NOIDA: सेक्टर-39 स्थित जिला अस्पताल परिसर की सुरक्षा-व्यवस्था भी भगवान भरोसे ही है। चोर जिला अस्पताल में आसानी से चोरी की वारदात को अंजाम देकर फरार हो जा रहे हैं। जिला अस्पताल परिसर में बने डॉक्टर्स के फ्लैट में चोरी की वारदात सामने आई है। चोरों ने एक साथ चार फ्लैट में चोरी की वारदात को अंजाम दिया है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के फ्लैट से चोरी
चोरों ने एक साथ चार फ्लैट में चोरी की वारदात को अंजाम दिया है। चोरों ने डॉक्टर्स के फ्लैट से लाखों के कैश, लैपटॉप उड़ा दिए। जिला अस्पताल परिसर में हुई चोरी की वारदात सीसीटीवी में कैद हो गई। जिला अस्पताल परिसर में हुए चोरी की सूचना सीएमएस रेणु अग्रवाल ने दी।
Ghaziabad: डेंगू का इलाज करके मरीजों की जान बचाने वाले डॉक्टर की ही डेंगू ने अपने चपेट में ले लिया। डेंगू के चपेट में आए डॉ. आदित्य सिसोदिया (32) की ठीक होने के 10 दिन बाद मौत हो गई। शिशोदिया का अंतिम संस्कार पैतृक गांव धौलाना में किया गया। डॉ. आदित्य की पत्नी महिला रोग विशेषज्ञ हैं और दिल्ली के निजी अस्पताल में कार्यरत हैं। डॉक्टर आदित्य साहिबाबाद नगरीय स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी थे। इनका एक बेटा भी है।
15 दिन पहले डॉक्टर को हुआ था डेंगू
जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. आरके गुप्ता के मुताबिक 15 दिन पहले डॉ.आदित्य को डेंगू हुआ था। इलाज के बाद वह स्वस्थ हो गए थे। तीन दिन बाद दोबारा सांस लेने में परेशानी हुई तो उन्हें शुक्रवार को मनिपाल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां पर शनिवार को को अचानक अधिक तबीयत बिगड़ने लगी तो रात में 10 मैक्स अस्पताल वैशाली में भर्ती कराया गया, जहां रात एक बजे निधन हो गया।
डेंगू से स्वस्थ होने के बाद एक सप्ताह रखें ख्याल
वहीं, डॉ. आरके गुप्ता का कहना है कि डेंगू से स्वस्थ होने के बाद एक सप्ताह तक से लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। सांस लेने में परेशानी, घबराहट, रक्तचाप कम या ज्यादा होने की दिक्कत है तो तत्काल डॉक्टर के पास जाएं।
प्रतिदिन मिल रहे 12 डेंगू के मरीज
गौरतलब है कि गाजियाबाद में डेंगू मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ रही है। 13 अक्टूबर को 17 मरीजों की पुष्टि होने के साथ ही मरीजों को आंकड़ा भी 811 हो गया है। इससे पहले 5 अक्टूबर तक जिले में डेंगू के 701 मरीज थे। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिले रोजाना 11 से 12 डेंगू के मरीज मिल रहे हैं।
Greater Noida West: झोलाछाप डॉक्टर पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कार्रवाई की है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अवैध रूप से चल रहे क्लीनिक पर कार्रवाई करते हुए सील कर दिया। वहीं, स्वास्थ्य विभाग की टीम को देखकर झोलाछाप डॉक्टरों में भगदड़ मच गई।
कोई दस्तावेज नहीं दिखाई पाई महिला डाक्टर
