Greater Noida: ग्रेटर नोएडा के जीरो प्वाइंट पर किसानों का धरना जारी है। आज किसानों के बीच किसान नेता राकेश टिकैत पहुंचे। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत खुद ट्रैक्टर चलाकर किसानों के धरने के बीच पहुंचे।
प्राधिकरण और प्रशासन पर साधा निशाना
पिछले 13 दिनों से किसान ग्रेटर नोएडा के जीरो प्वाइंट पर अपनी कई मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं। किसानों का जोश और बढ़ गया, जब उनके बीच उनके नेता राकेश टिकैत पहुंचे। किसानों ने जोरशोर से राकेश टिकैत का स्वागत किया। जिसके बाद राकेश टिकैत ने प्राधिकरण और प्रशासन पर जमकर हल्ला बोला। उन्होंने प्राधिकरण पर कई आरोप लगाए। राकेश टिकैत ने कहा कि प्राधिकरण के अधिकारी किसानों की बात नहीं सुन रहे हैं। लेकिन उनको किसानों की बात सुननी पड़ेगी।
जमीन पर पहले किसानों का हक- टिकैत
राकेश टिकैत ने कहा कि प्राधिकरण के अफसर अपनी मनमानी कर रहे हैं। जबकि यहां की जमीन पर पहले किसानों का हक है, ना कि प्राधिकरण का। इसलिए प्रशासन और प्राधिकरण को किसानों की बात सुननी पड़ेगी।
'अफसर बैठकर सुने किसानों की मांग'
राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों की जमीन एयरपोर्ट में जा रही है। कई किसान ऐसे भी हैं, जिनके पास अब जमीन नहीं बची। राकेश टिकैत बोले अधिकारियों के पास तो कई मकान हैं लेकिन जिनकी जमीन जा रही है, वो अब बेघर हो रहे हैं। ऐसे में कलेक्टर, कमिश्नर और प्राधिकरण के अफसरों को बैठकर किसानों की बात सुननी चाहिए। जिससे किसान परेशान ना हो।
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की बड़ी पहल, साकीपुर और सैनी गांव के किसानों को जमीन की छह फीसदी पात्रता मुहैया कराने के लिए लगाए जाएंगे शिविर. लीज बैक सुविधा के आवेदन को भी मंजूर किया जाएगा.
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी निरंतर गौतमबुद्ध नगर के इस भू-भाग के विकास कार्यों के लिए स्थानीय किसानों से उनकी जमीन सरकारी मानकों के हिसाब से खरीद कर विकास के कामों में उपयोग करती है. इन कामों को शहर और प्रदेश की भविष्य की जरूरतों और उपयोगिता को ध्यान में रख कर किया जाता है. इसी कड़ी में ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने साकीपुर और सैनी गांव के किसानों को उचित मुआवजा देकर निर्धारित कार्यों को सुचारु रूप से कार्यान्वित करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण जमीन खरीदते वक्त किसानों को पूरी जमीन का छह फीसदी हिस्सा डेवलप करके किसानों के इस्तेमाल के लिए आरक्षित करती है.
साकीपुर और सैनी गांव में शिविर
डाढ़ा और सिरसा गांव में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने शिविर लगाकर गांव के किसानों को उनके हक में आने वाले जमीन भूखंड की पात्रता सौंप दी है. अब आगे की इसी कड़ी में प्राधिकरण के अधिकारियों ने 8 और 9 फरवरी को साकीपुर और सैनी गांव में प्रशासनिक शिविर लगाकर किसानों को जमीन के कागज के साथ-साथ सही प्रकरणों में लीज बैंक की सुविधा देने के कार्य भी सुनिश्चित करेगी.
इस शिविर में प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे, सीईओ एनजी रवि कुमार ने शिविर को सुबह 11 बजे से संचालित कर किसानों को पात्रता के कागजात के साथ उनकी आपत्तियों के निवारण के आदेश जारी किए है.
