Lucknow/Greater Noida: योगी सरकार प्रदेश के स्टार्टअप्स, उद्योगों और सूक्ष्म लघु मध्यम उद्यम (एमएसएमई) व स्थानीय शिल्प कलाओं को अंतरराष्ट्रीय फलक पर पहचान दिलाने के लिए 21 से 25 सितंबर तक यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2023 का आयोजन करने जा रही है। ग्रेटर नोएडा में आयोजित होने वाले इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन में उत्तर प्रदेश के दो हजार से ज्यादा एग्जीबिटर्स अपने अपने उत्पादों का प्रदर्शन करेंगे। इसमें प्रदेश की शिल्पकलाओं के साथ ही नव उद्यमियों की मेधा से सृजित उत्पादों से दुनियाभर के बायर्स तक पहुंच बनाने का प्रयास होगा। इसके अलावा इंटरनेशनल ट्रेड शो परिसर में हॉल ऑफ टाउन ऑफ एक्सपोर्ट एक्सिलेंस में यूपी के 12 शहरों की उत्कृष्ट शिल्प कलाओं का भी प्रदर्शन किया जाएगा। साथ ही प्रदेश में मौजूद हेल्थ एंड वेलनेस सेक्टर के मजबूत आधार को भी इस ट्रेड शो के जरिए दुनियाभर के बायर्स के सामने प्रदर्शित किया जाएगा।
इन सेक्टर्स के एग्जीबिटर्स प्रदर्शित करेंगे अपने प्रोडक्ट
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर ग्रेटर नोएडा में आयोजित होने जा रहे इंटरनेशनल ट्रेड शो के दौरान प्रदेश के दो हजार से भी ज्यादा एग्जीबिटर्स अपनी कलाओं के साथ मौजूद होंगे। इनमें एग्रीकल्चर और हॉर्टीकल्चर, डिफेंस कॉरिडोर, ई कॉमर्स, बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विस, एजुकेशन सेक्टर (विश्वविद्यालय, साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और गणित), इन्फ्रा, इंजीनियरिंग और मैन्यूफैक्चरिंग, फिल्म सेक्टर, फूड प्रॉसेसिंग एंड डेयरी प्रोडक्ट, जीआई टैग प्रोडक्ट, हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट, टेक्सटाइल्स, रिटेल, हेल्थ एंड वेलनेस (आयुष, योग, यूनानी, नेचुरोपैथी), आईटी, आईटीईएस, एमएसएमई, नमामी गंगे और जल शक्ति, ओडीओपी, रिन्यूवेबल एनर्जी और ई-व्हीकल, स्पोर्ट्स सेक्टर, टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी सेक्टर, खिलौना उद्योग, वेयरहाउस एंड लॉजिस्टिक्स, महिला उद्यम सहित अन्य सेक्टर से जुड़े लोग अपने अपने उत्पादों के साथ इंटरनेशनल ट्रेड शो में मौजूद रहेंगे।
सीधे-सीधे बायर्स से जुड़ेंगे ओडीओपी आर्टिजन्स
इसके अलावा इस ट्रेड शो के जरिए एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) को अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान करने पर योगी सरकार का सबसे ज्यादा फोकस है। ओडीओपी के लिए यहां ना सिर्फ प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा, बल्कि बिजनेस और कस्टमर (बी2सी) के बीच प्रॉपर चैनल भी विकसित किया जाएगा, जिससे खरीदार सीधे आर्टिजन्स से संपर्क स्थापित करें और उत्पादों के लिए ऑर्डर दें। सिर्फ इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश के जायके के लिए इंटरनेशनल ट्रेड शो में विशेष तौर पर तैयारी की जा रही है। यहां प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बनने वाले स्वादिष्ट और लजीज व्यंजनों का लुत्फ बायर्स उठा सकेंगे। खास बात ये है कि यहां पर मिलेट्स कैंटीन भी बनाई जाएगी, जिसमें मोटे अनाज से निर्मित तमाम व्यंजनों को सर्व किया जाएगा।
फैशन शो से लेकर शहनाई नाइट तक रंगारंग कार्यक्रम
इंटरनेशनल ट्रेड शो को विविध रंगारंग आयोजनों के जरिए भव्य रूप देने की तैयारी हैं। इसमें आर्ट एंड पेंटिंग शो, यूपी फैशन शो, यूपी कल्चरल परफॉर्मेंस, आर्टिसियन्स परफॉर्मेंस, साउंड एंड लाइट शो, लेजर एंड ड्रोन शो, यूपी बैंड फरफॉर्मेंस और शहनाई नाइट विशेष आकर्षण है। इसके अलावा यहां एक एक्सपीरिएंस जोन भी होगा जिसमें कन्नौज का इत्र, मेरठ का ब्रास और बिजनौर के पेंट ब्रश निर्माण का लाइव डेमो भी प्रदर्शित किया जाएगा। वहीं यूपी के हेल्थ एवं वेलनेस सेक्टर को समर्पित पूरा का पूरा एक हॉल भी होगा, जहां प्रदेश में चिकित्सा से जुड़े विभिन्न विधाओं की समृद्ध परंपरा और विरासत का प्रदर्शन भी दुनियाभर के बायर्स के सामने होगा।