जानकारी के मुताबिक ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्थित चिपियाना बुजुर्ग गांव में रविवार को डिप्टी सीएमओ जैसलाल के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अवैध रूप से चल रही क्लीनिक पर छापा मारा। डिप्टी सीएमओ ने बताया कि 1 अक्टूबर को अपने दस्तावेज दिखाने के लिए डॉक्टर को नोटिस दिया था। लेकिन समय बीत जाने के बाद भी डॉक्टर द्वारा क्लीनिक के कोई भी दस्तावेज नहीं दिखाया। जिसके चलते रविवार को टीम ने पुलिस की मौजूदगी में महिला डॉक्टर की क्लीनिक को सील कर दिया।
आसपास के झोलाछाप डॉक्टर क्लीनिक छोड़कर भागे
वहीं, स्वास्थ्य विभाग की टीम को देख वहां से झोलाछाप महिला डॉक्टर पहले ही रफू चक्कर हो गई। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की टीम ने क्लीनिक को सील कर दिया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है। यह कार्यवाही देख आसपास के झोलाछाप डॉक्टर में हड़कंप मच गया और क्लीनिक बंद कर कर भाग गए।
Noida: कोतवाली फेज वन क्षेत्र के सेक्टर 8 में एक झोलाछाप डॉक्टर ने दस वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म कर फरार हो गया। पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी की तलाश रही थी। इसी बीच पुलिस ने मुठभेड़ के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
बहाने से क्लीनिक में बुलाकर किया रेप
जानकारी के मुताबिक कोतवाली फेज-वन क्षेत्र में परिवार के साथ रहने वाली बच्ची गुरुवार दोपहर घर के बाहर खेल रही थी। इसी बीच पड़ोस में क्लीनिक चलाने वाला झोलाछाप शहजाद लालच देकर बच्ची को क्लीनिक में बुला लिया। जहां उसने 10 वर्षीय बच्ची के साथ रेप किया। इसके बाद मासूम घर पहुंची और परिजनों को जानकारी दी। यह सुनते ही परिजनों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। डीपी हेड क्वार्टर विशाल पांडे के मुताबिक झोलाछाप डॉक्टरर 8 साल से क्लीनिक चला रहा है। वह मामूली बीमारियों का इलाज करता था। आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज तीन टीमों का गठन किया था।
पुलिस और आरोपी में हुई मुठभेड़
विशाल पांडे डीपी हेड क्वार्टर नोएडा ने बताया कि बच्ची से रेप करने वाले आरोपी झोलाछाप डॉक्टर को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने बताया कि फेस 1 थाना पुलिस सेक्टर 10 के पास जब आरोपी को पकड़ने गई तो उसने पुलिस पर फायरिंग की। जवाबी फायरिंग में आरोपी सेहजादा के पैर में गोली लग गई, जिससे वह घायल हो गया। पुलिस ने पुलिस ने आरोपी को घायल अवस्था में जिला हॉस्पिटल में भर्ती कराया है। आरोपी के कब्जे कब्जे से एक तमंचा बरामद हुआ है।
Ghaziabad: कवि कुमार विश्वास के काफिले पर किए गए हमले को लेकर पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। इंदिरापुरम कोतवाली क्षेत्र में हरनंदी नदी के पास बुधवार को कवि डॉ. कुमार विश्वास द्वारा काफिले पर हमले के लगाए गए आरोप की पुलिस की प्रारंभिक जांच में पुष्टि नहीं हुई है। पुलिस उपायुक्त ट्रांस हिंडन ने यह जानकारी दी है।
कुमार विश्वास ने लगाया आरोप
