Noida: नोएडा से कॉल सेंटर ऑपरेट कर सोशल सिक्योरिटी के नाम पर अमेरिकन नागरिकों से ठगी करने वाले गिरोह का नोएडा पुलिस ने पर्दाफाश किया है। अमेरिकी जांच एजेंसियों से मिले इनपुट के बाद कोतवाली फेस-1 पुलिस ने सेक्टर-6 में चल रहे कॉल सेन्टर पर छापा मार कर 84 लड़के लड़कियों को गिरफ्तार किया है. जबकि गिरोह के सरगना फरार होने में सफल हो गये. छापेमारी के दौरान 150 कम्प्यूटर सेट, 13 मोबाइल, एक बड़ा सर्वर मय राउटर, एक क्रेटा गाडी, बीस लाख रूपये नकद समेत अन्य सामान बराबर किया गया है।
अमेरिकी एजेंसियों के इनपुट पर मारा छापा
पुलिस की गिरफ्त में आए लोग सेक्टर-6 के ए-18 में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर में ठगी का काम कर रहे थे. पुलिस को एफबीआई और इंटरपोल के जरिए सूचना मिल रही थी कि अमेरिका के लोगों के साथ नोएडा से ठगी की जा रही है. अमेरिकी एजेंसियों के इनपुट पर नोएडा पुलिस ने लोकल इंटेलिजेंस जाल बिछाया और मिले इनपुट पर स्पार्क फैक्टर टेक्नोलाजीज के नाम से चल रहे कॉल सेंटर छापा कर मास्टरमाइंड समेत 84 लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरोह के सरगना हर्षित चौधरी और योगेश पुजारी फरार होने में सफल हो गये.
मार्शल बनकर अमेरिकी नागरिकों को दिखाते थे कानूून का डर
नोएडा डीसीपी हरिश चंद्र ने बताया वीआईसीआई डायल साफ्टवेयर और एक्सलाईट/आईबीम डायलर का प्रयोग करके आईवीआर के माध्यम से ड्रार्क वैब से लिए डेटा से आरोपी अमेरिकी नंबरों पर सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट ऑफ यूएस के नाम से वॉइस मैसेज भेजा जाता था. कहा जाता था कि आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होने के कारण आपके अकाउंट को सीज किया जा रहा है. लोगों को झांसा देने के लिए इनके पास बकायदा एक स्क्रिप्ट होती थी.
क्रिप्टो और गिफ्ट कार्ड के जरिये करते थे ठगी
कालिंग एजेट/क्लोजर (मार्शल) बनकर अमेरिकी नागरिकों को फोन करके कहते थे कि उन्होंने कानून का उल्लंघन किया है और आपके वाहन या आपका चालान किया जा रहा है. साथ ही आपराधिक गतिविधियों में उनके लिप्त होने का डर दिखाया जाता था. इसके बाद ये लोग अमेरिकी नागरिकों को अपने झांसे में लेकर धोखाधड़ी करके उनसे गिफ्ट कार्ड/ क्रिप्टो करेंसी के माध्यम पैसे ले लेते थे. गिरफ्तार बदमाशों ने विदेशी नागरिकों से काफी रुपये ठगने की बात स्वीकार की है.
दिन-रात चलता था कॉल सेंटर
डीसीपी नोएडा ने बताया कि ये कॉल सेंटर रात में काम करता था. एक रात 30 से 35 की ठगी की जा रही थी. पुलिस ने छापे के दौरान जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, उसमें ज्यदातर काम करने वाले लोग नार्थईस्ट के रहने वाले है. चूंकि नार्थ ईस्ट के लोगों इग्लिश भाषा पर अच्छी पकड़ होने के साथ उनके इग्लिश बोलने का लहेजे से आसानी से अमेरिकी नागरिको झांसे में आ जाते है. पुलिस ने छापे के दौरान 150 कम्प्यूटर सेट, 13 मोबाइल, एक बड़ा सर्वर मय राउटर, एक क्रेटा गाडी, बीस लाख रूपये नकद बरामद किया है.
