साइबर क्राइम सिटी बना नोएडा, फर्जीकॉल सेंटर से अमेरिकन से की जा रही थी ठगी, 84 लोग गिरफ्तार


Noida: नोएडा से कॉल सेंटर ऑपरेट कर सोशल सिक्योरिटी के नाम पर अमेरिकन नागरिकों से ठगी करने वाले गिरोह का नोएडा पुलिस ने पर्दाफाश किया है। अमेरिकी जांच एजेंसियों से मिले इनपुट के बाद कोतवाली फेस-1 पुलिस ने सेक्टर-6 में चल रहे कॉल सेन्टर पर छापा मार कर 84 लड़के लड़कियों को गिरफ्तार किया है. जबकि गिरोह के सरगना फरार होने में सफल हो गये. छापेमारी के दौरान 150 कम्प्यूटर सेट, 13 मोबाइल, एक बड़ा सर्वर मय राउटर, एक क्रेटा गाडी, बीस लाख रूपये नकद समेत अन्य सामान बराबर किया गया है।


अमेरिकी एजेंसियों के इनपुट पर मारा छापा


पुलिस की गिरफ्त में आए लोग सेक्टर-6 के ए-18 में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर में ठगी का काम कर रहे थे. पुलिस को एफबीआई और इंटरपोल के जरिए सूचना मिल रही थी कि अमेरिका के लोगों के साथ नोएडा से ठगी की जा रही है. अमेरिकी एजेंसियों के इनपुट पर नोएडा पुलिस ने लोकल इंटेलिजेंस जाल बिछाया और मिले इनपुट पर स्पार्क फैक्टर टेक्नोलाजीज के नाम से चल रहे कॉल सेंटर छापा कर मास्टरमाइंड समेत 84 लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरोह के सरगना हर्षित चौधरी और योगेश पुजारी फरार होने में सफल हो गये.


मार्शल बनकर अमेरिकी नागरिकों को दिखाते थे कानूून का डर


नोएडा डीसीपी हरिश चंद्र ने बताया वीआईसीआई डायल साफ्टवेयर और एक्सलाईट/आईबीम डायलर का प्रयोग करके आईवीआर के माध्यम से ड्रार्क वैब से लिए डेटा से आरोपी अमेरिकी नंबरों पर सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट ऑफ यूएस के नाम से वॉइस मैसेज भेजा जाता था. कहा जाता था कि आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होने के कारण आपके अकाउंट को सीज किया जा रहा है. लोगों को झांसा देने के लिए इनके पास बकायदा एक स्क्रिप्ट होती थी.

क्रिप्टो और गिफ्ट कार्ड के जरिये करते थे ठगी


कालिंग एजेट/क्लोजर (मार्शल) बनकर अमेरिकी नागरिकों को फोन करके कहते थे कि उन्होंने कानून का उल्लंघन किया है और आपके वाहन या आपका चालान किया जा रहा है. साथ ही आपराधिक गतिविधियों में उनके लिप्त होने का डर दिखाया जाता था. इसके बाद ये लोग अमेरिकी नागरिकों को अपने झांसे में लेकर धोखाधड़ी करके उनसे गिफ्ट कार्ड/ क्रिप्टो करेंसी के माध्यम पैसे ले लेते थे. गिरफ्तार बदमाशों ने विदेशी नागरिकों से काफी रुपये ठगने की बात स्वीकार की है.


दिन-रात चलता था कॉल सेंटर


डीसीपी नोएडा ने बताया कि ये कॉल सेंटर रात में काम करता था. एक रात 30 से 35 की ठगी की जा रही थी. पुलिस ने छापे के दौरान जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, उसमें ज्यदातर काम करने वाले लोग नार्थईस्ट के रहने वाले है. चूंकि नार्थ ईस्ट के लोगों इग्लिश भाषा पर अच्छी पकड़ होने के साथ उनके इग्लिश बोलने का लहेजे से आसानी से अमेरिकी नागरिको झांसे में आ जाते है. पुलिस ने छापे के दौरान 150 कम्प्यूटर सेट, 13 मोबाइल, एक बड़ा सर्वर मय राउटर, एक क्रेटा गाडी, बीस लाख रूपये नकद बरामद किया है.