उल्लेखनीय है कि बुधवार को कवि डॉ. कुमार विश्वास ने अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट कर अपने सुरक्षाकर्मियों पर हमले का आरोप लगाया था। कुमार विश्वास ने लिखा था कि 'अलीगढ़ जाते समय वसुंधरा स्थित घर से जब निकला तो हिंडन के तट पर किसी कार चालक ने साथ चल रहे सुरक्षाकर्मियों की कार पर दोनों ओर से कार की टक्कर से हमला करने की कोशिश की। जब नीचे उतर कर सुरक्षाकर्मियों ने उस व्यक्ति को पूछताछ के लिए रोका तो उसने न केवल यूपी पुलिस के सिपाही अपितु केंद्रीय बलों के सुरक्षाकर्मियों पर भी हमला किया। पुलिस को रिपोर्ट कर दी है। कारण पता नहीं चल पाया। ईश्वर सब को सुरक्षित रखे। आप सबकी शुभकामनाओं हेतु आभार।'
पीड़ित डॉक्टर के ये हैं आरोप
इस संबंध में दोपहर करीब तीन बजे डॉक्टर पल्लव बाजपेई की ओर से इंदिरापुरम कोतवाली में शिकायत दी थी। आरोप लगाया है कि वह आरोग्य अस्पताल, वैशाली से फ्लोरिस अस्पताल, प्रताप विहार की और जा रहे थे। पुलिस को गाड़ी ने पास मांगा तो दिया और पीछे चलने लगे। उनके पीछे एक और गाड़ी थी उसके चालक ने उनकी गाड़ी के आगे गाड़ी रोक दी।
Noida: सेक्टर-113 थाना क्षेत्र में कैब ड्राइवर की शर्मनाक करतूत सामने आई है। यहां कैब में महिला डॉक्टर को अकेले पाकर ड्राइवर ने छेड़खानी शुरू कर दी। जानकारी के मुताबिक महिला डॉक्टर ने कहीं जाने के लिए कैब बुक किया। रास्ते में महिला को अकेले देख कैब ड्राइवर की नियत बिगड़ गई। उसने महिला डॉक्टर से छेड़खानी शुरू करी दी।
ऐसे बचाई जान
महिला ड्राइवर का आरोप है कि कैब ड्राइवर ने चलती कार में उससे बदतमीजी करनी शुरू कर दी। यहां तक उसने रूट में भी बदलाव कर दिया था। चलती कार से महिला डॉक्टर ने किसी तरह कूदकर अपनी जान बचाई। पीड़ित महिला की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी कैब ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया है।
Noida: दिल्ली एनसीआर में कुत्तों के हमले की घटना थमने का नाम नही ले रही है। आए दिन कोई ना कोई बड़ी घटना आपके संज्ञान में जरूर आती होगी। लेकिन इस बार कुत्ते के हमले की घटना जो सामने आई है, उसे सुन आप जरूर चौंक जाएंगे। पालतू कुत्ते के हमले की घटना नोएडा के सेक्टर-46 में गार्डन ग्लोरी सोसायटी में घटी है। जहां पालतू कुत्ते ने अपने मालिक के सामने ही महिला पर जानलेवा हमला बोल दिया।
क्या है पूरा मामला
नोएडा के सेक्टर-39 थाना क्षेत्र के सेक्टर-46 ग्लोरी सोसायटी में एक महिला डॉक्टर पर पालतू कुत्ते ने उस वक्त हमला बोल दिया, जब वो अपने घर से किसी काम से निकली थी। कुत्ते ने अपने मालिक के सामने ही महिला डॉक्टर को नोंचना शुरू कर दिया और कुत्ते का मालिक ये सब देखता रहा है। आरोप है कि कुत्ते के हमले के बाद उसने पीड़ित महिला डॉक्टर की कोई मदद नहीं की। बल्कि वहां चलता दिखाई दिया। सोसायटी में लगे सीसीटीवी में भी युवक कुत्ते को ले जाते दिखाई दिया।
FIR दर्ज लेकिन नहीं लगा जुर्माना
कुत्ते के हमले में गंभीर रूप से घायल पीड़ित महिला की शिकायत पर सेक्टर-39 थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। आपको बता दें डॉग पॉलिसी के मुताबिक अगर पालतू कुत्ता किसी पर हमला करता है तो मालिक पर 10 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जाता है। साथ ही इलाज के पैसे भी कुत्ते मालिक को भरना होता है। इसके बावजूद कुत्ते के मालिक ने महिला के इलाज का खर्च नहीं उठाया और ना ही प्राधिकरण ने अभी तक कुत्ते के मालिक पर कोई जुर्माना लगाया है।
