आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह दिल्ली आबकारी नीति (2021-22) के घोटाले में 4 अक्टूबर, 2023 को हुए थे गिरफ्तार.
राउज एवेन्यू कोर्ट का फैसला
Delhi: मंगलवार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने AAP (आम आदमी पार्टी) के नेता संजय सिंह की याचिका पर फिर से एक बार सुनवाई करते हुए उनको राज्यसभा के सांसद के रूप में शपथ लेने की अनुमति दे दी है. 8 या 9 फरवरी को पुलिस हिरासत में संजय सिंह संसद जाकर शपथ ग्रहण करेंगे।
संसद में शपथ लेने की दूसरी कोशिश
5 फरवरी को किन्ही कारणों के चलते जब संजय सिंह सांसद पद की शपथ नहीं ले पाए तो कोर्ट ने इस मुद्दे की समीक्षा करते हुए फिर से आप के नेता को मौका देते हुए शपथ ग्रहण करने की अनुमति देते हुए नई तारीख का ऐलान किया. कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एम.के नागपाल ने दिल्ली आबकारी घोटाले में आरोपित संजय सिंह के आवेदन को मानते हुए जेल अधिकारियों को निर्देश दिया कि अधिकारियों की मौजूदगी में राज्यसभा सचिवालय के पदाधिकारियों से संवाद स्थापित कर संजय सिंह को शपथ दिलवाएं.
आबकारी नीति (2021-22) घोटाले में गिरफ्तार
2021-2022 में दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति को लागू किया था। जिसको संदेहास्पद पाकर दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को इजजात देते हुए संजय सिंह को गिरफ्तार कर जांच को पूरा करने के आदेश दिऐ थे. संजय सिंह के वकील ने पिछले ही हफ्ते दिल्ली हाईकोर्ट में नियमित जमानत याचिका दायर की थी। जिसके उपर कोर्ट ने अपना फैसला अभी सुरक्षित रखा है. हालांकी राउज एवेन्यू कोर्ट ने आप नेता संजय सिंह की सांसद शपथ ग्रहण अनुमति याचिका को मंजूरी दे दी है, अब देखना ये है कि किस दिन आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह राज्यसभा में शपथ ग्रहण करने जाते हैं.
जम्मू-कश्मीर इस वक्त बड़े ही नाजुक हालातों से गुजर रहा है. ऐसे में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लेफ्टीनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा और भारत की सरकार किसी भी प्रकार के खतरे को पनपने नहीं दे सक्ती है. आज शब-ए-मेराज के मौके पर जब ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन मीरवाइज मौलवी उमर फारूक को भाषण देने जाना था, लेकिन उन्हे घर में ही नजरबंद कर के आदेश दिए गए हैं.
Jammu & Kashmir: श्रीनगर की जामा मस्जिद के प्रबंधन इकाई ने जानकारी साझा करते हुए बताया है कि ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन मीरवाइज उमर फारूक को उनके घर में नजरबंद किया गया है. आज जुम्मे की नमाज के बाद मीरवाइज उमर फारूक कश्मीर की आवाम से बात कर अपने विचारों को सबके सामने रखने वाले थे, लेकिन उनका इस दौरे से पहले ही सरकार ने उन्हे नजरबंद कर दिया.
अंजुमम औकाफा जामा मस्जिद ने बयान जारी करते हुए कहा कि मीरवाइज उमर फारूक के भाषण को सुनने के लिए लोगों की बहुत बड़ी भीड़ इकट्ठा होने वाली थी, लेकिन उससे पहले ही अधिकारियों ने मौलवी उमर फारूक के घर के बाहर पुलिस वाहन तैनात करते हुए नगीन में उनको घर में ही नजरबंद कर दिया. प्रबंधन कमेटी ने उप-राज्यपाल पर आरोप लगाते हुए इस फैसले को गलत ठहराया है. जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों ने इस खबर की अब तक किसी भी प्रकार से पुष्टी नहीं की है.