By Super Admin | August 25, 2023 | 0 Comments

नोएडा बन रहा 'जामताड़ा', फर्जी कॉल सेंटर से लोन दिलाने नाम पर गिरोह कर रहा ठगी, 14 गिरफ्तार


Noida: नोएडा में वेबसीरीज जामताड़ा की तरह एक ठग गिरोह सक्रिय होकर लोगों से ठगी कर रहा था। कोतवाली फेज वन पुलिस ने बैंक कर्मचारी बनकर कर्ज दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा करते हुए छह महिलाओं समेत गिरोह के 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।


150 से अधिक लोगों के साथ की ठगी


पुलिस को आरोपियों के पास से 11 लाख रुपये, 6 कीपैड मोबाइल फोन, 4 स्मार्ट मोबाइल फोन, 74 सेट कॉलिंग डाटा समेत अन्य सामान बरामद हुए हैं। पुलिस गिरोह के फरार आरोपियों का पता लगा रही है। यह गिरोह अब तक 150 से अधिक लोगों से करोड़ों की ठगी कर चुके हैं। आरोपियों की पहचान सरगना हसीन, विकास, राजेश, आशीष, वारिस अली, सोहिल, सलमान, आशुतोष, निशा, सुगरा फातिमा, सुरभि, ट्विंकल, कुसुम और खुशबू के रूप में हुई है।

फर्जी कॉल सेंटर से करते थे ठगी


नोएडा जोन के एडीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि सेक्टर-6 के सी ब्लॉक में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर चला रहा था। पकड़े गए आरोपी खुद को कोटक महिंद्रा और एचडीएफसी बैंक का कर्मचारी बताकर बीमा पॉलिसी पर लोगों को लोन दिलवाने का झांसा देते थे। इसके साथ ही बीमा पॉलिसी लैप्स होने के बाद फिर से किस्त आरंभ शुरू करने, एडवांस लोन दिलाने के नाम पर भी ठगी करते थे। जालसाज लोगों को आरटीजीएस चार्ज, लोन अप्रूवल चार्ज से लेकर कई अन्य तरह के चार्ज भी वसूलते थे। लोन अप्रूवल की फर्जी डिजिटल कॉपी ई-मेल और व्हाट्सएप के माध्यम से कस्टमर को भेज देते थे।


गिरोह का सरगना पहले बीमा कंपनी में करता था नौकरी


डीसीपी ने बताया कि पुलिस पूछताछ में गिरोह का सरगना हसीन ने बताया कि वह एक बीमा कंपनी में नौकरी करता था। वहां कंपनी की बारीकियों की जानकारी हासिल की। इसके बाद वह फर्जीवाड़ा करने लगा। पुलिस की टीम अब बरामद हुए बरामद मोबाइल की जांच कर रही है। हसीन बेरोजगार युवाओं को कॉलिंग के लिए नौकरी पर रखता था। इन्हें बाकायदा 10 से 15 हजार रुपये वेतन भी देता था। इसके आधार पर कॉलिंग कर ठगी की जाती थी।

By Super Admin | October 19, 2023 | 0 Comments

नोएडा में बैठक विदेशी नागरिकों को चूना लगे रहे थे ठग, फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर 7 सदस्य गिरफ्तार

Noida : नोएडा पुलिस ने साइबर फ्रॉड करने वाले एक फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर का शुक्रवार को खुलासा किया है। इस कॉल सेंटर में में बैठकर ठग अमेरिका और कनाडा के नागरिकों को टेक्निकल सपोर्ट देने के नाम पर ठगी कर रहे थे।

एसेक्टर-73 के फार्म हाउस में चल रहा था कॉल सेंटर

एक्सप्रेसवे थाना पुलिस ने एक फार्म हाउस पर छापा मारकर फर्जी कॉल सेंटर के संचालक सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की निशानदेही पर सेक्टर-73 स्थित सर्फाबाद के सुन्दर फार्म के 6जी फ्लोर में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर में प्रयोग की जाने वाले भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए हैं। पुलिस टीम ने आरोपियों के कब्जे से 6 लैपटॉप, 5 लैपटॉप चार्जर, 2 माउस, 1 यूपीएस, 2 वाई-फाई राउटर, 1 वाई-फाई चार्जर, 15 हैडफोन, 6 मोबाइल फोन, 2 रजिस्टर, 48,000 रुपए नगद और एक फोर्ड गाड़ी बरामद की है।