Gaziabad: गाजियाबाद में एक महिला डॉक्टर ने अपने पति के ऊपर बड़ा गंभीर रूप आरोप लगाया है। आरोप लगाया है कि उसका डॉक्टर पति नपुंसक और शादी के बाद से उसने कभी संबंध नहीं बनाए। इसके साथ ही दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए पुलिस को शिकायत दी है। पुलिस भी महिला के आरोपों को सुनकर दंग रह गई। फिलहाल पुलिस जांच कर रही है।
दो साल पहले हुई थी दूसरी शादी
कविनगर थाना क्षेत्र के राजनगर में रहने वाली एक महिला डॉक्टर का आरोप है कि उसका पति नपुंसक है, जिसकी वजह से उसका पहली पत्नी से तलाक हो चुका है। लेकिन उसने उसके साथ शादी करने से पहले यह बात छिपाई थी। महिला डाक्टर ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 2 साल पहले नोएडा के एक होटल में उसका विवाह नोएडा में रहने वाले डॉक्टर से हुआ था, दोनों की दूसरी शादी है।
करीब जाने पर पीटता है पति
इस शादी में लगभग 64 लाख रुपये खर्च हुए थे। महिला चिकित्सक का आरोप है कि शादी के बाद पति ने उनसे शारीरिक संबंध नहीं बनाए। जब वह पति के करीब जाती है तो उसकी पिटाई करता था। इसकी जानकारी अपनी सास को दी तो वह इस बात का जिक्र किसी से न करने को कहा।
आईवीएफ प्रक्रिया से भी दूर भागा पति, दहेज में मांगे 20 लाख
महिला चिकित्सक का आरोप है कि ससुराल वालों ने आईवीएफ प्रक्रिया से बच्चे को जन्म देने का दबाव भी बनाया। इस पर जांच के बाद आईवीएफ प्रक्रिया नवंबर 2022 में शुरू कराई, लेकिन पति जांच से दूर भागता रहा। इसके अलावा उसके बैंक अकाउंट से रुपये भी निकाले और बाद में दहेज में 20 लाख रुपये की मांग की। रुपये न देने पर महिला को ससुराल वालों ने प्रताड़ित किया।
पति समेत पांच के खिलाफ केस दर्ज
एसीपी कविनगर अभिषेक श्रीवास्तव का कहना है कि महिला चिकित्सक की शिकायत पर पति, सास, ससुर, देवर सहित पांच के खिलाफ कविनगर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की गई है। मामले की जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
आजकल हर किसी का शेड्यूल काफी बीजी है. इस बीजी शेड्यूल के बीच कोई कुछ करें या ना करे, लेकिन फोन में समय बिताना नहीं छोड़ते. बच्चा हो या बड़ा मोबइल की लत कहीं ना कहीं दिमाग गहरा और बुरा असर डालती है. काफी लोगों में देखा जाता है कि, वो खुद बच्चे को खुश और बीजी रखने के लिए मोबइल पकड़ा देते हैं. अगर आप भी उन में से एक हैं, तो मोबाइल कि लत कितनी खतरनाक हो सकती है, ये जान लेना आपके लिए बेहद जरूरी है.
मां-बाप भी कर रहे बच्चे संग गलती
दरअसल बच्चे ही नहीं बड़ो में मोबाइल की लत लग जाती है. कई बार माता-पिता भी बिजी होने के कारण या बच्चे को खाना खिलाने के लिए मोबाइल का लालच देते हैं. यही लालच देखते ही देखते उनमें एडिक्शन बन जाता है. जिससे बच्चे के विकास पर बुरी प्रभाव पड़ सकता है और बच्चा जिद्दी हो जाता है. शारदा अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ निखिल नायर बताते कई स्टडी ये बताती है कि जो बच्चे कम उम्र में स्क्रीन के संपर्क में आ रहे हैं, और जो बच्चे मोबाइल उपकरणों पर ज्यादा समय बिताते हैं, उनमें डिप्रेशन और एंग्जाइटी जैसे व्यवहार संबंधी समस्याएं विकसित होने का खतरा अधिक होता है, जो काफी चिंताजनक है.
