हरिवंश राय बच्चन जी की एक कविता की कुछ पंक्तियां यहां सटीक बैठती है कि "मन का हो तो अच्छा और मन का ना हो तो और भी अच्छा क्योंकि उसमें ईश्वर की मर्जी छुपी होती है।" दरअसल आज हम इन पंक्तियों को इसलिये याद कर रहे हैं क्योंकि टीम इंडिया और इंग्लैंड के बीच राजकोट में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मुकाबले में टीम इंडिया की ओर से दो खिलाड़ियों को डेब्यू करने का मौका मिला. सरफराज खान को डेब्यू कैप अनिल कुंबले ने दी तो वहीं ध्रुव जुरेल को डेब्यू कैप दिनेश कार्तिक ने दी. वहीं टीम इंडिया की ओर से जब सरफराज खान खेलने के लिए पिच पर उतरे तो देखने वालों की आंखें फटी की फटी रह गई क्योंकि उन्होंने ऐसी धुआंधार बैटिंग की जिसने दर्शकों को रोमांच से भर दिया कोई कह ही नहीं सकता था कि ये सरफराज का पहला टेस्ट मैच है. सरफराज खान ने 48 गेंदों में ही अपनी हाफ सेंचुरी पूरी कर ली.
सरफराज के अर्द्धशतक से पिता और पत्नी बेहद खुश
सरफराज खान के अर्द्धशतक पूरा करते ही पत्नी रोमाना जहूर अपनी खुशी को रोक नहीं पाईं और सरफराज को फ्लाइंग किस दे दी. सरफराज के पिता ने भी उनके अर्द्धशतक पूरा होने पर खुशी जाहिर की और खड़े होकर ताली बजाई. सरफराज खान के अर्द्धशतक से कप्तान रोहित शर्मा भी काफी खुश नजर आए. सरफराज खान ने अपने डेब्यू मैच में ही शानदार फिफ्टी जड़कर सभी को अपना फैन बना लिया.
61 रन के स्कोर पर लगा झटका, पहुंचे पवेलियन
सरफराज ने अपनी अर्धशतकीय पारी में 7 चौके और 1 छक्का लगाया. अपने पहले ही मैच में अर्धशतक लगाने के बाद मुंबई का 25 वर्षीय खिलाड़ी थोड़ा भावुक नजर आया. साथ ही सरफराज और उनके परिवार की आंखों में भी खुशी के आंसू दिखे. अर्द्धशतक जड़ने के बाद सरफराज अपनी लय में आ चुके थे, लेकिन तभी कुछ ऐसा हुआ कि खुशियां अचानक गम में बदल गई। 61 रन के स्कोर पर वह गफलत के शिकार हुए और जडेजा के साथ सिंगल चुराने के प्रयास में रन आउट हो गए. सरफराज जिस खूंखार अंदाज से बैटिंग कर रहे थे उससे लग रहा था कि शायद दिन का खेल खत्म होने तक वे अपना शतक पूरा कर लेंगे लेकिन ऐसा नहीं हो सका. सरफराज हताश होकर पवेलियन वापस लौट गए. एक झटके में सारी उम्मीदें धराशायी हो गई.कप्तान ने भी गुस्से में अपना कैप नीचे पटक कर रोष दिखाया तो सरफराज ड्रेसिंग रूम के एक कोने में सिर पर हाथ रख उदास बैठे दिखे.
एक ओर जहां टीम इंडिया का इंग्लैंड संग तीसरा टेस्ट मैच चल रहा है तो वहीं दूसरी ओर टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज सरफराज खान की खूब चर्चा हो रही है. इसके साथ ही सब ये भी जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर वो कौन सी लड़की है जिसने सरफराज को ससुर के सामनेफ्लाइंग केस तक कर दी. हर कोई उनके बारे में जानने को बेताब है, आइये हम आपको बताते हैं कि आखिर कौन हैं सरफराज की बेगम.
कौन हैं रोमाना जहूर ?