फार्म हाउस में पुलिस ने मारा छापा

नोएडा जोन के एडीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि शुक्रवार को सूचना के आधार पर एक्सप्रेसवे थाना पुलिस सेक्टर-135 यमुना डूब क्षेत्र में गौशाला के पास फार्म हाउस पर मीटिंग कर रहे सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने मौके से सुन्दर फार्म 6 फ्लोर, सेक्टर-73, ग्राम सर्फाबाद निवासी अग्निभ बैनर्जी, सुपरटेक ईकोसिटी सेक्टर-137 निवासी सचिन, ज्वालापुर जिला हरिद्वार, उत्तराखण्ड निवासी राहुल गौतम, मोहन गार्डन थाना उत्तम नगर दिल्ली निवासी जय कुमार कोचर को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी सचिन और अग्निभ बैनर्जी द्वारा लैपटॉप के माध्यम से राहुल गौतम और जय कुमार कोचर को साइबर फ्रॉड बिजनेस की प्लानिंग के सम्बन्ध में जानकारी दी जा रही थी।

यूएसडीटी और बिटकॉइन से लेते थे पेमेंट

पूछताछ में सचिन ने बताया कि वे लोग विदेशी नागरिकों (यूएसए और कनाडा) से पॉपअप कॉल और ई-मेल के माध्यम से संपर्क करते थे। इसके बाद आरोपी टेक्निकल सपोर्ट देने के लिए टोल फ्री नंबर पर बात करते हुए कॉल वेंडर के माध्यम से क्रय किए जाने वाले एंटी वायरस बेचने का झांसा देते थे। पकड़े गए आरोपी विदेशी नागरिकों से टेक्निकल सपोर्ट के नाम पर पेमेंट यूएसडीटी और बिटकॉइन के माध्यम से लेते थे।

By Super Admin | November 11, 2023 | 0 Comments

ग्रेनो में जामताड़ा गिरोह का खुलासाः विदेशी नागरिकों को ठग रहे 24 आरोपी गिरफ्तार, जानिए सरगना कौन है

Greater Noida West: नोएडा पुलिस और एसटीएफ ने एक बहुत बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। वेबसीरीज जामताड़ा की तर्ज पर फर्जी कॉल सेंटर के जरिए पूरा गिरोह विदेशी लोगों को ठग रहे थे। नोएडा STF और बिसरख पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन में अमेरिकन नागरिकों से ठगी करने वाले इंटरनेशनल कॉल सेंटर का खुलासा करते हुए 24 लोगों को गिरफ्तार किया है। चार साल से ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित महागुन मायवुड सोसायटी में फर्जी कॉल सेंटर चल रहा था। आरोपियों के कब्जे से मर्सडीज़ समेत 8 लग्ज़री कार , कैश 4 लाख कैश, दुबई, सिंगापूर, थाईलैंड की करेंसे और करोड़ो डॉलर बरामद किया है। गैंग का सरगना अंकुर गुप्ता भी मौके से गिरफ्तार हुआ है।


एमबीए पास है गिरोह का सरगना
कॉल सेंटर ठगी मामले के सरगना एमबीए पास अंकुर गुप्ता ने सात वर्षों तक कॉल सेंटरों में विभिन्न पदों पर काम किया। आरोपी ने 19 साल में कॉल सेंटर के कर्मचारी से लेकर मोबाइल इंपोर्ट और फिर अमेरिकी नागरिक नितिन सिंह की मदद से आईफोन की तस्करी की। इसके बाद विदेशियों से ठगी करने का कॉल सेंटर शुरू कर दिया। एसटीएफ ने बताया कि अंकुर गुप्ता (39) ने एमबीए के बाद वर्ष 2004 से लेकर 2011 के बीच विभिन्न कॉल सेंटरों में नौकरी की। 2011-12 में करोल बाग दिल्ली में मोबाइल फोन इंपोर्ट कर दिल्ली एनसीआर के बाजार में बेचने का धंधा शुरू किया। इसी दौरान उसकी पहचान अमेरिका में रहने वाले नितिन सिंह से हुई।


