Noida: नोएडा से कॉल सेंटर ऑपरेट कर सोशल सिक्योरिटी के नाम पर अमेरिकन नागरिकों से ठगी करने वाले गिरोह का नोएडा पुलिस ने पर्दाफाश किया है। अमेरिकी जांच एजेंसियों से मिले इनपुट के बाद कोतवाली फेस-1 पुलिस ने सेक्टर-6 में चल रहे कॉल सेन्टर पर छापा मार कर 84 लड़के लड़कियों को गिरफ्तार किया है. जबकि गिरोह के सरगना फरार होने में सफल हो गये. छापेमारी के दौरान 150 कम्प्यूटर सेट, 13 मोबाइल, एक बड़ा सर्वर मय राउटर, एक क्रेटा गाडी, बीस लाख रूपये नकद समेत अन्य सामान बराबर किया गया है।
अमेरिकी एजेंसियों के इनपुट पर मारा छापा
पुलिस की गिरफ्त में आए लोग सेक्टर-6 के ए-18 में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर में ठगी का काम कर रहे थे. पुलिस को एफबीआई और इंटरपोल के जरिए सूचना मिल रही थी कि अमेरिका के लोगों के साथ नोएडा से ठगी की जा रही है. अमेरिकी एजेंसियों के इनपुट पर नोएडा पुलिस ने लोकल इंटेलिजेंस जाल बिछाया और मिले इनपुट पर स्पार्क फैक्टर टेक्नोलाजीज के नाम से चल रहे कॉल सेंटर छापा कर मास्टरमाइंड समेत 84 लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरोह के सरगना हर्षित चौधरी और योगेश पुजारी फरार होने में सफल हो गये.
मार्शल बनकर अमेरिकी नागरिकों को दिखाते थे कानूून का डर
नोएडा डीसीपी हरिश चंद्र ने बताया वीआईसीआई डायल साफ्टवेयर और एक्सलाईट/आईबीम डायलर का प्रयोग करके आईवीआर के माध्यम से ड्रार्क वैब से लिए डेटा से आरोपी अमेरिकी नंबरों पर सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट ऑफ यूएस के नाम से वॉइस मैसेज भेजा जाता था. कहा जाता था कि आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होने के कारण आपके अकाउंट को सीज किया जा रहा है. लोगों को झांसा देने के लिए इनके पास बकायदा एक स्क्रिप्ट होती थी.
क्रिप्टो और गिफ्ट कार्ड के जरिये करते थे ठगी
कालिंग एजेट/क्लोजर (मार्शल) बनकर अमेरिकी नागरिकों को फोन करके कहते थे कि उन्होंने कानून का उल्लंघन किया है और आपके वाहन या आपका चालान किया जा रहा है. साथ ही आपराधिक गतिविधियों में उनके लिप्त होने का डर दिखाया जाता था. इसके बाद ये लोग अमेरिकी नागरिकों को अपने झांसे में लेकर धोखाधड़ी करके उनसे गिफ्ट कार्ड/ क्रिप्टो करेंसी के माध्यम पैसे ले लेते थे. गिरफ्तार बदमाशों ने विदेशी नागरिकों से काफी रुपये ठगने की बात स्वीकार की है.
दिन-रात चलता था कॉल सेंटर
डीसीपी नोएडा ने बताया कि ये कॉल सेंटर रात में काम करता था. एक रात 30 से 35 की ठगी की जा रही थी. पुलिस ने छापे के दौरान जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, उसमें ज्यदातर काम करने वाले लोग नार्थईस्ट के रहने वाले है. चूंकि नार्थ ईस्ट के लोगों इग्लिश भाषा पर अच्छी पकड़ होने के साथ उनके इग्लिश बोलने का लहेजे से आसानी से अमेरिकी नागरिको झांसे में आ जाते है. पुलिस ने छापे के दौरान 150 कम्प्यूटर सेट, 13 मोबाइल, एक बड़ा सर्वर मय राउटर, एक क्रेटा गाडी, बीस लाख रूपये नकद बरामद किया है.