8 से 9 घंटे रोज चला रहे लोग मोबाइल
दिन में करीब 30 लोग ऐसे आते जिनमें 8 से 9 घंटे रोजाना फोन देखते है. स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम होने पर आंख पर जोर,गर्दन और कंधे में दर्द,सिर दर्द,आंखो में सूखापन, गर्दन और कंधे में दर्द जैसी समस्या सामने आ सकती है. सबसे बड़ा असर आंखो को फोकस पर पड़ता है क्योंकि इसके बाद आंखे दूसरी चीजों पर बेहतर तरीके से फोकस नहीं कर पाती हैं।यदि आप सोच रहे हैं कि बच्चे की फोन की लत कैसे रोकें, तो हम आपको उसके कुछ तरीके बताते है.
डॉ. निखिल नायर ने किया अलर्ट
डॉ निखिल नायर ने बताया कि स्मार्टफोन की लत का से बच्चे में अन्य गतिविधियों में भाग लेने की इच्छा या रुचि में कमी आने लगती है, जिससे उसका कई चीजों को सीख पाने का मौका भी खत्म हो सकता है। अपने मोबाइल उपकरणों से चिपके रहने वाले बच्चों के पास अपनी रुचियों को आगे बढ़ाने, बाहरी गतिविधियों में शामिल होने या सामाजिक समारोहों में मौज-मस्ती करने के लिए मुश्किल से ही समय होता है.
इन उपायों को अपनाने की सलाह
बच्चे को मोबाइल से बाहर निकालकर उनकी रुचि अन्य चीजों में पैदा कर सकते हैं. जैसे की पार्कों में जाएं, पैदल यात्रा करें, सैर पर जाएं और उन्हें बाकी दुनिया के साथ फिर से जुड़ने के लिए बढ़ावा दें. अकेलेपन से बचने के लिए लोग अपने स्मार्टफोन पर निर्भर हो जाते हैं.
बच्चे अक्सर हर जगह फोन लेकर ही जाते है चाहे वे बेड रूम हो, डाइनिंग रूम हो. आप कुछ जगहों को ऐसा विकसित कर सकते है जहां को भी डिजिटल उपकरण ले जाने की इजाजत न हो.खाने के समय या बेड रूम में बच्चों को फोन न ले जाने दें.
बच्चे के फोन का लत को छुड़ाने के लिए आपको भी खुद पर थोड़ा कंट्रोल करना पड़ेगा. आपको यदि अपने बच्चे के फोन को सीमित करना है तो खुद के फोन चलाने का समय भी निर्धारित करना पड़ेगा। क्योंकि बच्चा जो देखता है वही सीखता.
फिल्म दबंग का एक डायलॉग है, "हम यहां के रॉबिनहुड हैं, नाम है रॉबिनहुड पांडे।" ये डायलॉग फिल्मी है, लेकिन जौनपुर में जैसे ही आपकी जुबान से रॉबिनहुड शब्द निकलेगा लोग खुद-बा-खुद धनंजय सिंह बोल देंगे जो फिर से चर्चा में छाए हुए है। जिन्हें कोर्ट ने 46 महीने पहले दर्ज अपहरण मामले में सजा सुनाई है। MP-MLA कोर्ट ने नमामि गंगे प्रोजेक्ट के इंजीनियर अभिनव सिंघल के अपहरण और रंगदारी केस में 7 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 50 हजार का जुर्माना लगाया है। जिसने जौनपुर की सियासत में भूचाल लाकर रख दिया है।
क्यों धनंजय सिंह को कोर्ट ने सुनाई सजा?