हांकांग में हिमांशु ने अंकुर को दी ठगी का प्रशिक्षण


इसके बाद नितिन की मदद से अंकुर ने अमेरिका से आईफोन को तस्करी कर हांगकांग के रास्ते चेन्नई लाने और फिर बाजार में बेचने का काम शुरू किया। इसी बीच उसकी मुलाकात गुजरात के अगड़िये मुकेश शाह से हो गई। 2019 में मुकेश ने हांगकांग में अंकुर गुप्ता की मुलाकात हिमांशु से कराई। हिमांशु फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेन्टर चलाकर अमेरिका के नागरिकों से धोखाधड़ी करता था। हिमांशु ने ही उसे विदेशियों से ठगी करने के अवैध धंधे का प्रशिक्षण दिया। इसके बाद मोबाइल रिपेयरिंग का काम करने वाले तरुण के साथ मिलकर अंकुर कॉल सेंटर चलाने लगा।


कर्मचारियों को वेतन के साथ इन्सेंटिव भी मिलता था


एसटीएफ ने बताया कि कॉल सेंटर से पकड़े गए आरोपियों को सरगना 25-30 हजार रुपये प्रतिमाह का वेतन देता था। इसके साथ ठगी के बदले इंसेंटिव देता था। कुछ आरोपी ठगी की रकम में 20 से 30 फीसदी की हिस्सेदारी पर भी काम करते थे। हांगकांग के जिस खाते में रकम हस्तांतरित की जाती थी। उस खाता धारक को भी आरोपी कमीशन देते थे। इस खाते से अंकुर गुप्ता व तरुण को क्रिप्टो करेंसी या नकद के जरिये भुगतान मिलता था।

इस तरह करते ठगी


पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि आरोपी अमेरिकी नागरिकों को नई बीमा पॉलिसी देने, बंद पॉलिसी चालू कराने, मोबाइल बैकिंग में आने वाली दिक्कतें और पासवर्ड आदि मुहैया कराने का भी झांसा देकर ठगी का शिकार बनाते थे।

By Super Admin | November 19, 2023 | 0 Comments

विदेशी नागरिकों से ठगी करने वाले ठगों से जेल में हो रही वसूली, फोन कर परिजनों से मांगे जा रहे पैसे

Noida: नोएडा के थाना फेस वन पुलिस और एसटीएफ ने 19 नवंबर को एक फर्जी कॉल सेंटर पर छापा मार कर भंडाफोड़ किया था। टीम ने कॉल सेंटर पर छापा मार कर दर्जनों लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। यह सभी आरोपी विदेशी लोगों से ठगी करते थे। लेकिन आजकल इन्हीं से जेल में वसूली की जा रही है। लाखों रुपए फोन कर उनके परिजनों से मंगवाये जा रहे हैं। रुपये न देने पर आरोपी खुद की जान को खतरा बता रहे हैं। जिसका एक ऑडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल रहा है।


फोन कर परिजनों को दी जा रही धमकी


सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे ऑडियो में आप साफ़ सुन सकते हैं कि एक व्यक्ति अपने परिजनों को कॉल करता है और कहता है कि 'पापा कहां पर है। फिर उसकी बहन रहती है कि पापा यहां से निकल गए हैं। जेल में बंद आरोपी ने पूछा कि जो मैंने काम बताया था वह अभी तक हुआ है या नहीं। इस पर उसकी बहन रहती है कि इतनी भारी रकम में एकदम कैसे इकट्ठा करूं। तभी आरोपी कहता है कि तुम मेरी परेशानी को समझो और जितनी जल्दी हो सके मेरे लिए वह अरेंजमेंट कर दो अगर नहीं किया तो यह मेरे लिए बहुत बड़ी मुसीबत होगी, जो मैं ऑन कॉल नहीं बता सकता।'

फोन पर रो-रोकर लगा रहे जान बचाने की गुहार


जेल में बंद आरोपियों का केस लड़ रहे एडवोकेट अनित बघेल ने बताया कि 19 नवंबर को नोएडा के थाना फेस वन पुलिस ने सोलह आरोपियों को न्यायालय के सामने पेश किया था कि यह एक फर्जी कॉल सेंटर के जरिए ठगी कर रहे थे। इस मामले में उन्होंने आपत्ति लगाई है कि कोई सच न होने के चलते पुलिस इनको पकड़ लाई है। यह मामला उनके ऊपर नहीं बनता है। जब आरोपी जेल में चले गए तो जय, राजीव दीक्षित वहां से उनके परिजनों को कॉल करके रुपए मंगवाए जा रहे हैं। कहा गया है कि अगर उनके परिजन जेल में रुपए नहीं भेजे तो उनकी जान को खतरा है। जो ऑडियो सामने आई है, उसमें सब सुन सकते हैं कि कैसे जेल में बंद सभी लोग रो रहे हैं। अपनी जिंदगी की गुहार लग रहे हैं।