चार साल से नजरबंद थे मीरवाइज
ध्यान देने वाली बात ये है कि सरकार के आदेश पर पिछले 4 साल से ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन मीरवाइज उमर फारूक को उनके घर में नजरबंद कर रखा था. पिछले साल सितंबर में मीरवाइज को रिहा किया गया था और ये हिदायत दी थी कि वे सिर्फ तीन शुक्रवार मस्जिद जा सकेंगे. अक्टूबर में इजराइल-फिलिस्तीन का युद्ध जब से शुरु हुआ है तभी से सरकार ने जम्मू-कश्मीर में मीरवाइज की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा रखा है.
New Delhi: रिजर्व बैंक पिछले कुछ समय से गोल्ड रिजर्व को युद्ध स्तर पर बढ़ा रहा है। इसका मकसद डॉलर पर निर्भरता घटाने के साथ मुद्रास्फीति से मुकाबले की तैयारी करना भी है। साथ ही, केंद्रीय बैंक ने पिछले दिनों ब्रिटेन के बैंक जमा अपने सोने को भी वापस देश में मंगाया था। इससे कई लोगों के मन में सवाल उठ रहा था कि गोल्ड रिजर्व बढ़ने और विदेश से अपना सोना वापस मंगाने से क्या देश में गोल्ड सस्ता हो सकता है।
आरबीआई गवर्नर ने किया स्पष्ट
अब आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने खुद स्थिति साफ की है। उन्होंने कहा, 'रिजर्व बैंक ब्रिटेन से 100 मीट्रिक टन सोना सिर्फ इसलिए वापस लाया है, क्योंकि भारत के पास पर्याप्त भंडारण क्षमता है। इससे ज्यादा कुछ नहीं समझा जाना चाहिए।' आरबीआई गर्वनर के इस बयान से साफ है कि सोने के दाम नहीं घटने वाले।
बता दें कि सोना सबसे सुरक्षित निवेश माना जाता है। क्योंकि इसकी कीमतें समय के साथ बढ़ती रहती हैं। प्राचीन समय से इसे यूनिवर्सल करेंसी का दर्जा मिला है। यह किसी भी आर्थिक संकट से निपटने में मदद करता है। अब अगर आरबीआई देश में सारा सोना जमा रखता है तो किसी राजनीतिक उथलपुथल या कुदरती आफत के समय यह उसके हाथ से जा भी सकता है।
Noida: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल रविवार को ग्रेटर नोएडा पहुंचकर ग्लोबल बिजनेस स्कूल का उद्घाटन किया।इस दौरान राज्यपाल ने सभी से अपना जन्मदिन आंगनबाड़ी केंद्रों पर बनने की बात कही। उन्होंने कहा कि बड़ी-बड़ी यूनिवर्सिटी, कॉलेज व अन्य लोगों को आंगनबाड़ियों को मदद देनी चाहिए।
राज्यपाल पटेल ने कहा कि हम लोगों को आंगनबाड़ी केंद्रों की मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऊपर वाले को नीचे वालों की मदद करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि जब कॉलेज के लोग राजभवन आमंत्रित करने के लिए पहुंचे तो मैंने कहा कि 100 आंगनबाड़ी को किट दोगे तभी मैं आऊंगी और आज यह 100 आंगनबाड़ी को किट बांटी गई है।
इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारा दायित्व बनता है, हम गरीब बच्चों को पढ़ाये। सुविधा के अभाव के चलते वह ऊपर तक नहीं पहुच पाते लेकिन यह सरकार का काम है, जिसे किया जा रहा है। राज्यपाल ने सभी लोगों से अनुरोध भी किया कि आप लोग अपना जन्मदिन किसी होटल और रेस्टोरेंट में मनाते हैं लेकिन अब से अपना जन्मदिन आंगनबाड़ी केंद्रों में जाकर बनाएं। जिससे आपको तो एक अलग तरह का अनुभव मिलेगा ही लेकिन उन बच्चों के चेहरे पर आपको मुस्कान दिखेगी, जो वहां पर पढ़ने के लिए आते हैं।राज्यपाल ने कहा कि आप लोग अगर संकल्प ले तो हम भीख मांगने वाले लोगों को शिक्षा की तरफ ला सकते हैं और उन्हें शिक्षा दे सकते हैं। इसलिए एक दूसरे की मदद करना सीखें।
ग्रेनो के नॉलेज पार्क के शारदा विश्वविद्यालय में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को लगभग 700 प्री स्कूल किट सौंपी गई. यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शुक्रवार को आंगनबाड़ी केंद्रों को बाल सुलभ बनाने की कवायद के तहत किट सौंपी. इसमें ट्राई साइकिल,रीडिंग हॉर्स एबीसीडी सेट,एनिमल सेट,ब्लैक सेट चेयर्स स्टोरी बुक,रिंग क्ले समेत अन्य सामग्री है. समारोह का शुभारंभ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल,डीएम मनीष कुमार वर्मा,सांसद डॉ महेश शर्मा,विश्वविद्यालय के चांसलर पीके गुप्ता,प्रो चांसलर वाईके गुप्ता,जीबीयू के वाइस चांसलर अरविंद कुमार सिन्हा ने दीप प्रवज्जलन करके किया.