जिला शासकीय अधिवक्ता सतीश पांडेय ने बताया "कि नमामि गंगे परियोजना के प्रबंधक मुजफ्फरनगर निवासी अभिनव सिंघल ने 10 मई, 2020 को जौनपुर के लाइनबाजार थाने में पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके साथी विक्रम के खिलाफ अपहरण और रंगदारी मांगने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। मामले में आरोप लगाया गया था कि विक्रम ने अपने दो साथियों के साथ पहले उनका अपहरण किया और फिर उन्हें पूर्व सांसद धनंजय सिंह के आवास पर ले गया। जहां धनंजय सिंह पिस्टल लेकर आए और गालियां देते हुए धमकी देने के बाद रंगदारी मांगी। वहीं मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद इस मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह गिरफ्तार भी हुए लेकिन बाद में उन्होंने उच्च न्यायालय इलाहाबाद से जमानत हासिल कर ली थी। इसी मामले में अपर सत्र न्यायाधीश शरद कुमार त्रिपाठी ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके साथी संतोष विक्रम को दोषी करार देकर सजा सुनाई है।
अपराधों से अलग है बाहुबली धनंजय सिंह की निजी जिंदगी
धनंजय सिंह ने पहली बार रारी से विधायक बनने के बाद 12 दिसंबर 2006 को मीनू सिंह से शादी की। मीनू सिंह के पिता बिहार के पटना में बैंक मैनेजर थे। शादी के 9 महीने बाद 2007 में मीनू की संदिग्ध हालातों में मौत हो गई। हालांकि परिवार ने आत्महत्या बताया था। जिसके बाद 29 जून 2009 को धनंजय ने जागृति सिंह से शादी कर ली। जागृति के पिता उमाशंकर सिंह दो दशक पहले जौनपुर में परियोजना निदेशक के पद पर कार्यरत थे। जागृति पेशे से डॉक्टर थीं। 2013 में दिल्ली स्थित सांसद निवास में जागृति ने अपनी नौकरानी की बेरहमी से पिटाई कर दी जिससे उसकी मौत हो गई। इस विवाद के बाद 2017 में धनंजय ने आपसी सहमति से जागृति से तलाक ले लिया। उसके बाद जून, 2017 में धनंजय ने तेलंगाना की श्रीकला रेड्डी से पेरिस में शादी की और लखनऊ में हुए रिसेप्शन में योगी सरकार में शामिल कई मंत्री और राजनेता शामिल हुए थे। उस समय कृपाशंकर सिंह भी आशीर्वाद देने पहुंचे थे, जिन्हें हाल ही में बीजेपी ने जौनपुर से प्रत्याशी बनाया है। श्रीकला रेड्डी तेलंगाना की बिजनेस फैमिली निप्पो बैट्री ग्रुप से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता स्वर्गीय जितेंद्र रेड्डी नलगोंडा जिले की कोऑपरेटिव के अध्यक्ष और तेलंगाना की हुजूर नगर सीट से निर्दलीय विधायक भी रह चुके हैं। श्रीकला की मां ललिता रेड्डी अपने गांव की सरपंच रह चुकी हैं। श्रीकला रेड्डी को 5 साल पहले बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तेलंगाना में पार्टी की सदस्यता दिलाई थी। साल 2021 के पंचायत चुनाव में धनंजय सिंह अपने रसूख के दम पर श्रीकला रेड्डी को जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर बिठाने में सफल रहे। धनंजय का डॉक्टर जागृति सिंह से एक बेटा है, जो धनंजय के ही पास रहता है और श्रीकला रेड्डी से एक बेटी है।
पैसे बचाने के तरीके: चाहकर भी नहीं कर पाते हैं धन की बचत, तो ये टिप्स आपके काम की हैं
December 17, 2022