Noida: नोएडा और ग्रेटर नोएडा में काफी समय से अपने फ्लैट का मालिकाना हक पाने के लिए परेशान लोगों के लिए अच्छी खबर सामने आई है। अब फ्लैट खरीदारों को न सिर्फ पजेशन मिलेगा बल्कि रजिस्ट्री भी होगी। ऐसा फैसला जल्द ही योगी सरकार लेने वाली है।
योगी सरकार ने प्राधिकरण से मांगी रिपोर्ट
दरअसल, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में फ्लैट खरीदने वालों की परेशानी को देखते हुए योगी सरकार ने नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से रिपोर्ट मांगी है। इसके अलावा रियल एस्टेट सेक्टर को उबारने के लिए केंद्र की बनाई गई अमिताभ कांत कमेटी की सिफारिशें भी शासन तक पहुंच चुकी हैं। जिससे उम्मीद जगी है।
मंत्री गोपाल नंदी ने सीएम को दी जानकारी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बिल्डर और फ्लैट खरीदारों की समस्या को बताया। इसके बाद नंदी ने कहा कि सीएम योगी ने बिल्डर और खरीदारों के सभी बिंदुओं पर किए जा रहे प्रयासों की जानकारी सीएम योगी को दी है। सीएम ने जल्द ही इसके समाधान के दिशा में प्रक्रिया बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
प्राधिकरण के साथ मंत्री ने की समीक्षा
बता दें कि मंत्री नंदगोपाल नंदी ने पिछले दिनों नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ लखनऊ में समीक्षा की थी। समीक्षा के बाद उन्होंने कहा था कि फ्लैट बायर्स की कोई गलती नहीं है। सरकार की पहली कोशिश फ्लैट बायर्स को उनका आशियाना दिलाने की होगी। इसके बाद बिल्डर के जो विषय हैं, उन पर विचार किया जाएगा।
1.62 लाख फ्लैट खरीदारों को मिलेगा फायदा
योगी सरकार के फैसले से नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र के लगभग 1 लाख 62 हजार फ्लैट खरीदारों को फायदा मिलेगा। इनमें आम्रपाली व एनसीएलटी में गए दूसरे प्रॉजेक्ट हैं।
Lucknow: योगी सरकार की हुई मंगलवार को कैबिनेट बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगी। इसके तहत प्रदेश में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के 23 बस स्टैंड को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। योगी कैबिनेट की मंगलवार को आयोजित बैठक में इसका प्रस्ताव मंजूर किया। परिवहन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार दयाशंकर सिंह ने बताया कि गाजियाबाद के साहिबाबाद, आगरा के ट्रांसपोर्ट नगर और ईदगाह, मथुरा के पुराना बस स्टैंड, कानपुर के कानपुर सेंट्रल (झकरकटी), वाराणसी के कैंट, प्रयागराज के जीरो रोड और लखनऊ के अमौसी बस स्टैंड को पीपीपी मोड पर बसपोर्ट विकसित करने का प्रस्ताव मंजूर किया है।
गाजियाबाद बस स्टैंड को बस पोर्ट बनाने के लिए फर्म का हुआ चयन
लखनऊ के चारबाग, मेरठ के सोहराबगेट, अलीगढ़ के रसूलाबाद, गोरखपुर के गोरखपुर, अयोध्या के अयोध्याधाम, बरेली के सैटेलाइट, रायबरेली और मिर्जापुर में बस पोर्ट के लिए भी प्रस्ताव तैयार किया है। बुलंदशहर और मेरठ के गढ़मुक्तेश्वर एयरपोर्ट की तर्ज पर बस पोर्ट बनाने प्रस्ताव भी मंजूर किया है। उन्होंने बताया कि प्रयागराज के पुराने बस स्टैंड, कौशांबी, लखनऊ के गोमतीनगर, गाजियाबाद बस स्टैंड को बस पोर्ट में तैयार करने के लिए फर्म का चयन हो गया है। आगामी दिनों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों इसका शिलान्यास कराया जाएगा।
पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर मनमानी नहीं चलेगी
योगी सरकार ने मंगलवार को पावर ऑफ अटॉर्नी से जमीनों की खरीद फरोख्त करने के धंधे पर रोक लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। स्टांप एवं पजीयन विभाग के प्रस्ताव पर योगी कैबिनेट में मुहर लगा दी है। योगी कैबिनेट ने मंगलवार को पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए होने वाली मनमानी पर लगाम लगाने के लिए स्टांप विभाग के प्रस्ताव समेत कई फैसलों पर मुहर लगा दी है। अब पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए कोई बिल्डर या प्रॉपर्टी डीलर खरीद फरोख्त नहीं कर सकेंगे। केवल ब्लड रिश्तों के अलावा पावर ऑफ अटॉर्नी बनवाने पर अब स्टांप लगेगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट स्कीम समेत 19 प्रस्तावों को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।