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और अमेरिका के लोउडन काउंटी सिटी के साथ जल्द ही सिस्टर सिटी एग्रीमेंट (शहरों की ट्विनिंग) होने जा रहा है। इससे ग्रेटर नोएडा में आर्थिक व्यापारी, शैक्षणिक और इनवायर्नमेंट आदि क्षेत्रों में निवेश की राह खुलेगी। अमेरिका के लोउडन काउंटी सिटी, वर्जीनिया के इकोनॉमिक डेवलपमेंट विभाग के कार्यकारी निदेशक बडी राइजर अपनी टीम के साथ मंगलवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के दफ्तर पहुंचे और प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार व एसीईओ मेधा रूपम के साथ बैठक की और एग्रीमेंट को अंतिम रूप देने पर चर्चा की। दोनों संस्थानों की तरफ से ड्राफ्ट एग्रीमेंट में एक-दो सुझाव दिए गए हैं, जिन पर अमल करते हुए शासन से जल्द अप्रूवल लेकर एमओयू किये जाने की तैयारी है।
दोनों शहरों के बीच कई क्षेत्रों में सूचना के आदान-प्रदान करने में होगी सहूलियत
दरअसल, ग्रेटर नोएडा और अमेरिका के लोउडन काउंटी सिटी के साथ सिस्टर सिटी के रूप में एग्रीमेंट करने के लिए प्राधिकरण काफी समय से प्रयासरत है। अब इस प्रयास पर जल्द अमल होने की उम्मीद है। मंगलवार को अमेरिका के लोउडन काउंटी सिटी वर्जीनिया के इकोनॉमिक डेवलपमेंट विभाग के कार्यकारी निदेशक बडी राइजर तीन अन्य प्रतिनिधियों के साथ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण दफ्तर बैठक हुई। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और लोउडन काउंटी सिटी के प्रतिनिधियों ने सभी अधिकारियों की मौजूदगी में प्रस्तुतिकरण दिया गया। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से प्रस्तुतिकरण में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर, रोड इंफ्रास्ट्रक्चर, मेट्रो कनेक्टीविटी, एक्सप्रेसवे, ग्रीनरी, बड़ी कंपनियों, शिक्षण संस्थानों, डाटा सेंटर हब, आईआईटीजीएनएल, मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब व मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब आदि के बारे में जानकारी दी गई। लोउडन काउंटी सिटी के अधिकारियों ने ग्रेटर नोएडा के इंफ्रास्ट्रक्चर को सराहा। उन्होंने सिस्टर सिटी एग्रीमेंट के लिए प्राधिकरण की तरफ से मिलने वाले रेस्पोंस की भी सराहना की।
सीईओ एनजी रवि कुमार व लोउडन काउंटी सिटी के निदेशक की हुई बैठक
लोउडन काउंटी के निदेशक बडी राइजर ने डाटा सेंटर, शैक्षणिक विकास, पर्यावरण आदि क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर निवेश की संभावना जताई। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने आईआईटीजीएनएल समेत ग्रेटर नोएडा के अलग-अलग हिस्से में जाकर इंफ्रास्ट्रक्चर को देखा। सीईओ एनजी रवि कुमार ने इस एग्रीमेंट को जल्द अमली-जामा पहनाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से तेजी से प्रयास करने का आश्वासन दिया। बता दें कि सिस्टर सिटी एग्रीमेंट (शहरों की ट्विनिंग) के अंतर्गत दो शहरों के बीच शिक्षा, व्यापार, संस्कृति, बायोटेक, कृषि, फार्मास्यूटिकल, सूचना औैर तकनीक आदि का सीधे आदान-प्रदान करने में सहूलियत हो जाएगी। एक-दूसरे के प्रतिनिधि दोनों शहरों में जाकर अध्ययन कर सकेंगे। इससे पहले इस तरह का एग्रीमेंट वाराणसी, लखनऊ, आगरा आदि शहरों के साथ अलग-अलग देशों के साथ हो चुके हैं।
"भारत माता की जय" के नारों से उस वक्त दिल्ली एयरपोर्ट गूंज उठा जब 30 अगस्त 2022 से कतर जेल में बंद 7 पूर्व सैनिकों ने रिहा होने के बाद पहली बार देश की मिट्टी पर कदम रखा. दरअसल 30 अगस्त 2022 को 8 पूर्व नौसैनिकों को कतर की इंटेलिजेंस एजेंसी के स्टेट सिक्योरिटी ब्यूरो ने गिरफ्तार कर लिया था. ये सभी अफसर कतर की नौसेना को ट्रेनिंग देने वाली एक निजी कंपनी दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी में काम करते थे, जो दहरा ग्लोबल डिफेंस सर्विस प्रोवाइड करती है. इन 8 नौसैनिकों के साथ दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी के प्रमुख स्क्वाड्रन लीडर खमिस अल अजमी को भी गिरफ्तार किया गया था लेकिन नवंबर 2022 में उन्हें छोड़ दिया गया, लेकिन इन 8 पूर्व नौसैनिकों को 26 अक्टूबर 2023 को मौत की सजा सुना दी गई. जिसके बाद 30 अक्टूबर को इन नौसैनिकों के परिवारों ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की और उन्हें वतन वापस लाने का आग्रह किया और 28 दिसंबर 2023 को इनकी मौत की सजा कैद में बदल दी गई. इसके बाद मंत्रालय ने कतर को मनाने के लिए तुर्किए की मदद ली क्योंकि कतर के शाही परिवार से तुर्किए के बहुत ही अच्छे संबंध हैं. भारत ने इस मामले में अमेरिका से भी बात की, जिसके बाद कतर को उन 8 भारतीयों की रिहाई के लिए मनाया जा सका.