कश्मीरी गर्ल रोमाना जहूर कश्मीर के शोफिया जिले के पशपोरा गांव की रहने वाली हैं। रोमाना की प्रारंभिक शिक्षा पशपोरा गांव में ही हुई और रोमाना ने बीएससी श्रीनगर से पूरी की है जिसके बाद रोमाना ने एमएससी दिल्ली से की है। आपको बता दें कि रोमाना दिल्ली की जिस कॉलेज में पढ़ती थीं सरफराज की बहन भी उसी कॉलेज में पढ़ती थीं और दोनों अच्छी सहेलियां भी थीं।
ऐसे शुरू हुई लव स्टोरी की शुरुआत
रोमाना और सरफराज की पहली मुलाकात 2019 में रणजी क्रिकेट मैच के दौरान ही हुई थी। जहां सरफराज मुंबई की ओर से जम्मू और कश्मीर के खिलाफ खेल रहे थे और रोमाना सरफराज की बहन और सहेलियों के साथ मैच देखने आई थी। जहां दोनों की पहली मुलाकात हुई। इस पहली मुलाकात में ही सरफराज अपना दिल रोमाना को दे बैठे और परिवार से बात करके खुद रोमाना के घर रिश्ता लेकर पहुँचे थे। युवा खिलाड़ी सरफराज खान ने 6 अगस्त को कश्मीर रीति रिवाजों के अनुसार रोमाना जहूर से उनके घर में ही निकाह किया। सरफराज ने अपनी शादी में काले रंग की शेरवानी पहनी हुई थी। वहीं उनकी दुल्हन रोमाना ने लाल रंग और गोल्डन रंग का लहंगा पहना हुआ था।
शादी के समय सरफराज बेहद खुश थे
सरफराज खान और रोमाना जहूर की शादी कश्मीर में हुई थी और सराफराज इस बात से बहुत खुश थे कि उनकी शादी घाटी में हुई थी। सरफराज खान ने अपनी शादी पर कहा था कि, "भगवान ने तय किया था कि कश्मीर में शादी करना मेरी किस्मत में है। मुझे यहां बहुत प्यार मिला है और जब भी समय मिलेगा मैं यहां आऊंगा।"
सरफराज खान का नाम पिछले कई दिनों से चर्चा में बना हुआ है, पहले राजकोट टेस्ट में उनके अर्धशतकीय पारी को लेकर फिर पत्नी रोमाना जहूर को लेकर और अब एक नया मुद्दा गरमाया चर्चा है जिसमें सरफराज को उनके मोटापे को लेकर ट्रोल किए जाने की बात सामने आ रही है। कहा जा रहा है कि सरफराज खान कोई और नहीं वही खिलाड़ी हैं, जिन्हें विराट कोहली ने अपनी कप्तानी में मैदान पर तूफान लाने के बाद RCB से ड्रॉप कर दिया था। कोहली ने उन्हें ऑन ग्राउंड अनफिट बताया था। बाद में सरफराज खान को मोटापे के लिए ट्रोल भी किया गया था।
2016 में कोहली ने भी सिर नवाया था
2016 में विराट कोहली का नाम हर एक जुबां पर काबिज था और हो भी क्यों ना कोहली ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए 16 मैचों में 973 रन ठोके थे, जिसमें 4 शतक और 7 अर्धशतक थे। हर कोई कोहली का दीवाना था। फिर एक मैच ऐसा हुआ जिसके बाद विराट किसी और के दीवाने हो गए। एक कम उम्र बल्लेबाज, जिसने मैदान पर उतरते ही बल्ले से तबाही मचा दी थी। उसने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ सिर्फ 10 गेंदों में 5 चौके और 2 छक्के ठोकते हुए नाबाद 35 रन ठोके थे। जब वह पवेलियन लौटा तो विराट कोहली सदके में सिर नवा रहे थे। जो कोई और नहीं खुद सरफराज खान ही थे।
इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू के बाद संघर्ष
