Lucknow: अयध्या में श्रीराम जन्मभूमि परिसर में नवनिर्मित राममंदिर में रामलला की नई मूर्ति की पहली आरती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही उतारेंगे। वहीं, प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली और अमिताभ बच्चन के साथ ट्रस्ट 7000 अतिथियों को निमंत्रण भेजा।
22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में 150 वैदिक आचार्यों को लगाया जा रहा है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि ने बताया कि काशी के शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती के मार्गदर्शन में आचार्यों की टोली का चयन हुआ है। काशी के वैदिक विद्वान लक्ष्मीकांत दीक्षित प्रमुख आचार्य रहेंगे। उनके साथ डेढ़ सौ पंडितों की टोली रहेगी, जो विभिन्न पारायण, पाठ, यज्ञ आदि करेगी। काशी के ही प्रसिद्ध वैदिक विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ की निगरानी में सारे अनुष्ठान होंगे। 17 जनवरी को रामलला की अचल मूर्ति की भव्य शोभायात्रा निकालकर राम जन्मभूमि परिसर में स्थापित की जाएगी। उसके बाद 18 जनवरी से पूजन, अर्चन अनुष्ठान की प्रक्रिया शुरू होगी। गोविंद देवगिरी ने बताया कि पीएम मोदी राम जन्मभूमि परिसर में पहुंचने के बाद सबसे पहले जटायु मंदिर जाएंगे। जटायु उन कारसेवकों, बलिदानियों के प्रतीक हैं, जिन्होंने भगवान के कार्य के लिए जीवन को न्योछावर किया।
केंद्र सरकार श्रीराम से जुड़े पर्वों को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की बना रही रणनीति
राममंदिर निर्माण और उसमें रामलला का विग्रह स्थापित करने की तैयारियों के बीच केंद्र सरकार श्रीराम से जुड़े पर्वों पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की तैयारी कर रही है। इस संबंध में केंद्र सरकार के प्रतिनिधि धर्माचार्यों से संपर्क कर रहे हैं। रामलला के विग्रह की स्थापना (22 जनवरी 2024) एवं राममंदिर के भूमि पूजन (पांच अगस्त 2020) की भी तारीख श्रीराम की विरासत से जुड़े संभावित अवकाशों की सूची में शामिल किए जाने की संभावना है।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का 25 लाख रुपए बजट के इंटरनेट से किया जाएगा प्रचार
अयोध्या में जन्मभूमि पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले मंदिर के निर्माण कार्यों की नियमित जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए संस्कृति विभाग की तरफ से कवायद तेज कर दी गई है। विभाग ने इसके लिए 25 लाख रुपये बजट स्वीकृत करवाया है। यह धनराशि इंटरनेट मीडिया के प्रचार कार्यक्रम पर खर्च की जाएगी। इसके लिए इंटरनेट मीडिया के बड़े इन्फ्लूएंसर्स से संपर्क किया है। विभिन्न इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्मों पर राम मंदिर, इसके निर्माण कार्य, अयोध्या के विकास और भगवान राम से संबंधित गाथाओं को प्रसारित किया जाएगा।
Ayodhya: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की अयोध्या में जोर शोर से तैयारी चल रही है। इसी बीच काशी विद्वत परिषद ने रामलला के सिंहासन के रूप में नवरत्नों का प्रस्ताव राममंदिर ट्रस्ट को दिया है। राममंदिर के गर्भगृह में नवरत्नों से निर्मित सुमेरू पर्वत पर रामलला को विराजमान कराया जाएगा। सुमेरू पर्वत का निर्माण हीरा, पन्ना और माणिक्य जैसे बहुमूल्य रत्नों से होगा। भगवान राम के मंदिर और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समारोह को भव्य बनाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। कर्मकांड से लेकर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को भी वैदिक तरीके से मृगशिरां नक्षत्र में कराया जाएगा। रामलला की पहली आरती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उतारेंगे। समारोह में बाबा विश्वनाथ समेत काशी के समस्त देवी-देवता शामिल होंगे।
पुणे में तैयार हो रहे सोने के धागों से बने वस्त्र
रामलला की पोशाक स्वर्ण यानी सोने के धागों से पुणे में तैयार हो रही है। यह पोशाक 22 दिसंबर तक तैयार कर अयोध्या भेजी जाएगी। राममंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि बताते हैं कि पूरे देश में भगवान रामलला के लिए अनेक लोग सुंदर वस्त्र तैयार कर रहे हैं। सोने का मुकुट व सोने के वस्त्र धारण कर रामलला सोने के सिंहासन पर विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे। भगवान रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सोने, चांदी व नवरत्नों से सज्जित वस्त्र धारण करेंगे। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कन्नौज के इत्र से राम जन्मभूमि परिसर महकेगा। आगरा में युमना किनारे स्थित प्राचीन मथुराधीश मंदिर की ओर से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को कन्नौज का इत्र व वृंदावन से विशेष नक्काशी युक्त पोशाक भेंट की जाएगी।
22 जनवरी को होगा प्राण प्रतिष्ठा समारो, ढाई लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना
बता दें कि अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर में 22 जनवरी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इससे पहले 20 और 21 जनवरी को भक्त अपने आराध्य के दर्शन नहीं कर सकेंगे। केवल प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित लोगों को रामलला के दर्शन करने का मौका मिलेगा। 23 जनवरी से आम श्रद्धालु भव्य राम मंदिर में दर्शन कर सकेंगे। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद दोगुनी संख्या में श्रद्धालु पहंचने वाले हैं। माना जा रहा है कि एक दिन में डेढ़ से ढाई लाख श्रद्धालु रामलला के दर्शन करने पहुंचेंगे।
Ayodhya: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे व सोनिया गांधी को निमंत्रण दिए जाने पर मुख्य अर्चक ने नाराजगी जताई है। रामजन्मभूमि के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि उन्होंने तो राम के अस्तित्व को ही नकार दिया था। ऐसे लोगों को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में नहीं बुलाया जाना चाहिए।
ऐसे लोगों को आने की जरूरत नहीं
आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा है कि जो राम को नहीं मानते हैं और जो सनातन विरोधी हैं। उन्हें प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये वहीं लोग हैं जिन्होंने कभी राम के अस्तित्व को ही नकार दिया था। ऐसे सनातन विरोधियों को आमंत्रण देने की जरूरत नहीं है, ऐसे लोगों को आने की जरूरत नहीं है।
14 से 20 जनवरी तक सभी मंदिरों में होगा रामचरित मानस पाठ
अयोध्या में नवनिर्मित श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर 14 से 22 जनवरी तक आयोजित होने वाले विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रूपरेखा निर्धारित किये जाने के संबंध में जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में कलैक्ट्रेट सभागार में बैठक आयोजित की गयी। उन्होंने कहा कि 2 जनवरी को भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। जिसमे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी,मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत देश-प्रदेश के जनप्रतिनिधियों, साधु-संतो एवं लब्ध प्रतिष्ठित संभ्रांत नागरिकों की गरिमामयी उपस्थिति रहेगी।
प्राण प्रतिष्ठा का लाइव प्रसारण होगा
जिलाधिकारी ने बताया कि सभी राम मंदिरों, हनुमान मंदिरों, वाल्मीकि मंदिरों में 14 जनवरी को बालकांड, 15 जनवरी को अयोध्याकांड, 16 जनवरी को अरण्यकांड, 17 जनवरी को किष्किन्धाकांड, 18 जनवरी को सुन्दरकांड, 19 जनवरी को लंकाकांड एवं 20 जनवरी को उत्तरकांड के पाठ के साथ ही भजन-कीर्तन के कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। उन्होंने बताया कि 21 जनवरी की प्रातः सभी मंदिरों में अखण्ड रामायण पाठ कराई जाए जोकि 22 जनवरी की प्रातः पूर्ण हो जाएगी। इसके बाद अयोध्या में आयोजित होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह का सजीव प्रसारण किया जाएगा।
Ayodhya: राम मंदिर में रामलला की प्रतिष्ठा होने के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। रामलला का दर्शन पाने के लिए रामनगरी में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। दर्शन के लिए सुबह से जमा होने वाले तमाम श्रद्धालु सांस फूलने से परेशान हो रहे हैं, जो श्रीराम अस्पताल पहुंच रहे हैं। ओपीडी में ही श्रद्धालुओं को प्राथमिक इलाज उपलब्ध करा रहे हैं। वहीं मंगलवार को अनियंत्रित भीड़ की वजह से बीमार और घायल हुए श्रद्धालुओं बिहार से आई महिला की मौत हो गई। एक श्रद्धालु को राजर्षि दशरथ मेडिकल कालेज दर्शननगर से बनारस हिंदू विश्व विद्यालय के लिए रेफर किया गया है। वहीं दो मरीजों के आग्रह पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया और दो अभी भर्ती हैं।
वीआईपी मेहमानों को एक सप्ताह पूर्व सूचित करना होगा
वहीं, सीएम योगी ने बढ़ती भीड़ को लेकर कहा है कि रामलला के दर्शन के लिए पूरे देश से भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन से अभूतपूर्व स्थिति उत्पन्न हुई है। इसके दृष्टिगत वीआईपी मेहमानों को अयोध्या आगमन का कार्यक्रम बनाने से एक सप्ताह पूर्व स्थानीय प्रशासन या श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास या राज्य सरकार को सूचित करना हितकर होगा।
दर्शनार्थी कतारबद्ध खड़े हों
सीएम ने हिदायत दी कि अयोध्या में राम पथ, भक्ति पथ, धर्म पथ और जन्मभूमि पथ पर दर्शनार्थी कतारबद्ध खड़े हों। कहीं भीड़ न लगे और कतार चलायमान रहे। बुजुर्गों, बच्चों व महिलाओं का विशेष ध्यान दिया जाए।दर्शनार्थियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए प्रमुख पथों पर धीमी आवाज में राम भजन बजने चाहिए। सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों का व्यवहार मर्यादित होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कतारबद्ध श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह पर पेयजल की व्यवस्था कराने तथा दिव्यांग या अत्यंत वृद्ध श्रद्धालुओं के लिए आवश्यकतानुसार व्हीलचेयर के प्रबंध भी करने का निर्देश दिया। कड़ाके की ठंड से बचाव के लिए अलाव की व्यवस्था कराने के लिए कहा.