अखिल भारतीय किसान सभा की कमेटी ने गुरुवार को खेड़ी गांव में बैठक की, जिसमें प्राधिकरण द्वारा खेड़ी और आसपास के गांवों के खसरा नंबरों की खरीद के संबंध में चर्चा हुई। बैठक में उपस्थित किसानों ने नए भूमि अधिग्रहण कानून को लागू करने की मांग की है।
किसान सभा ने रखी अपनी मांग
किसान सभा की खेडी कमेटी के अध्यक्ष मुकेश ने बताया कि खेड़ी गांव के कई खसरा नंबरों पर पहले से आबादी है, लेकिन प्राधिकरण ने उनकी खरीद का प्रकाशन किया है, जो नाजायज है। किसान सभा के सचिव मटोल ने कहा कि जिन किसानों की जमीन पूर्व में खरीदी गई है, उन्हें कानून के अनुसार प्रोजेक्ट प्रभावित परिवार माना जाना चाहिए और गांव में चल रहे मार्केट रेट के अनुसार 20,000 रुपए प्रति वर्ग मीटर मुआवजा, कानून के अनुसार 20% विकसित भूमि प्रभावित परिवार के हर बालिग सदस्य को अनिवार्य रोजगार दिया जाए।
हाई पावर कमेटी की मांग
किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ रुपेश वर्मा ने किसान सभा की मीटिंग में बताया कि किसान सभा की मांग पर प्राधिकरण ने नए कानून के अनुसार लाभ देने के प्रस्ताव को पास किया है और शासन के अनुमोदन के लिए भेजा गया है। उन्होंने कहा कि एक हाई पावर कमेटी नए कानून को लागू करने के संबंध में सरकार को सिफारिशें देगी। किसान सभा 20,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर मुआवजा, 25% विकसित भूमि और प्रभावित परिवार के हर बालिग सदस्य को अनिवार्य रोजगार के लाभ कानून के अनुसार देने की मांग कर रही है। इसी सिलसिले में किसान सभा ने भनौता गांव में एक मीटिंग कर प्राधिकरण में एक ज्ञापन प्राप्त कराया है। इसी संबंध में रविवार को सुनपुरा गांव में मीटिंग होगी।
सभी किसानों को मिले एक जैसा मुआवजा
डॉ.रुपेश वर्मा ने आगे कहा, "जेवर से लेकर डीएमआईसी तक के सभी गांवों को एक साथ लेकर नए कानून को लागू करने की मांग तेज की जाएगी। जब तक नया कानून लागू नहीं होता, तब तक एक इंच भी जमीन प्राधिकरण को नहीं दी जाएगी।"
ये लोग बैठक में रहे मौजूद
इस बैठक में तेजपाल मास्टर, डॉ.जगदीश, मुकेश, मटोल, उधम सिंह एडवोकेट, सुशील उपाध्यक्ष किसान सभा और दर्जनों किसानों ने अपनी बात रखी।
ग्रेटर नोएडा में लिंक रोड के निर्माण की अड़चन प्राधिकरण ने दूर कर दी है. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एलजी गोलचक्कर से नॉलेज पार्क के शारदा गोलचक्कर के बीच विवादित जमीन का अनिवार्य अधिग्रहण करने का निर्णय ले लिया है. प्राधिकरण द्वारा 19.8 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण जनहित को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा. ये जमीन टी-सीरीज की है, जिसका मामला कोर्ट में लंबित है. करीब आठ साल पहले इस परियोजना पर नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में सहमति बनी थी. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एनजी रवि कुमार का कहना है कि लिंक रोड के लिए अनिवार्य अधिग्रहण किया जाएगा. आमजन के हित को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है. जमीन अधिग्रहण के लिए जिला प्रशासन को प्रस्ताव भेज दिया है, जिस पर सहमति मिल गई है. लिंक रोड के बनने से लोगों को जाम से राहत मिलेगी, एक्सप्रेसवे के लिए कनेक्टिविटी बेहतर होगी.
लिंक रोड बनने से लोगों को मिलेगी सुविधा
नोएडा और दिल्ली जाने के लिए परी चौक होते हुए जाना पड़ता है. एलजी गोलचक्कर के पास कलेक्ट्रेट, कई औद्योगिक और आवासीय सेक्टर हैं. लिंक रोड बनने से करीब 16 किमी की बचत होगी, लोग सीधे नोएडा के सेक्टर 145 के पास एक्सप्रेसवे पर पहुंच सकेंगे. एलजी गोलचक्कर से शारदा गोलचक्कर के बीच बनी सड़क के दोनों ओर की जमीन टी-सीरीज ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के स्थापना से पहले किसानों से खरीदी थी. ग्रेटर नोएडा की स्थापना के बाद प्लानिंग में यहां सड़क आ गई. शारदा गोलचक्कर तक जाने वाली सड़क का निर्माण तो हो गया लेकिन शारदा से एलजी आने वाली सड़क का बड़ा हिस्सा नहीं बन सका. बसावट बढ़ने के साथ ही यातायात का दबाव भी बढ़ने लगा. नालेज पार्क में बने एक्सपो मार्ट में समय-समय पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के एक्सपो का आयोजन होता है. जहां हजारों की संख्या में वाहन आते हैं. इस दौरान परी चौक समेत शहर के सभी प्रमुख गोलचक्कर पर जाम की स्थिति बन जाती है. ऐसे में इस लिंक रोड के निर्माण की योजना 2015 में बनाई गई थी.
परियोजना पर 147 करोड़ रुपये होंगे खर्च
नोएडा की ओर बन रहे संपर्क मार्ग हरनंदी पुल से नोएडा एक्सप्रेसवे की 45 मीटर सर्विस रोड तक करीब 623 मीटर लंबा होगा. निर्माण कंपनी ने इसी वर्ष मार्च में काम शुरू कर दिया था. पूरी परियोजना पर 147 करोड़ रुपये खर्च होंगे. नालेज पार्क से ये लिंक रोड करीब तीन किलोमीटर लंबा है. इसे 60 मीटर चौड़ा बनाया जाना है. लिंक रोड पर एक पुल हरनंदी नदी पर सेतु निगम बनाएगा, जिसकी लागत करीब 62 करोड़ रुपये है. पहले दिल्ली और नोएडा से एक्सप्रेसवे होते हुए परिचौक, एलजी चौक, कलेक्ट्रेट, सूरजपुर, सेक्टर गामा एक, गामा दो, बीटा एक, बीटा दो, उद्योग विहार, उद्योग विहार एक्सटेंशन, गाजियाबाद को जाने वाले लोगों को 16 किमी अतिरिक्त चलना पड़ता था. इसके बनने दूरी कम हो जाएगी. लिंक रोड बनने से नोएडा के सेक्टर-151, 153, 154, 155, 156, 157, 159, 160, 162 स्थित आवासीय व औद्योगिक सेक्टरों का ग्रेटर नोएडा के सेक्टर गामा, बीटा, सूरजपुर, साइट बी व सी औद्योगिक क्षेत्र, डेल्टा, पुलिस लाइन, ईकोटेक दो व तीन आदि को लाभ होगा.
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December 17, 2022