कतर अदालत के फैसले का स्वागत
कतर ने 8 भारतीय पूर्व नौसैनिकों को रिहा कर दिया है. जिनमें से 7 भारत लौट आए हैं. ये सभी सैनिक जासूसी के आरोप में जेल की सजा काट रहे थे. भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि सरकार कतर में हिरासत में लिए गए दहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले 8 भारतीयों की रिहाई का स्वागत करती है. हम इनकी घर वापसी के लिए कतर के फैसले की सराहना करते हैं साथ ही 8वें नौसैनिक को घर लाने की व्यवस्था की जा रही है.
इजराइल के लिए जासूसी करने का आरोप
गौरतलब है कि इन सैनिकों पर लगाए गए आरोपों को कतर ने कभी भी सार्वजनिक नहीं किया लेकिन विश्व के अलग-अलग मीडिया संस्थानों ने उन आरोपों के बारे में लिखा था जिसकी वजह से भारत के पूर्व नौसैनिकों को गिरफ्तार किया गया था. फाइनेंशियल टाइम्स के अनुसार, इन पर इजराइल के लिए जासूसी करने का आरोप था. वहीं, अल-जजीरा की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन 8 पूर्व नौसनिकों पर कतर के सबमरीन प्रोजेक्ट से जुड़ी अहम जानकारी इजराइल को देने का आरोप था.
रिहा किए गए 8 अफसरों के नाम
रिहा किये गए आठ पूर्व नौसनिकों में कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा और नाविक रागेश शामिल हैं.
अगर हम आपसे ये कहें कि विदेश में आपकी जान को खतरा है तो क्या आप वहां जाना चाहेंगे, नहीं ना! हम ऐसा इसलिये कह रहे हैं क्योंकि अमेरिका में भारतीयों की मौत की घटनाएं आये दिन बढ़ती जा रही हैं। अमेरिका में पिछ्ले करीब 1 महीने में ही 4 भारतीय छात्रों और 3 भारतीय मूल के लोगों की मौत हो चुकी है और एक अन्य भारतीय छात्र पर हमला भी हुआ। लगातार हो रहे इन हमलों पर व्हाइट हाउस ने कहा "कि नस्ल, लिंग या किसी भी आधार पर हिंसा अमेरिका में अस्वीकार्य है।" व्हाइट हाउस में अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के स्पोक्स पर्सन जॉन किर्बी ने कहा "कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनका प्रशासन इन हमलों को रोकने की पूरी कोशिश कर रहा है।"
कब-कब हुई भारतीयों की मौत और हमले
2 फरवरी 2024 को भारतीय छात्र श्रेयस रेड्डी बेनिगर की ओहायो के लिंडनर स्कूल ऑफ बिजनेस में मौत हो गई। जिसकी वजह अब तक सामने नहीं आ सकी। न्यूयॉर्क स्थित भारतीय कॉन्सुलेट ने जानकारी देते हुए कहा था कि" श्रेयस बिजनेस की पढ़ाई कर रहा था। उसकी मौत की खबर से दुखी हैं। इस मामले में पुलिस की जांच चल रही है।"
4 फरवरी 2024 को इंडियाना राज्य में एक पार्क में समीर कामथ नाम के भारतीय-अमेरिकी छात्र का शव मिला। उसने मास्टर्स की पढ़ाई पूरी की थी और PhD कर रहा था। उसके पास भारत के साथ अमेरिका की भी नागरिकता थी।
4 फरवरी 2024 को ही शिकागो में हुई थी। जब भारतीय छात्र सैयद मजाहिर अली घर से खाना लेने निकला था तभी उस पर हमला हुआ था। घटना का एक वीडियो सामने आया था। इसमें 3 हमलावर छात्र का पीछा करते नजर आए थे। इसके बाद तीनों ने उसे बुरी तरह पीटा और फोन छीन कर भाग गए। वीडियो में छात्र खून से लथपथ नजर आया रहा था।