Lucknow: यूपी की योगी सरकार ने दो लाख से ज्यादा टैबलेट बांटने की तैयारी पूरी कर ली है। इसके साथ ही किस जिले में किस वेंडर को कौन सी कम्पनी के कितने टैबलेट्स की आपूर्ति करनी है इसकी भी सूची जारी कर दी गई है।यूपी की योगी सरकार ने परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों के 209863 अध्यापकों के लिये टेबलेट खरीद के लिए मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही किस जिले में किस वेंडर को कौन सी कम्पनी के कितने टैबलेट्स की आपूर्ति करनी है इसकी भी सूची जारी कर दी गई है।
एक प्राथमिक विद्यालय में 2 टैबलेट दिए जाएंगे
सरकार की ओर से नामित टेक्निकल पार्टनर यूपी डेस्कों द्वारा इस सम्बन्ध में निविदादाताओं का चयन कर परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों के लिए जिलो में टैबलेट उपलब्ध कराये जाने की कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गयी है। स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने प्रदेश के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों के नाम जारी सर्कुलर में कहा है कि 99744 परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के उपयोगार्थ 02-02 टैबलेट और 10,375 परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों के लिए 1-1 टेबलेट मुहैय्या कराये जा रहे है।
प्रधानाध्यापक या इंचार्ज के पास रहेगा टैबलेट
जिन विद्यालयों में दो टेबलेट दिए जा रहे हैं, उन विद्यालयों में एक टैबलेट प्रधानाध्यापक अथवा इंचार्ज प्रधानाध्यापक को और दूसरा वरिष्ठतम अध्यापक को उपलब्ध कराया जायेगा। इसी प्रकार से जिन विद्यालयों में एक टेबलेट उपलब्ध कराये जा रहे हैं, उस विद्यालय के प्रधानाध्यापक या इंचार्ज प्रधानाध्यापक के पास रहेगा। सर्कुलर में कहा गया है कि टेबलेट वितरण सम्बन्धी रिकार्ड जिले स्तर पर बीएसए कार्यलय में और विकास खण्ड स्तर पर खण्ड शिक्षा अधिकारियों के कार्यालय में तथा विद्यालय स्तर पर सम्बन्धित विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा विद्यालय की स्टॉक पंजिका में दर्ज किया जायेगा।
Lucknow: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ योगी ने मंगलवार को बड़ा एलान करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 6 साल में छह लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां दी। अब आगे एक करोड़ युवाओं को रोजगार दिलाया जाएगा। मुख्यमंत्री लोकभवन में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने मिशन रोजगार के तहत 393 नव चयनित होम्योपैथिक फार्मासिस्ट को नियुक्ति पत्र वितरित किए।
आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को अब मिलेगा गर्म पका भोजन
प्रदेश सरकार बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के परिसर में स्थित आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आने वाले तीन साल से छह साल की उम्र तक के बच्चों को गर्म पका हुआ भोजन उपलब्ध करवाएगी। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा इन बच्चों को पहले गर्म पका हुआ भोजन दिया जाता था। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से यह सिलसिला कई कारणों से ठप हो गया था।
कैबिनेट में प्रस्ताव पर लगी मुहर
कैबिनेट से हुए निर्णय के अनुसार अब इन बच्चों को जो गर्म पका हुआ भोजन दिया जाएगा। न्यू मिड डे मील योजना की ही तरह रहेगा। प्रस्तावित योजना के तहत इस पर आने वाले खर्च का पचास प्रतिशत राज्यांश और पचास प्रतिशत केन्द्रांश रहेगा। योजना की मानीटरिंग राज्य व जिले के स्तर पर गठित टास्क फोर्स द्वारा की जाएगी। प्रदेश सरकार का दावा है कि इस योजना से राज्य के आंगनबाड़ी केन्द्रों पर तीन से छह साल तक की उम्र के बच्चों के पोषण के स्तर में सुधार आएगा।