मुख्यमंत्री और जिला अधिकारी से कार्रवाई की मांग


जिला मजिस्ट्रेट, नोएडा जिला अधिकारी और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जेल में बंद आरोपियों ने गौतबुद्धनगर जिला कारागार के जेल अधीक्षक और जेल कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है। पत्र माध्यम से बताया गया है कि 2-2 लाख रुपये उनके परिजनों से मांगा जा रहा है। इसलिए कॉल डिटेल निकाल कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए।

By Super Admin | November 24, 2023 | 0 Comments

एक और फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, नोएडा में बैठकर विदेशी नागरिकों को ठग रहे 25 लोग गिरफ्तार

Noida: एसटीएफ लखनऊ और नोएडा पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा किया है। एसटीएफ और थाना सेक्टर 58 पुलिस ने बीओआईपी कॉल, टीएफएन व सोफ्ट फोन के माध्यम से विदेशों में रह रहे व्यक्तियों के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी वाले 25 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से 34 मोबाइल फोन, 4 लैपटाप, 5 इंटरनेट राउटर, 4 वाहन , 22 कम्प्यूटर आदि बरामद हुआ है।


विदेशी नागिरकों से ऐसे करते थे ठगी


गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि 'कंप्यूटर से TFN पोर्टल के माध्यम से eyebeam साफ्टवेयर से हमारे कॉल सेंटर मे लगे सिस्टम पर लैंड कराते हैं । इस कॉल को हमारे कॉल सेंटर पर पूर्व से एक्टिव कॉलर कॉल रिसीव करते हैं और अपने आप को विदेशी कम्पनी का प्रतिनिधि बताते हुए उनकी समस्या का जल्द समाधान का आश्वासन देते हैं। इसके बाद विदेशी लोगों को बोलते थे कि आपका सिस्टम हैक और आईपी एड्रेस कम्प्रोमाईज्ड हो गया है। इस समस्या के समाधान के लिए हम उनके सिस्टम को ऐनीडेस्क साफ्टवेयर से कनेक्ट कर उनके सिस्टम मे आ रही असुविधा को हल करने के नाम पर अलग-अलग माध्यम व गिफ्ट कार्ड से 100 - 500 डालर लेते थे । इस दौरान यूएस के लोगो के मोबाइल को एनीडेस्क से कनेक्ट कर मैजिक ऐप एगूगल वाइस आदि एप पर पेमेंट कराकर एकाउंट बना लेते हैं। इसके बाद उनके मोबाइल से उस अकाउंट को लॉगआउट कर अपने मोबाइल पर लॉगिन कर लेते है । फिर इन ऐप का उपयोग अपनी जरूरत अनुसार यूएस के लोगों को डायरेक्ट कॉल करने के काम में लेते थे।


मेरठ का रहने वाला है सरगना


आरोपियो ने पूछताछ में बताया कि गिरोह का सरगना शाजिद शहिदी है, जिसने तीन महीने पहले कॉल सेंटर को खोला था। सरगना मूलरूप से मेरठ का रहने वाला है और दिल्ली में रहता है, जो ऑनलाइन ही कॉल सेंटर में काम करने वाले लोगों से बातचीत करता था। गिरोह में पकड़े गए सभी लोग यहां पर नौकरी करते थे। जिनको आरोपी ने 12 हजार रुपये मासिक वेतन पर ठगी का काम दिया था। इन लोगों ने सैकड़ों की संख्या में अमेरिकी नागरिकों के साथ करोड़ों रुपये की ठगी की है।

By Super Admin | January 12, 2024 | 0 Comments

फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, सिस्टम हैक कर विदेशी नागरिकों से ठगी करने वाले 14 साइबर ठग गिरफ्तार

