"भारत माता की जय" के नारों से उस वक्त दिल्ली एयरपोर्ट गूंज उठा जब 30 अगस्त 2022 से कतर जेल में बंद 7 पूर्व सैनिकों ने रिहा होने के बाद पहली बार देश की मिट्टी पर कदम रखा. दरअसल 30 अगस्त 2022 को 8 पूर्व नौसैनिकों को कतर की इंटेलिजेंस एजेंसी के स्टेट सिक्योरिटी ब्यूरो ने गिरफ्तार कर लिया था. ये सभी अफसर कतर की नौसेना को ट्रेनिंग देने वाली एक निजी कंपनी दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी में काम करते थे, जो दहरा ग्लोबल डिफेंस सर्विस प्रोवाइड करती है. इन 8 नौसैनिकों के साथ दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी के प्रमुख स्क्वाड्रन लीडर खमिस अल अजमी को भी गिरफ्तार किया गया था लेकिन नवंबर 2022 में उन्हें छोड़ दिया गया, लेकिन इन 8 पूर्व नौसैनिकों को 26 अक्टूबर 2023 को मौत की सजा सुना दी गई. जिसके बाद 30 अक्टूबर को इन नौसैनिकों के परिवारों ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की और उन्हें वतन वापस लाने का आग्रह किया और 28 दिसंबर 2023 को इनकी मौत की सजा कैद में बदल दी गई. इसके बाद मंत्रालय ने कतर को मनाने के लिए तुर्किए की मदद ली क्योंकि कतर के शाही परिवार से तुर्किए के बहुत ही अच्छे संबंध हैं. भारत ने इस मामले में अमेरिका से भी बात की, जिसके बाद कतर को उन 8 भारतीयों की रिहाई के लिए मनाया जा सका.

कतर अदालत के फैसले का स्वागत

कतर ने 8 भारतीय पूर्व नौसैनिकों को रिहा कर दिया है. जिनमें से 7 भारत लौट आए हैं. ये सभी सैनिक जासूसी के आरोप में जेल की सजा काट रहे थे. भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि सरकार कतर में हिरासत में लिए गए दहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले 8 भारतीयों की रिहाई का स्वागत करती है. हम इनकी घर वापसी के लिए कतर के फैसले की सराहना करते हैं साथ ही 8वें नौसैनिक को घर लाने की व्यवस्था की जा रही है.

इजराइल के लिए जासूसी करने का आरोप

गौरतलब है कि इन सैनिकों पर लगाए गए आरोपों को कतर ने कभी भी सार्वजनिक नहीं किया लेकिन विश्व के अलग-अलग मीडिया संस्थानों ने उन आरोपों के बारे में लिखा था जिसकी वजह से भारत के पूर्व नौसैनिकों को गिरफ्तार किया गया था. फाइनेंशियल टाइम्स के अनुसार, इन पर इजराइल के लिए जासूसी करने का आरोप था. वहीं, अल-जजीरा की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन 8 पूर्व नौसनिकों पर कतर के सबमरीन प्रोजेक्ट से जुड़ी अहम जानकारी इजराइल को देने का आरोप था.

रिहा किए गए 8 अफसरों के नाम

रिहा किये गए आठ पूर्व नौसनिकों में कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा और नाविक रागेश शामिल हैं.