बारिश के बाद राम मंदिर की छत टपकने की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। यह मामला अयोध्या ही नहीं पूरे देश में चर्चाओं में है। चर्चा इस बात की है कि करोड़ों रुपयों की लागत से बना मंदिर पहली बरसात नहीं झेल पाया। इस बार पर ट्रस्ट की तरफ से सफाई जारी की गई है। बारिश के दौरान राममंदिर की छत टपकने के मामले में अब राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कुछ तथ्य जारी किए हैं।
चंपत राय का कहना है कि गर्भगृह जहां भगवान रामलला विराजमान हैं, वहां एक भी बूंद पानी छत से नही टपका है। न ही कहीं से पानी गर्भगृह में प्रवेश हुआ है। मंदिर और परकोटा परिसर में बरसात के पानी की निकासी का सुनियोजित तरीक़े से उत्तम प्रबंध किया गया है। जिसका कार्य भी प्रगति पर है। मंदिर निर्माण का कार्य पूरा होने के बाद मंदिर एवं परकोटा परिसर में कहीं भी जलभराव की स्थिति नहीं होगी। श्री रामजन्म भूमि परिसर मे बरसात के पानी को अंदर ही पूर्ण रूप से रखने के लिए रिचार्ज पिटो का भी निर्माण कराया जा रहा है।
बिजली वायरिंग के कारण हुई थी समस्या
चंपतराय ने कहा कि जो भी पानी छत से गिरता प्रतीत हुआ, वह मंदिर के भूतल की छत की बिजली वायरिंग के कारण था। चंपतराय के बयान में इस तथ्य की ओर ध्यान दिलाया गया है कि पत्थरों से बनने वाले मंदिर में पीवीसी इलेक्ट्रिक कंड्युट पाइप एवं जंक्शन बाक्स का कार्य पत्थर की छत के ऊपर होता है। इसको छत में छेद करके नीचे उतारा जाता है, जिससे मंदिर के भूतल की छत की लाइटिंग होती है। पीवीसी इलेक्ट्रिक कंड्युट पाइप एवं जंक्शन बॉक्स फ्लोरिंग के दौरान वाटर टाइट करके सतह में छिपाई जाती है। चूंकि, प्रथम तल पर बिजली, वाटर प्रूफिंग एवं फ्लोरिंग का कार्य प्रगति पर है, अतः सभी जंक्शन बाक्स में बरसात का पानी जमा हो गया, वही पानी कंड्यूट के सहारे भूतल पर गिरा। ऊपर देखने पर प्रतीत हो रहा था कि छत से पानी टपक रहा है। वायरिंग का कार्य शीघ्र पूरा हो जाएगा और तब छत टपकने का सवाल ही नहीं है।
AYODHYA: अयोध्या राम मंदिर में 3 अक्टूबर से प्रारंभ हो रहे शारदीय नवरात्र को लेकर रामलला के दर्शन अवधि के समय में बदलाव किया गया है. अब 30 मिनट की देरी से दर्शन प्रारम्भ होगा. इसके साथ ही शयन आरती के समय में भी बदलाव किया गया है। अगले 9 दिनों तक दर्शनार्थियों को राम मंदिर में दर्शन पूजन के लिए एक घंटे कम समय मिलेगा।
9 दिनों तक बदलाव रहेगा जारी
श्रीराम जन्म भूमि के सदस्य डाक्टर अनिल मिश्र के मुताबिक, 3 अक्टूबर से सुबह मंगला आरती प्रातः 4.00 बजे के स्थान पर 4.30, श्रंगार आरती प्रातः 6.00 बजे के स्थान पर 6.30 बजे, शयन आरती रात्रि 10.00 बजे के स्थान पर 9.30 बजे होगी। प्रातः 6.30 बजे के स्थान पर 7.00 बजे मंदिर में दर्शन शुरू होगा। दोपहर 12.00 बजे भोग आरती के बाद 12.30 बजे से 01.30 बजे तक मंदिर बंद रहेगा. इसके बाद 1.30 से रात्रि 9.00 बजे तक दर्शन होगा। राम मंदिर में पूजन व्यवस्था प्रभारी गोपाल जी राव ने बताया कि यह व्यवस्था शारदीय नवरात्र तक के लिए है. रामलला के दर्शन अवधि में सुबह पहले 6:30 बजे दर्शन प्रारंभ होता था। लेकिन नवरात्र के दौरान यह व्यवस्था आधे घंटे देरी से शुरू होगी।