7 फरवरी 2024 को अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में भारतीय मूल के 41 साल के विवेक तनेजा एक रेस्टोरेंट के बाहर बेहोश की हालत में मिले थे। पुलिस ने कहा कि " 2 फरवरी को रेस्टोरेंट के बाहर विवेक का एक शख्स से झगड़ा हुआ था। दोनों के बीच मारपीट हुई थी। जब हम वहां पहुंचे तो विवेक बेहोशी की हालत में मिले। जमीन पर गिरने की वजह से उनके सिर पर गहरी चोट आई थी। उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहां 5 दिन बाद 7 फरवरी को उनकी मौत हो गई।"
15 फरवरी 2024 को अमेरिका के अलबामा के शेफील्ड में विलियम जेरेमी मूर नाम के शख्स ने भारतीय मूल के हिलक्रेस्ट होटल के मालिक प्रवीण रावजीभाई पटेल को गोली मार दी। दोनों का कमरा किराए पर लेने को लेकर विवाद हो गया था। आरोपी को स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
16 जनवरी 2024 को अमेरिकी राज्य जॉर्जिया में 25 साल के भारतीय छात्र विवेक सैनी की हत्या कर दी गई थी। फॉक्स न्यूज के मुताबिक 25 साल के छात्र विवेक के सिर पर एक बेघर शख्स जूलियन फॉकनर ने हथौड़े से 50 बार वार किया था। विवेक एक फूड मार्ट में काम करता था। उस स्टोर के बाहर जूलियन आता था। विवेक और स्टोर के बाकी कर्मचारियों ने इस बेघर शख्स को रहने के लिए जगह दी थी। वह यहीं रहता था, लेकिन 16 जनवरी को विवेक ने जब उसे जगह खाली करने के लिए कहा तो उसने गुस्से में शख्स ने विवेक की हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
20 जनवरी 2024 को अकुल धवन का शव इलिनोइस अर्बाना-शैंपेन यूनिवर्सिटी के बाहर मिला था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक उसकी मौत ठंड लगने की वजह से हुई। रिपोर्ट में कहा गया- अकुल की मौत की वजह हाइपोथर्मिया थी। शव मिलने से पहले अकुल धवन के लापता होने की खबर थी। इसके बाद धवन के माता-पिता ने यूनिवर्सिटी पर लापरवाही का आरोप लगाया था।
28 जनवरी 2024 इंडियाना राज्य में भारतीय छात्र नील आचार्य की मौत हो गई थी। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, उन्हें 28 जनवरी की सुबह करीब 11:30 बजे पर्ड्यू यूनिवर्सिटी कैंपस पर एक शव दिखने की खबर मिली थी। इसके बाद पुलिस ने नील की मौत की पुष्टि की थी। वो 12 घंटे से गायब था। उसकी मां गौरी आचार्य ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी थी। उसकी मौत की वजह भी सामने नहीं आई है।
लोकसभा चुनावों की सरगर्मियां चरम पर हैं। दो चरण पूरे भी हो चुके हैं। वहीं तीसरे चरण के लिए प्रत्याशियों के बीच घमासान मचा हुआ है। ऐसे समय में एक रिपोर्ट सामने आई है। जिसके बारे में जानकार आप भी चौंक जाएंगे। इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में इस बार के चुनाव में विश्व के किसी भी देश से ज्यादा खर्च होने जा रहा है। चुनाव संबंधी खर्चों पर पिछले करीब 35 साल से नजर रख रहे गैर-लाभकारी संगठन सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (सीएमएस) के अध्यक्ष एन भास्कर राव ने ये दावा किया है कि इस लोकसभा चुनाव में अनुमानित खर्च के 1.35 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। जो 2019 में खर्च किए गए 60,000 करोड़ रुपये से दोगुने से भी अधिक है।