Noida: थाना सेक्टर-39 पुलिस व साइबर टीम पुलिस द्वारा बीओ आईपी कॉल, टीएफएन व सोफ्टफोन के माध्यम से विदेशों में रह रहे व्यक्तियों के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वाले गैंग का पर्दाफाश करते हुए 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।इनके कब्जे से 18 लैपटॉप, 1 इण्टरनेट राउटर, 2 इन्टरनेट नेटवर्क स्विच, 4 चार पहिया वाहन व 17 हेडफोन बरामद हुए हैं।

टेक्निकल सपोर्ट के नाम पर ठगी करते थे

गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि कॉल आईबिम साफ्टवेयर से हमारे कॉल सेंटर मे लगे सिस्टम पर लैंड कराते हैं। इस कॉल को पूर्व से एक्टिव कॉलर कॉल रिसीव करते हैं और अपने आप को विदेशी कम्पनी का प्रतिनिधि बताते हुए हुए उनकी समस्या का जल्द समाधान का आश्वासन देते हैं। कॉल सेंटर में काम करने वाले कर्मचारी विदेशी लोगों को बोलते है कि आपका सिस्टम हैक तथा आईपी एड्रेस कम्प्रोमाईज्ड हो गया है। इस समस्या के समाधान के लिए उनके सिस्टम को ऐनीडेस्क साफ्टवेयर से कनेक्ट कर उनके सिस्टम में आ रही असुविधा को हल करने के नाम पर एमेक्स, अमेजन, एप्पल, गूगल प्ले, गेमस्टाप, सिपोराह, नोर्ड स्टरोम आदि गिफ्ट कार्ड 100-500 डॉलर लेते हैं।

सिस्टम हैक का डर दिखाकर कंट्रोल में ले लेते थे सिस्टम

इन्टरनेट का प्रयोग कर के वॉइप कॉल के माध्यम से विदेशी नागरिकों से कंप्यूटर में तकनीकी कमी, पोर्नोग्राफिक कंटेंट व एंटीवायरस न होने कारण सिस्टम हैक होने की बात कह कर उनका कंप्यूटर रिमोट डेस्कटॉप एप्प से कंट्रोल कर लेते थे। इसके बाद कंप्यूटर खराब हैक होने का भय दिखा कर ठीक करने के नाम पर उनसे गिफ्ट कार्ड, क्रिप्टो करेंसी व वायर ट्रान्सफर के माध्यम से पैसे मंगवाते थे। गिफ्ट कार्ड व क्रिप्टो करेंसी व वायर ट्रान्सफर करा लेते हैं।

ये हुए गिरफ्तार

1.प्रिंस पुत्र अनिल चौधरी निवासी, अरविन्द स्टेट, जीन्द, हरियाणा।
2.राम राठौर पुत्र सुशील कुमार निवासी क्यू, फेज 1 , बुद्ध विहार , दिल्ली।
3.वैभव अरोडा पुत्र संजीव अरोडा निवासी अशोक विहार, दिल्ली।
4.तन्सुल सोलंकी पुत्र सुरेश सोलंकी निवासी पूठ कलां , दिल्ली।
5.अंकित पन्त पुत्र आशीष पन्त निवासी ऋषि विहार, देहरादून।
6.कौशिक सैन पुत्र संजय सैन निवासी विजय कॉलोनी , फेज-1, देहरादून।
7.शिवम शर्मा पुत्र ओमप्रकाश शर्मा निवासी भरत विहार, दिल्ली।
8.ध्रुव चोपडा पुत्र योगेन्द्र चोपडा निवासी जे कृष्ण विहार, विजय चौक, शिव मूर्ती, दिल्ली।
9.सारांश दुआ पुत्र मदन दुआ पुत्र फ्लैट पॉकेट 4, सेक्टर-2, रोहिणी, दिल्ली।
10.नवजोत सिंह पुत्र हरशरण सिंह निवासी शिवनगर, जेल रोड , दिल्ली।
11.विक्की पुत्र गुलाब सिंह निवासी विकास नगर, देहरादून।
12.मो० नादिर पुत्र स्व० मो० उमर निवासी खालापार, मुज़फ्फरनगर।
13.वैभव गौड़ पुत्र बाबुराम गौड़ निवासी प्रेम नगर, देहरादून।
14.सौरभ अवस्थी पुत्र सतेन्द्र अवस्थी निवासी गौर सिटी, गौतमबुद्धनगर।

By Super Admin | March 08, 2024 | 0 Comments

नोएडा में महिलाएं चला रही थी फर्जी कॉल सेंटर, विदेश में नौकरी दिलाने के नाम होती थी ठगी, पुलिस किया गिरफ्तार