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा स्थित गवर्नमेंट इन्स्टीटयूट ऑफ मेडिकल साइंसेस का गजब कारनामा सामने आया है। दरअसल यहां के कर्मचारी 17 दिन तक शव फ्रीजर में रखकर भूल गए थे। अब इस मामले को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने जांच के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही निदेशक से स्पष्टीकारण तलब करने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देश भी दिए हैं।
ब्रेन हैमरेज से वृद्ध की हुई थी मौत, परिजनों को नहीं बताया
जानकारी के मुताबिक सेक्टर ईटा 1 में रहने वाले सोहन पाल (70) की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई थी। इसके बाद उनके शव को 17 दिन तक शव अस्पताल के शव गृह में फ्रीजर में कर्मचारियों ने रख दिया। परिजनों को मौत की सूचना न होने की वजह से शव नहीं ले गए। एटा के रहने वाले तमन ने बताया कि वह 13 साल से सोहनपाल के साथ रह रहे थे। 22 अगस्त को उनकी तबीयत खराब होने पर GIMS अस्पताल में भर्ती कराया था। सोहनपाल को ब्रेन हैमरेज हुआ था। ऐसे में डॉक्टरों की निगरानी में दो महीने चले उपचार के दौरान 23 सितंबर मौत हो गई थी। उनके मरने के बाद डेड बॉडी को फ्रीजर में रख दिया गया, जहां वह 17 दिन तक रखी रही।
डिप्टी सीएम ने जांच कमेटी गठित की
वहीं, इस मामले में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आनंद मोहन वर्मा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी गई है। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. शैलेंद्र तिवारी व वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. धीर सिंह को सदस्य बनाया गया है। जांच के बाद दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। जांच रिपोर्ट एक सप्ताह में देने के आदेश दिए गए हैं।
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा राजकीय आर्युविज्ञान संस्थान (Gims) एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को अस्पताल में अस्थायी नर्सिंग स्टाफ ने हड़ताल शुरू कर दी है। नर्सिंग स्टाफ अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठ गया है, जिससे अस्पताल में भर्ती मरीजों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि इसी अस्पताल में 17 दिनों तक शव में फ्रीज रखकर कर्मचारी भूल गए थे।
कोरोना काल में जान जोखिम में डालकर की थी ड्यूटी
बता दें कि स्टाफ नर्स ने संस्थान के प्रबंधन पर आश्वसन से पलटने का आरोप लगाया है। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि संस्थान में नए लोगों को भर्ती करने की योजना बनाई जा रही है। अस्थायी कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने कोरोना काल में जान जोखिम में डालकर ड्यूटी की। इस अस्पताल में लगभग 10 साल से कार्यरत हैं।
निदेशक ने नियमित करने का किया था वादा
कोरोना काल के दौरान संस्थान के निदेशक डॉक्टर गुप्ता ने उनके कार्यों को देखते हुए सराहना की थी। इसके साथ ही आश्वसन दिया था कि भविष्य में जब भी कर्मचारियों के नियमतीकरण के संबंध में कोई योजना आएगी, तो संस्थान में कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा। लेकिन अब उन लोगों की अनदेखी कर नए लोगों की भर्ती करने की योजना प्रबंधन बना रहा है, जिसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। अस्थायी कर्मचारियों ने नियमित कर उनका भविष्य सुरक्षित करने की मांग की है।
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (GIMS) में 16 अक्टूबर की सुबह 8 बजे से हड़ताल कर रहे आउटसोर्स नर्सिंग स्टॉफ काम पर लौट आए हैं। अस्पताल प्रबंधन और जिलाअधिकारी के आश्वासन के बाद नर्सिंग स्टाफ ने हड़ताल खत्म कर गुरुवार से काम पर लौट आए हैं। अस्पताल परिसर में आउटसोर्स नर्सिंग स्टॉफ अपनी सेवाएं नियमित किये जाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे।
नियमित भर्ती में दी जाएगी वरीयता