"सरकार और समाज आंगनबाड़ी पर ध्यान दें"
इस दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर लोग शिक्षा के लिए अपने बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों में भेजते हैं. जबकि आर्थिक रूप से मजबूत लोग क्रेच में भेजते हैं. सरकार इन दोनों के बीच के अंतर को खत्म करना चाहती है. सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की तरह ही आंगनबाड़ी कर्मचारियों को भी बड़े-बड़े संस्थानों में भेजकर ट्रेनिंग दिलवाई जाएगी और सबको नॉन टीचिंग कार्य से मुक्ति मिलेगी. उन्होंने कहा कि सरकार और समाज को सबसे पहले आंगनबाड़ी पर ध्यान देना चाहिए. जब हमारी नींव मजबूत होगी तब ही हम विकसित भारत बन सकते हैं. विकसित देश हम किसे कहेंगे, जहां सबसे ज्यादा लोग पढ़े लिखे हो. जो देश को प्रगति की तरफ ले जा सके. हमें सेहत और जो बीमार है उन्हें जल्द से जल्द और अच्छा इलाज मिल सके. हमारे बच्चे कुपोषण का शिकार न हों. इसके लिए सबको आगे आना चाहिए यही बच्चे हमारा भविष्य है.
बच्चों को संस्कार स्कूल और घर में मिलता- आनंदीबेन
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आगे बताया कि सही खुराक न मिलने के कारण सवा महीने के करीब 431 बच्चों की मौत मां के पेट में हो ही गई. रिसर्च से पता चला है विश्व में 7-8 आयु के बच्चे 80 प्रतिशत तक सबकुछ सिख जाते बाकी का 20 प्रतिशत पूरी जिंदगी लग जाती है. बच्चों को संस्कार स्कूल और घर में मिलता है. इसलिए ऐसा माहौल बनाएं जो उन्हें अच्छा संस्कार मिल सके. आंगनबाड़ी सबसे स्वस्थ, स्वच्छ सुंदर केंद्र ऐसी बड़ी कोई संस्था नहीं है. प्री स्कूल की किट में सहयोग देने वाली संस्थाओं को उन्होंने धन्यवाद और सर्टिफिकेट दिए.
आनंदीबेन ने कार्यकत्रियों को कलयुग की यशोदा कहा
शारदा विश्वविद्यालय के चांसलर पीके गुप्ता ने राज्यपाल के बारे में कहा कि आप इस उम्र इतने लगन से काम कर रही है ऐसा मैनें अब तक नहीं देखा. आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से कहा कि आप कलयुग की यशोदा है. जो बच्चों को कृष्ण के रूप में अच्छे संस्कार देकर बड़ा कर रही हैं और विकसित भारत का एक हिस्सा बनाने की कोशिश कर रही हैं. हमारे देश हर व्यक्ति स्वस्थ और शिक्षित रखना हम सबका काम है. अगर आपको शारदा की तरफ से कोई सहयोग चाहिए तो हम उसके लिए तैयार है.
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October 05, 2024