Noida: विभिन्न आईटी कंपनियों में काम कर चुकी महिला से साइबर जालसाजों ने 78 लाख की ठगी कर ली। आरोपियों ने महिला को मोटी कमाई का झांसा दिया। निवेश के नाम पर 16 बार में 78 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। ठगी का अहसास होने सेक्टर-137 निवासी प्रज्ञान सागर साहू ने साइबर क्राम थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
बिल्डर के नाम से भेजा पहले मैसेज फिर पार्ट टाइम जॉब का दिया ऑफर
पुलिस को दी शिकायत में महिला ने कहा है कि वह वर्तमान में गृहणी हैं। इससे पहले करीब 10 वर्ष तक विभिन्न आइटी कंपनियों में काम कर चुकी है। जून में उनके व्हाटएसप पर मैसेज आया। मुंबई की करियर बिल्डर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की ओर से भेजे गए संदेश में लोगों को नौकरी देने की बात कही गई थी।
₹5000 प्रतिदिन कमाने का दिया लालच
पीड़िता ने विश्वास करके अपनी जाॅब प्राेफाइल व्हाटएसप ग्रुप पर साझा कर दिया। उन्हें बताया गया कि रोजाना दो से तीन घंटे ऑनलाइन काम करने पर तीन से पांच हजार रुपये तक प्राप्त हो सकते हैं। उन्हें ऑनलाइन टास्क दिए। शुरुआत में टास्क पूरा करने पर निवेश किए धन से अधिक राशि प्राप्त हुई।
16 बार में विभिन्न खातों में ट्रांसफर करवाए पैसे
इसके बाद शातिरों ने धीरे-धीरे करके 16 बार में 78 लाख रुपये विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर करा लिए। इसके बाद धनराशि निकालने की मांग की तो और धनराशि मांगने लगे। साइबर अपराध थाना प्रभारी रीता यादव ने पीड़िता की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर जांच की बात कही है।
Digital Arrest: ये खबर पढ़कर दिमाग सन्न हो जाएगा
सबसे हाईटेक महाठगी, 8 घंटे की गिरफ्तारी और 11 लाख की वसूली
Noida: इंटरनेट और एआई की दुनिया में आए दिन नए-नए तरीके के फ्रॉड को भी जन्म दे रहे हैं। जैसे-जैसे नया तरीका पुराना होने लगता है, लोगों के जेब में डांका डालने के लिए साइबर अपराधी किसी नए तरीके का इजात कर ही लेते हैं। ये सिलसिला ऐसा है जो थमने का नाम नहीं ले रहा है। इन दिनों नए तरीके का साइबर फ्रॉड सामने आया है। जिसे साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्टिंग का नाम दिया है। दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई हिस्सों से हाल में ऐसी खबरें आईं कि लोग डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो गए और लुट गए। ऐसे में कई लोगों के दिमाग में ये सवाल आता है कि ये डिजिटल अरेस्ट क्या है। जिसमें लोग अपने पैसे गंवा बैठते हैं।
क्या है डिजिटल अरेस्ट का मामला
गुरुग्राम के बाद दिल्ली एनसीआर में डिजिटल अरेस्ट का पहला मामला नोएडा में आया है। नोएडा सेक्टर-34 में रहने वाली महिला जो कि प्रोफेशन से आईटी इंजीनियर है, उसके साथ डिजिटली अरेस्ट की घटना घटी है। बताया जा रहा है साइबर अपराधियों ने खुद को पुलिस और सीबीआई टीम बताकर बात करनी शुरू की। प्लानिंग साथ पीड़ित को ये बताया गया कि उसके खिलाफ शिकायत आई है कि उसके अकाउंट में कमिशन के तौर पर 20 लाख रुपये का ट्रांसफर हुआ है। जो साइबर अपराधी इस घटना को अंजाम दे रहे थे, उन्होंने बकायदे पीड़िता को वीडियो कॉलिंग पर बुलाकर 9 घंटे के लिए डिजिटल अरेस्ट करने की बात बताई। पीड़िता ने बताया साइबर अपराधी बकायदे वर्दी में दिखे। साथ ही बैकग्राउंड पर बकायदे पुलिस ऑफिस का माहौल बनाया था। अपराधियों ने धमकी देकर पीड़िता से 11 लाख रुपए ऐंठ लिये। अब युवती मामले से बाहर आई तो पुलिस को शिकायत दी। इस मामले को सुनकर पुलिस भी हैरान हैं। ये उत्तर प्रदेश का पहला डिजिटल अरेस्टिंग का मामला बताया जा रहा है।
इस तरह के साइबर अपराध होने पर ये करें
अगर कोई आपको पुलिस या फिर सीबीआई अधिकारी बनकर डिजिटल तौर पर गिरफ्तार करने की धमकी देता है, तो सबसे पहले आपको अपने परिवार के सदस्यों या दोस्तों को सूचित करना चाहिए। तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर इसकी शिकायत करानी चाहिए। इस बात से नहीं डरना चाहिए कि पुलिस आपके खिलाफ कोई एक्शन लेगी।
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