अब पब्लिक मीटिंग पर हो रहा ज्यादा खर्च
भास्कर राव की मानें तो इस खर्च में राजनीतिक दलों और संगठनों, उम्मीदवारों, सरकार और निर्वाचन आयोग सहित चुनावों से संबंधित प्रत्यक्ष या परोक्ष सभी खर्च शामिल हैं। प्रारंभिक व्यय अनुमान को 1.2 लाख करोड़ रुपये से संशोधित कर 1.35 लाख करोड़ रुपये कर दिया। इसमें चुनावी बॉन्ड के खुलासे के बाद के आंकड़े और सभी चुनाव-संबंधित खर्चों का हिसाब शामिल है। अब चुनावों में नेता डोर टू डोर प्रचार कम करते हैं। उसकी जगह अब पब्लिक मीटिंग पर ज्यादा खर्च करते हैं। 2014 से चुनावी खर्च बहुत तेजी से बढ़ा है। इसकी वजह है कॉरपोरेट। इसके अलावा अब वर्कर्स पर बहुत खर्च होता है। अब लोकल नेता कम होते हैं, बाहर के नेताओं को ज्यादा टिकट मिलता है। इसलिए भी खर्च बढ़ जाता है।
चुनाव की घोषणा से पहले ही शुरू हो जाते खर्चे
सीएमएस अध्यक्ष के मुताबिक चुनाव की घोषणा से पहले ही खर्चे होने शुरू हो जाते हैं। राजनीतिक रैलियां, परिवहन, कार्यकर्ताओं की नियुक्ति सब पर खर्च होता है। चुनावों के प्रबंधन के लिए निर्वाचन आयोग का बजट कुल व्यय अनुमान का 10-15 प्रतिशत होने की उम्मीद है। भारत में 96.6 करोड़ मतदाताओं के साथ, प्रति मतदाता खर्च लगभग 1,400 रुपये होने का अनुमान है। यह खर्च 2020 के अमेरिकी चुनाव के खर्च से ज्यादा है, जो 14.4 अरब डॉलर या लगभग 1.2 लाख करोड़ रुपये था। इन सबमें सबसे खास बात ये है कि पार्टियां चुनाव आयोग को कम खर्च दिखाती हैं। जबकि खर्च काफी अधिक होता है।
सोशल मीडिया पर आजकल लोग अपनी हर बात शेयर करना पसंद करते हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश के मेरठ से फेसबुक के जरिए एक प्रोफेसर की जान बच गई है। जो रेलवे लाइन पर आत्महत्या करने जा रहा था।
फेसबुक अलर्ट ने बचाई जान, देखिए लाइव का वीडियो
फेसबुक अलर्ट ने मेरठ में एक प्रोफेसर की जान बचा ली। प्रोफेसर अपनी पत्नी के मायके जाने से परेशान होकर फेसबुक लाइव के दौरान ट्रेन से कटने जा रहा था। अमेरिका के कैलिफोर्निया में फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा हेडक्वार्टर से इसको लेकर यूपी हेडक्वार्टर में अलर्ट भेजा गया।
7 मिनट में बची जान
जिसके बाद पुलिस मुख्यालय लखनऊ से मोबाइल की लोकेशन ट्रेस हुई। पुलिस ने 7 मिनट में घटनास्थल पर पहुंचकर प्रोफेसर को बचा लिया। मामला मेरठ शहर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है। पुलिस के मुताबिक, प्रोफेसर शहर के एक डिग्री कॉलेज में पढ़ाते हैं। प्रोफेसर ने पूछताछ में पुलिस को बताया- पत्नी से कुछ अनबन हुई थी। इसके बाद वह मायके चली गई और वापस नहीं आ रही थी। इसके चलते वो ट्रेन से कटने जा रहे थे।
मोबाइल नंबर के आधार पर लाइव लोकेशन निकाली