जीआईएमस प्रशासन ने लोक सेवा आयोग में नर्सों की भर्ती की तर्ज पर उनको नियमित भर्ती में वरीयता अंक प्रदान किये जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। बुधवार को जिलाधिकारी से वार्ता के बाद अस्पताल परिसर में धरनारत नर्सिंग स्टॉफ ने धरना खत्म कर दिया था। इसके बाद गुरुवार सुबह से अपनी-अपनी ड्यूटी पर नर्सिंग स्टाफ लौट आया है।
कोरोना काल में जान जोखिम में डालकर की थी ड्यूटी
बता दें कि जीआईएमस ने नर्सिंग स्टाफ की नियमित भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला था। जिसकी जानकारी मिलने पर यहां कार्यरत आउटसोर्सिंग नर्स स्टाफ ने हड़ताल शुरू कर दी थी। स्टाफ नर्स ने संस्थान के प्रबंधन पर आश्वसन से पलटने का आरोप लगाया था। कहा था कि संस्थान में नए लोगों को भर्ती करने की योजना बनाई जा रही है। जबकि उन्होंने कोरोना काल में जान जोखिम में डालकर ड्यूटी की। इस अस्पताल में लगभग 10 साल से कार्यरत हैं।
Noida: प्राथमिक विद्यालयों में सभी सुविधाएं एवं शिक्षा मानकों के अनुरूप उपलब्ध कराने को लेकर जिलाधिकारी मनीष कुमार ने औचक निरीक्षण किया। जिला अधिकारी मनीष कुमार ने पूर्व माध्यमिक विद्यालय हरौला, आदर्श प्राथमिक विद्यालय हरौला, उच्च प्राथमिक विद्यालय सेक्टर 12 नोएडा, आदर्श प्राथमिक विद्यालय चौड़ा सहादतपुर व कंपोजिट जूनियर हाई स्कूल मोरना नोएडा का औचक निरीक्षण किया।
बच्चों के घर जाकर जागरूक करने का दिया निर्देश
इस दौरान जिला अधिकारी ने स्कूलों में बच्चों को दिए जाने वाले मिड डे मील भोजन को खाकर भोजन की गुणवत्ता परखी, जोकि मानकों के अनुरूप पाई गई। जिला अधिकारी ने प्रधानाचार्य व अध्यापकों को निर्देश दिए कि स्कूलों में पढ़ने वाले सभी छात्र छात्राओं को सभी मूलभूत सुविधाएं एवं शिक्षा मानकों के अनुरूप उपलब्ध कराई जाए। साथ ही उन्होंने उपस्थिति पंजिका की जांच करते हुए अध्यापकों को निर्देश दिये कि बच्चों की उपस्थिति पर विशेष फोकस रखा जाए । जो बच्चा नियमित रूप से स्कूल नहीं आ रहा है तो अध्यापक छुट्टी के बाद ऐसे बच्चों के घर जाकर फीडबैक ले। इसके साथ ही जानें कि बच्चा स्कूल क्यों नहीं आ रहा है और उनके अभिभावकों को बच्चों को प्रतिदिन स्कूल भेजने के लिए जागरूक करें।
साफ-सफाई के दिए निर्देश
निरीक्षण के दौरान विद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता सन्तोषजनक पायी गयी। जिलाधिकारी द्वारा विद्यालय में साफ सफाई एवं शिक्षा की गुणवत्ता एवं अवकाश सम्बन्धी नियमों का अनुपालन किये जाने के निर्देश दिये गये। निरीक्षण के दौरान दौरान बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
Lucknow: उत्तर प्रदेश की उन्नति का मार्गप्रशस्त कर रही योगी सरकार प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की इकॉनामी बनानेके लिए लगातार प्रयास कर रही है। इस लक्ष्य को लेकर आगेबढ़ रही सरकार प्रदेश मेंनागरिक सुविधाओं को बढ़ावा देनेके लिए बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर्स के डेवलपमेंट समेत तमाम चिन्हित कार्यों को क्रमवार तरीके से मूर्तरूप दे रही है।
इसी क्रम में, नागरिक सुविधाओं में इजाफा व आर्थिक तरक्की को टार्गेट करते हुए प्रदेश के मार्गों के मेकओवर की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सीएम योगी की मंशा अनुरूप एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है। इसके अंतर्गत प्रदेश के 63 से ज्यादा जिलों की कुल 277 सड़कों के मेकओवर की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। इस लक्ष्य को प्राप्त करनेके लिए 319.73 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत स्वीकृत की गई है। जिसके जरिए प्रत्येक मार्गपर 40 लाख रुपए के औसत व्यय होने का अनुमान है। इसी क्रम में योगी सरकार के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग ने इन विशेष मरम्मत कार्यों को पूर्णकरनेके प्रक्रिया शुरू कर दी है।
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