Noida: नोएडा धीरे-धीरे ‘जामताड़ा’ बनता जा रहा है। झारखंड के जामताड़ा के बाद साइबर ठगों का नोएडा मुफीद ठिकाना बना हुआ है। लगातार नोएडा और ग्रेटर नोएडा में साइबर ठग और इनके गिरोह पकड़े जा रहे हैं। हाईटेक शहर के लोगों को भी साइबर फ्राड खूब चूना लगा रहे हैं। अब नोएडा पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर गैंग का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गैंग के  नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें 6 महिलाएं भी शामिल हैं। आरोपियों के पास से भारी संख्या में फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं। ये गिरोह लंबे समय से लोगों को ठग रहे थे।

विदेश में नौकरी दिलाने का दावा
जानकारी के मुताबिक नोएडा सेक्टर 63 में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर पर पुलिस ने सूचना मिलने के बाद छापेमारी की। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मौके से फर्जी कॉल सेंटर के मालिक सहित नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि लोगों को फोन करके दुबई, सर्बिया व कनाडा में नौकरी दिलाने का दावा करते थे। इसके बाद लोगों को फर्जी वर्क बीजा देने के नाम पर ठगी करते थे। नोएडा के थाना सेक्टर 63 के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कॉल सेंटर लंबे समय से एक महिला द्वारा चलाया जा रहा था. जानकारी मिलने के बाद छापेमारी कर कॉल सेंटर की मुख्य संचालक को भी गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के पास से भारी संख्या में लैपटॉप, मोबाइल और फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं।

By Super Admin | September 07, 2024 | 0 Comments

ग्रेटर नोएडा पुलिस ने किया फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश, 40 पुरुष और 33 महिला कर्मचारी पुलिस की गिरफ्त में, चार सालों से चल रहा था ठगी का धंधा

ग्रेटर नोएडा पुलिस लगातार अपराधियों की धरपकड़ में जुटी हुई है। इसी कड़ी में पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है। थाना सेक्टर-142 पुलिस ने शनिवार को फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश करते हुए 73 लोगों को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। इनमें 40 पुरुष कर्मचारी और 33 महिला कर्मचारी शामिल हैं। इस गिरोह के चार अन्य सदस्य अभी भी फरार बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश पुलिस कर रही है। पकड़े गए आरोपियों में ज्यादातर मणिपुर और नागालैंड के रहने वाले युवक-युवतियां हैं। इस कॉल सेंटर के जरिए ये लोग यूएस बेस्ड नागरिकों के उनके सोशल सिक्योरिटी नंबर से छेड़छाड़ कर धोखाधड़ी कर उनके साथ ठगी किया करते थे। इन लोगों के कब्जे से 73 कम्प्यूटर सेट, 14 मोबाइल, 3 राउटर, 48 हजार रुपए, 58 वर्क प्रिन्ट आउट बरामद किए गए हैं।

गिरोह के चार आरोपी अभी भी फरार
दरअसल थाना सेक्टर-142 पुलिस को सूचना मिली कि थाना क्षेत्र में एक टावर में फर्जी कॉल सेंटर चल रहा है। पुलिस ने मुखबिर की सूचना के बाद सेक्टर-90 नोएडा में स्थित भूटानी अल्फाथम में छापेमारी की। यहां एक फर्जी कॉल सेंटर चलता पाया गया। पुलिस ने मौके से 73 आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें 40 पुरुष और 33 महिलाएं है। पुलिस ने मामले में 11 आरोपियों को जेल भेज दिया है। वहीं बाकी लोगों को नोटिस दिया जाएगा। साथी ही इस गिरोह के चार आरोपी फरार हैं।