एसपी सिटी मेरठ आयुष विक्रम सिंह ने आगे बताया कि SO सदर बाजार शशांक द्विवेदी ने फेसबुक लाइव आए प्रोफेसर के बारे में जानकारी जुटाई। पता चला कि वह सिविल लाइन क्षेत्र में रहते हैं। उन्होंने सिविल लाइन थाना प्रभारी को फोन किया और प्रोफेसर के घरवालों को सूचना देने को कहा। साथ ही उनसे सिटी रेलवे स्टेशन टीम को भेजने को कहा। थोड़ी देर में पुलिस स्टेशन पहुंच गई। GRP के जवान भी पहुंच गए। लेकिन, प्रोफेसर वहां नहीं मिले। पुलिस ने मोबाइल नंबर के आधार पर लाइव लोकेशन निकाली तो वह परतापुर की निकली। परतापुर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने प्रोफेसर को कॉल कर समझाया कि ऐसा न करें। थोड़ी देर तक प्रोफेसर को बातों में उलझाए रखा, इतने में पुलिस उनके पास पहुंच गई।
सेमीकंडक्टर को लेकर भारत और अमेरिका के बीच एक अहम समझौता हुआ है. इसके साथ ही अगर हम ये कहें कि ग्लोबल इकोनॉमी में भारत की अहमियत को अमेरिका ने अब पहचाना है तो ये बिल्कुल भी गलत नहीं होगा. भारत की बढ़ती साख को देखते हुए अमेरिका ने भारत के साथ साझेदारी करने पर सहमति जताई है. वहीं अमेरिका के सहयोग से भारत को सेमीकंडक्टर के ग्लोबल सप्लाई चेन बनाने में काफी बड़ी मदद मिलने वाली है. सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में फिलहाल चीन का दबदबा है. मगर भारत और अमेरिका के एक साथ आने के बाद चीन की बादशाहत पर खतरा मंडराता हुआ नजर आ रहा है.
अमेरिका के इस कदम से भारत को मिला बल
अमेरिका के विदेश विभाग ने ग्लोबल सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को डायवर्सिफाई बनाने के लिए भारत के साथ सहयोग और साझेदारी को आगे बढ़ाने की बात कही है. भारत के सेमीकंडक्टर मिशन को अमेरिका के इस कदम से काफी बल मिलने वाला है. इससे सेमीकंडक्टर की ग्लोबल सप्लाई चेन की चीन पर निभर्रता कम हो जाएगी. भारत और अमेरिका के बीच इस पार्टनरशिप से चीन की मुश्किलें बढ़ना लगभग तय है. भारत के मौजूदा सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम और रेग्युलेटरी ढांचे का इस साझेदारी में विश्लेषण किया जाएगा. अमेरिका भारत के सेमीकंडक्टर वर्कफोर्स और इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरतों को समझने में मदद करेगा और इसे मजबूत बनाने में भी काफी बड़ा योगदान देगा.
ये साझेदारी दोनों देशों के लिए लाभदायक- विदेश विभाग
वहीं इस समझौते को लेकर विदेश विभाग ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के तहत भारत के सेमीकंडक्टर मिशन के साथ साझेदारी दोनों देशों के लिए लाभदायक है. यह भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग की विस्तार क्षमता को भी रेखांकित करती है. इसके तहत अमेरिकी विदेश विभाग भारत के सेमीकंडक्टर मिशन, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के साथ साझेदारी करेगा.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का चयन प्राइम एस्ट्रोनॉट के रूप में किया है. इसरो ने भारतीय अमेरिका स्पेस मिशन के लिए अपने सबसे युवा अंतरिक्ष यात्री को चुना है. ISRO ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन भेजने के लिए चुना है. ये फैसला नासा द्वारा मान्यता प्राप्त एक्सिओम स्पेस इंक की सिफारिश पर लिया गया है. शुभांशु शुक्ला, अंतरिक्ष जाने वाले 4 एस्ट्रोनॉटस में से 1 होंगे. वहीं बालाकृष्णन नायर उनका बैकअप होंगे .
