना आश्रम के महंत स्वामी यशवीर महाराज अब एक नई अपील लेकर सामने आए हैं. स्वामी यशवीर महाराज ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दरकिनार करते हुए मंगलवार दोपहर से एक अनोखे अभियान की शुरुआत की है. उन्होंने सभी सनातनी व्यापारियों से अपील की है कि सभी छोटे-बड़े दुकानदार अपने-अपने प्रतिष्ठानों पर ॐ लिखा भगवा झंडा और भगवान विष्णु के अवतार भगवान वराह की मूर्ति लगाएं. यशवीर महाराज ने इस अभियान को शुरु कर दिया है. जिसके तहत उन्होंने मुजफ्फरनगर के सभी कांवड़ मार्गों पर स्थित होटल, ढाबों और फल-जूस की ठेली लगाने वाले हिन्दू दुकानदारों के पास जाकर उन्हें भगवान वारह की तस्वीर भेंट करते की. साथ ही इस अभियान को तेज करने की बात कही.
"हमारा हिंदू समाज इसके लिए बाध्य नहीं"
इस दौरान स्वामी यशवीर महाराज ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि देखिए सुप्रीम कोर्ट का जो नेम प्लेट के ऊपर अंतरिम आदेश आया है, वह तो आ गया, लेकिन हमारा जो हिंदू समाज है वो इसके लिए बाध्य नहीं है. मेरा सभी सनातन धर्म के मानने वालों से कहना है कि जहां भी आपका होटल, ढाबा, चाय की दुकान, मिठाई की दुकान, जूस की दुकान, फलों की दुकान या खाद्य पदार्थ की कोई भी दुकान है. उस पर अपना और अपने पिता का मोटे अक्षरों में नाम लिखो और अपने आधार कार्ड की टू कॉपी लगाओ. साथ ही उस पर भगवा रंग में ओम का ध्वज लगाओ. वहीं भगवान वारह का चित्र लगाओ. जिस होटल पर जिस दुकान पर जहां खाने का सामान मिलता है, वहां पर भगवान वराह का चित्र है तो आप वहीं भोजन करें या कुछ भी खाएं, क्योंकि भगवान वराह का जहां पर चित्र है वहां पर भोजन में थूकने का, मूत्र करने का या गोमांस डालने का ऐसा घृणित कार्य नहीं होगा. उनका कहना है कि जहां पर भगवान वराह की मूर्ति या चित्र है, वहां आपको शुद्ध भोजन मिलेगा, इसलिए भोजन करने से पूर्व यह सब देख लें और भगवान वराह की मूर्ति जहां हो निश्चित होकर के अपना शाकाहारी सात्विक भोजन करें.
कांवड़ियों से भी यशस्वी महाराज ने की अपील
उन्होंने आगे कहा कि मैं कांवड़ियों से यही कहना चाहता हूं कि श्रावण मास चल रहा है और यह भक्ति का मास होता है. इस मास में बहुत भक्ति की जाती है. साथ ही खान-पान का भी ध्यान रखा जाता है. बल्कि जो तामसिक आहार होता है, लहसुन प्याज उसका भी सेवन नहीं किया जाता है. तो सभी कांवड़ लाने वाले भक्तों से मेरा यह निवेदन है कि आपकी जो कांवड़ लाते समय भक्ति होती है उसे भक्ति में कोई बाधा ना आए. इसलिए जहां भी आप लोग भोजन करें या फल खाएं, जूस या चाय पीएं वहां पर यह देख लें कि मोटे अक्षरों में नाम है एवं ओम का ध्वज लगा हुआ है. आधार कार्ड की कॉपी के साथ-साथ भगवान वराह की मूर्ति है और जहां पर भगवान वराह की मूर्ति होगी. बिल्कुल आंख बंद करके भोजन कर लें. वहां सात्विक भोजन मिलेगा एवं न भोजन में लहसुन प्याज होगा और ना उन गैंग के द्वारा जो थूकने वाले-मूतने वाले गैंग है या गोमांस मिलाने वाले गैंग हैं, उनसे आप बच जाओगे और सात्विक भोजन वही मिलेगा.
