Ayodhya: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की अयोध्या में जोर शोर से तैयारी चल रही है। इसी बीच काशी विद्वत परिषद ने रामलला के सिंहासन के रूप में नवरत्नों का प्रस्ताव राममंदिर ट्रस्ट को दिया है। राममंदिर के गर्भगृह में नवरत्नों से निर्मित सुमेरू पर्वत पर रामलला को विराजमान कराया जाएगा। सुमेरू पर्वत का निर्माण हीरा, पन्ना और माणिक्य जैसे बहुमूल्य रत्नों से होगा। भगवान राम के मंदिर और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समारोह को भव्य बनाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। कर्मकांड से लेकर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को भी वैदिक तरीके से मृगशिरां नक्षत्र में कराया जाएगा। रामलला की पहली आरती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उतारेंगे। समारोह में बाबा विश्वनाथ समेत काशी के समस्त देवी-देवता शामिल होंगे।
पुणे में तैयार हो रहे सोने के धागों से बने वस्त्र
रामलला की पोशाक स्वर्ण यानी सोने के धागों से पुणे में तैयार हो रही है। यह पोशाक 22 दिसंबर तक तैयार कर अयोध्या भेजी जाएगी। राममंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि बताते हैं कि पूरे देश में भगवान रामलला के लिए अनेक लोग सुंदर वस्त्र तैयार कर रहे हैं। सोने का मुकुट व सोने के वस्त्र धारण कर रामलला सोने के सिंहासन पर विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे। भगवान रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सोने, चांदी व नवरत्नों से सज्जित वस्त्र धारण करेंगे। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कन्नौज के इत्र से राम जन्मभूमि परिसर महकेगा। आगरा में युमना किनारे स्थित प्राचीन मथुराधीश मंदिर की ओर से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को कन्नौज का इत्र व वृंदावन से विशेष नक्काशी युक्त पोशाक भेंट की जाएगी।
22 जनवरी को होगा प्राण प्रतिष्ठा समारो, ढाई लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना
बता दें कि अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर में 22 जनवरी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इससे पहले 20 और 21 जनवरी को भक्त अपने आराध्य के दर्शन नहीं कर सकेंगे। केवल प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित लोगों को रामलला के दर्शन करने का मौका मिलेगा। 23 जनवरी से आम श्रद्धालु भव्य राम मंदिर में दर्शन कर सकेंगे। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद दोगुनी संख्या में श्रद्धालु पहंचने वाले हैं। माना जा रहा है कि एक दिन में डेढ़ से ढाई लाख श्रद्धालु रामलला के दर्शन करने पहुंचेंगे।
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