अगस्त 2024 के पहले सप्ताह से शुरू होगी ट्रेनिंग
इसरो ने जानकारी देते हुए बताया है कि मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के अपने चौथे मिशन के लिए अमेरिका के एक्सिओम स्पेस इंक के साथ समझौता किया है. नेशनल मिशन असाइनमेंट बोर्ड ने ग्रुप कैप्टन शुक्ला (प्रधान) और ग्रुप कैप्टन नायर के नाम की सिफारिश की है. इन्हें अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर उड़ान भरने की मंजूरी दी जाएगी. दोनों अंतरिक्ष यात्री अगस्त 2024 के पहले सप्ताह से मिशन के लिए अपना प्रशिक्षण शुरू करेंगे.आपको बता दें कि भारत ने मिशन गगनयान के लिए जिन 4 एस्ट्रोनॉट का चयन किया है उनमें शुभांशु शुक्ला और बालाकृष्णन नायर दोनों ही शामिल हैं. इस फैसले के बाद मिशन गगनयान की लॉन्चिंग से पहले ही हमारे एस्ट्रोनॉट को स्पेस जाने का मौका मिलेगा. इसरो ने कहा है कि इस मिशन से मिलने वाले अनुभव भारतीय मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए फायदेमंद होंगे. इससे और नासा के बीच मानव अंतरिक्ष उड़ान सहयोग भी मजबूत होगा.
कौन हैं शुभांशु शुक्ला?
शुभांशु शुक्ला मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले हैं. उन्होंने सिटी मोंटेसरी स्कूल की अलीगंज ब्रांच से अपनी पढ़ाई पूरी की थी. इसके बाद वह भारतीय रक्षा अकादमी चले गए थे. उन्होंने 7 जून 2006 को भारतीय वायु सेवा में फाइटर विंग में कमीशन किया गया था. उनका जन्म 10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ में हुआ था. उनके पिता का नाम शंभू दयाल शुक्ला है.शुभांशु एक कॉम्बैट लीडर और टेस्ट पायलेट हैं. उन्हें लगभग 2000 घंटे के उड़ान भरने का अनुभव है. उन्होंने भारत के सुखोई 30 एमकेआई, मिग-21, मिग 29, जैगुआर, हॉक और एन32 सहित कई लड़ाकू विमान उड़ाए हैं. एस्ट्रोनॉट बनने के लिए शुभांशु ने रूस और अमेरिका में लगभग 4 साल की ट्रेनिंग भी ली है.
चुनावी सभा के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति और रिपब्लिकन नेता डोनाल्ड ट्रंप पर गोली चलाई गई है। पेन्सिलवेनिया में रैली के दौरान शूटर द्वारा चलाई गई गोली ट्रंप के कान को छूकर निकल गई। कथित तौर पर हमला करने वाले एक शूटर को सीक्रेट सर्विस ने मार गिराया। रैली में मौजूद एक अन्य शख्स की मौत भी हुई है। इस बीच, जो बाइडन ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बात की है। डोनाल्ड ट्रंप पर एक चुनावी रैली के दौरान हुए हमले को लेकर दुनियाभर के राष्ट्राध्यक्षों ने चिंता जताई है। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा, अमेरिका के लोकतंत्र में राजनीतिक हिंसा के लिए बिल्कुल भी जगह नहीं है। हम सभी इस बात को जानकर राहत की सांस ले सकते हैं कि पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप को गंभीर चोट नहीं आई है।
वहीं, बताया जा रहा है कि एफबीआई ने शूटर को लेकर भी जानकारी दी है। एफबीआई ने पूर्व राष्ट्रपति पर हमला करने वाले की पहचान पेंसिल्वेनिया के 20 वर्षीय व्यक्ति के रूप में की है। हालांकि अभी तक शूटर का नाम जारी नहीं किया है।
पीएम मोदी ने भी घटना की कड़ी निंदा की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा, "दोस्त डोनाल्ड ट्रंप पर हमले से काफी चिंतित हूं। इस घटना की कड़ी निंदा करता हूं। राजनीति और लोकतंत्रों में हिंसा की कोई जगह नहीं है। उनके जल्द ठीक होने की कामना करता हूं।" प्रधानमंत्री ने घटना में मारे गए और घायल हुए लोगों के परिवार के प्रति भी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, "अमेरिकी लोगों के लिए हमारी प्रार्थनाएं।"
पैसे बचाने के तरीके: चाहकर भी नहीं कर पाते हैं धन की बचत, तो ये टिप्स आपके काम की हैं
December 17, 2022