चार सालों से चल रहा था ठगी का धंधा
सेंट्रल नोएडा के एडिशनल डीसीपी हिरदेश कठेरिया ने बताया पकड़े गए आरोपी कम्पयूटर्स को टैली कालिंग के लिए यूज करते थे। यह IVR के माध्यम से अमेरिकी नागरिकों को कॉल करके उनके सोशल सिक्योरिटी नम्बर्स का दुरुपयोग कर अपने झांसे मे लेकर धोखाधड़ी करके उनसे गिफ्ट कार्ड, क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से पैसे ठगते थे। आरोपी कम्प्यूटर में मौजूद वीसी डायल सॉफ्टवेयर और एक्सलाइट/ आईबीम डायलर का प्रयोग करके कॉल करते थे। यह कॉल सेंटर के मालिक के द्वारा लैंड करवाई जाती थी। कॉल रिसीव होने पर सभी कॉलर US मार्शल बनकर अमेरिकी नागरिकों से बात करते थे। इन्हें सोशल सिक्योरिटी नम्बर से सम्बंधित आपराधिक गतिविधियों में उनके लिप्त होने का डर दिखाकर गिफ्ट कार्ड और क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से पैसा प्राप्त कर ठगी करते थे। यह लोग 4 सालों से इस कॉल सेंटर को चला रहे थे। फिलहाल गिरफ्तार किए गए आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। पुलिस फरार चल आरोपियों की तलाश कर रही है।

By Super Admin | June 29, 2024 | 0 Comments

नोएडा में एक और फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश, शिप में नौकरी दिलाने के नाम गिरोह कर रहा था ठगी, तरीका जानकर हैरान हो जाएंगे

Noida: नोएडा में एक बार फिर फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ पुलिस ने किया है। सेक्टर-58 थाना पुलिस ने सेक्टर-62 के आइथम टावर में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर के मालिक समेत पांच लोगों को को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह सोशल मीडिया के जरि शिप पर नौकरी दिलाने के नाम पर 100 से अधिक लोगों से ठगी कर चुके हैं।

महिला सहित 5 लोग गिरफ्तार
नोएडा एडीसीपी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि  गिरोह का सरगना उन्नाव निवासी अंकित, अमरोहा के अरीबा, रामपुर के यावेंद्र,  सुलतानपुर निवासी दुर्गेश यादव और लोनी के बादल को गिरफ्तार किया गया है। एडीसीपी ने बताया कि कुछ दिन पहले जयपुर के एक व्यक्ति ने शिकायत की थी कि सेक्टर-62 की कंपनी के लोगों ने क्रूज पर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की है। शिकायत पर कोतवाली सेक्टर-58 में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई थी।

50 हजार रुपये एक व्यक्ति से करते थे ठगी
एसीपी शैव्या गोयल के नेतृत्व में जांच के बाद आइथम टावर में चल रहे एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया गया है। एडीसीपी ने बताया कि फर्जी कॉल सेंटर से सोशल मीडिया पर विज्ञापन देकर क्रूज पर नौकरी करने के इच्छुक लोगों से संपर्क किया जाता था। इसके बाद प्रोसेसिंग फीस, मेडिकल डॉक्यूमेंट के नाम पर 50 हजार ठग लेते थे। महिला अरीबा एचआर का काम देखती थी, जबकि बादल फर्जी अभ्यर्थी बनकर पीड़ितों को विश्वास दिलाता था कि उसकी नौकरी इसी कंपनी के माध्यम से लगी है।

50 हजार रुपये महीने किराए पर लिया था ऑफिस
एडीसीपी अशोक कुमार ने बताया कि गिरोह के लोग फर्जी वेबसाइट बनाकर फेसबुक, इंस्टाग्राम पर विज्ञापन डालते थे कि उनकी कंपनी क्रूज पर नौकरी दिलवाती है। इसके बाद झांसे में आने वाले लोगों से गूगल मीट, जूम पर ऑनलाइन इंटरव्यू लेते थे। जिसके लिए 11 हजार रुपये ऑनलाइन फीस ली जाती थी। वहीं, क्रूज पर काम करने के लिए वीजा व तकनीकी डॉक्यूमेंट सीडीसी, एसआईडी बनाने के नाम पर 38,600 रुपये लेते थे। इसके अलावा मेडिकल सर्टिफिकेट के नाम पर भी वसूली करते थे। फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट और ऑफर लेटर भेज देते थे। इसके बाद पीड़ित से संपर्क तोड़ देते थे। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि अंकित ने मार्च में आइथम टावर में ऑफिस 35 हजार रुपये किराए पर लिया था। इस ऑफिस का 15 हजार का मेंटेनेंस था। पुलिस आरोपियों के पास से बरामद मोबाइल व लैपटॉप आदि की जांच कर रही है।

By Super Admin | September 22, 2024 | 0 Comments