यहां देखें पूरा शेड्यूल
प्रातः 04.30 से 04.40 मंगला आरती
04.40 से 06.30 पट बंद, अभिषेक, श्रृंगार आदि
06.30 श्रृंगार आरती
07.00 से 09.00 दर्शन
09.00 से 09.05 पट बंद, बालभोग
09.05 से 11.45 दर्शन
11.45 से 12.00 पट बंद, राज भोग
दोपहर 12.00 भोग आरती
12.15 से 12.30 तक दर्शन
12.30 से 01.30 पट बंद
01.30 से दर्शन के लिए प्रवेश प्रारंभ
01.30 पर देव उत्थान, भोग, आरती
01.35 से 04.00 दर्शन
04.00 से 04.05 पट बंद, नैवेद्य
04.05 से 06.45 दर्शन
शाम 06.45 से 07.00 पट बंद, भोग
रात्रि 07.00 संध्या आरती
07.00 से 08.30 दर्शन
09.00 दर्शन करने के लिए प्रवेश बंद
09.15 से 09.30 पट बंद, भोग
09.30 से 09.45 शयन आरती
09.45 से 04.30 पट बंद, शयन
Ayodhya: चोरों को भगवान का भी जरा खौफ नहीं है। या यू कहें अयोध्या में सुरक्षा भी राम भरोसे ही है। तभी तो रामलला के मंदिर की ओर जाने वाले राम पथ और भक्ति पथ पर लगाई गई 50 लाख रुपये से अधिक कीमत की स्ट्रीट लाइटें ही चोरी हो गई। चोरों ने 3,800 बैम्बू लाइट और 36 गोबो प्रोजेक्टर लाइट चुरा ले गए और पुलिस और प्रशासन को भनक तक नहीं लगी। अयोध्या जैसे महत्वपूर्ण और सुरक्षित माने जाने वाले स्थान पर चोरी पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवार खड़ा कर रही है। बता दें कि रामनगरी में उजियारा लाने के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण ने ठेके के तहत फर्म यश एंटरप्राइजेज और कृष्णा ऑटोमोबाइल्स द्वारा रामपथ के पेड़ों पर 6,400 बैम्बू लाइट और भक्तिपथ पर 96 गोबो प्रोजेक्टर लाइट लगवाया था।
6,400 बैम्बू लाइट और 96 प्रोजेक्टर लगे थे
फर्म के प्रतिनिधि शेखर शर्मा ने राम जन्मभूमि थाने को दी शिकायत में बताया कि रामपथ पर 6,400 बैम्बू लाइट और भक्ति पथ पर 96 गोबो प्रोजेक्टर लाइट 19 मार्च तक लग चुकी थीं। नौ मई को निरीक्षण के बाद पता चला कि कुछ लाइटें गायब हैं. जांच में पता चला कि 3,800 बैम्बू लाइट और 36 गोबो प्रोजेक्टर चोरी हो गई है। शिकायतकर्ता ने स्वीकार किया कि चोरी के दो महीने बाद नौ अगस्त को एफआईआर दर्ज कराई। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
10 महीने में राम पथ का हुआ था निर्माण
बता दें कि 12.97 किलोमीटर लंबा राम पथ 10 महीने में बनाकर तैयार किया गया है। राम पथ के भीतरी हिस्से में धर्म पथ, भक्ति पथ और रामजन्मभूमि पथ से जुड़कर रामलला के दर्शन करने जा सकते हैं। रामजन्मभूमि पथ को फसाड लाइटिंग, म्यूरल पेंटिंग, विंटेज विक्टोरियन सोलर टेल लैंप, आर्टिस्टिकली डिजाइंड आर्क लैंप, प्रॉपर पेवमेंट, इनलैंड ड्रेनेज व कॉनक्रीट लेआउट कैरियज वे, ग्रीनरी इनेबल्ड डिवाइडर से सजाया गया है।
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