2016 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू के बाद सरफराज खान की जिंदगी मानो बदल सी गई। जिस शख्स के क्रिस गेल तक दीवाने हो गए थे उसकी जिंदगी एक झटके में ही बदल गई जब सरफराज को 3 साल के लिए ड्राप कर दिया। विराट कोहली ने जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरफराज खान को ड्रॉप करने की वजह बताई तो हैरानी हुई। हालांकि, ऐसा नहीं था कि वह गलत थे। सरफराज खान को इस पारी ने जहां घर-घर मशहूर कर दिया तो दूसरी ओर ड्रॉप होने के बाद सोशल मीडिया पर एक बड़ा तबका उन्हें ट्रोल करते दिखा। उनकी बॉडी शेमिंग की गई। लोग मोटापे का मजाक उड़ाते नजर आए, लेकिन सरफराज खान हारे नहीं ।
जब-जब हुए फेल तब-तब ट्रोलर्स ने किया ट्रोल
IPL में जब-जब सरफराज फेल हुए ट्रोलर्स ने उन्हें ट्रोल करने का एक भी मौका नहीं छोड़ा। हर बार उनके मोटापे का मजाक उड़ाया गया। किसी के लिए भी नेशनल लेवल पर इस तरह से ट्रोल किया जाना मानसिक तौर पर खतरनाक होता है। कई बार युवा डिप्रेशन में चले जाते हैं, लेकिन सरफराज खान और उनके पिता का कमाल ही है कि सरफराज ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने खुद पर काम किया और यह साबित करने में सफल हुए कि स्लिम-ट्रिम दिखना ही फिटनेस नहीं होता है। शरीर की बनावट का भी फिटनेस में अहम रोल होता है।
उत्तर प्रदेश से खेलने के फैसले को बताया गलत
डोमेस्टिक क्रिकेट में ट्रिपल सेंचुरी लगाने वाले सरफराज ने एक बार उत्तर प्रदेश से खेलने का फैसला किया। वह उत्तर प्रदेश आए भी, लेकिन बाद में फिर मुंबई लौटे। इस बारे में सरफराज खान के पिता नौशाद ने बताया ’कि यह फैसला गलत था। हम मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन को धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने हमें वापस अपनाया। इसके बाद सरफराज ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह रन बरसाते रहे और इंटरनेशनल क्रिकेट टीम का दरवाजा खटखटाते रहे।’
आजमगढ़ का लाल बढ़ा रहा देश की शान
हर बार भारतीय टीम के ऐलान पर लगता कि इस बार सरफराज टीम में शामिल होंगे, लेकिन ऐसा होता नहीं। फिर भी सरफराज ने हिम्मत नहीं हारी और आखिरकार सरफराज खान को इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के लिए चुन लिया गया। अब आजमगढ़ का लाल देश की शान बढ़ा रहा है.
सरफराज खान ने राजकोट में अपने पहले टेस्ट मैच में ही आत्मविश्वास से भरे दो अर्धशतक जड़कर दिखा दिया कि वाकई में उन्होंने इस मुकाम को पाने के लिए जी-जान से कोशिश की है और आज उनके इस सफर में जितने भी लोगों ने निस्वार्थ रूप से साथ दिया उन सभी की मेहनत और सरफराज पर किया गया भरोसा रंग लाया है।
15 साल तक हर दिन 500 गेदों का किया सामना
कहा जाता है कि माता-पिता किसी भी बच्चे के पहले गुरू होते हैं। उसी तरह सरफराज खान ने भी पिता नौशाद खान के मार्गदर्शन में 15 साल तक प्रत्येक दिन 500 गेंदों का सामना किया। इस युवा क्रिकेटर को अपने पिता के ‘माचो क्रिकेट क्लब’ में कौशल निखारने और घरेलू क्रिकेट में वर्षों तक ढेरों रन बनाने के बाद पदार्पण का मौका मिला। सरफराज की कामयाबी में भारतीय स्पिनर कुलदीप यादव का भी अहम रोल रहा है। लॉकडाउन के दौरान सरफराज ने इस स्पिनर की गेंदों का भी काफी सामना किया था। विशेष रूप से कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान कड़ी मेहनत की। मुंबई के सरफराज की प्रगति को करीब से देखने वाले एक कोच ने कहा कि ‘मुंबई में ओवल, क्रॉस और आजाद मैदान पर प्रतिदिन ऑफ, लेग और बाएं हाथ के स्पिनरों की 500 गेंद खेलने से ऐसा संभव हो पाया.’