Ghaziabad: उत्तर प्रदेश में एक तरफ योगी सरकार द्वारा कांवड़ मार्ग के ठेले और दुकानों पर नाम लिखने की बात से समाज में हिंदू-मुस्लिम भेदभाव की चर्चा हो रही थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इसे रोकने का आदेश दिया। इसी बीच गाजियाबाद के थाना मसूरी क्षेत्र में इंसानियत और भाईचारे की मिसाल पेश करने वाली घटना सामने आई है।
कर्ज से परेशान अमित ने लगाई थी नहर में छलांग
दरअसल, थाना क्रॉसिंग रिपब्लिक का निवासी अमित कर्ज के बोझ तले दबे होने के कारण मसूरी की गंग नहर में कूद गया। तभी मसूरी क्षेत्र के ग्राम नाहल के बाबू, मोबीन, और सलीम गाजियाबाद में प्लंबर का काम करने जा रहे थे। इन्होंने अमित को नहर में डूबते देखा तो बिना समय गंवाए नहर में छलांग लगा दी। अमित को बचाकर डासना सीएचसी अस्पताल पहुंचाया। सीएचसी के डॉक्टरों ने बताया कि यह एक पुलिस केस है, जिसके बाद अमित को थाना मसूरी ले जाया गया। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अमित को पुनः डासना सीएचसी अस्पताल भेजा, जहां उसकी जान बचा ली गई।
तीनों मुस्लिम युवकों की हो रही तारीफ
बाबू, सलीम, और मोबीन की इस साहसिक और मानवीय कार्रवाई की पूरे क्षेत्र में सराहना की जा रही है। उनकी इस बहादुरी ने न सिर्फ एक व्यक्ति की जान बचाई बल्कि इंसानियत और सहयोग की भावना को भी मजबूती प्रदान की। आपको बता दें नहाल गांव के लोगों ने बीते दिनों भी दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर हुए कोहरा हादसे में लोगों को बचाने का कार्य किया था। नाहल गांव के लोग हमेशा नहर में डूबते हुए लोगों को बचाने का कार्य करते हैं।
इस समय संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है. इस मॉनसून सत्र में पिछले दो दिनों से बजट की जोरदार चर्चा हो रही थी. जिसके बाद अब समाजवादी पार्टी के सांसद बजट को लेकर केंद्र सरकार को घेरने में जुटे हैं. इसी कड़ी में सपा की कैराना से सबसे युवा सांसद इकरा चौधरी को भी बोलने का मौका मिला. संसद में अपने भाषण के दौरान इकरा चौधरी ने अपने क्षेत्र को लेकर कुछ ऐसी मांगें रख दी हैं. जिनकी अब हर ओर चर्चा हो रहा है.
पानीपत, कैराना और मेरठ रेल मार्ग का उठाया मुद्दा
इकरा चौधरी ने सबसे पहले कहा कि उनके क्षेत्र यानी कैराना में रेलवे मंत्रालय से संबंधित विभिन्न समस्याएं लंबे समय से लंबित हैं. जिनका पूरा कराया जाना आम जनता की सुविधा के लिए बहुत आवश्यक है. सबसे पहले पानीपत, कैराना और मेरठ रेल मार्ग का सर्वे कई बार कराया जा चुका है, लेकिन अभी तक इस पर काम शुरू नहीं हुआ है. हरियाणा और उत्तर प्रदेश को सीधे जोड़ने के लिए यह काफी महत्वपूर्ण है.
वैष्णों देवी के लिए सीधी ट्रेन की मांग
इसके बाद इकरा चौधरी ने क्षेत्र और आम लोगों से जुड़ा एक और मुद्दा उठाया. इकरा ने आगे कहा कि हरियाणा और यूपी को जोड़ने के अलावा शामली से प्रयागराज तक, शामली से वैष्णो देवी तक नई ट्रेनों को चलाना बहुत जरूरी है. इसकी मांग लोग लंबे समय से कर रहे हैं. प्रयागराज में हाई कोर्ट के होने और वैष्णो देवी में हिंदुओं के अहम तीर्थ स्थल होने की वजह से यहां से सीधी कनेक्टिविटी बहुत जरूरी है.
दो रेलवे पुलों के निर्माण की रखी मांग
इकरा चौधरी अपनी दो मांगें संसद के सामने रखने के बाद भी नहीं रुकीं. इसके बाद इकरा चौधरी ने दिल्ली-शामली-सहारनपुर रेल मार्ग पर स्थित जंधेरी फाटक व रामपुर फाटक पर रेलवे पुलों का निर्माण काफी समय से लटका है. इन दोनों का निर्माण कराए जाना बहुत जरूरी है. इसकी भी मांग लंबे समय से हो रही है.
पैसे बचाने के तरीके: चाहकर भी नहीं कर पाते हैं धन की बचत, तो ये टिप्स आपके काम की हैं
December 17, 2022