अपने कौशल को निखारने में की कड़ी मेहनत
कोच ने यह भी बताया ’कि कोविड लॉकडाउन के दौरान सरफराज ने कार से 1600 किमी की यात्रा की औऱ मुंबई से अमरोहा, मुरादाबाद, मेरठ, कानपुर, मथुरा, देहरादून की ऐसी जगहों पर खेला, जहां गेंद बहुत अधिक टर्न करती है, कुछ गेंदें काफी उछाल लेती हैं और कुछ नीची रहती हैं.’ स्पिनरों के खिलाफ आसानी से कदमों का इस्तेमाल करने वाले सरफराज ने अपने कौशल को निखारने के लिए कड़ी मेहनत की है. सरफराज को तैयार करने का श्रेय सिर्फ उनके पिता नौशाद खान को ही नहीं जाता है।
कोविड में किया नेट सत्र का आयोजन
भुवनेश्वर कुमार के कोच संजय रस्तोगी, मोहम्मद शमी के कोच बदरुद्दीन शेख, कुलदीप यादव के कोच कपिल देव पांडे, गौतम गंभीर के कोच संजय भारद्वाज और भारत-ए के कप्तान अभिमन्यु ईश्वरन के पिता आरपी ईश्वरन ने भी सरफराज को निखारने में कुछ ना कुछ योगदान दिया है। इन सभी ने स्पिनरों के खिलाफ कोविड लॉकडाउन के दौरान सरफराज ने नेट सत्र का आयोजन किया ।
एक ओर जहां टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज सरफराज खान की चर्चा चारों ओर छिड़ी हुई है तो वहीं दूसरी ओर उनके छोटे भाई मुशीर खान ने भी अपनी बल्ले से ऐसी तबाही मचाई जिसने सबको हैरान कर दिया. अंडर-19 वर्ल्ड में कमाल का प्रदर्शन करने के बाद रणजी ट्रॉफी में भी अपने नाम के झंडे गाड़ दिए है. मुंबई के लिए रणजी ट्रॉफी खेलने उतरे मुशीर खान ने अपने बल्ले से मैदान में शतकीय पारी खेली. साथ ही मुश्किल में फंसी मुंबई टीम को अपनी बल्लेबाजी के दम पर बाहर निकाला.
दिग्गज नहीं दिखा पाए कमाल
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मुशीर ने मुंबई के लिए 2022 के अंत में ही रणजी डेब्यू कर लिया था. लेकिन शुरुआती 3 मैच में सिर्फ 92 रन ही बनाने वाले मुशीर ने रणजी ट्रॉफी में अपने कमबैक मैच में शतक लगाया. बड़ौदा के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में अच्छी बल्लेबाजी की. साथ ही दिग्गज खिलाड़ियों की टेंशन को बढ़ा दिया है. बता दें मुंबई को पृथ्वी शॉ ने तेज शुरुआत दी थी. लेकिनल वो कुछ खास कमाल नहीं दिखा सके और महज 33 बनाकर आउट हो गए. जबकि मुंबई के कप्तान अजिंक्य रहाणे का बल्ला फेल रहा वो महज 13 गेंद पर 3 रन बनाकर आउट हुए. इस मुश्किल घड़ी में मुशीर और हार्दिक तोमर ने मिलकर अच्छा प्रदर्शन किया.
डोमेस्टिक क्रिकेट में मुशीर का शतक
बता दें मुशीर खान के घरेलू क्रिकेट के किसी भी फॉर्मेट में ये पहला शतक है. 179 गेंदों पर उन्होंने अपना शतक पूरा किया. इस दौरान उन्होंने अपनी शतकीय पारी में 6 चौके मारे. उनकी बल्लेबाजी ने सबका ध्यान अब उनकी ओर भी आकर्षित कर दिया है. रिपोर्ट्स की मानें तो मुशीर खान ने अंडर-19 वर्ल्ड कप में कमाल की बैटिंग की थी. अंडर-19 वर्ल्ड कप में दो शतक लगाने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय बने थे. उनसे पहले शिखर धवन ही यह कमाल कर पाए थे
मुंबई क्रिकेट टीम के स्टार खिलाड़ी और हाल ही में सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड तोड़ने वाले मुशीर खान एक सड़क दुर्घटना का शिकार हो गए हैं। मुशीर खान भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी सरफराज खान के छोटे भाई हैं, सरफराज खान मौजूदा समय में टीम इंडिया के साथ कानपुर में हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, मुशीर ईरानी कप में हिस्सा लेने के लिए पिता और कोच नौशाद खान के साथ आजमगढ़ से लखनऊ जा रहे थे। मुशीर को ईरानी कप का मैच 1 से 5 अक्टूबर तक लखनऊ के इकाना स्टेडियम में खेलना है।
मुशीर खान की गर्दन में लगी चोट
मुशीर खान के साथ हुई घटना का कारण अभी पता नहीं चला है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी कार करीब 4 से 5 बार पलटी है। जिसके चलते मुशीर खान को गंभीर चोटें आई हैं। उनकी गर्दन में भी चोट लगने की बात कही जा रही है। मुशीर खान के साथ कार में पिता और कोच भी मौजूद थे। उन्हें मामूली चोटें आईं हैं, ऐसा कहा जा रहा है। मुशीर को लखनऊ के अस्पताल में भर्ती किया गया है। मुशीर खान के भाई सरफराज टीम इंडिया के साथ बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट स्कायड का हिस्सा हैं। हालांकि, कानपुर टेस्ट की प्लेइंग-11 में उन्हें शामिल नहीं किया गया है।
आजमगढ़ के रहने वालें हैं मुशीर
मुशीर खान उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से ताल्लुक रखते हैं। उनके गांव का नाम बासूपार है। मुशीर के करियर की बात करें, तो प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उन्होंने अब तक 9 मुकाबले खेले हैं। इसकी 15 पारियों में 1 बार नाबाद रहते हुए 716 रन बनाए हैं। जिसमें 3 शतक और 1 अर्धशतक शामिल है।
सचिन का रिकॉर्ड तोड़ बटोरी थी सुर्खियां
मुशीर खान ने रणजी ट्रॉफी के फाइनल में सचिन तेंदुलकर का 29 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया था। जिसके बाद वो सुर्खियों में छा गए थे। मुशीर ने 19 साल और 14 दिन में रणजी ट्रॉफी फाइनल में शतक लगाया था। वो मुंबई के लिए फाइनल मुकाबले में शतक जड़ने वाले सबसे युवा बल्लेबाज बने थे। इससे ये रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर के नाम था। उन्होंने साल 1994-95 के रणजी सीजन के फाइनल में पंजाब के खिलाफ 22 साल की उम्र में दोहरा शतक लगाया था।
करीब 3 महीनें रहना होगा क्रिकेट से दूर!
मुशीर खान को लेकर बीसीसीआई द्वारा अपडेट का इंतजार है। लेकिन प्राप्त जानकारी के मुताबिक, मुशीर को काफी चोट आई है, जिसके चलते वो ईरानी कप से बाहर होना तय है। मुशीर के कम से कम 6 हफ्ते तक क्रिकेटिंग एक्शन से दूर रहने की संभावना है। मुशीर को मैदान पर वापसी करने में करीब 3 महीने भी लग सकते हैं।
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